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प्रारंभिक परीक्षा

परख

  • 17 Jan 2023
  • 5 min read

हाल ही में सभी बोर्डों के लिये मूल्यांकन दिशा-निर्देश स्थापित करने के उद्देश्य के साथ राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (National Council for Education Research and Training- NCERT) ने भारत के पहले राष्ट्रीय मूल्यांकन नियामक, PARAKH (प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा एवं समग्र विकास के लिये ज्ञान का विश्लेषण) अधिसूचित किया है। 

परख: 

  • परिचय: 
    • परख  को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP)- 2020 के कार्यान्वयन के भाग के रूप में लॉन्च किया गया है, जिसमें नए मूल्यांकन पैटर्न और नवीनतम शोध के बारे में स्कूल बोर्डों को सलाह देने और उनके बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिये एक मानक-निर्धारण निकाय की परिकल्पना की गई है।
    • यह NCERT के एक भाग के रूप में कार्य करेगा।
    • इसे नेशनल अचीवमेंट सर्वे (NAS) और स्टेट अचीवमेंट सर्वे (SAS) जैसे समय-समय पर लर्निंग आउटकम टेस्ट आयोजित करने का भी काम सौंपा जाएगा।
    • यह तीन प्रमुख मूल्यांकन क्षेत्रों पर कार्य करेगा: व्यापक मूल्यांकन, स्कूल-आधारित मूल्यांकन तथा परीक्षा सुधार।
  • उद्देश्य:
    • समान मानदंड और दिशा-निर्देश: भारत के सभी मान्यता प्राप्त स्कूल बोर्डों के लिये छात्र मूल्यांकन एवं निर्धारण हेतु मानदंड, मानक और दिशा-निर्देश निर्धारित करना।
    • मूल्यांकन पैटर्न में सुधार: यह 21वीं सदी की कौशल आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में अपने मूल्यांकन पैटर्न को बदलने के लिये स्कूल बोर्डों को प्रोत्साहित करेगा।
    • मूल्यांकन में असमानता को कम करना: यह राज्य और केंद्रीय बोर्डों में एकरूपता लाएगा जो वर्तमान में मूल्यांकन के विभिन्न मानकों का पालन करते हैं, जिससे अंकों में व्यापक असमानताएंँ पैदा होती हैं।
    • बेंचमार्क आकलन: बेंचमार्क मूल्यांकन ढांँचा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में निहित मुद्दों को संबोधित करेगा।
  • महत्त्व:
    • कॉलेज प्रवेश में असमानता को दूर करना:
      • यह CBSE स्कूलों के अपने सहपाठियों की तुलना में कॉलेज प्रवेश के दौरान कुछ राज्य बोर्डों के विद्यार्थियों की समस्या के निपटान में मददगार साबित होगा।
    • अभिनव मूल्यांकन:
      • यह स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर परीक्षण, डिज़ाइन, संचालन, विश्लेषण और रिपोर्टिंग के लिये तकनीकी मानकों को विकसित एवं कार्यान्वित करेगा। 
    • समग्र दृष्टिकोण:
      • परख (PARAKH) का उद्देश्य शिक्षा के लिये समावेशी, भागीदारी और समग्र दृष्टिकोण की सुविधा प्रदान करना है, जो क्षेत्र के अनुभवों, अनुभवजन्य अनुसंधान, हितधारक प्रतिक्रिया के साथ-साथ सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखे गए अनुभवों को ध्यान में रखता है। 
    • प्रगतिशील बदलाव: 
      • यह शिक्षा के क्षेत्र में अधिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण की ओर एक प्रगतिशील बदलाव है।  
      • निर्धारित संरचना बच्चे की क्षमता, संज्ञानात्मक विकास के चरणों के साथ-साथ सामाजिक और शारीरिक जागरूकता को पूरा करने में सहायता करेगी। 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. शिक्षा कोई निषेधाज्ञा नहीं है, यह एक व्यक्ति और सामाजिक परिवर्तन के सर्वांगीण विकास के लिये एक प्रभावी एवं व्यापक उपकरण है। उपर्युक्त कथन के आलोक में नई शिक्षा नीति, 2020 का परीक्षण कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2020) 

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

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