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स्टेट पी.सी.एस.

  • 26 Sep 2024
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हरियाणा Switch to English

हरियाणा में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएँ

चर्चा में क्यों?

हरियाणा में 5 अक्तूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले गुड़गाँव में हाल ही में आयोजित एक रैली में केंद्रीय मंत्री ने प्रमुख बुनियादी ढाँचागत परियोजनाओं पर प्रकाश डाला और वर्ष 2024 तक हरियाणा में बनने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों की तुलना अमेरिका से की।

मुख्य बिंदु

  • वर्तमान एवं आगामी परियोजनाएँ :
    • सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने हरियाणा में 2 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएँ पूरी की हैं या शुरू की हैं , जिनमें शामिल हैं:
    • गुड़गाँव और रेवाड़ी के लिये 9 फुट-ओवरब्रिजों के लिये निविदाएँ अक्तूबर में जारी की जाएंगी और 4 नए फ्लाईओवरों पर काम दो महीने के भीतर शुरू हो जाएगा।
  • सोनीपत से जींद 352A राष्ट्रीय राजमार्ग:
    • यह राजमार्ग सोनीपत और जींद के बीच यात्रा को आसान बनाएगा। इसकी कुल लंबाई 80 किलोमीटर है, जिसे दो खंडों में विभाजित किया गया है: सोनीपत-गोहाना और गोहाना-जींद
  • जींद-पानीपत राज्य राजमार्ग:
    • हरियाणा सरकार केंद्रीय सड़क निधि योजना के तहत इस राजमार्ग पर 170 करोड़ रुपए व्यय कर रही है। इससे जींद और पानीपत के बीच यात्रा करने वाले यात्री लाभान्वित होंगे।
  • 152D राष्ट्रीय राजमार्ग:
    • जब राजमार्ग का निर्माण पूरा हो जाएगा तो जींद से अंबाला और चंडीगढ़ तक पहुँचने में तीन या चार घंटे की बजाय दो घंटे लगेंगे तथा इससे दिल्ली एवं राजस्थान से भी संपर्क बेहतर होगा।
  • रोहतक-जींद और नरवाना राष्ट्रीय राजमार्ग 352:
    • यह राजमार्ग, जो अब पूरा हो चुका है, जींद से रोहतक, दिल्ली और पंजाब तक की यात्रा को सरल बनाता है।
  • पानीपत-डबवाली राष्ट्रीय राजमार्ग:
    • यह आगामी परियोजना करनाल, जींद, पानीपत, फतेहाबाद और सिरसा को जोड़ेगी, जिससे जींद से सिरसा तक यात्रा सरल हो जाएगी।
  • जम्मू-कटरा और दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग:
    • वर्तमान में NHAI द्वारा निर्माणाधीन यह राजमार्ग जींद के पिलूखरा से होकर गुज़रेगा, जिससे जम्मू, दिल्ली और जींद के बीच संपर्क बढ़ेगा और आसपास के क्षेत्रों में यातायात कम होगा।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority of India- NHAI)

  • इसकी स्थापना NHAI अधिनियम, 1988 के तहत की गई थी। यह सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है।
  • इसे राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के साथ-साथ विकास, रखरखाव और प्रबंधन के लिये अन्य छोटी परियोजनाओं का कार्य भी सौंपा गया है।
  • राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (National Highways Development Project- NHDP) भारत में प्रमुख राजमार्गों को उच्च स्तर तक उन्नत, पुनर्वासित और चौड़ा करने की एक परियोजना है। यह परियोजना वर्ष 1998 में शुरू की गई थी।
  • NHAI राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को वैश्विक मानकों और लागत प्रभावी तरीके से बनाए रखता है तथा लोगों की आर्थिक भलाई तथा जीवन की गुणवत्ता को बढ़ावा देता है।



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36 बिरादरी

चर्चा में क्यों? 

हरियाणा विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक दल "36 बिरादरी" शब्द का प्रयोग काफी करने लगे हैं, जो विभिन्न जाति समूहों के प्रति उनके समर्थन को दर्शाता है।

मुख्य बिंदु: 

  • बिरादरी का अर्थ:
  • यह शब्द फारसी शब्द बरादर  से लिया गया है , जिसका अर्थ है "भाईचारा" या "कबीला।"
  • उत्तर भारत में बिरादरी को प्रायः जाति का पर्यायवाची माना जाता है, यद्यपि कौम  या जाट  जैसे शब्दों का भी प्रयोग किया जा सकता है।
  • '36 बिरादरियों' की उत्पत्ति:
  • "36 बिरादरी" वाक्यांश शाब्दिक नहीं है; यह आमतौर पर विभिन्न जाति समूहों को संदर्भित करता है।
  • ऐतिहासिक स्रोत, जैसे अजमेर-मेवाड़ गज़ेटियर और लेफ्टिनेंट कर्नल जेम्स टॉड के लेखन, मध्यकालीन उत्तर भारत में 36 राजवंशों या समुदायों का उल्लेख करते हैं।
  • सामाजिक भूमिका:
  • बिरादरी विस्तृत परिवार के समान होती है तथा विवाह, जातिगत विवादों और सामाजिक पहचान में भूमिका निभाती है।
  • यह अवधारणा विशेष रूप से हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में एकता एवं सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देती है।

राष्ट्रीय दल

  • परिचय: क्षेत्रीय दल के विपरीत, जो एक ही राज्य या क्षेत्र तक सीमित होती है, राष्ट्रीय दल का दायरा राष्ट्रव्यापी है, जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है।
    • राष्ट्रीय दल होना कभी-कभी एक विशिष्ट स्थिति से जुड़ा होता है, हालाँकि यह हमेशा महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय राजनीतिक प्रभाव में परिवर्तित नहीं होता है।
  • किसी दल को 'राष्ट्रीय' घोषित करने की शर्तें:
    • ECI की राजनीतिक दल और चुनाव चिह्न, 2019 पुस्तिका के अनुसार , किसी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय दल माना जाएगा यदि:
      • इसे चार या अधिक राज्यों में 'मान्यता' प्राप्त है।
      • यदि उसके उम्मीदवारों ने कम से कम 4 राज्यों में कुल वैध मतों का कम से कम 6% वोट हासिल किया हो (नवीनतम लोकसभा या विधानसभा चुनावों में) और दल के पास पिछले लोकसभा चुनावों में कम से कम 4 सांसद हों।
      • यदि उसने कम से कम तीन राज्यों में लोकसभा की कुल सीटों में से कम से कम 2% सीटें जीती हों।

राज्य स्तरीय दल

  • किसी दल को राज्य में राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता दी जाती है यदि निम्नलिखित में से कोई भी शर्त पूरी होती है:
    • यदि वह संबंधित राज्य विधान सभा के लिये आम चुनाव में राज्य में डाले गए वैध मतों में से 6% मत प्राप्त कर लेता है, तथा साथ ही, वह उसी राज्य विधानसभा में 2 सीटें भी जीत लेता है।
    • यदि वह राज्य में लोकसभा के आम चुनाव में कुल वैध मतों का 6% प्राप्त कर ले ; तथा उसी राज्य से लोकसभा में एक सीट भी जीत ले।
    • यदि वह संबंधित राज्य की विधानसभा के लिए होने वाले आम चुनाव में विधानसभा में 3% सीटें जीतता है, या विधानसभा में 3 सीटें जीतता है (जो भी अधिक हो)।
    • यदि वह संबंधित राज्य से लोकसभा के लिये होने वाले आम चुनाव में राज्य को आवंटित प्रत्येक 25 सीटों या उसके किसी अंश में से 1 सीट जीतता है।
    • यदि उसे राज्य से लोक सभा या राज्य लोक सभा के लिये होने वाले आम चुनाव में राज्य में डाले गए कुल वैध मतों का 8% प्राप्त हो जाए।


उत्तर प्रदेश Switch to English

खाद्य पदार्थों में मिलावट पर रोक

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राज्य में खाद्य पदार्थों में मिलावट से निपटने के लिये नए निर्देश जारी किये।

मुख्य बिंदु 

  • स्वामियों के नामों का प्रदर्शन :
    • सभी रेस्तरां और भोजनालयों को अपने संचालकों, मालिकों, प्रबंधकों और अन्य प्रमुख कर्मचारियों के नाम और पते प्रमुखता से प्रदर्शित करने होंगे।
    • इस कदम का उद्देश्य खाद्य प्रतिष्ठानों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
  • खाद्य सुरक्षा अधिनियम में संशोधन :
    • नए प्रदर्शन नियमों के अनुपालन को लागू करने के लिये खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 में संशोधन किया जाएगा।
    • खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, पुलिस और स्थानीय प्रशासन को शामिल करते हुए राज्यव्यापी सत्यापन अभियान चलाया जाएगा।
  • CCTV  स्थापना अनिवार्य :
    • सभी भोजनालयों, होटलों और ढाबों को भोजन कक्ष और प्रतिष्ठान के अन्य भागों में CCTV  कैमरे लगाने होंगे।
    • ऑपरेटरों की जिम्मेदारी CCTV  फुटेज को सुरक्षित रूप से संग्रहीत करने और अनुरोध किये जाने पर उसे कानून प्रवर्तन को उपलब्ध कराने की है।
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता :
    • ये निर्देश खाद्य पदार्थों में मिलावट के उन मामलों पर राज्य की प्रतिक्रिया का हिस्सा हैं, जहाँ खाद्य पदार्थों में मानव अपशिष्ट और अन्य संदूषक पाए गए थे।
    • भोजन तैयार करने और परोसने वाले सभी कर्मचारियों के लिये मास्क और दस्ताने का अनिवार्य उपयोग सहित सख्त स्वच्छता प्रथाओं को लागू किया जाएगा।

FSSAI 

  • वर्ष 2006 में स्थापित खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम (FSSAI) खाद्य सुरक्षा को विनियमित करने के लिये भारत का प्राथमिक कानून है। यह खाद्य उत्पादों के लिये मानक निर्धारित करता है और उनके निर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री और आयात की देखरेख करता है । अधिनियम का उद्देश्य उपभोक्ताओं के लिये सुरक्षित और पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
  • FSSAI अधिनियम, 2006 की मुख्य विशेषताएँ:
    • एकीकृत खाद्य कानून : यह विभिन्न खाद्य कानूनों को एक एकीकृत प्रणाली में समेकित करता है, तथा खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता के लिये स्पष्ट मानक स्थापित करता है।
    • राज्य सरकारों को शक्तियाँ: अधिनियम राज्य सरकारों को स्थानीय स्तर पर खाद्य सुरक्षा को विनियमित करने के लिये नियम बनाने और उपाय करने की अनुमति देता है, जैसे निरीक्षण करना, अनुपालन सुनिश्चित करना और उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई शुरू करना।
    • खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण : खाद्य मानकों को निर्धारित करने, खाद्य सुरक्षा ऑडिट करने और सुरक्षित खाद्य प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिये इस अधिनियम के तहत भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) बनाया गया था।
  • यह अधिनियम केन्द्रीय और राज्य दोनों प्राधिकरणों को खाद्य सुरक्षा पर कड़ी निगरानी रखने तथा अनुपालन न होने की स्थिति में कार्रवाई करने का अधिकार देता है, जैसे कि हाल ही में उत्तर प्रदेश द्वारा खाद्य पदार्थों में मिलावट संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिये जारी किये गए निर्देश।


उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर सुविधा

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, यह घोषणा की गई कि उत्तर प्रदेश में अपनी पहली सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाई स्थापित होने वाली है, जो भारत के तकनीकी क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण विकास को चिह्नित करता है और राज्य को देश के डिजिटल परिवर्तन में एक महत्त्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है ।

मुख्य बिंदु 

  • भारत-अमेरिका सेमीकंडक्टर साझेदारी :
    • यह घोषणा चिप निर्माण पर सहयोग के लिये भारत और अमेरिका के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (MoU) के बाद की गई है
    • सेमीकंडक्टर (अर्द्धचालक)विकास में भारत -अमेरिका साझेदारी का भारत की तकनीकी प्रगति पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।
  • डिजिटल परिवर्तन का महत्त्व:
    • सेमीकंडक्टर भारत के डिजिटल परिवर्तन लक्ष्यों के लिये महत्त्वपूर्ण हैं और दैनिक जीवन में तेज़ी से दिखाई देने लगेंगे।
    • यह विकास भारत की प्रगति के लिये प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की एक व्यापक पहल का हिस्सा है , जो इसका लाभ ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुँचाएगा ।
  • साइबर सुरक्षा फोकस :
    • अर्धचालक उद्योग को साइबर सुरक्षा को मज़बूत करने के लिये भी महत्त्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि युद्ध में भौतिक हमलों से साइबर क्षेत्र में बदलाव आया है ।
  • आर्थिक प्रभाव :
    • इस सुविधा की स्थापना से व्यापक आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा तथा भारत की अर्थव्यवस्था को लचीला तथा प्रबल विकास पथ पर अग्रसर बताया जाएगा ।
    • भारत -अमेरिका द्विपक्षीय संबंध अब पारस्परिक रूप से लाभकारी हैं, जो भारत के चल रहे आर्थिक विकास में योगदान दे रहे हैं।


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