पंप स्टोरेज परियोजनाओं पर राजस्थान की नई नीति | राजस्थान | 08 Aug 2024
चर्चा में क्यों?
सूत्रों के अनुसार, राजस्थान सरकार नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत पंप स्टोरेज परियोजनाओं पर नई नीति लाने जा रही है।
मुख्य बिंदु
- मुख्यमंत्री के अनुसार, नवीकरणीय स्रोतों को मज़बूत करने के लिये उठाए जा रहे कदमों से राज्य जल्द ही ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएगा।
- सौर और पवन ऊर्जा पर निर्भर बिजली ग्रिडों को आपूर्ति के लिये 7,100 मेगावाट बिजली की क्षमता वाली इन परियोजनाओं की स्थापना के लिये राज्य में आठ संभावित स्थानों की पहचान की गई है।
- पंप स्टोरेज परियोजनाओं पर कार्य राज्य की पवन और हाइब्रिड ऊर्जा नीति 2019 तथा नवीकरणीय ऊर्जा नीति 2023 में उल्लिखित प्रावधानों के अनुसार किया गया है।
- राज्य को 1,800 मेगावाट क्षमता की अपनी पहली स्वतंत्र पंप भंडारण परियोजना शुरू करने की मंज़ूरी मिल गई है, जो कुनो नदी बेसिन के भीतर बारां ज़िले के शाहबाद क्षेत्र में स्थापित की जाएगी।
कुनो नदी
- यह चंबल नदी की मुख्य सहायक नदियों में से एक है।
- यह दक्षिण से उत्तर की ओर कुनो राष्ट्रीय उद्यान से होकर बहती है तथा अन्य छोटी नदियों और सहायक नदियों को मध्य प्रदेश-राजस्थान सीमा पर मुरैना में चंबल नदी में बहा देती है।
- यह कुनो राष्ट्रीय उद्यान के विविध वनस्पतियों और जीवों के लिये पानी का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है।
- यह 180 किलोमीटर लंबी है और मध्य प्रदेश में विंध्य पर्वत शृंखला से निकलती है
झारखंड में किसानों के लिये ऋण माफी की सीमा बढ़ाई गई | झारखंड | 08 Aug 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में झारखंड मंत्रिमंडल ने कृषि ऋण माफी योजना का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत ऋण की सीमा 50,000 रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दी गई है।
मुख्य बिंदु
- झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक 4.73 लाख किसानों का 1,900.35 करोड़ रुपए का ऋण माफ किया गया।
- एक अन्य पहल के तहत राज्य सरकार ने पारंपरिक ग्राम प्रधानों को दिये जाने वाले मानदेय को दोगुना करने का निर्णय लिया है।
- मानकी और परगनैत को 6,000 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा, मुंडा तथा ग्राम प्रधान को 4,000 रुपए एवं अन्य पारंपरिक ग्राम प्रधानों को 2,000 रुपए प्रति माह मानदेय दिया जाएगा।
झारखंड कृषि ऋण माफी योजना
- इसे झारखंड राज्य सरकार द्वारा 1 फरवरी, 2021 को लॉन्च किया गया था।
- योजना का उद्देश्य राज्य के किसानों को अल्पकालिक कृषि ऋण के बोझ से मुक्त करना, फसल ऋण धारक की ऋण पात्रता में सुधार करना, नई फसल के लिये ऋण सुनिश्चित करना, कृषक समुदाय के पलायन को रोकना और कृषि अर्थव्यवस्था को मज़बूत करना है।
- ऋण माफी योजना के लाभार्थी के लिये आवश्यक अधिकार निम्नलिखित हैं:
- रैयत किसान जो अपनी ज़मीन पर खुद खेती करते हैं।
- गैर-रैयत किसान जो दूसरे रैयतों की ज़मीन पर कृषि कार्य करते हैं।
- आवेदक अल्पकालीन फसल ऋण धारक होना चाहिये तथा फसल ऋण झारखंड में स्थित योग्य बैंक से जारी होना चाहिये।
- झारखंड राज्य का किसान, जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो तथा किसान के पास वैध आधार संख्या, किसान क्रेडिट कार्ड धारक एवं वैध राशन कार्ड धारक होना चाहिये।
- एक ही परिवार से एक ही फसल ऋण रखने वाले सदस्य पात्र होंगे। आवेदक के पास मानक फसल ऋण खाता होना चाहिये।
कान्हा रिज़र्व में बाघ का हमला | मध्य प्रदेश | 08 Aug 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश के बालाघाट ज़िले के कान्हा टाइगर रिज़र्व (KTR) में एक महिला पर बाघ ने जानलेवा हमला कर दिया।
मुख्य बिंदु
- कान्हा टाइगर रिज़र्व:
- यह मध्य प्रदेश के दो ज़िलों- मंडला और बालाघाट में 940 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में विस्तृत है।
- वर्तमान कान्हा क्षेत्र को दो अभयारण्यों, हॉलन और बंजर में विभाजित किया गया था।
- कान्हा राष्ट्रीय उद्यान वर्ष 1955 में बनाया गया था और वर्ष 1973 में इसे कान्हा टाइगर रिज़र्व बनाया गया था।
- कान्हा राष्ट्रीय उद्यान मध्य भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है।
पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट अयोग्य घोषित | हरियाणा | 08 Aug 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा की विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में अयोग्य घोषित कर दिया गया। 50 किलोग्राम की यह पहलवान स्वर्ण पदक मुकाबले में भाग लेने के लिये महत्त्वपूर्ण दूसरे वज़न वर्ग में जगह बनाने में असफल रही।
मुख्य बिंदु:
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (International Olympic Committee- IOC)
- अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ओलंपिक खेलों का संरक्षक है, जिसकी स्थापना जून 1894 में हुई थी। यह एक गैर-लाभकारी स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।
- इसका मुख्यालय ओलंपिक राजधानी, स्विट्ज़रलैंड के लुसाने में है।
खेल पंचाट न्यायालय (Court of Arbitration for Sport- CAS)
- यह एक अंतर्राष्ट्रीय अर्द्ध-न्यायिक निकाय है जिसकी स्थापना खेल से संबंधित विवादों को मध्यस्थता के माध्यम से निपटाने के लिये की गई है।
- इसका मुख्यालय लुसाने (स्विट्ज़रलैंड) में है और इसके न्यायालय न्यूयॉर्क शहर, सिडनी और लुसाने में स्थित हैं
- वर्तमान ओलंपिक मेज़बान शहरों में अस्थायी न्यायालय स्थापित किये जाते हैं।
उत्तर प्रदेश में एंटी रोमियो स्क्वाड को पुनः सक्रिय किया गया | उत्तर प्रदेश | 08 Aug 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एंटी रोमियो स्क्वाड टीमों को पुनः सक्रिय करने के निर्देश दिये।
मुख्य बिंदु:
- मुख्यमंत्री ने भयमुक्त वातावरण की आवश्यकता पर बल दिया और महिला सुरक्षा को प्राथमिकता दी तथा ज़िला स्तरीय अधिकारियों को जन सुनवाई एवं संवाद सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
- एंटी रोमियो स्क्वाड:
- इनका उद्देश्य महिलाओं के साथ छेड़छाड़ पर अंकुश लगाना तथा उन्हें अधिक सुरक्षा प्रदान करना था।
- इसका उद्देश्य लड़कियों के कॉलेजों के बाहर उनके साथ छेड़छाड़ और छेड़खानी में शामिल पाए जाने वाले लड़कों के खिलाफ कार्यवाही करना है।
- लेकिन युगलों को सिर्फ इसलिये रोक दिया गया क्योंकि वे एक साथ देखे गए थे, हालाँकि स्क्वाड के पास उन्हें रोकने का कोई कानूनी अधिकार नहीं था।
छत्तीसगढ़ में नया टाइगर रिज़र्व | छत्तीसगढ़ | 08 Aug 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य के क्षेत्रों को शामिल करते हुए एक नया बाघ अभयारण्य घोषित करने का निर्णय लिया है।
यह राज्य का चौथा बाघ अभयारण्य होगा।
मुख्य बिंदु:
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान
- परिचय:
- सतनामी सुधारक गुरु घासीदास के नाम पर इसका नाम रखा गया है। यह वर्ष 2000 में मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ को अलग करने का परिणाम है। यह छत्तीसगढ़ के कोरिया ज़िले में स्थित है।
- उद्यान की स्थलाकृति लहरदार है और यह उष्णकटिबंधीय जलवायु क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
- जैवविविधता:
- वनस्पति: वनस्पति में मुख्य रूप से सागौन, साल और बाँस के वृक्षों के साथ मिश्रित पर्णपाती वन शामिल हैं।
- जीव-जंतु: बाघ, तेंदुआ, चीतल, नीलगाय, चिंकारा, सियार, सांभर, चार सींग वाला मृग आदि।
तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य
- परिचय:
- यह उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ के सूरजपुर ज़िले में स्थित है। इसका नाम तमोर पहाड़ी और पिंगला नाला के नाम पर रखा गया है।
- तमोर पहाड़ी और पिंगला नाला अभयारण्य क्षेत्र की पुरानी तथा प्रमुख विशेषताएँ मानी जाती हैं।
- जैवविविधता:
- वनस्पति: इस अभ्यारण्य में मिश्रित पर्णपाती वनों का प्रभुत्व है। साल और बाँस के वन हर जगह दिखाई देते हैं।
- जीव-जंतु: बाघ, हाथी, तेंदुए, भालू, सांभर हिरण, नीलगाय, चीतल, बाइसन और ऐसे विभिन्न जानवर यहाँ पाए जाते हैं।