नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 16 जनवरी से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

स्टेट पी.सी.एस.

  • 02 Jan 2025
  • 0 min read
  • Switch Date:  
हरियाणा Switch to English

हरियाणा में स्वच्छता पखवाड़ा

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (NDRI) ने हरियाणा के करनाल ज़िले में स्वच्छता अभियान की एक शृंखला आयोजित की। 

  • इसका उद्देश्य स्वच्छ और हरित भारत को बढ़ावा देते हुए स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना था।

मुख्य बिंदु

  • आयोजित गतिविधियाँ:
  • जागरूकता कार्यक्रम:
    • छात्रों को व्यक्तिगत, सामुदायिक और संस्थागत स्तर पर स्वच्छता बनाए रखने के बारे में शिक्षित किया गया।
    • अपशिष्ट को संपत्ति में बदलने तथा अपशिष्ट का सुरक्षित निपटान करने पर प्रशिक्षण दिया गया।
  • स्वच्छता अभियान:
    • कर्मचारियों ने संस्थान परिसर की सफाई की तथा पुराने रिकार्डों और खराब उपकरणों का निपटान किया।
    • विशेष वृक्षारोपण अभियान आयोजित किये गये।
  • अभियान और जागरूकता:
  • गाँव की भागीदारी:
    • ‘मेरा गाँव मेरा गौरव’ कार्यक्रम के तहत शामिल किये गए गाँवों में सफाई एवं स्वच्छता अभियान चलाया गया।
    • सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिये स्थानीय हस्तियों को शामिल करते हुए नुक्कड़ नाटक (सड़क नाटक) प्रस्तुत किये गए।
  • किसान दिवस मनाना:
    • वैज्ञानिकों और छात्रों ने डाचर गाँव में किसान दिवस मनाया।
    • किसानों को कृषि पद्धतियों में स्वच्छता के व्यावहारिक समाधान पर केंद्रित इंटरैक्टिव कार्यशालाओं में आमंत्रित किया गया।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) 

  • इसकी स्थापना 16 जुलाई, 1929 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक पंजीकृत सोसायटी के रूप में की गई थी।
  • यह भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (DARE) के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन है।
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। देश भर में विस्तृत 102 ICAR संस्थानों और 71 कृषि विश्वविद्यालयों के साथ यह दुनिया की सबसे बड़ी राष्ट्रीय कृषि प्रणालियों में से एक है।
  • यह पूरे देश में बागवानी, मत्स्य पालन और पशु विज्ञान सहित कृषि में अनुसंधान और शिक्षा के समन्वय, मार्गदर्शन और प्रबंधन के लिये सर्वोच्च निकाय है।

मेरा गाँव मेरा गौरव

  • यह योजना वर्ष 2015 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य “प्रयोगशाला से भूमि” प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिये किसानों के साथ वैज्ञानिकों के सीधे संपर्क को बढ़ावा देना था।
  • इसमें वैज्ञानिकों को अपनी सुविधा के अनुसार गाँवों का चयन करने तथा चयनित गाँवों के साथ संपर्क में रहने तथा किसानों को व्यक्तिगत दौरे या टेलीफोन के माध्यम द्वारा समय सीमा में कृषि के तकनीकी और अन्य संबंधित पहलुओं पर जानकारी प्रदान करने की परिकल्पना की गई है।
  • वे कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (ATMA) की सहायता से कार्य कर सकते हैं।




बिहार Switch to English

BPSC छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के विरुद्ध शिकायत

चर्चा में क्यों?

बिहार के एक अधिवक्ता ने कथित पेपर लीक के बाद 70वीं BPSC संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा (CCE) की पुनर्परीक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे BPSC छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज के संबंध में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में शिकायत दर्ज कराई है।

मुख्य बिंदु

  • परीक्षा विवाद:
    • 13 दिसंबर, 2024 को आयोजित BPSC परीक्षा में 912 केंद्रों पर 3.28 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए।
      • एक परीक्षा केंद्र पर पेपर लीक होने के आरोपों के कारण प्रभावित अभ्यर्थियों के लिये 4 जनवरी, 2025 को पुनः परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की गई।
    • आयोग ने पेपर लीक की बात को खारिज करते हुए यह स्पष्ट किया कि अन्य केंद्रों पर परीक्षा सुचारू रूप से आयोजित की गई।
  • विरोध प्रदर्शन और पुलिस कार्रवाई:
    • 15 दिनों तक BPSC अभ्यर्थियों ने न्याय की मांग को लेकर पटना के गर्दनीबाग में विरोध प्रदर्शन किया।
    • 28 दिसंबर, 2024 को पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिये लाठियों और पानी की बौछारों का उपयोग किया।
    • लाठीचार्ज के बाद छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से मुलाकात कर अपनी मांगें रखीं।
  • अत्यधिक बल प्रयोग के आरोप:
    • आरोप है कि पुलिस ने छात्रों की हड्डियाँ तोड़ दीं और हाथ जोड़कर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर भी अंधाधुँध बल प्रयोग किया।
    • पुलिस ने ठिठुरती सर्दियों की रातों में प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें कीं तथा इस कार्रवाई को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन बताया।
    • शिकायत में यह भी दावा किया गया कि पुरुष पुलिस अधिकारियों ने वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में महिला प्रदर्शनकारियों की बेरहमी से पिटाई की।
  • संवैधानिक एवं नैतिक उल्लंघन:
    • अत्यधिक बल का प्रयोग संविधान के अनुच्छेद 19(1)(b) का उल्लंघन है, जो शांतिपूर्ण सभा के अधिकार की गारंटी देता है।
    • आचार संहिता का उल्लंघन किया गया क्योंकि भारत की पुलिस आचार संहिता के सिद्धांत 4 में इस बात पर बल दिया गया था कि बल का प्रयोग न्यूनतम होना चाहिये तथा अनुनय, सलाह और चेतावनी के बाद ही अंतिम उपाय के रूप में प्रयोग किया जाना चाहिये।



राजस्थान Switch to English

राजस्थान में स्वदेशी वृक्षों को बढ़ावा दिया जाएगा

चर्चा में क्यों?

राजस्थान के कृषि उत्कृष्टता केंद्र, राज्य की जलवायु के अनुकूल देशी वृक्षों के रोपण को बढ़ावा देने के लिये तमिलनाडु के नर्सरी मॉडल का अध्ययन करेंगे।

  • ये केंद्र किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों और उन्नत बागवानी उत्पादन तकनीकों का सक्रिय रूप से प्रशिक्षण देते हैं।

मुख्य बिंदु

  • तमिलनाडु का नर्सरी मॉडल:
    • तमिलनाडु का नर्सरी मॉडल, जो ग्रीन तमिलनाडु मिशन का हिस्सा है, देशी पेड़-पौधे लगाने को बढ़ावा देता है।
    • यह मॉडल पर्यावरणीय स्थिरता का समर्थन करता है और पूरे राज्य में वनरोपण प्रयासों को बढ़ाता है।
  • कृषि एवं बागवानी सचिव का दौरा:
    • कृषि एवं बागवानी सचिव ने जयपुर ज़िले के ढिंढोल स्थित राजस्थान राज्य बीज निगम के प्रक्षेत्र केंद्र, जैतून उत्पादन केंद्र और अनार उत्कृष्टता केंद्र का दौरा किया।
    • उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि उत्कृष्टता केंद्रों ने किसानों की आय में वृद्धि की है तथा वे उच्च क्षमता पर कार्य कर रहे हैं।
  • अनुशंसाएँ:
  • ढिंढोल में आधुनिक बुनियादी ढाँचा:
    • ढिंढोल में उत्कृष्टता केंद्र में आधुनिक वनस्पति प्रसार संरचनाएँ जैसे ग्रीनहाउस, शेड हाउस, नर्सरी ब्लॉक, मदर ट्री ब्लॉक और स्वचालन इकाइयाँ शामिल हैं।
    • यह केंद्र कृषि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ-साथ किसानों के लिये गहन बागवानी, ग्रेडिंग और पैकिंग का कार्य भी करता है।
    • ये गतिविधियाँ बागवानों को जल प्रबंधन, उर्वरीकरण और खेती में तकनीकी उन्नयन में सहायता करती हैं।

हरित तमिलनाडु मिशन 

  • इसका उद्देश्य राज्य के वन और वृक्ष आवरण को बढ़ाना है। मिशन के उद्देश्य निम्नलिखित हैं: 
  • वृक्षारोपण:
    • मिशन ने 73 लाख पौधे उगाकर कृषि विभाग को निर्दिष्ट किये गए हैं। मिशन ने तमिलनाडु में 47 लाख से ज़्यादा पौधे लगाने का भी प्रस्ताव रखा है। 
  • नर्सरी:
    • मिशन ने राज्य भर में 43 वन प्रभागों में 260 नर्सरी स्थापित की हैं। मिशन के पास नर्सरी की दैनिक गतिविधि अपडेट एकत्र करने के लिये एक मोबाइल ऐप भी है। 
  • हरित समितियाँ:
    • मिशन ने वृक्षों की सुरक्षा और प्रबंधन के लिये राज्य हरित समितियों और जिला हरित समितियों की स्थापना की है।
  • ई-नर्सरी पोर्टल:
    • मिशन ने चेन्नई में मुफ्त देशी पौधे उपलब्ध कराने के लिये एक ई-नर्सरी पोर्टल लॉन्च किया है। मिशन भविष्य में इस सेवा को अन्य शहरों में भी विस्तारित करने की योजना बना रहा है।



हरियाणा Switch to English

हरियाणा में जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग स्तर में वृद्धि

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अनुपचारित अपशिष्ट के छोड़े जाने से हरियाणा के फरीदाबाद और पलवल ज़िलों में यमुना नदी और सिंचाई नहरों में जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (BOD) का स्तर काफी बढ़ गया है।

मुख्य बिंदु

  • चिंताजनक BOD स्तर:
    • जिला प्रशासन के अनुसार अप्रभावी निगरानी और अपर्याप्त निवारक उपायों के कारण BOD का स्तर स्वीकार्य सीमा से 400-500% अधिक है।
    • नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, जल के लिये BOD मानक 10 मिलीग्राम प्रति लीटर है। हाल के नमूनों में इसका स्तर 35 से 40 के बीच दिखा है, जबकि यमुना में कुछ स्थानों पर यह 50 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पहुँच गया है।
  • पर्यावरणीय प्रभाव:
  • कार्यान्वयन में चुनौतियाँ:

जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (BOD)

  • BOD, जल में कार्बनिक पदार्थों के चयापचय की जैविक प्रक्रिया में सूक्ष्मजीवों द्वारा उपयोग की जाने वाली घुलित ऑक्सीजन की मात्रा है।
  • जितना अधिक कार्बनिक पदार्थ होगा (जैसे, सीवेज और प्रदूषित जल निकायों में), उतना अधिक BOD होगा; और जितना अधिक BOD होगा, मछलियों जैसे उच्चतर जानवरों के लिये घुलित ऑक्सीजन की मात्रा उतनी ही कम उपलब्ध होगी।
  • इसलिये BOD किसी जल निकाय के जैविक प्रदूषण का एक विश्वसनीय माप है।


 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2