उत्तराखंड
रुद्रप्रयाग और टिहरी सर्वाधिक भूस्खलन प्रभावित ज़िले करार
- 07 Mar 2023
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चर्चा में क्यों?
6 मार्च, 2023 को वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. डीपी डोभाल ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के राष्ट्रीय सुदूर संवेदी केंद्र (एनआरएससी) की हाल ही में जारी भूस्खलन मानचित्र रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग व टिहरी ज़िले देश में भूस्खलन से सर्वाधिक प्रभावित ज़िले हैं।
प्रमुख बिंदु
- भू-विज्ञान संस्थान के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. डीपी डोभाल ने बताया कि रिपोर्ट में भूस्खलन जोखिम विश्लेषण किया गया है। इसके अनुसार, सर्वाधिक भूस्खलन प्रभावित देश के 147 ज़िलों में उत्तराखंड के सभी 13 ज़िले शामिल हैं। इनमें रुद्रप्रयाग पहले, टिहरी दूसरे स्थान पर तथा चमोली ज़िला भूस्खलन जोखिम के मामले में देश में 19वें स्थान पर है।
- विदित है कि चमोली ज़िले का जोशीमठ शहर इन दिनों भूस्खलन के खतरे की चपेट में है। वैज्ञानिक इसकी तकनीकी जांच कर खतरे को भाँप रहे हैं। बहरहाल उपग्रह से लिये गए चित्रों की रिपोर्ट बता रही है कि उत्तरकाशी देश में 21वें स्थान पर है। पौड़ी गढ़वाल की 23वीं और देहरादून ज़िले की 29वीं रैकिंग है।
- देश में सबसे अधिक भूस्खलन घनत्व वाला ज़िला रुद्रप्रयाग है। यानी भूस्खलन से इस ज़िले को सबसे अधिक सामाजिक और आर्थिक क्षति होने का खतरा है। यही स्थिति टिहरी ज़िले की भी है। ये दोनों ज़िले भौगोलिक रूप से दूसरे ज़िलों की तुलना में छोटे हैं। इस लिहाज से भी भूस्खलन घनत्व बड़ा दिखाई दिया है।
- एटलस के मुताबिक, देश में भूस्खलन के लिहाज से सबसे अधिक जोखिम भरे पहले दो ज़िले रुद्रप्रयाग व टिहरी उत्तराखंड में हैं। तो सबसे कम संवेदनशील ज़िले हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर भी राज्य में ही हैं।
- एनआरएससी के भूस्खलन जोखिम विश्लेषण में 147 ज़िलों में हिमाचल के 11 ज़िले शामिल हैं। हिमाचल में भूस्खलन से सबसे अधिक खतरा मंडी ज़िले में है। प्रदेश में इस ज़िले की रैंक 16वीं है।
- हिमालयी राज्यों में शामिल जम्मू और कश्मीर के 14 ज़िले भूस्खलन जोखिम वाले ज़िलों की सूची में शामिल हैं। इनमें राजौरी देश का चौथा और पुंछ छठा सबसे अधिक भूस्खलन प्रभावित ज़िला है।
- 147 संवेदनशील ज़िलों की सूची में केरल के कुल 10 ज़िले हैं, जहाँ भूस्खलन से खतरा है। 10 सबसे अधिक भूस्खलन जोखिम ज़िलों की सूची में केरल के तीन ज़िले शामिल हैं।
- पूर्व वैज्ञानिक डॉ. डीपी डोभाल ने बताया कि पूरा हिमालयी क्षेत्र भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील है। एनआरएसी की इस रिपोर्ट के आधार पर विस्तृत अध्ययन होना चाहिये। भूस्खलन से वास्तविक नुकसान कितना है? कितनी आबादी को वह प्रभावित कर रहा है? इससे नीति नियामक यह तय कर सकते हैं कि उन्हें किस तरह की योजना बनानी है।
- उत्तराखंड के सबसे प्रभावित ज़िले (लाल रंग में)-