शासन व्यवस्था
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा
- 22 Oct 2022
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा, NEP, शिक्षा का अधिकार मेन्स के लिये:भारत में शिक्षा प्रणाली और संबंधित मुद्धे |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 3 से 8 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की मूलभूत स्तर की शिक्षा के लिये राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा शुरू की।
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF):
- NCF के चार आयाम हैं:
- स्कूली शिक्षा के लिये राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा
- बचपन की देखभाल और शिक्षा के लिये राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा
- शिक्षकों की शिक्षा के लिये राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा
- प्रौढ़ शिक्षा के लिये राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा
- यह रूपरेखा 'पंचकोश' अवधारणा पर केंद्रित है- शरीर-मन के बीच समन्वय की प्राचीन भारतीय परंपरा से प्रेरित।
- NCF के पाँच भाग हैं- शारीरिक विकास, जीवन ऊर्जा का विकास , भावनात्मक और मानसिक विकास , बौद्धिक विकास और आध्यात्मिक विकास ।
- यह नई शिक्षा नीति-2020 को लागू करने के लिये उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) भारत में शिक्षा क्षेत्र में बदलाव ला रही है।
- इसने शिक्षा प्रणाली को समानता और समावेश के साथ सभी के लिये उच्चतम गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के मार्ग को प्रशस्त किया है।
- NEP 2020 के सबसे परिवर्तनकारी पहलुओं में नई 5+3+3+4 पाठ्यचर्या संरचना है जो 3 से 8 वर्ष के सभी बच्चों के लिये प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा को एकीकृत करती है।
- प्रारंभिक बचपन, जीवन भर सीखने के विकास की नींव होता है, यह पूरे जीवन की गुणवत्ता का एक प्रमुख निर्धारक है।
भारत में शिक्षा से संबंधित संवैधानिक प्रावधान और कानून:
- संवैधानिक प्रावधान:
- भारतीय संविधान के भाग IV, राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (DPSP) के अनुच्छेद 45 और अनुच्छेद 39 (f) में राज्य द्वारा वित्तपोषित होने के साथ-साथ समान एवं सुलभ शिक्षा का प्रावधान है।
- 1976 में संविधान के 42वें संशोधन ने शिक्षा को राज्य से समवर्ती सूची में स्थानांतरित कर दिया।
- केंद्र सरकार की शिक्षा संबंधी नीतियाँ इसे एक व्यापक दिशा प्रदान करती हैं और राज्य सरकारों से इसका पालन करने की अपेक्षा की जाती है लेकिन यह अनिवार्य नहीं है, उदाहरण के लिये तमिलनाडु वर्ष 1968 में पहली शिक्षा नीति द्वारा निर्धारित त्रि-भाषा फार्मूले का पालन नहीं करता है।
- वर्ष 2002 में 86वें संशोधन ने अनुच्छेद 21-ए के तहत शिक्षा को एक प्रवर्तनीय अधिकार बना दिया।
- संविधान का अनुच्छेद 21ए राज्य के लिये 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना अनिवार्य बनाता है।
- संबंधित कानून:
- शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009 का उद्देश्य 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना और शिक्षा को मौलिक अधिकार के रूप में लागू करना है।
- इसके तहत समाज के वंचित वर्गों के लिये 25% आरक्षण का भी प्रावधान है।
- शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009 का उद्देश्य 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना और शिक्षा को मौलिक अधिकार के रूप में लागू करना है।
- सरकारी पहलें:
- सर्व शिक्षा अभियान, मध्याह्न भोजन योजना, नवोदय विद्यालय (NVS विद्यालय), केंद्रीय विद्यालय और शिक्षा में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग आदि वर्ष1986 के शिक्षा नीति की ही देन है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) व्याख्या:
प्रश्न: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सतत् विकास लक्ष्य-4 (वर्ष 2030) के अनुरूप है। यह भारत में शिक्षा प्रणाली के पुनर्गठन और पुनर्रचना का इरादा रखता है। कथन का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2020) |