प्रिलिम्स फैक्ट्स (05 Dec, 2024)



Axiom-4 मिशन

स्रोत: बिज़नेस स्टैंडर्ड

हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO) ने घोषणा की कि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station- ISS) के लिये Axiom-4 मिशन (2024 में लॉन्च होने वाला) हेतु चुने गए दो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों ने प्रशिक्षण का प्रारंभिक चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।

  • ये दो भारतीय अंतरिक्ष यात्री प्राइम-ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और बैकअप-ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर हैं।

Axiom-4 मिशन क्या है?

  • परिचय: 
    • SpaceX क्रू ड्रैगन एक पुन: प्रयोज्य अंतरिक्ष यान है जो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक ले जाता है।
    • Axiom-4 मिशन (Ax-4) अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिये एक निजी अंतरिक्ष उड़ान है, जिसे Axiom स्पेस (अमेरिका स्थित अंतरिक्ष अवसंरचना विकास कंपनी) द्वारा संचालित किया जाता है तथा SpaceX क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान (SpaceX Crew Dragon spacecraft) का उपयोग किया जाता है। 
    • यह Axiom मिशन 1, 2 और 3  के बाद राष्ट्रीय  राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (National Aeronautics and Space Administration- NASA) के सहयोग से की गई चौथी उड़ान है।
  • मिशन के उद्देश्य:
    • वाणिज्यिक अंतरिक्ष पहल: Axiom-4 पृथ्वी की निचली कक्षा (Low Earth Orbit- LEO) में अंतरिक्ष पर्यटन जैसी वाणिज्यिक गतिविधियों को सक्षम करने पर केंद्रित है।
      • इसका उद्देश्य व्यवसाय और अनुसंधान के लिये मंच के रूप में वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशनों की व्यवहार्यता को प्रदर्शित करना है।
    • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: इस मिशन में विविध बहुराष्ट्रीय दल शामिल हैं, जो अंतरिक्ष अन्वेषण में वैश्विक सहयोग पर जोर देता है। 
      • इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी को मज़बूत करना और अंतरिक्ष विज्ञान को आगे बढ़ाने में संयुक्त प्रयासों को बढ़ावा देना है।
    • अनुसंधान एवं विकास: यह मिशन सूक्ष्मगुरुत्व में वैज्ञानिक प्रयोगों और तकनीकी प्रगति का समर्थन करता है।
      • अनुसंधान के क्षेत्रों में पदार्थ विज्ञान, जीव विज्ञान और पृथ्वी अवलोकन शामिल हैं, जो संभावित सफलताएँ प्रदान करते हैं।
  • प्रमुख विशेषताऐं:
    • अंतरिक्ष यान और चालक दल: मिशन में एक फाल्कन-9 रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित SpaceX ड्रैगन अंतरिक्ष यान तैनात किया जाएगा, जिसमें पेशेवर अंतरिक्ष यात्री, शोधकर्त्ता और निजी व्यक्ति होंगे।
    • मिशन की अवधि और गतिविधियाँ: 14 दिनों की अपेक्षित अवधि के साथ, चालक दल ISS पर प्रयोग, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और शैक्षिक आउटरीच का आयोजन करेगा।
    • वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशन का विकास: Axiom-4, Axiom स्पेस के उस दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसके तहत पहला वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित किया जाएगा, जो ISS संचालन से एक स्वतंत्र कक्षीय प्लेटफार्म में परिवर्तित होगा।
  • भारत के लिये महत्त्व:
    • Ax-4 इसरो और नासा के बीच महत्त्वपूर्ण सहयोग का प्रतीक है, जो अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती उपस्थिति को उजागर करता है। 
    • यह मिशन ISS पर गतिविधियों में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों की भागीदारी को सुगम बनाएगा, मानव अंतरिक्ष उड़ान में भारत की क्षमताओं को बढ़ाएगा तथा अंतरिक्ष विज्ञान में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देगा।

नोट:

  • वर्ष 2023 में प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि NASA, आर्टेमिस समझौते के अनुरूप, भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अपने केंद्र में ‘उन्नत प्रशिक्षण’ प्रदान करेगा।
  • भारत की गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान वर्ष 2025 के बाद संपन्न होने की उम्मीद है जिसमें मानव अंतरिक्ष उड़ान से पहले अनमैंड (मानव रहित) उड़ान की योजना बनाई गई है।

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) क्या है?

  • परिचय: ISS एक बड़ी, स्थायी रूप से चालक दल वाली प्रयोगशाला है जो पृथ्वी की सतह से 400 किलोमीटर ऊपर परिक्रमा करती है। 
  • शामिल देश: यह 15 देशों और पाँच अंतरिक्ष एजेंसियों अर्थात् NASA (संयुक्त राज्य अमेरिका), रोस्कोस्मोस (रूस), ESA (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी), JAXA (जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी) तथा CSA (कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी) के बीच सहयोग है।
  • ISS पर संचालन: सात लोगों का एक अंतर्राष्ट्रीय दल 7.66 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से यात्रा करते हुए रहता है और काम करता है तथा लगभग हर 90 मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा करता है। 24 घंटों में, अंतरिक्ष स्टेशन पृथ्वी की 16 परिक्रमाएँ करता है और 16 सूर्योदय तथा सूर्यास्त से होकर गुज़रता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स:

प्रश्न: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के थेमिस मिशन, जो हाल ही में खबरों में था, का उद्देश्य क्या है? (2008)

(a) मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना का अध्ययन करना।
(b) शनि के उपग्रहों का अध्ययन करना।
(c) उच्च अक्षांश पर आकाश के रंगीन प्रदर्शन का अध्ययन करना।
(d) तारकीय विस्फोटों का अध्ययन करने के लिये एक अंतरिक्ष प्रयोगशाला का निर्माण करना।

उत्तर: (c)


प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)

ISRO द्वारा प्रमोचित मंगलयान

  1. को मार्स ऑर्बिटर मिशन भी कहा जाता है 
  2. ने भारत को USA के बाद, मंगल के चारो ओर अंतरिक्ष यान को चक्रमण कराने वाला दूसरा देश बना दिया है 
  3. ने भारत को एकमात्र ऐसा देश बना दिया है, जिसने अपने अंतरिक्ष यान को मंगल के चारो ओर चक्रमण कराने वाला पहली बार में ही सफलता प्राप्त कर ली 

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)


विश्व वन्यजीव संरक्षण दिवस

स्रोत: द हिंदू

विश्व वन्यजीव संरक्षण दिवस (4 दिसंबर) भारत की समृद्ध जैवविविधता के साथ गंभीर रूप से संकटग्रस्त प्रजातियों की सुरक्षा के क्रम में तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर केंद्रित है।

  • पृष्ठभूमि: अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा वर्ष 2012 में की गई प्रतिज्ञा से प्रारंभ हुआ यह दिवस वन्यजीव संरक्षण एवं स्थिरता के क्रम में वैश्विक कार्रवाई को प्रोत्साहन देने पर केंद्रित है।
  • भारत की जैवविविधता: भारत जैवविविधता संपन्न देश है, जिसका भूमि क्षेत्र विश्व के कुल क्षेत्रफल का मात्र 2.4% है तथा यहाँ 91,000 पशु प्रजातियों सहित सभी दर्ज प्रजातियों में से 7-8% हैं।
    • भारत में विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त 34 जैवविविधता हॉटस्पॉट में से चार (अर्थात् हिमालय, इंडो-बर्मा, पश्चिमी घाट-श्रीलंका और सुंदरलैंड) हैं।
  • वन्यजीवों के समक्ष खतरा: भारत में तीव्र आर्थिक विकास तथा जनसंख्या वृद्धि के कारण प्राकृतिक संसाधनों की मांग बढ़ने से वन्यजीवों के आवासों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
    • अवैध शिकार, तस्करी और वनों के पास की भूमि पर खेती के कारण मानव-पशु संघर्ष की घटनाएँ बढ़ रही हैं। वन्यजीव अभ्यारण्यों और बायोस्फीयर रिज़र्व के महत्त्व के बावजूद उनमें बाड़ की कमी से लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। 
    • बाघ और शेर जैसी बड़ी बिल्ली प्रजातियों के संरक्षण पर ध्यान दिया जाता है लेकिन ग्रेट इंडियन बस्टर्ड जैसे पक्षियों को खतरे के बावजूद अक्सर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। 
    • वर्ष 2022 तक भारत में 73 गंभीर रूप से संकटग्रस्त प्रजातियाँ (जो वर्ष 2011 में 47 थीं) थीं, जिनमें 9 स्थानिक स्तनपायी प्रजातियाँ शामिल हैं।

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और पढ़ें: भारत में वन्यजीव संरक्षण में सुधार


पीएम-अभिम

स्रोत: पी.आई.बी

हाल ही में, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (Ayushman Bharat Health Infrastructure Mission- PM ABHIM) पर जानकारी प्रदान की।

  • पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना (PMASBY), जिसका नाम अब PM-ABHIM रखा गया है, कुछ केंद्रीय क्षेत्र घटकों के साथ सबसे बड़ी अखिल भारतीय केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) में से एक है।
    • इसे वर्ष 2021 में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा योजना अवधि (वर्ष 2021-22 से 2025-26) के लिये 64,180 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ लॉन्च किया गया था।
  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य महामारी संबंधी तैयारियों में सुधार करना तथा भारत की प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल अवसंरचना प्रणालियों को सुदृढ़ बनाना है।
    • यह सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में बुनियादी ढाँचे की कमी को दूर करके राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) को पूरक बनाता है।
  • इस पहल में ग्रामीण क्षेत्रों में 17,788 आयुष्मान आरोग्य मंदिर, 11,024 शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र, 3,382 ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयाँ, 730 ज़िला एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएँ और 5 लाख से अधिक आबादी वाले ज़िलों में 602 क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक का निर्माण शामिल है।
  • अन्य संबंधित सरकारी पहल:

और पढ़ें: भारत का स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचा


असाध्य रोग के संदर्भ में यूके का असिस्टेड डाइंग बिल

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स में टर्मिनली इल एडल्ट (एंड ऑफ लाइफ) बिल के पक्ष में मतदान किया गया, जो असाध्य रोग से पीड़ित व्यक्ति को अपना जीवन समाप्त करने में सहायता देने पर केंद्रित है। 

  • यह ऐतिहासिक निर्णय जीवन के अंतिम चरण से संबंधित अधिकारों के संदर्भ में चल रही बहस को प्रतिबिंबित करता है तथा इससे नैतिक विचारों एवं विधिक ढाँचे के बारे में विमर्श को बढ़ावा मिला है। 

सहायता प्राप्त मृत्यु (Assisted Dying) का आशय स्वैच्छिक सक्रिय इच्छामृत्यु एवं चिकित्सक की सहायता से मृत्यु से है।

इच्छामृत्यु (Euthanasia) के तहत डॉक्टर द्वारा असाध्य रोगी का जीवन समाप्त करना शामिल है।

यूके के असिस्टेड डाइंग बिल की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

सहायता प्राप्त मृत्यु पर ब्रिटेन की वर्तमान स्थिति:

  • सुसाइड एक्ट, 1961 के तहत इंग्लैंड, वेल्स तथा उत्तरी आयरलैंड में आत्महत्या को प्रोत्साहित करना या इसमें सहायता करना गैर-कानूनी है।
    • इसके तहत सहायता प्राप्त आत्महत्या को अपराध माना गया है और इसके लिये 14 वर्ष का कारावास हो सकता है।
  • वर्ष 2013 से अब तक ब्रिटेन में असिस्टेड मृत्यु की अनुमति देने हेतु कम से कम तीन विधेयक प्रस्तुत किये जा चुके हैं। 

टर्मिनली इल एडल्ट (एंड ऑफ लाइफ) बिल:

  • असाध्य रोग की परिभाषा: इसका आशय ऐसे रोग से है जिसे उपचार से ठीक नहीं किया जा सकता हो और इसमें 6 महीने के अंदर व्यक्ति के मरने की संभावना हो।
  • इस विधेयक के तहत दिव्यांग या मानसिक विकार वाले व्यक्तियों को शामिल नहीं किया गया है।
    • पात्रता मानदंड: केवल मानसिक रूप से सक्षम तथा कम-से-कम 18 वर्ष की आयु वाले गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति ही सहायता प्राप्त मृत्यु का अनुरोध कर सकते हैं।
      • यूनाइटेड किंगडम में, प्रत्येक राष्ट्र और क्राउन निर्भरता अपनी स्वयं की स्वास्थ्य देखभाल के लिये ज़िम्मेदार है, इसलिये स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड को अपने स्वयं के सहायता-मृत्यु नियम पारित करने होंगे।
    • आवेदन करने से कम-से-कम 12 महीने पहले मरीज़ को इंग्लैंड या वेल्स में पंजीकृत होना चाहिये तथा वहाँ रहना चाहिये।
  • अनुरोध प्रक्रिया:
    • मरीजों को समन्वयकारी डॉक्टर और एक गवाह की उपस्थिति में "प्रथम घोषणा" पर हस्ताक्षर करना होगा।
      • प्रथम घोषणा: जो व्यक्ति इस अधिनियम के अनुसार अपना जीवन समाप्त करने के लिये सहायता प्राप्ति संबंधित आशय की घोषणा करनी होगी।
    • समन्वयक चिकित्सक पात्रता और स्वैच्छिक सहमति की पुष्टि के लिये प्रारंभिक मूल्यांकन किया जाता है।
      • यदि यह स्वीकृत हो जाता है, तो अनुरोध को न्यूनतम सात दिन की विचार-विमर्श अवधि के बाद एक स्वतंत्र चिकित्सक के पास भेजा जाता है।
  • न्यायिक निगरानी:
    • यदि दोनों डॉक्टर (समन्वयकारी और स्वतंत्र) सहमत होते हैं, तो अनुरोध उच्च न्यायालय को भेजा जाता है, जो कानूनी आवश्यकताओं के अनुपालन की पुष्टि करता है।
      • नयायालय मरीज और संबंधित डॉक्टर दोनों से पूछताछ कर सकता है।
  • अंतिम पुष्टि:
    • न्यायिक मंजूरी के बाद, मरीज को दूसरे घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने से पहले 14 दिनों का दूसरा चिंतन काल मिलता है, जिसकी पुष्टि डॉक्टर और अन्य व्यक्ति द्वारा की जाती है।
  • स्वयं से दवाओं का उपभोग:
    • समन्वय करने वाला डॉक्टर रोगी को स्वयं उपभोग हेतु एक "अनुमोदित दवा" प्रदान करता है, डॉक्टरों को इसे स्वयं देने का अधिकार नहीं है।

Euthanasia

विभिन्न देशों में इच्छामृत्यु नीतियाँ

  • नीदरलैंड, लक्ज़मबर्ग, बेल्जियम: उन लोगों के लिये इच्छामृत्यु और सहायता प्राप्त आत्महत्या दोनों की अनुमति दी जाए जो "असहनीय पीड़ा" से पीड़ित हैं और जिनमें सुधार की कोई संभावना नहीं है।
  • स्विटज़रलैंड: यहाँ इच्छामृत्यु पर प्रतिबंध है, लेकिन डॉक्टर की उपस्थिति में सहायतापूर्वक मृत्यु की अनुमति है।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका: इच्छामृत्यु कानून राज्य के अनुसार अलग-अलग हैं, वाशिंगटन, ओरेगन और मोंटाना जैसे राज्यों में छूट दी गई है।
  • फ्राँस: फ्राँसीसी नागरिकता या निवास वाले वयस्क, जो गंभीर बीमारी और असहनीय दर्द से पीड़ित हैं, अगर वे अपनी इच्छा व्यक्त कर सकते हैं तो वे घातक दवा का अनुरोध कर सकते हैं। यदि वे स्वयं दवा नहीं ले सकते हैं तो सहायता की अनुमति है।

भारत में लिविंग विल और निष्क्रिय इच्छामृत्यु के प्रावधान क्या हैं?

  • निष्क्रिय इच्छामृत्यु: निष्क्रिय इच्छामृत्यु में किसी व्यक्ति को मरने देने के लिये चिकित्सा उपचार रोक दिया जाता है या वापस ले लिया जाता है। 
    • इसके विपरीत सक्रिय इच्छामृत्यु में किसी व्यक्ति के जीवन को किसी पदार्थ या बाह्य बल, जैसे घातक इंजेक्शन, के माध्यम से सक्रिय रूप से समाप्त कर दिया जाता है।
  • कॉमन कॉज़ बनाम भारत संघ (2018):
    • भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस ऐतिहासिक फैसले में किसी व्यक्ति के सम्मान के साथ मरने के अधिकार को मान्यता देते हुए कहा गया कि गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति निष्क्रिय इच्छामृत्यु का विकल्प चुन सकता है एवं चिकित्सा उपचार से मना कर सकता है।

  यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स: 

Q. निजता के अधिकार को जीवन एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्भूत भाग के रूप में संरक्षित किया जाता है। भारत के संविधान में निम्नलिखित में से किससे उपर्युक्त कथन सही एवं समुचित ढंग से अर्थित होता है ?

(a) अनुच्छेद 14 एवं संविधान के 42वें संशोधन के अधीन उपबंध 
(b) अनुच्छेद 17 एवं भाग IV में दिये राज्य की नीति के निदेशक तत्त्व 
(c) अनुच्छेद 21 एवं भाग III में गारंटी की गई स्वतंत्रताएँ
(d) अनुच्छेद 24 एवं संविधान के 44वें संशोधन के अधीन उपबंध

उत्तर: (c)


अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस

स्रोत: ICD

वर्ष 2010 से प्रतिवर्ष 4 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन चीता की विलुप्ति को रोकने तथा इसके संरक्षण को बढ़ावा देने हेतु वैश्विक प्रयासों को महत्त्व देने को समर्पित है। 

  • अमेरिका की प्राणी विज्ञानी डॉ. लॉरी मार्कर (जो वर्ष 1991 में चीता संरक्षण निधि की संस्थापक थीं) ने इस दिन को खय्याम  नामक चीते (जिसे उन्होंने पाला था) के सम्मान में नामित किया।
  • चीता:
    • चीता (एसिनोनिक्स जुबेटस ) फेलिडे फैमिली  का हिस्सा है और सबसे पुरानी बड़ी बिल्ली प्रजातियों में से एक है, जिनका इतिहास 5 मिलियन वर्ष पूर्व के मायोसीन युग (भू-वैज्ञानिक काल 23.03 से 5.333 मिलियन वर्ष पूर्व ) से संबंधित है।
    • ये विश्व में सबसे तीव्रता से गमन करने वाले स्थलीय स्तनधारी (जो अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं) हैं।
    • ये अफ्रीका में अपने ऐतिहासिक क्षेत्र के 75% से अधिक भाग से लुप्त हो चुके हैं तथा पिछले दो दशकों में इनकी संख्या में 30% से भी अधिक की गिरावट आई है। 
    • विश्व स्तर पर नामीबिया में सबसे अधिक चीता हैं।
    • चीता स्थानांतरण परियोजना के तहत वर्ष 2022 और 2023 में नामीबिया तथा दक्षिण अफ्रीका से चीतों को भारत लाया गया।

और पढ़ें: प्रोजेक्ट चीता का एक वर्ष


अष्टमुडी झील में प्रदूषण का समाधान

स्रोत: द हिंदू 

राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा नियुक्त केरल की राज्य स्तरीय निगरानी समिति (SLMC) ने अष्टमुडी झील में  मलयुक्त-गाद ((Faecal Sludge) सहित जैव अपशिष्ट के अवैध निर्वहन को रोकने के लिये त्वरित परियोजनाओं के कार्यान्वयन की सिफारिश की है।

  • प्रारंभिक परीक्षण से पता चलता है कि अत्यधिक शैवाल प्रस्फुटन का कारण जलाशय में जैव अपशिष्ट और सेप्टेज का रिसाव है।

अष्टमुडी झील:

  • केरल के कोल्लम ज़िले में स्थित निर्दिष्ट रामसर स्थल, ‘बैकवाटर’ पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है और इसे अक्सर केरल के ‘बैकवाटर का प्रवेश द्वार’ कहा जाता है।
  • 170 वर्ग किलोमीटर में विस्तृत इस झील का आकार आठ भुजाओं के समान है। यह झील कल्लदा नदी से पोषित होती है, जो कि अंततः अरब सागर में अपना जल विसर्जित करती है।
  • ऐतिहासिक दृष्टि से यह एक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र रहा है जो अपने पारंपरिक कॉयर उद्योग के लिये जाना जाता है।

आर्द्रभूमियों के संरक्षण से संबंधित सरकारी पहल:

Ramsar_Convention

और पढ़ें: भारत में रामसर स्थल