छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ बजट
चर्चा में क्यों?
छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ने राज्य विधानसभा में 1,65,000 करोड़ रुपए का बजट पेश किया और लालफीताशाही को कम करने तथा पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देने के उपायों पर प्रकाश डाला।
- उन्होंने सरकार के दृष्टिकोण को उजागर करने के लिये संक्षिप्त नाम GATI ( सुशासन, बुनियादी ढाँचे, प्रौद्योगिकी और औद्योगिक विकास में तेज़ी) भी पेश किया।
मुख्य बिंदु
- सुधार का प्रयास:
- सरकार ने कारोबार में सुगमता को बढ़ावा देने के लिये पहले चरण में 20 विभागों में 216 सुधारों को लागू करने का लक्ष्य रखा है।
- व्यापार सुधार कार्य योजना का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और नियमों को सरल बनाना है।
- धोखाधड़ी को रोकने, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने तथा कागज़ रहित और चेहरा रहित प्रक्रियाओं को सक्षम करने के लिये विभिन्न स्तरों पर डिजिटलीकरण पहल लागू की जा रही है।
- सरलीकरण के लिये पासपोर्ट कार्यालय की प्रक्रियाओं के समान एक नई भूमि पंजीकरण प्रणाली शुरू की जाएगी।
- परिसंपत्तियों के त्याग और विभाजन के लिये लगने वाले उच्च शुल्क के स्थान पर 500 रुपए का निश्चित शुल्क लगेगा, जिससे राजस्व विवादों को रोकने में मदद मिलेगी।
- क्षेत्रीय पहल:
- शिक्षा, ग्रामीण विकास, शहरी बुनियादी ढाँचे और सुरक्षा के लिये नई पहल की घोषणा की गई।
- विशेष योजनाएँ बस्तर और सरगुजा जैसे सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में परिवहन और मोबाइल कनेक्टिविटी पर केंद्रित होंगी।
- बजट अनुमान एवं वृद्धि अनुमान:
- आगामी वित्त वर्ष के लिये सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) 6,35,918 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है, जो 2024-25 के 5,67,880 करोड़ रुपए के अनुमान से 12% अधिक है।
- पूंजीगत व्यय 18% बढ़कर 22,300 करोड़ रुपए से 26,341 करोड़ रुपए हो गया।
- बुनियादी ढाँचा और सड़क योजना 2030:
- बजट में सड़क निर्माण के लिये 2,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है, जो राज्य के गठन के बाद से सबसे अधिक है।
- सड़क योजना 2030 राज्य की राजधानी को ज़िलों से जोड़ेगी तथा ज़िलों और विकास खंडों के बीच संपर्क में सुधार करेगी।
- मोबाइल कनेक्टिविटी और परिवहन:
- मुख्यमंत्री मोबाइल टावर योजना से दूरदराज़ के क्षेत्रों में सेलफोन कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
- मुख्यमंत्री परिवहन योजना ग्राम पंचायतों से लेकर ब्लॉकों और ज़िलों तक परिवहन सेवाओं को वित्तपोषित करेगी, जिससे कम घनत्व वाले क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन की कमी दूर होगी।
- प्रौद्योगिकी एवं औद्योगिक विकास:
- बजट आवंटन में शामिल हैं:
- न्यायालयों का कंप्यूटरीकरण
- राज्य डाटा सेंटर का निर्माण
- आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियाँ
- उद्योग का बजट परिव्यय पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना बढ़ गया है।
- बजट आवंटन में शामिल हैं:
- पेंशन फंड एवं वित्तीय स्थिरता:
- एक नया पेंशन फंड सरकारी कर्मचारियों के लिये सुरक्षित पेंशन सुनिश्चित करता है, जो भारत में अपनी तरह की पहली पहल है।
- छत्तीसगढ़ विकास एवं स्थिरता कोष से राज्य की वित्तीय स्थिति मज़बूत होगी।
- यह पेंशन निधि 2039 के बाद के राजकोषीय बोझ से संबंधित चिंताओं का समाधान करती है, जब राज्य के निर्माण के बाद भर्ती किये गए अधिकांश कर्मचारी सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
- सहकारिता एवं शिक्षा:
- 500 नई सहकारी समितियाँ स्थापित की जाएंगी।
- राज्य में राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) की स्थापना की जाएगी।
- कल्याणकारी योजनाएँ एवं राजकोषीय प्रबंधन:
- कृषक उन्नति योजना (किसानों के लिये) को 10,000 करोड़ रुपए का आवंटन प्राप्त हुआ।
- प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को 8,500 करोड़ रुपए मिले।
- पात्र विवाहित महिलाओं के लिये नकद सहायता योजना, महतारी वंदन योजना को 5,500 करोड़ रुपए प्राप्त हुए।
- राजकोषीय घाटा GSDP के 2.90% से बढ़कर 2.97% हो गया है।
- किसी नए कर की घोषणा नहीं की गई, लेकिन 1 अप्रैल, 2025 से पेट्रोल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) 1 रुपए प्रति लीटर कम कर दिया जाएगा।
महतारी वंदना योजना
- इस योजना का उद्देश्य महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण सुनिश्चित करना, उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना, लैंगिक समानता को बढ़ावा देना और परिवारों में उनकी निर्णायक भूमिका को मज़बूत करना है।
- विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्त महिलाओं सहित 21 वर्ष से अधिक आयु की सभी विवाहित महिलाएँ इस योजना से लाभ पाने के लिये पात्र हैं।
- छत्तीसगढ़ में पात्र विवाहित महिलाओं को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से प्रति माह 1000 रुपए की वित्तीय सहायता मिलेगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)
- शुभारंभ: “सभी के लिये आवास” के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिये, पूर्ववर्ती ग्रामीण आवास योजना इंदिरा आवास योजना को 1 अप्रैल, 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में पुनर्गठित किया गया।
- संबंधित मंत्रालय: ग्रामीण विकास मंत्रालय।
- उद्देश्य: मार्च 2022 के अंत तक सभी ग्रामीण परिवारों, जो बेघर हैं या कच्चे या जीर्ण-शीर्ण घरों में रह रहे हैं, को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्का घर उपलब्ध कराना।
- गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले ग्रामीण लोगों को आवास इकाइयों के निर्माण तथा मौजूदा अनुपयोगी कच्चे मकानों के उन्नयन में पूर्ण अनुदान के रूप में सहायता प्रदान करना।
- लाभार्थी: अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, मुक्त बंधुआ मज़दूर और गैर-अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग, युद्ध में मारे गए रक्षा कर्मियों की विधवाएँ या उनके निकट संबंधी, पूर्व सैनिक और अर्धसैनिक बलों के सेवानिवृत्त सदस्य, विकलांग व्यक्ति और अल्पसंख्यक।


हरियाणा Switch to English
निर्माण श्रमिकों को मुआवजा
चर्चा में क्यों?
सर्वोच्च न्यायालय ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को आदेश दिया कि वे दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत निर्माण गतिविधियों के रुकने पर निर्माण श्रमिकों को मुआवजा दें, भले ही इसके लिये न्यायालय का कोई विशिष्ट निर्देश न हो।
मुख्य बिंदु
- क्षतिपूर्ति भुगतान:
- सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि मुआवजे का भुगतान श्रम उपकर के रूप में एकत्र धनराशि से किया जाना चाहिये।
- किसी विशिष्ट न्यायालय आदेश के अभाव में भी मुआवजा वितरित किया जाना चाहिये।
- GRAP और वायु गुणवत्ता उपाय:
- प्रदूषण के स्तर पर अंकुश लगाने के लिये दिल्ली-एनसीआर में औसत वायु गुणवत्ता के आधार पर GRAP उपायों को लागू किया जाता है ।
- न्यायालय ने पुनः पुष्टि की कि वर्ष 2024 और वर्ष 2025 में GRAP उपायों के कारण जब भी निर्माण गतिविधियाँ रुकेंगी, तो मुआवजा अवश्य दिया जाना चाहिये।
- राज्यवार मुआवजे का विवरण:
- हरियाणा ने निम्नलिखित को मुआवजा दिया:
- GRAP-4 के प्रथम चरण में 2,68,759 श्रमिक शामिल होंगे।
- दूसरे चरण में 2,24,881 श्रमिक।
- लगभग 95,000 श्रमिक जनवरी 2025 के लिये मुआवजा प्राप्त करने की प्रक्रिया में हैं।
- दिल्ली ने 93,272 श्रमिकों को मुआवजा वितरित किया, जबकि शेष पंजीकृत श्रमिकों के सत्यापन की प्रक्रिया जारी है।
- राजस्थान ने 3,197 श्रमिकों को मुआवजा दिया।
- उत्तर प्रदेश ने निम्नलिखित को मुआवजा दिया:
- चरण 1 में 4,88,246 श्रमिक।
- चरण 2 में 4,84,157 श्रमिक।
- चरण 3 में 691 श्रमिक।
- हरियाणा ने निम्नलिखित को मुआवजा दिया:
- पंजीकरण और यूनियन बैठकें:
- अदालत ने दिल्ली सरकार को निर्माण श्रमिकों का उचित पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिये श्रमिक यूनियनों के साथ बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया।
- हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को भी इसी प्रकार के निर्देश जारी किये गए, जिनमें निम्नलिखित शामिल थे:
- हरियाणा में 14 ज़िले
- उत्तर प्रदेश में 8 ज़िले
- राजस्थान में 2 ज़िले (भरतपुर और अलवर)
- NCR राज्यों की जवाबदेही:
- 2 दिसंबर 2024 को अदालत ने NCR राज्यों के मुख्य सचिवों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उपस्थित होकर यह पुष्टि करने को कहा कि काम बंद होने से प्रभावित श्रमिकों को निर्वाह भत्ता दिया गया था या नहीं।
- महत्त्व:
- यह आदेश पर्यावरणीय प्रतिबंधों के दौरान कमज़ोर श्रमिकों के लिये मुआवजे के अधिकार को मज़बूत करता है ।
- यह प्रदूषण नियंत्रण उपायों से प्रभावित श्रमिकों के लिये वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP)
- परिचय:
- GRAP आपातकालीन उपायों का एक समूह है, जो दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में एक निश्चित सीमा तक पहुँचने के बाद वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिये लागू किया जाता है।
- एमसी मेहता बनाम भारत संघ (2016) के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2016 में इसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित किया गया और 2017 में अधिसूचित किया गया।
- कार्यान्वयन:
- वर्ष 2021 से GRAP का कार्यान्वयन CAQM द्वारा किया जा रहा है।
- वर्ष 2020 तक, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) राज्यों को जीआरएपी उपायों को लागू करने का आदेश देता था।
- वर्ष 2020 में EPCA को भंग कर दिया गया और उसके स्थान पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को स्थापित किया गया।
- CAQM भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) और भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा वायु गुणवत्ता और मौसम संबंधी पूर्वानुमानों पर निर्भर करता है।
- वर्ष 2021 से GRAP का कार्यान्वयन CAQM द्वारा किया जा रहा है।


झारखंड Switch to English
झारखंड बजट 2025-26
चर्चा में क्यों?
झारखंड सरकार ने राज्य विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिये 1.45 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया।
मुख्य बिंदु
- बजट आवंटन और प्रमुख योजना:
- महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिये झारखंड मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना (JMMSY) के लिये 13,363.35 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं ।
- आर्थिक विकास और राजकोषीय घाटा:
- राज्य की अर्थव्यवस्था 2025-26 में 7.5% की दर से बढ़ने का अनुमान है।
- आगामी वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटा 11,253 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।
- सामाजिक क्षेत्र के लिये 62,844 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं।
- 2023-24 में झारखंड का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) लगभग 4.6 ट्रिलियन रुपए था।
- सरकार का लक्ष्य 2029-30 तक GSDP को 10 ट्रिलियन रुपए तक बढ़ाना है।
- स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा पहल:
- बजट में सात नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना शामिल है: राँची, खूंटी, गिरिडीह, जमशेदपुर, धनबाद, देवघर और जामताड़ा।
- सरकार ने जमशेदपुर, गुमला और साहिबगंज में नए विश्वविद्यालय खोलने की योजना की भी घोषणा की।
- केंद्र के साथ वित्तीय विवाद:
- राज्य सरकार केंद्र सरकार से 1.36 लाख करोड़ रुपए का बकाया वसूलने के लिये कानूनी कार्रवाई शुरू करने की योजना बना रही है।
- राज्य सरकार केंद्र सरकार से 1.36 लाख करोड़ रुपए का बकाया वसूलने के लिये कानूनी कार्रवाई शुरू करने की योजना बना रही है।
झारखंड मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना (JMMSY)
- यह योजना 3 अगस्त, 2024 को शुरू की गई थी। इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की पात्र महिलाओं को 1,000 रुपए दिये जाएंगे।
- प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना के माध्यम से हर वर्ष सभी पात्र महिलाओं के बैंक खातों में कुल 12,000 रुपए भेजे जाएंगे।
- दिसंबर 2024 से वित्तीय सहायता बढ़ाकर 2,500 रुपए प्रति माह कर दी गई।


बिहार Switch to English
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25
चर्चा में क्यों?
बिहार के वित्त मंत्री द्वारा 28 फरवरी 2025 को विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 प्रस्तुत किया गया।
- यह राज्य का 19वाँ आर्थिक सर्वेक्षण है, जिसमें बिहार की अर्थव्यवस्था की स्थिति और विकास की दिशा को लेकर विस्तार से चर्चा की गई है।
मुख्य बिंदु
- आर्थिक वृद्धि दर
- अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में बिहार देश में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले राज्यों में दूसरे स्थान पर है।
- वित्तीय वर्ष 2023-24 में बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) वर्तमान मूल्य पर 8,54,429 करोड़ रुपए और 2011-12 के स्थिर मूल्य पर 4,64,540 करोड़ रुपए अनुमानित है।
-
वित्तीय वर्ष 2023-24 में GSDP में 14.5% की वृद्धि (वर्तमान मूल्य पर) और 9.2% की वृद्धि (स्थिर मूल्य पर) दर्ज की गई।
प्रतिव्यक्ति आय वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्थिर मूल्य पर 36,333 रुपए और वर्तमान मूल्य पर 66,828 रुपए हो गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है।
- बिहार में पटना सबसे अमीर ज़िला और शिवहर सबसे गरीब ज़िला है।
- राजकोषीय घाटा
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राजकोषीय घाटा वित्तीय वर्ष 2022-23 में 44,823 करोड़ रुपए था, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में घटकर 35,660 करोड़ रुपए रह गया।
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वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह ₹29,095 करोड़ होने का अनुमान है।
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राजस्व बचत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2,833 करोड़ रुपए रही जबकि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1,121 करोड़ रुपए रहने की उम्मीद है।
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राज्य का कुल व्यय वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2.52 लाख करोड़ रुपए था, जो वित्तीय वर्ष 2024-25 में बढ़कर 2.79 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है।.
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विकास मूलक व्यय 1.69 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 1.77 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
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कृषि और औद्योगिक क्षेत्र
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चावल के उत्पादन में 21% और गेहूँ के उत्पादन में 10.7% की वृद्धि हुई।
- पशु धन और मत्स्य में 9.50 प्रतिशत की दर से इजाफा हुआ है।
- सात उत्पादों के लिये बिहार सरकार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति का क्रियान्वयन कर रही है। ये उत्पाद मखाना, फल, सब्जियाँ, मक्का, औषधीय पौधे, शहद और चाय हैं।
- बिहार के औद्योगिक सेक्टर में 75293.76 करोड़ के निवेश प्रस्तावित।
- बिहार के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में सेवा क्षेत्र (तृतीयक क्षेत्र) का सबसे अधिक 58.6% योगदान रहा। इसके बाद, उद्योग (द्वितीयक क्षेत्र) का 21.5% और कृषि (प्राथमिक क्षेत्र) का 19.9% योगदान रहा है।
- सूक्ष्म उद्यमों में निवेश 135 प्रतिशत बढ़ा है जबकि रोज़गार 107 प्रतिशत बढ़ा है। बृहद इकाइयों में निवेश की रकम 131 प्रतिशत बढ़ा, जबकि रोज़गार 187 प्रतिशत।
- बिहार के खनन क्षेत्र में भी 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
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- सड़क और बुनियादी ढाँचा
- वर्ष 2005-2025 के दौरान ग्रामीण पक्की सड़कें 835 किलोमीटर से बढ़कर 1.17 लाख किलोमीटर हो गई हैं।
- नए द्रुतमार्गों और राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण से राज्य में यातायात व्यवस्था का विस्तार हो रहा है।
- उत्तर प्रदेश (10.1 प्रतिशत) और कर्नाटक (7.7 प्रतिशत) के बाद बिहार ने 2011-24 के दौरान परिवहन और संचार क्षेत्र में तीसरी सबसे अधिक वृद्धि (7.6 प्रतिशत) दर्ज की।
- बिहार में रोड का घनत्व प्रति हज़ार किलोमीटर वर्ग किमी 3167 है। रोड घनत्व के मामले में बिहार तीसरे नंबर पर है।
- डिजिटल प्रशासन और ऊर्जा क्षेत्र
- सरकार ने ई-प्रशासन को बढ़ावा देते हुए CCTNS, CFMS, साइबर सेल, ई-चालान जैसी तकनीकों को अपनाया।
- ऊर्जा की प्रति व्यक्ति खपत 134 किलोवाट-घंटे (2012-13) से बढ़कर 363 किलोवाट-घंटे (2023-24) हो गई।
- बिजली खपत में टॉप पाँच ज़िलों में क्रमशः पटना, गया, मुज़फ्फरपुर, रोहतास और नालंदा शामिल हैं
- जलापूर्ति विद्युत गैस कनेक्शन जैसे जन उपयोगी सेवाओं में 14.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
- महिला सशक्तीकरण
- 1,063.5 हज़ार स्वयं सहायता समूह (SHG) गठित किये गए।
- 2,198.4 हज़ार SHG को ₹46.9 हज़ार करोड़ का संचित ऋण प्रदान कर महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा दिया गया।
- वित्तीय वर्ष 2024-25 तक कुल जमा राशि ₹5.27 लाख करोड़ थी, जिसमें से ₹2.97 लाख करोड़ ऋण के रूप में वितरित किया गया और ऋण-जमा अनुपात 56.3% रहा।
- वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2023-24 तक महिला श्रमशक्ति सहभागिता दर में सुधार हुआ है। ग्रामीण महिलाओं में यह दर 24.8% से बढ़कर 33.5% हो गई और शहरी महिलाओं में यह 13.8% से बढ़कर 18% हो गई।
- बिहार में पुरुषों और महिलाओं का श्रमिक सहभागिता अनुपात पूरे भारत के औसत से कम है।
- शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र
- विगत 18 वर्षों में शिक्षा पर खर्च 10 गुना, स्वास्थ्य पर 13 गुना और सामाजिक सेवाओं पर 13 गुना बढ़ा।
- बाल कल्याण बजट वर्ष 2013-14 से शुरू किया गया और 2016-23 के बीच इसमें 19.4% वार्षिक वृद्धि हुई।
- पाँच वर्षों में सरकारी माध्यमिक स्कूलों की छीजन दर में 62.25 % की गिरावट दर्ज।
- पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर विशेष ध्यान
- हरित बजट और जल-जीवन-हरियाली मिशन जैसी योजनाओं को लागू कर राज्य में जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयास किये गए हैं।
- राज्य में 12 साल में वनाच्छादन में हुई 687 वर्ग किमी की बढ़ोतरी हुई है।


राजस्थान Switch to English
धन्वंतरी पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
राजस्थान के नाड़ी वैद्य ताराचंद शर्मा को भारत सरकार द्वारा आयुर्वेद के सर्वोच्च 'धन्वन्तरि' पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
मुख्य बिंदु:
- पुस्कार राशि:
- उन्हें पुरस्कार स्वरूप पाँच लाख रुपए, प्रशस्ति पत्र, शॉल और श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने आयुर्वेद के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया हो।
- आयोजन:
- वैद्य शर्मा को यह पुरस्कार 20 फरवरी 2025 को मुंबई (महाराष्ट्र) में धन्वंतरी पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान केंद्रीय आयुषमंत्री द्वारा प्रदान किया।
- विजेता के बारे में:
- ताराचंद शर्मा झुंझुनू ज़िले के बिसाऊ कस्बे के निवासी हैं। इससे पहले भी वे आयुर्वेद क्षेत्र में अनेक पुरस्कार एवं उपाधियों से सम्मानित किये जा चुके हैं।
- वे एक प्रसिद्ध नाड़ी वैद्य हैं।
- ताराचंद शर्मा द्वारा लिखित कई पुस्तकें विभिन्न आयुर्वेद विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में भी सम्मिलित हैं।
आयुर्वेद
- आयुर्वेद शब्द आयु और वेद से मिलकर बना है। आयु का अर्थ है जीवन, वेद का अर्थ है विज्ञान या ज्ञान, इस तरह आयुर्वेद का अर्थ है जीवन का विज्ञान।
- आयुर्वेद में सभी जीवित चीजें शामिल हैं, चाहे वे मानव हों या गैर-मानव।
- इसे तीन मुख्य शाखाओं में विभाजित किया गया है
- नर आयुर्वेद: मानव जीवन से संबंधित।
- सत्व आयुर्वेद: पशु जीवन और उसके रोगों से संबंधित।
- वृक्ष आयुर्वेद: पौधे के जीवन, उसके विकास और रोगों से संबंधित।
- आयुर्वेद न केवल चिकित्सा की एक प्रणाली है, बल्कि पूर्ण सकारात्मक स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उपलब्धियों के लिये जीवन जीने का एक तरीका भी है।


उत्तर प्रदेश Switch to English
इलेक्रामा-2025
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में ‘इलेक्रामा-2025’ का आयोजन किया गया।
मुख्य बिंदु
- इलेक्रामा 2025 बारे में:
- यह कार्यक्रम 22-26 फरवरी तक आयोजित किया गया।
- यह इलेक्रामा का 16वाँ संस्करण था। इसे IEEMA द्वारा आयोजित किया गया।
- इसमें भारत सहित दुनिया भर की विद्युत और ऊर्जा तकनीकों का प्रदर्शन किया गया। जैसे-
- ई-मोबिलिटी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर
-
डिजिटल ऊर्जा तकनीक
-
ट्रांसफॉर्मर, स्विचगियर, इंसुलेटर, HVDC सिस्टम
-
फॉल्ट डिटेक्शन और ऑटोमेशन सिस्टम
-
औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिये ड्राइव और नियंत्रण प्रौद्योगिकियाँ
इलेक्रामा के बारे में:
- इलेक्रामा, भारतीय विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग का सबसे बड़ा और प्रमुख कार्यक्रम है, जो बिजली क्षेत्र के पारिस्थितिकी- तंत्र को प्रदर्शित करने के लिये आयोजित किया जाता है।
- यह कार्यक्रम हर दो साल में आयोजित होता है और यह देश में विद्युत उद्योग के सबसे बड़े समागम के रूप में जाना जाता है।
- इलेक्रामा का मुख्य उद्देश्य उद्योग के सभी पहलुओं को एक साथ लाना है।
- इस आयोजन में विद्युत से जुड़ी हर चीज पर चर्चा की जाती है, जिसमें नई तकनीकें, उत्पाद और आगामी ट्रेंड्स शामिल होते हैं।


मध्य प्रदेश Switch to English
पुलिस वॉटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भोपाल में 24वीं अखिल भारतीय पुलिस वॉटर स्पोर्टस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
मुख्य बिंदु
- प्रतियोगिता के बारे में:
- भागीदार: प्रतियोगिता में 22 राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय सशस्त्र बलों के 557 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसमें 132 महिला खिलाड़ी भी शामिल थीं।
- प्रतिस्पर्द्धाएँ: प्रतियोगिता में केनोइंग, क्याकिंग तथा रोइंग सहित कुल 27 स्पर्द्धाएँ हुईं। इसमें कुल 360 पदकों के लिये विभिन्न राज्यों और अर्द्धसैनिक बलों की टीमों नए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
- मेज़बानी: इस प्रतियोगिता की मेज़बानी मध्य प्रदेश पुलिस ने की थी।
- उद्देश्य:
- इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य पुलिस, अर्धसैनिक बलों और अन्य सुरक्षा सेवाओं के कर्मियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करना था।
- इस आयोजन का उद्देश्य विभिन्न राज्यों और सुरक्षा बलों के बीच आपसी सहयोग और सौहार्द को बढ़ावा देना और एथलीटों को अपने कौशल को बढ़ाने के लिए प्रेरित करना भी था।

