उत्तराखंड में भूमि अवतलन | उत्तराखंड | 12 Aug 2024
चर्चा में क्यों?
सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड मानसून की वर्षा के कारण बुरी तरह प्रभावित है, जिससे सड़कों और आवासीय भवनों को अत्यधिक नुकसान पहुँचा है।
मुख्य बिंदु:
- कुंड-ऊखीमठ-चोपता-गोपेश्वर राजमार्ग पर कई भूस्खलन हुए हैं, जबकि कुंड में मंदाकिनी नदी पर बना लोहे का पुल, जो रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग को केदारघाटी और केदारनाथ से जोड़ता है, नदी की तेज़ धाराओं के कारण खतरे में है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण प्रभाग ने पुल निर्माण स्थल का निरीक्षण किया और तत्काल पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया।
- उत्तराखंड सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है तथा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिये आपातकालीन सेवाएँ तैयार रखी हैं।
- स्थिति पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है तथा निवासियों को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
मंदाकिनी नदी
- यह उत्तराखंड में अलकनंदा नदी की एक सहायक नदी है।
- यह नदी रुद्रप्रयाग और सोनप्रयाग क्षेत्रों के बीच लगभग 81 किलोमीटर तक बहती है तथा चोराबाड़ी ग्लेशियर से निकलती है।
- मंदाकिनी नदी सोनप्रयाग में सोनगंगा नदी से मिल जाती है और उखीमठ में मध्यमहेश्वर मंदिर के पास से प्रवाहित होती है।
- अपने मार्ग के अंत में यह अलकनंदा में मिल जाती है, जो गंगा में मिल जाती है।
निराश्रित गोवंशीय पशुओं को गोद लेने के लिये मानदेय | उत्तराखंड | 12 Aug 2024
चर्चा में क्यों?
सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड सरकार निराश्रित गोवंशीय पशुओं को गोद लेने वाले राज्यवासियों को एक निश्चित मानदेय देने की योजना बना रही है।
मुख्य बिंदु:
- अधिकारियों के अनुसार, लोगों को प्रति पशु 80 रुपए दिये जाएंगे तथा विशेष मामलों में यह राशि 100 रुपए तक हो सकती है, यदि पशु अत्यधिक बीमार हो तथा उसे अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता हो।
- उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड (Uttarakhand Animal Welfare Board- UAWB) द्वारा उपलब्ध कराए गए आँकड़ों के अनुसार, राज्य में कुल 60 पंजीकृत गोवंश आश्रय स्थल हैं, जिनमें वर्तमान में 14,000 गोवंश हैं
नोट: गोवंशीय पशु बोस वंश का एक पालतू, फटे खुर वाला जुगाली करने वाला पशु है, जैसे- बकरी, गाय, भैंस, बाइसन, हिरण या भेड़