डेली न्यूज़ (15 Mar, 2025)



भारत-मॉरीशस संबंध

प्रिलिम्स के लिये:

अगलेगा द्वीप, चागोस द्वीपसमूह, कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन, IORA, हिंद महासागर सम्मेलन, दांडी मार्च, सागर (क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा और विकास), भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) कार्यक्रम, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (NCGG)

मेन्स के लिये:

अंतर्राष्ट्रीय साझेदार के रूप में मॉरीशस का महत्त्व, भारत-मॉरीशस संबंध।

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

चर्चा में क्यों?

भारत के प्रधानमंत्री की मॉरीशस यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने व्यापार, समुद्री सुरक्षा और रक्षा पर कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये, क्षेत्रीय सहयोग पर बल दिया और अपने संबंधों को एक उन्नत रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया।

  • प्रधानमंत्री को मॉरीशस का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार, 'ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन' भी प्रदान किया गया।

भारत के प्रधानमंत्री की मॉरीशस यात्रा के मुख्य परिणाम क्या हैं?

  • उन्नत रणनीतिक साझेदारी: दोनों देशों ने अपने संबंधों को उन्नत रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक पहुँचाया, जिसके अंतर्गत सुरक्षा, स्थानीय मुद्राओं में व्यापार, और विकास सहयोग को सुदृढ़ किया गया। साथ ही, स्वतंत्र और सुरक्षित हिंद महासागर के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी पुनः पुष्टि प्रदान की।
    • दोनों देशों ने दोहरे कराधान अपवंचन समझौते (DTAA) को संशोधित करने वाले प्रोटोकॉल को अंतर्राष्ट्रीय संधि मानकों के अनुरूप बनाने पर सहमति व्यक्त की।
  • 'महासागर' विज़न: भारत ने ग्लोबल साउथ के लिये महासागर (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिये पारस्परिक और समग्र उन्नति) पहल की शुरुआत की।
    • महासागर  (MAHASAGAR) विज़न, सागर पर आधारित है, जो प्रौद्योगिकी साझाकरण, रियायती ऋण, अनुदान, व्यापार और पारस्परिक सुरक्षा सहयोग के माध्यम से ग्लोबल साउथ के साथ जुड़ाव को बढ़ाता है।
  • सुरक्षा सहयोग: भारत और मॉरीशस ने भारत द्वारा विकसित अगलेगा द्वीप के नए रनवे और जेटी के उपयोग को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
    • भारत ने चागोस द्वीपसमूह पर मॉरीशस की संप्रभुता के लिये समर्थन की भी पुष्टि की।
    • श्वेत पोत , नीली अर्थव्यवस्था, और जल सर्वेक्षण के क्षेत्रों में सहयोग को सुदृढ़ किया जाएगा।
  • विकासात्मक सहायता: भारत ने मॉरीशस को उसकी जल पाइपलाइनों को बदलने में सहायता देने के लिये अपनी पहली रुपया-आधारित ऋण सहायता की घोषणा की।
    • भारत मॉरीशस को एक पुलिस अकादमी और समुद्री सूचना साझाकरण केंद्र स्थापित करने में सहायता करेगा।
    • मॉरीशस के राष्ट्रपति ने अटल बिहारी वाजपेयी लोक सेवा एवं नवाचार संस्थान, एक स्वास्थ्य केंद्र और 20 भारतीय वित्त पोषित सामुदायिक परियोजनाओं का उद्घाटन किया। 
  • नया संसद भवन: भारत, मॉरीशस के लिये एक नए संसद भवन का निर्माण करेगा, जिसे भारत ने "लोकतंत्र की जननी" की ओर से एक उपहार बताया ।
  • बहुपक्षीय संबंध: भारत द्वारा कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन , IORA तथा हिंद महासागर सम्मेलन जैसे क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मॉरीशस के साथ कार्य करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की

भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक संबंध

  • भारत की स्वतंत्रता से पूर्व: मॉरीशस में पहले भारतीय फ्रांसीसी औपनिवेशिक शासन (1700 के दशक) के दौरान पुडुचेरी से कारीगरों और राजमिस्त्री के रूप में पहुँचे थे (ब्रिटिशों द्वारा अधिग्रहण किये जाने से पूर्व मॉरीशस एक फ्रांसीसी उपनिवेश था)।
    • ब्रिटिश शासन के तहत, 1834 से 1900 के दशक के प्रारंभ तक लगभग 500,000 भारतीय अनुबंधित श्रमिक मॉरीशस चले गए, जिनमें से दो-तिहाई मॉरीशस में बस गये।
    • महात्मा गांधी ने वर्ष 1901 में मॉरीशस का दौरा किया और भारतीय समुदाय के लिये शिक्षा एवं राजनीतिक सशक्तीकरण की वकालत की।
    • गांधीजी को श्रद्धांजलि के रूप में, मॉरीशस 12 मार्च को अपना राष्ट्रीय दिवस मनाता है, जो दांडी मार्च के रूप में मनाया जाता है।
  • भारत की स्वतंत्रता के बाद: मॉरीशस को स्वतंत्रता मिलने से दो दशक पूर्व वर्ष 1968 भारत और मॉरीशस ने वर्ष 1948 में राजनयिक संबंध स्थापित किये।
    • मॉरीशस के प्रथम प्रधानमंत्री शिवसागर रामगुलाम गांधीजी, जवाहर लाल नेहरू और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे भारतीय नेताओं के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़े थे।

भारत और मॉरीशस एक दूसरे के लिये महत्त्वपूर्ण क्यों हैं?

भारत के लिये मॉरीशस का महत्त्व

  • समुद्री महत्त्व: पश्चिमी हिंद महासागर में मॉरीशस का रणनीतिक स्थान इसे भारत की सागर (क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा और विकास ) पहल के तहत एक प्रमुख समुद्री साझेदार बनाता है।
  • चीन की उपस्थिति का मुकाबला करना: हिंद महासागर में चीन की बढ़ती उपस्थिति के साथ, मॉरीशस के साथ भारत के मज़बूत संबंध समुद्री संचार लाइनों (SLOC) और भारत के सामरिक हितों की रक्षा करने में सहायता प्रदान करते हैं ।
  • आर्थिक संबंध: मॉरीशस, अफ्रीकी महाद्वीपीय मुक्त व्यापार समझौते (AFCFTA) का हिस्सा होने के कारण अफ्रीका में भारत के व्यापार और निवेश के लिये प्रवेश द्वार है ।
    • भारत मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है और मॉरीशस सिंगापुर के बाद भारत में दूसरा सबसे बड़ा FDI स्रोत है (वित्त वर्ष 2023-24)।
  • सांस्कृतिक संबंध: मॉरीशस की लगभग 70% आबादी भारतीय मूल की है जो भारतीय संस्कृति, भाषा और विरासत को बढ़ावा देने में सहायता प्रदान करती है। 
    • मॉरीशस भारत के साथ मज़बूत सांस्कृतिक संबंध साझा करता है, जिसमें भव्य महाशिवरात्रि समारोह और गंगा तालाब एक प्रतिष्ठित हिंदू तीर्थ स्थल शामिल हैं।

मॉरीशस के लिये भारत का महत्त्व

  • अग्रणी विकास साझेदार: भारत मॉरीशस की स्वतंत्रता (1968) के बाद से ही उसका प्रमुख विकास साझेदार रहा है, जिसने पिछले दशक में ही उसे 1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता प्रदान की है।
    • भारत ने मेट्रो एक्सप्रेस, सर्वोच्च न्यायालय भवन, अस्पताल आदि सहित प्रमुख बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के कार्यान्वयन में मॉरीशस को समर्थन किया है।
  • समुद्री सुरक्षा सहायता: भारत मॉरीशस का प्रमुख सुरक्षा साझेदार है, जो नौसैनिक गश्त, संयुक्त समुद्री निगरानी और हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण के माध्यम से EEZ सुरक्षा का समर्थन करता है।
  • आपदा सहायता: भारत संकट के समय मॉरीशस का पहला प्रत्युत्तरदाता रहा है, जिसने चक्रवात चिडो (2024), वाकाशियो तेल रिसाव (2020) और कोविड-19 महामारी के दौरान सहायता प्रदान की।
  • क्षमता निर्माण: मॉरीशस भारत के भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) कार्यक्रम का एक प्रमुख लाभार्थी है, जिसके तहत वर्ष 2002 से अभी तक 4,940 मॉरीशसवासियों को प्रशिक्षित किया गया है। 

निष्कर्ष

भारत और मॉरीशस ने व्यापार, सुरक्षा और विकास में समझौतों के माध्यम से अपनी रणनीतिक साझेदारी को प्रतिबलित किया है। भारत का "महासागर" दृष्टिकोण और बुनियादी ढाँचागत समर्थन क्षेत्रीय सहयोग को सुदृढ़ बनाता है, बाह्य प्रभावों से संरक्षा प्रदान करता है और आर्थिक संबंधों का सुदृढ़ीकरण करता है। उनका साझा इतिहास, सांस्कृतिक बंधन और भू-राजनीतिक संरेखण इस साझेदारी को क्षेत्रीय स्थिरता और समृद्धि के लिये महत्त्वपूर्ण बनाते हैं।

दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न:

प्रश्न. मॉरीशस के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी हिंद महासागर में उसकी समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय प्रभाव में किस प्रकार योगदान देती है?

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. 'क्षेत्रीय सहयोग के लिये इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन फॉर रीजनल को-ऑपरेशन (IOR_ARC)' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2015)

  1. इसकी स्थापना हाल ही में घटित समुद्री डकैती की घटनाओं और तेल अधिप्लाव (आयल स्पिल्स) की दुर्घटनाओं के प्रतिक्रियास्वरूप की गई है।  
  2. यह एक ऐसी मैत्री है जो केवल समुद्री सुरक्षा हेतु है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (d)


प्रश्न. भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का एक बड़ा हिस्सा ब्रिटेन और फ्राँस जैसी कई प्रमुख और परिपक्व अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में मॉरीशस से आता है। कारण स्पष्ट कीजिये।  (2010)

(a) FDI प्राप्त करने के संबंध में कुछ देशों के लिये भारत की प्राथमिकता है
(b) भारत का मॉरीशस के साथ दोहरा कराधान अपवंचन समझौता है
(c) मॉरीशस के अधिकांश नागरिकों की भारत के साथ जातीय पहचान है और इसलिये वे भारत में निवेश करने में सुरक्षित महसूस करते हैं
(d) वैश्विक जलवायु परिवर्तन के आसन्न खतरों के कारण मॉरीशस को भारत में भारी निवेश करने के लिये प्रेरित करते है। 

उत्तर: (b)  


मेन्स:

प्रश्न. भारत से अन्य उपनिवेशों में ब्रिटिशों द्वारा गिरमिटिया मज़दूरों को क्यों ले जाया गया? क्या वे वहाँ अपनी सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित कर पाए? (2018)


APAAR आईडी

स्रोत: द हिंदू

ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (APAAR) आईडी का उद्देश्य छात्र रिकॉर्ड को मानकीकृत करना है। हालाँकि, कार्यान्वयन, डेटा गोपनीयता पर चिंताओं ने कार्यकर्त्ताओं के बीच बहस छेड़ दी है।

  • APAAR आईडी: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शुरू की गई और राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क के साथ संरेखित, इसका उद्देश्य शैक्षणिक रिकॉर्ड को सुव्यवस्थित करने और शैक्षिक स्तरों के बीच संक्रमण को सुविधाजनक बनाने के लिये "वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी कार्ड" प्रणाली स्थापित करना है।
    • APAAR एक 12-अंकीय ID प्रदान करता है, जो भंडारण और सत्यापन के लिये  शैक्षणिक रिकॉर्ड को डिजिलॉकर और एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट से जोड़ता है।
    • स्कूल डेटा रिकॉर्ड करते हैं, जबकि उच्च शिक्षा संस्थान और कौशल संस्थान प्रवेश और भर्ती के लिये सत्यापित शैक्षणिक रिकॉर्ड तक पहुँच बनाते हैं।
  • APAAR ID के बारे में चिंताएँ: APAAR के आधार लिंकेज़ में वर्तनी की गड़बड़ी के कारण समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं, जिसके कारण इसे अपडेट करना आवश्यक हो गया है।
    • जबकि शिक्षा मंत्रालय का दावा है कि एपीएएआर स्वैच्छिक है, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा APAAR के 100% नामांकन के लिये दिया गया दबाव अंतर्निहित अनिवार्यताओं की चिंता को जन्म देता है , जो न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) के.एस. पुट्टस्वामी बनाम भारत संघ (2019) में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का खंडन करता है, जिसमें कहा गया था कि बुनियादी शिक्षा तक पहुँच के लिये आधार की आवश्यकता नहीं हो सकती है।
    • वकालत करने वाले समूह मज़बूत डेटा सुरक्षा के बिना नाबालिगों के संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा को संभालने में जोखिमों के बारे में चिंतित हैं।
      • डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 (जो अभी तक लागू नहीं हुआ है) में यह अनिवार्य किया गया है कि सहमति स्वतंत्र, सूचित और स्पष्ट होनी चाहिये, जिसके बारे में कार्यकर्त्ताओं का तर्क है कि इसे नज़रअंदाज किया जा रहा है।

APAAR_ID

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