बिहार में नए रामसर स्थल | बिहार | 10 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
अधिकारियों के अनुसार, बिहार के दो वेटलैंड्स/आर्द्र्भूमियों को रामसर कन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के वेटलैंड्स की वैश्विक सूची में जोड़ा गया है।
- इससे भारत में ऐसे वेटलैंड्स की कुल संख्या 82 हो गई है।
मुख्य बिंदु:
- बिहार के जमुई ज़िले में नागी और नकटी पक्षी अभयारण्य अब रामसर कन्वेंशन का हिस्सा हैं।
- दोनों पक्षी अभयारण्य मुख्य रूप से नकटी बाँध के निर्माण के माध्यम से सिंचाई के लिये विकसित मानव निर्मित वेटलैंड्स पर बनाए गए हैं।
- दोनों अभयारण्यों को सर्दियों के दौरान प्रवासी प्रजातियों के आवास के रूप में उनके महत्त्व के कारण वर्ष 1984 में पक्षी अभयारण्य के रूप में नामित किया गया था।
- इसमें इंडो-गंगा के मैदान पर रेड-क्रेस्टेड पोशर्ड (Netta rufina) और बार-हेडेड गीज़ (Anser indicus) का सबसे बड़ा समूह शामिल है। इस जलग्रहण क्षेत्र में पहाड़ियों से घिरे शुष्क पर्णपाती वन हैं।
- वनस्पति और जीव:
- ये आर्द्रभूमि पक्षियों, स्तनधारियों, मछलियों, जलीय पादप, सरीसृपों और उभयचरों की 150 से अधिक प्रजातियों के लिये आवास प्रदान करती हैं।
- ये संकटग्रस्त भारतीय हाथी और सुभेद्य देशी कैटफिश जैसी वैश्विक रूप से संकटापन्न प्रजातियों को आवास प्रदान करते हैं।
- एशियाई जलपक्षी जनगणना- 2023 के अनुसार, नकटी पक्षी अभयारण्य में 7,844 पक्षी पाए गए, जो सर्वेक्षण में सबसे अधिक है, इसके बाद नागी पक्षी अभयारण्य में 6,938 पक्षी पाए गए।
- इन स्थलों को 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि घोषित किया गया।
रेड-क्रेस्टेड पोशर्ड (Red-Crested Pochard)
- रेड-क्रेस्टेड पोशर्ड (Netta rufina) एक बड़ी डाइविंग बत्तख है।
- इसका प्रजनन आवास दक्षिणी यूरोप में निम्नभूमि के दलदल और झीलें हैं तथा यह काला सागर के मैदानी एवं अर्द्ध-मरूभूमियों से लेकर मध्य एशिया व मंगोलिया तक विस्तृत है। जहाँ ये प्रजाति भारतीय उपमहाद्वीप और अफ्रीका में सर्दियों के दौरान प्रवास करते हैं।
- संरक्षण स्थिति:
महाराणा प्रताप पर्यटन परिपथ का विकास | राजस्थान | 10 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने उदयपुर में महाराणा प्रताप जयंती समारोह के उद्घाटन के दौरान महाराणा प्रताप पर्यटन सर्किट/परिपथ के विकास के लिये 100 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की।
मुख्य बिंदु:
- उन्होंने कहा कि 16वीं सदी के यह राजा समग्र विश्व के युवाओं के लिये प्रेरणा के स्रोत हैं।
- उनकी विरासत का व्याख्यान करने के अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप की असाधारण वीरता, शौर्य और देशभक्ति पर प्रकाश डाला।
- राजस्थान सरकार स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के लिये स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिये चिकित्सा विज्ञान तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित प्रौद्योगिकियों में जन-अनुकूल नवाचारों को क्रियान्वित करने के लिये भी कार्य कर रही है।
महाराणा प्रताप
- राणा प्रताप सिंह, जिन्हें महाराणा प्रताप के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुंभलगढ़ में हुआ था।
- वे मेवाड़ के 13वें राजा थे और उदय सिंह द्वितीय के सबसे बड़े पुत्र थे।
- महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने मेवाड़ राज्य पर शासन किया और चित्तौड़ को अपनी राजधानी बनाया।
- उदय सिंह द्वितीय उदयपुर (राजस्थान) शहर के संस्थापक भी थे।
- हल्दीघाटी का युद्ध:
- हल्दीघाटी का युद्ध वर्ष 1576 में मेवाड़ के राणा प्रताप सिंह और आमेर के राजा मान सिंह के बीच हुआ था, जो मुगल सम्राट अकबर का सेनापति था।
- महाराणा प्रताप ने बहादुरी से युद्ध किया किंतु अंततः मुगल सेना से पराजित हुए।
- ऐसी मान्यता है कि महाराणा प्रताप के वफादार घोड़े चेतक ने युद्ध के मैदान से बाहर निकलते समय अपने प्राण त्याग दिये थे।
- पुन:नियंत्रण:
- वर्ष 1579 के बाद मेवाड़ पर मुगलों का प्रभाव कम हो गया और महाराणा प्रताप ने कुंभलगढ़, उदयपुर तथा गोगुन्दा सहित पश्चिमी मेवाड़ पर पुनः अपना प्रभुत्व स्थापित किया।
- इस अवधि के दौरान उन्होंने वर्तमान डूंगरपुर के पास एक नई राजधानी चावंड (Chavand) का निर्माण भी किया।
- देहावसान:
- 19 जनवरी, 1597 को महाराणा प्रताप का निधन हो गया। महाराणा प्रताप की मृत्यु के पश्चात् उनके पुत्र राणा अमर सिंह ने राजगद्दी ग्रहण की और वर्ष 1614 में अकबर के पुत्र सम्राट जहाँगीर की प्रभुता स्वीकार की।
किसान सम्मान निधि की राशि में बढ़ोतरी | राजस्थान | 10 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार की किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को दिये जाने वाले वार्षिक मानदेय में वृद्धि की घोषणा की।
- प्रत्येक कृषक परिवार को दी जाने वाली राशि को ₹6,000 से बढ़ाकर ₹8,000 प्रति वर्ष कर दिया गया है।
मुख्य बिंदु
- वर्तमान में राजस्थान में किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से 5.7 मिलियन किसान सहायता प्राप्त कर रहे हैं, जिसका शुभारंभ वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
- राज्य के अंतरिम बजट में वित्तीय सहायता बढ़ाने के लिये 1,400 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-किसान)
- परिचय:
- भूमि धारक किसानों की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिये 24 फरवरी, 2019 को PM-किसान का शुभारंभ किया गया था।
- वित्तीय लाभ:
- योजना के अनुसार प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से देश भर के किसान परिवारों के बैंक खातों में प्रत्येक चार माह में तीन समान किस्तों में 6000/- रुपए प्रतिवर्ष का वित्तीय लाभ अंतरित किया जाता है।
- योजना का दायरा:
- यह योजना शुरू में ऐसे छोटे और सीमांत किसानों (SMF) के लिये थी, जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की भूमि थी किंतु बाद में योजना का दायरा सभी भूमिधारक किसानों को शामिल करने के लिये बढ़ा दिया गया था।
- वित्तपोषण और कार्यान्वयन:
- यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसका पूर्ण रूप से वित्तपोषण भारत सरकार द्वारा किया जाता है।
- इसे कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है।
- उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य प्रत्येक फसल चक्र के अंत में प्रत्याशित कृषि आय के अनुरूप उचित फसल स्वास्थ्य और उपज सुनिश्चित करने के लिये विभिन्न आदानों की खरीद संबंधी छोटे एवं सीमांत किसानों की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करना है।
- उक्त प्रकार के खर्चों को पूरा करने के लिये उन्हें साहूकारों के शोषण से बचाना और कृषि में उनकी निरंतरता सुनिश्चित करना।
- PM-किसान मोबाइल एप:
- वास्तविक रूप से सत्यापन की व्यवस्था:
- योजना में निर्धारित प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक वर्ष 5 प्रतिशत लाभार्थियों का अनिवार्य रूप से वास्तविक सत्यापन किया जा रहा है।
सीकर में भूकंप | राजस्थान | 10 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, हाल ही में राजस्थान के सीकर में 3.9 तीव्रता का भूकंप आया।
मुख्य बिंदु
- भूकंप 27.41 उत्तरी अक्षांश और 75.06 पूर्वी देशांतर पर 5 किमी की गहराई पर आया।
- राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS):
- यह भारत और उसके पड़ोस में भूकंपीय गतिविधि की निगरानी तथा रिपोर्टिंग करने के लिये उत्तरदायी अभिकरण है।
- यह समग्र देश में भूकंपीय वेधशालाओं का एक संजाल संचालित करता है और भूकंप तथा सुनामी पर वास्तविक समय का डेटा एवं जानकारी प्रदान करता है।
- यह जनमानस को भूकंप की चेतावनी और अपडेट प्रदान करने के लिये भूकंप (BhooKamp) नामक एक वेबसाइट तथा मोबाइल एप भी संचालित करता है।
हरियाणा में जल्द ही शुरू होगी नई भर्तियाँ | हरियाणा | 10 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सरकार जल्द ही राज्य में 50,000 रिक्त पदों की पूर्ति के लिये भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी।
मुख्य बिंदु
- यह रोज़गार के अवसर प्रदान करने और युवाओं की आकांक्षाओं का समर्थन करने के लिये सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के हिस्से के रूप में किया जाएगा।
- उन्होंने सरकारी नौकरियों के लिये "पारदर्शी" भर्ती प्रणाली को जारी रखने पर ज़ोर दिया।
- उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अभ्यर्थियों के हितों की रक्षा के लिये प्रतिबद्ध है और जल्द ही इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करेगी तथा युवाओं को न्याय दिलाने के लिये इसकी पुरज़ोर वकालत करेगी।
- 31 मई, 2024 को, हरियाणा उच्च न्यायालय ने निर्णय सुनाया कि राज्य सरकार की नौकरियों में कुछ विशेष वर्ग के अभ्यर्थियों को अतिरिक्त अंक प्रदान करने के लिये हरियाणा सरकार द्वारा स्थापित सामाजिक-आर्थिक मानदंड असांविधानिक थे।
पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग | हरियाणा | 10 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कैथल में आयोजित पेंशन बहाली संघर्ष समिति की एक बैठक के दौरान पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की मांग को लेकर 1 सितंबर 2024 को पंचकूला में एक व्यापक प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया।
मुख्य बिंदु
- उक्त प्रदर्शन से पूर्व समिति ने 1 जुलाई 2024 से राज्य के प्रत्येक ज़िले में “OPS संकल्प सम्मेलन और आक्रोश मार्च” आयोजित करने का निर्णय लिया है।
- पुरानी पेंशन योजना:
- यह योजना सेवानिवृत्ति के पश्चात व्यक्ति को आजीवन आय की गारंटी प्रदान करती है।
- पुरानी पेंशन योजना (OPS) के तहत, कर्मचारियों को पूर्व निर्धारित फार्मूले के अनुसार पेंशन मिलती थी जो अंतिम आहरित वेतन का आधा (50%) होता है तथा उन्हें वर्ष में दो बार महँगाई राहत (Dearness Relief) में संशोधन का भी लाभ मिलता था। इसके अंतर्गत भुगतान निर्धारित था और वेतन से कोई कटौती नहीं की जाती थी। इसके अतिरिक्त OPS के अंतर्गत सामान्य भविष्य निधि (General Provident Fund-GPF) का भी प्रावधान था।
- GPF भारत में केवल सभी सरकारी कर्मचारियों के लिये उपलब्ध है। मूल रूप से यह सभी सरकारी कर्मचारियों को अपने वेतन का एक निश्चित प्रतिशत GPF में योगदान करने की अनुमति देता है। साथ ही कुल राशि जो रोज़गार की अवधि के दौरान जमा होती है, सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी को भुगतान की जाती है।
- पेंशन पर होने वाले खर्च का वहन सरकार द्वारा किया जाता था। यह योजना वर्ष 2004 में बंद कर दी गई थी।