लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

शासन व्यवस्था

नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क

  • 14 Apr 2023
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग, नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCrF), नेशनल स्कूल एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP)

मेन्स के लिये:

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCrF) के प्रावधान।

चर्चा में क्यों?  

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा भारत के सभी नियामक संगठनों और विश्वविद्यालयों के लिये नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCrF) के कार्यान्वयन की घोषणा की गई है। 

  • इसे स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, व्यावसायिक और कौशल शिक्षा के माध्यम से अर्जित क्रेडिट को एकीकृत करने और आजीवन सीखने के अवसर प्रदान करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।

नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क:  

  • परिचय:  
    • इसके अनुसार एक शैक्षणिक वर्ष को किसी छात्र द्वारा उपयोग किये गए घंटों की संख्या के आधार पर परिभाषित किया जाएगा और इसी आधार पर शैक्षणिक वर्ष के अंत में इन्हें क्रेडिट प्रदान किया जाएगा।  
    • NCrF में तीन आयाम शामिल हैं:  
      • नेशनल स्कूल एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NSEQF)
      • नेशनल हायर एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NHEQF) 
      • नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NSQF)
  •  प्रावधान:
    • शैक्षिक और व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण:  
      • शैक्षिक और व्यावसायिक शिक्षा के एकीकरण पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) द्वारा महत्त्व दिया जाता है तथा यह NCrF द्वारा प्रदान की जाती है।
      • यह तंत्र दो शिक्षा धाराओं के अंदर और उनके बीच समानता सुनिश्चित करता है।
    • क्रेडिट प्रणाली:  
      • क्रेडिट के असाइनमेंट के लिये कुल ‘नोशनल लर्निंग आवर्स इन ए ईयर’ 1200 घंटे होंगे। छह महीने के प्रति सेमेस्टर में 20 क्रेडिट के साथ प्रत्येक वर्ष 1200 घंटे सीखने के लिये न्यूनतम 40 क्रेडिट अर्जित किये जा सकते हैं।
        • सांकेतिक घंटे उस समय को संदर्भित करते हैं जो औसत छात्र को सभी कक्षाओं में भाग लेने, परीक्षणों के लिये अध्ययन करने और असाइनमेंट तथा होमवर्क करने की आवश्यकता होगी।
      • संपूर्ण स्कूली शिक्षा अवधि के दौरान एक छात्र द्वारा कुल 160 क्रेडिट अर्जित होंगे।
      • तीन वर्षीय स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम के अंत तक छात्र 120 क्रेडिट अर्जित कर चुका होगा।
      • जब कोई छात्र पीएचडी को पूरा कर लेता है, तो अर्जित क्रेडिट 320 होगा।  
      • कॉलेज में पढ़ाई के दौरान छात्रों को ओलंपियाड, साइंस क्विज, इंटर्नशिप और नौकरी करने के लिये क्रेडिट भी मिलेगा।
    • क्रेडिट स्तर:
      • NCrF ने स्तर 1 से 8 तक इस ढाँचे के भीतर कई स्तरों का प्रस्ताव दिया है। 
        • स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद प्राप्त किया जा सकने वाला क्रेडिट स्तर, यानी ग्रेड 5वीं स्तर 1 होगा, ग्रेड 8वीं स्तर 2 होगा, ग्रेड 10वीं स्तर 3 होगा, और ग्रेड 12वीं स्तर 4 होगा।
        • उच्च शिक्षा क्रेडिट स्तर 4.5 से स्तर 8 तक होगा।
        • स्कूली शिक्षा के लिये NCrF क्रेडिट स्तर स्तर 4 तक है। 
        • व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण के लिये स्तर 1 से स्तर 8 तक।
    • आधार-सक्षम छात्र पंजीकरण: आधार-सक्षम छात्र पंजीकरण होगा। छात्र पंजीकरण के बाद एक शैक्षणिक क्रेडिट बैंक (ABC) खाता खोला जाएगा।
      • डिग्री और क्रेडिट की राशि उन खातों में जमा होगी। डिजिलॉकर की तर्ज पर एक नॉलेज लॉकर भी होगा।
  • चुनौतियाँ:
    • मानकीकरण: NCrF में NSEQF, NHEQF और NSQF जैसे विभिन्न कार्यक्षेत्र शामिल हैं। प्रत्येक कार्यक्षेत्र की अनूठी ज़रूरतों को पूरा करते हुए इन कार्यक्षेत्रों में मानकीकरण सुनिश्चित करना एक चुनौती हो सकती है। 
    • डेटा सुरक्षा और गोपनीयता: छात्र डेटा स्टोर करने के लिये आधार-सक्षम छात्र पंजीकरण और एक अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) खाते का उपयोग सुरक्षा तथा गोपनीयता जोखिम पैदा कर सकता है।
      • NCrF के सफल कार्यान्वयन के लिये डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण होगा।

निष्कर्ष:

NCrF का उद्देश्य भारत में विभिन्न शिक्षा धाराओं के बीच निर्बाध क्षैतिज और लंबवत गतिशीलता प्रदान करना है। हालाँकि NCrF के सफल कार्यान्वयन को क्रियान्वयन, मानकीकरण, स्वीकृति और अंगीकार कर लेने जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इन चुनौतियों का समाधान करने हेतु विभिन्न हितधारकों के सहयोगात्मक प्रयास की आवश्यकता होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह ढाँचा भारत में शिक्षा प्रणाली की बदलती ज़रूरतों को पूरा करने के लिये अद्यतन, प्रासंगिक एवं प्रभावी है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, धारणीय विकास लक्ष्य- 4 (2030) के अनुरूप है। उसका ध्येय भारत में शिक्षा प्रणाली की पुनः संरचना और पुनः स्थापना है। इस कथन का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिये। (2020) 

स्रोत: द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2