कृषि
किसान दिवस
- 24 Dec 2022
- 9 min read
प्रिलिम्स के लिये:किसान दिवस, राष्ट्रीय किसान दिवस, चौधरी चरण सिंह, किसानों के लिये पहल मेन्स के लिये:सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, किसानों से संबंधित योजनाएँ |
चर्चा में क्यों?
23 दिसंबर, 2022 को किसान दिवस या राष्ट्रीय किसान दिवस को चिह्नित करने हेतु अभिनव खेती के लिये ख्याति प्राप्त 13 किसानों को सम्मानित किया गया।
- भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती मनाने के लिये देश भर में किसान दिवस मनाया जाता है।
चौधरी चरण सिंह के बारे में मुख्य तथ्य:
- उनका जन्म 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले के नूरपुर में हुआ था और 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक वे भारत के प्रधानमंत्री रहे।
- ग्रामीण और कृषि विकास के समर्थक होने के नाते, उन्होंने भारत के नियोजन के केंद्र में कृषि को रखने के लिये निरंतर प्रयास किये।
- पूरे देश में किसानों के उत्थान और कृषि के विकास की दिशा में उनके काम के लिये उन्हें 'चैंपियन ऑफ इंडियाज पीजेंट्स' का उपनाम दिया गया था।
- साहूकारों से किसानों को राहत दिलाने के लिये, उन्होंने ऋण मोचन विधेयक 1939 के निर्माण और इसे अंतिम रूप देने में अग्रणी भूमिका निभाई।
- उन्होंने भूमि जोत अधिनियम, 1960 को लाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसका उद्देश्य पूरे राज्य में भूमि जोत की सीमा को कम करना था ताकि इसे एक समान बनाया जा सके।
- उन्होंने वर्ष 1967 में कॉन्ग्रेस छोड़ दी और अपनी स्वतंत्र पार्टी बनाई जिसे भारतीय लोक दल के नाम से जाना जाता है।
- उन्होंने दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। वे वर्ष 1979 में भारत के प्रधानमंत्री बने।
- वह 'ज़मींदारी का उन्मूलन', 'को-ऑपरेटिव फार्मिंग एक्सरेड', 'भारत की गरीबी और उसका समाधान', 'किसान स्वामित्व या श्रमिकों के लिये भूमि' तथा 'श्रमिकों के विभाजन की रोकथाम' सहित ‘प्रीवेंशन ऑफ डिवीज़न ऑफ होल्डिंग्स ब्लो अ सर्टेन मिनिमम’ जैसी कई पुस्तकों और पुस्तिकाओं के लेखक थे।
किसानों के लिये संबंधित पहल:
- पीएम-किसान: इस योजना के तहत केंद्र सरकार प्रति वर्ष 6,000 रुपए की राशि तीन समान किस्तों में सीधे सभी भूमि धारक किसानों के बैंक खातों में स्थानांतरित करता है, भले ही उनकी भूमि का आकार कुछ भी हो।
- राष्ट्रीय सतत् कृषि मिशन: इसका उद्देश्य विशिष्ट कृषि-पारिस्थितिकी के लिये उपयुक्त स्थायी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना है।
- प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना: इसके तीन मुख्य घटक हैं जैसे त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम, हर खेत को पानी, और वाटरशेड विकास घटक।
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना: इसे वर्ष 2007 में शुरू किया गया था, और राज्यों को ज़िला/राज्य कृषि योजना के अनुसार अपनी कृषि और संबद्ध क्षेत्र विकास गतिविधियों को चुनने की अनुमति दी गई थी।
- पोषक तत्त्व आधारित सब्सिडी कार्यक्रम: इस कार्यक्रम के तहत, किसानों को इन उर्वरकों में निहित पोषक तत्वों (N, P, K और S) के आधार पर रियायती दरों पर उर्वरक प्रदान किये जाते हैं।
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन: यह दिसंबर 2014 से स्वदेशी गोजातीय नस्लों के विकास और संरक्षण के लिये लागू किया जा रहा है।
- प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना: यह फसल न होने की स्थिति में एक व्यापक बीमा कवर प्रदान करती है जिससे किसानों की आय को स्थिर करने में मदद मिलती है।
- परंपरागत कृषि विकास योजना: वर्ष 2015 में शुरू की गई, यह सतत् कृषि के राष्ट्रीय मिशन (NMSA) की प्रमुख परियोजना के मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन (SHM) का एक विस्तृत घटक है।
- किसान क्रेडिट कार्ड: किसानों को लचीली और सरलीकृत प्रक्रिया के साथ एकल खिड़की के तहत बैंकिंग प्रणाली से पर्याप्त और समय पर ऋण सहायता प्रदान करने के लिये वर्ष 1998 में यह योजना शुरु की गई थी।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्नप्रश्न: किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत किसानों को निम्नलिखित में से किस उद्देश्य के लिये अल्पकालिक ऋण सुविधा प्रदान की जाती है? (2020)
निम्नलिखित कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिये: (a) केवल 1, 2 और 5 उत्तर: (b) व्याख्या:
अतः विकल्प (b) सही है। प्रश्न: 'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016))
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) |