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प्रश्न :
जलवायु परिवर्तन के दौर में ‘राष्ट्रीय संवहनीय कृषि मिशन’ भारतीय कृषि के लिये एक महत्त्वपूर्ण कदम है। चर्चा करें।
04 Nov, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर :
उत्तर की रूपरेखा-
- जलवायु परिवर्तन से संबंधित राष्ट्रीय कार्य योजना के संदर्भ में राष्ट्रीय संवहनीय कृषि मिशन का संक्षिप्त परिचय दें।
- इस मिशन के उद्देश्य लिखें।
- निष्कर्ष
वर्तमान में भारतीय कृषि कई प्रकार की समस्याओं का सामना कर रही है। इन समस्याओं में बदलती जलवायु का भी योगदान है। जलवायु परिवर्तन से भारत में कृषि, जल उपलब्धता, प्राकृतिक पारितंत्र, जैव-विविधता और स्वास्थ्य आदि क्षेत्र प्रभावित हैं। 2008 में जलवायु परिवर्तन से संबंधित राष्ट्रीय कार्य योजना बनाई गई है, जिसमें 8 राष्ट्रीय मिशन सम्मिलित हैं। राष्ट्रीय संवहनीय कृषि मिशन उन 8 मिशनों में से एक है, जो जलवायु परिवर्तन से संबंधित जोखिमों के मुद्दों के समाधान हेतु प्रयासरत हैं।
मिशन के उद्देश्य निम्नलिखित हैं-- कृषि से अधिक उत्पादन प्राप्त करना व टिकाऊ खेती पर ज़ोर देना।
- प्राकृतिक जल-स्रोतों और मृदा का संरक्षण करना।
- मृदा की उर्वरता के आधार पर मृदा के स्वास्थ्य का प्रबंधन करना और मृदा परीक्षण के आधार पर पोषक तत्त्वों के प्रयोग को बढ़ावा देना।
- जल-स्रोतों का विवेकपूर्ण उपयोग करना।
- कृषकों की क्षमता को बढ़ाना।
- मृदा एवं जल के साधनों का डाटाबेस तैयार करना।
- अधिक उत्पादन के लिये उन्नत कृषि कार्यशाला अपनाना।
- फसल एवं क्षेत्र अनुसार समग्र पोषक प्रबंधन करना तथा भूमि एवं जल की गुणवत्ता बनाए रखना।
- सूखा और कीटरोधी फसल की किस्मों को विकसित कर शुष्क कृषि को बढ़ावा देना।
केंद्र सरकार के तत्त्वावधान में राज्य-सरकारें भी अपनी कार्य योजनाओं को जलवायु परिवर्तन समाधान के लिये संस्थागत और कार्योन्मुखी क्षमताओं पर लक्षित कर रही हैं।
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