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स्टेट पी.सी.एस.

  • 09 Sep 2024
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उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत कोष को मंज़ूरी दी

चर्चा में क्यों

हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने केदारनाथ क्षेत्र में अत्यधिक वर्षा से प्रभावित व्यापारियों की सहायता के लिये मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से विशेष सहायता को मंज़ूरी दी।

मुख्य बिंदु

  • यह धनराशि अत्यधिक वर्षा के कारण लिनचौली से सोनप्रयाग तक पैदल और मोटर मार्गों को हुए नुकसान से प्रभावित व्यापारियों को मुआवज़ा देने के लिये आवंटित की गई है
  • स्वीकृत राशि का उपयोग विशेष रूप से 31 जुलाई को हुई क्षति से प्रभावित लोगों के लिये किया जाएगा।
  • भुगतान ई-बैंकिंग अथवा डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से किया जाएगा तथा लाभार्थियों का विवरण ज़िला स्तर पर रखा जाएगा।
  • रुद्रप्रयाग ज़िले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों से लगभग 17,000 लोगों को निकाला गया।

मुख्यमंत्री राहत कोष (CM Relief Fund- CMRF)

  • मुख्यमंत्री राहत कोष (CMRF) प्राकृतिक आपदाओं जैसे- बाढ़, सूखा, भूकंप आदि या किसी अन्य समान आपदाओं से प्रभावित पात्र परिवारों और व्यक्तियों को राहत प्रदान करने के लिये एक आपातकालीन सहायता योजना है।


उत्तर प्रदेश Switch to English

गोरखपुर सैनिक स्कूल का उद्घाटन

चर्चा में क्यों

हाल ही में उपराष्ट्रपति ने गोरखपुर सैनिक स्कूल का उद्घाटन किया, इसकी सुविधाओं की प्रशंसा की और पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में इसके योगदान पर ज़ोर दिया।

मुख्य बिंदु 

  • गोरखपुर सैनिक स्कूल विवरण:
    • पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहला सैनिक स्कूल।
    • उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा प्रबंधित दूसरा सैनिक स्कूल।
    • उत्तर प्रदेश में 5वाँ सैनिक स्कूल; अन्य झाँसी, अमेठी, मैनपुरी (रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित) और लखनऊ (उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित) में हैं।
  • उपराष्ट्रपति ने गोरखपुर में गोरखधाम मंदिर का भी दौरा किया।
    • गोरखपुर में गोरखधाम मंदिर नाथ संप्रदाय के एक प्रमुख संत गुरु गोरक्षनाथ को समर्पित है और एक प्रमुख तीर्थ स्थल एवं आध्यात्मिक केंद्र के रूप में कार्य करता है।
    • मंदिर में एक प्रमुख केंद्रीय गुंबद और विस्तृत अंदरूनी भाग के साथ पारंपरिक हिंदू स्थापत्य तत्त्व हैं।

सैनिक स्कूल

  • सैनिक स्कूल आवासीय संस्थान हैं जो पब्लिक स्कूल शिक्षा प्रदान करते हैं और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE), नई दिल्ली से संबद्ध हैं।
  • वित्तपोषण: इन स्कूलों को केंद्र और राज्य सरकारों दोनों से वित्तीय सहायता मिलती है।
  • स्थापना: वर्ष1961 में प्रारंभ किये गए सैनिक स्कूलों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश के लिये छात्रों को शैक्षणिक, शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करने के लिये डिज़ाइन किया गया था।
  • शासन: इनका प्रबंधन रक्षा मंत्रालय के अधीन सैनिक स्कूल सोसायटी द्वारा किया जाता है, जिसकी स्थापना सोसायटी पंजीकरण अधिनियम XXI, 1860 के तहत की गई थी।


उत्तराखंड Switch to English

माँ नंदा-सुनंदा महोत्सव

चर्चा में क्यों

हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने नैनीताल में माँ नंदा-सुनंदा महोत्सव, 2024 का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया और लोगों को उनकी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने में महोत्सव की भूमिका पर प्रकाश डाला।

मुख्य बिंदु

  • माँ नंदा-सुनंदा महोत्सव
    • प्रतिवर्ष सितंबर में उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र में नंदाष्टमी त्योहार के दौरान देवी नंदा और सुनंदा की याद में मनाया जाता है।
      • अल्मोड़ा, नैनीताल, कोट अलोंग, भोवाली और जोहार जैसे स्थानों में देखा गया।
  • मुख्यमंत्री ने अल्पाइन घास के मैदानों को हिमालय की ‘अनमोल विरासत’ बताते हुए इनके संरक्षण के लिये 2 सितंबर को बुग्याल संरक्षण दिवस मनाने की घोषणा की।

बुग्याल 

  • उत्तराखंड में उच्च ऊँचाई वाले अल्पाइन घास के मैदान स्थित हैं, जिन्हें "बुग्याल" के नाम से जाना जाता है।
    • ये घास के मैदान 3,000 मीटर (10,000 फीट) से अधिक ऊँचाई पर स्थित हैं और अपनी समृद्ध वनस्पतियों के लिये जाने जाते हैं।
  • पारिस्थितिक महत्त्व: बुग्याल क्षेत्र की जैवविविधता के लिये महत्त्वपूर्ण हैं, जो विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और जीवों को पोषण देते हैं।
    • वे पशुओं के लिये चारागाह के रूप में काम करते हैं और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
  • उत्तराखंड के लोकप्रिय बुग्याल
    • दयारा बुग्याल: अपने विशाल घास के मैदानों और आश्चर्यजनक दृश्यों के लिये जाना जाता है।
    • बेदनी बुग्याल: यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ट्रैकिंग स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।
    • औली बुग्याल: अपने मनोरम दृश्यों और जैवविविधता के लिये प्रसिद्ध, औली नंदा देवी, कामेट एवं दूनागिरी की विशाल बर्फीली चोटियों के बीच स्थित है।


झारखंड Switch to English

मंईयां योजना के लिये झारखंड में कम आयु सीमा

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में झारखंड कैबिनेट ने मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना (MMSY) के लिये आयु सीमा में कमी को मंज़ूरी दी।

मुख्य बिंदु 

  • मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना (MMSY) के लिये न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई है, जिसका उद्देश्य अतिरिक्त 800,000 महिलाओं को लाभ पहुँचाना है।
  • MMSY: यह योजना 3 अगस्त, 2024 को शुरू की गई है। इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की पात्र महिलाओं को 1,000 रुपए दिये जाएंगे।
  • प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) योजना के माध्यम से हर वर्ष सभी पात्र महिलाओं के बैंक खातों में कुल 12,000 रुपए भेजे जाएंगे।

प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना

  • उद्देश्य: इस योजना को लाभार्थियों तक सूचना एवं धन के तीव्र प्रवाह एवं वितरण प्रणाली में धोखाधड़ी को कम करने के लिये सहायता के रूप में परिकल्पित किया गया है।
  • कार्यान्वयन: इसे भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी, 2013 को सरकारी वितरण प्रणाली में सुधार करने हेतु एक मिशन के रूप में शुरू किया गया था।

सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना

  • यह योजना राज्य में बालिका शिक्षा, बाल विवाह को समाप्त करने और महिला सशक्तीकरण पर ज़ोर देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
  • इस योजना के तहत राज्य सरकार किशोरियों को अच्छी शिक्षा के लिये कुल 40,000 रुपए की सहायता दे रही है।





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