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CBSE द्वारा क्रेडिट प्रणाली की शुरुआत

  • 09 Feb 2024
  • 12 min read

प्रिलिम्स के लिये :

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020, नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स, परख, पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (PM e-VIDYA), निपुण भारत मिशन, पीएम ई-विद्या पहल

मेन्स के लिये:

NEP 2020 की प्रमुख विशेषताएँ और शिक्षा से संबंधित सरकार की पहलें

स्रोत:इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 द्वारा अनुशंसित क्रेडिट प्रणाली को लागू करने की अपनी योजना के तहत कक्षा 9, 10, 11 और 12 के शैक्षणिक ढाँचे में महत्त्वपूर्ण बदलाव की योजना बना रहा है।

  • इस कदम का उद्देश्य एक एकीकृत ढाँचा प्रस्तुत करके शिक्षा परिदृश्य में क्रांतिकारी बदलाव लाना है जो व्यावसायिक और सामान्य शिक्षा के बीच अंतर को समाप्त करता है।

क्रेडिट प्रणाली क्या है? 

  • परिचय: क्रेडिट प्रणाली शिक्षा में उपयोग की जाने वाली एक विधि है जिसका उपयोग किसी छात्र द्वारा सीखने की क्षमता को मापने एवं उसका आकलन करने के लिये किया जाता है।
    • यह विभिन्न पाठ्यक्रमों या सीखने की गतिविधियों को पूरा करने एवं विषयवस्तु में निपुणता प्रदर्शित करने के लिये आवश्यक समय तथा प्रयास के आधार पर संख्यात्मक मान प्रदान करता है, जिसे क्रेडिट के रूप में जाना जाता है।
  • NEP 2020 के अनुसार क्रेडिट प्रणाली का उद्देश्य: क्रेडिट प्रणाली का उद्देश्य NEP 2020 द्वारा प्रस्तावित, व्यावसायिक तथा सामान्य शिक्षा के बीच अकादमिक समानता स्थापित करना और साथ ही दो शिक्षा प्रणालियों के बीच गतिशीलता को सुविधाजनक बनाना है।
  • NCrF: यह स्कूलों तथा उच्च शिक्षा में प्रशिक्षण और कौशल विकास के एकीकरण के लिये एक एकीकृत क्रेडिट ढाँचा है।
    • एक छात्र के क्रेडिट को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में डिजिटल रूप से सहेजा जाएगा और उससे जुड़े डिजीलॉकर खाते के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा।
    • अपने संबद्ध स्कूलों में इसे लागू करने के लिये CBSE ने वर्ष 2022 में एक उपसमिति का गठन किया जिसने सुझाव दिया कि वर्तमान शैक्षणिक ढाँचे को NCrF के साथ संरेखित करने के लिये कैसे फिर से डिज़ाइन किया जाना चाहिये।

CBSE उपसमिति ने क्या सुझाव दिये?

  • सांकेतिक शिक्षण: प्रस्तुत सुझावों के अनुसार एक शैक्षणिक वर्ष में 1,200 सांकेतिक शिक्षण घंटे होंगे, जो छात्रों के लिये 40 क्रेडिट के बराबर होंगे।
    • सांकेतिक शिक्षण से तात्पर्य एक औसत छात्र द्वारा निर्दिष्ट परिणाम प्राप्त करने के लिये आवश्यक निर्धारित समय से है।
    • छात्रों को उत्तीर्ण होने के लिये प्रतिवर्ष शिक्षण के लिये कुल 1,200 घंटे सुनिश्चित करने के लिये विषयों को विशिष्ट घंटे आवंटित किये जाते हैं।
  • कक्षा 9 और 10 की पाठ्यक्रम संरचना: कक्षा 9 और 10 में छात्रों को 10 विषय पढना आवश्यक है जिसमें तीन भाषाएँ तथा सात मुख्य विषय शामिल हैं
    • तीन भाषाओं में से, कम-से-कम दो भारतीय भाषाएँ होनी चाहिये (जैसे– हिंदी, संस्कृत अथवा अंग्रेज़ी)।
    • सात मुख्य विषयों में गणित और संगणन बुद्धिमता, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, कला, शारीरिक शिक्षा तथा कल्याण, व्यावसायिक शिक्षा एवं पर्यावरण शिक्षा शामिल हैं।
  • कक्षा 11 और 12 की पाठ्यक्रम संरचना: कक्षा 11 और 12 में छात्रों को छह विषयों का अध्ययन करना आवश्यक है जिसमें दो भाषाएँ एवं चारा मुख्य विषय तथा एक वैकल्पिक विषय होंगे।
    • इन दो भाषाओं में कम-से-कम एक भारतीय भाषा का होना अनिवार्य है।

माइक्रो-क्रेडेंशियल्स क्या हैं?

  • परिचय: माइक्रो-क्रेडेंशियल सत्यापित अधिगम उद्देश्यों के साथ लघु अधिगम अभ्यास हैं जो तीन अलग-अलग बुनियादी, मध्यवर्ती और उन्नत स्तरों पर भौतिक, ऑनलाइन अथवा हाइब्रिड प्रारूपों में उपलब्ध हैं।
    • यह औपचारिक डिग्री कार्यक्रम अपनाने में असक्षम कामकाजी पेशेवरों और महत्त्वाकांक्षी शिक्षार्थियों को सेवाएँ प्रदान करते हैं।
  • प्रदाता और उपयोग: Atingi, Coursera, edX और अन्य जैसी विभिन्न संस्थाएँ माइक्रो-क्रेडेंशियल्स प्रदान करती हैं। वैश्विक स्तर पर यह कई विश्वविद्यालयों द्वारा भी प्रदान किये जाता है और आने वाले समय में इन संस्थानों की संख्या में वृद्धि होने का अनुमान है।
  • औपचारिक डिग्रियों के साथ तुलना: माइक्रो-क्रेडेंशियल्स स्नातक डिग्री जैसे मैक्रो-क्रेडेंशियल्स, जिनके लिये कई वर्षों के अध्ययन की आवश्यकता होती है, से भिन्न होते हैं।
    • औपचारिक डिग्रियों में पूर्णतः व्यवस्थित तरीकों से व्याख्यान, प्रयोगशालाओं आदि में किसी शिक्षार्थी द्वारा दिये गए समय के आधार पर 'क्रेडिट' का प्रयोग किया जाता है, जबकि माइक्रो-क्रेडेंशियल कुछ निश्चित दक्षताओं को प्राप्त करने के आधार पर क्रेडिट प्रदान किया जाता है
  • क्षमता: NEP 2020 में कौशल-आधारित शिक्षा और कुशल कर्मचारियों की तलाश करने वाले नियोक्ताओं पर बल दिये जाने के साथ ही भारत में माइक्रो-क्रेडेंशियल्स की मांग बढ़ रही है।
    • भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) को मौजूदा शैक्षणिक ढाँचे और NEP 2020 के साथ सामंजस्य बिठाते हुए अपने शिक्षण कार्यक्रमों में उन्हें एकीकृत करने पर विचार करना चाहिये।

NEP 2020 की अन्य प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?

  • परिचय: NEP 2020 का लक्ष्य "ज्ञान के क्षेत्र में भारत को एक वैश्विक महाशक्ति" बनाना है। स्वतंत्रता पश्चात् यह भारत में शिक्षा के ढाँचे में किया गया तीसरा बड़ा सुधार है।
    • इससे पूर्व की दो शिक्षा नीतियाँ वर्ष 1968 तथा वर्ष 1986 में प्रस्तुत की गई थीं।
  • प्रमुख विशेषताएँ:
    • सार्वभौमिक पहुँच तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: इसका उद्देश्य प्री-प्राइमरी से कक्षा 12 तक शिक्षा के सभी स्तरों पर सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करना है।
      • 3-6 वर्ष के बीच के सभी बच्चों के लिये गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा सुनिश्चित करना।
    • नई पाठ्यचर्या और शैक्षणिक संरचना: इसके तहत 5+3+3+4 की एक नई संरचना की प्रस्तुति की गई।
      • यह कला और विज्ञान, पाठ्यचर्या तथा पाठ्येतर गतिविधियों एवं व्यावसायिक व शैक्षणिक धाराओं के बीच एकीकरण को बढ़ावा देता है।
    • मूल्यांकन सुधार और समानता: एक नए राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र, परख (PARAKH) की स्थापना की गई।
    • यह वंचित क्षेत्रों और समूहों के लिये एक पृथक लैंगिक समावेशन निधि तथा विशेष शिक्षा क्षेत्र का प्रावधान करता है।
    • प्रौद्योगिकी एकीकरण: प्रौद्योगिकी एकीकरण के लिये राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम (NETF) की स्थापना की गई।
    • वित्तीय निवेश और समन्वय: शिक्षा क्षेत्र में सार्वजनिक निवेश को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 6% तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
      • यह समन्वय और गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने के लिये केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की सहायता करेगा।
      • यह 'लाइट बट टाइट' विनियमन का समर्थन करता है।
    • सकल नामांकन अनुपात (GER) लक्ष्य: इसके तहत वर्ष 2030 तक प्रीस्कूल से माध्यमिक स्तर तक GER को 100% तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
      • व्यावसायिक शिक्षा सहित उच्च शैक्षणिक संस्थानों में GER को वर्ष 2035 तक 50% तक पहुँचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
      • इसके तहत एकाधिक प्रवेश/निकास विकल्पों के साथ समग्र और बहु-विषयक शिक्षा का प्रस्ताव किया गया।
  • NEP 2020 के तहत की गई प्रमुख पहल:

https://www.youtube.com/watch?v=NuLLgis33q0 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. संविधान के निम्नलिखित में से किस प्रावधान का भारत की शिक्षा पर प्रभाव पड़ता है? (2012)

  1. राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत
  2. ग्रामीण एवं शहरी स्थानीय निकाय 
  3. पाँचवीं अनुसूची 
  4.  छठी अनुसूची  
  5. सातवीं अनुसूची

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 3, 4 और  5 
(c) केवल 1, 2 और 5 
(d) 1, 2, 3, 4 और 

उत्तर: (d)


मेन्स:

प्रश्न. भारत में डिजिटल पहल ने किस प्रकार से देश की शिक्षा व्यवस्था के संचालन में योगदान किया है? विस्तृत उत्तर दीजिये। (2020)

प्रश्न. जनसंख्या शिक्षा के मुख्य उद्देश्यों की विवेचना करते हुए भारत में इन्हें प्राप्त करने के उपायों पर विस्तृत प्रकाश डालिये। (2021)

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