राजस्थान
शाहबाद जंगल बचाओ आंदोलन
- 09 Apr 2025
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चर्चा में क्यों?
राजस्थान के शाहबाद जंगल में पंप स्टोरेज परियोजना के लिये पेड़ों को काटे जाने की योजना के खिलाफ कार्यकर्त्ताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा हैI
मुख्य बिंदु
- परियोजना के बारे में
- शाहपुर पंप स्टोरेज परियोजना एक ऑफ-स्ट्रीम क्लोज्ड लूप पंप स्टोरेज परियोजना है। इसके तहत दो जलाशयों का निर्माण किया जाएगा। वहीं प्रस्तावित निचले जलाशय को भरने के लिये पास की कुनो नदी से पानी पंप किया जाएगा।
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने हैदराबाद स्थित कंपनी ग्रीनको एनर्जीज प्राइवेट लिमिटेड को बारां ज़िले की शाहाबाद तहसील में शाहपुर पंप स्टोरेज परियोजना स्थापित करने की मंजूरी दी है।
- यह परियोजना कलौनी, बैंत और मुंगावली गाँवों में 624.17 हेक्टेयर भूमि को कवर करती है। इसमें से 408 हेक्टेयर क्षेत्र में जंगल हैं।
- यह परियोजना क्षेत्र शाहाबाद संरक्षण रिजर्व के अंतर्गत आता है, जोकि वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन अधिनियम (WPAA) 2022 की अनुसूची-I के तहत संरक्षित वन्यजीव प्रजातियों का घर है।
- विरोध का कारण
- इस परियोजना के तहत 4 लाख से ज्यादा पेड़ काटे जाने की योजना है, जिससे जंगल नष्ट हो जाएंगे।
- इतने बड़े पैमाने पर पेड़ काटने से जलवायु पर प्रतिकूल असर पड़ेगा और इस क्षेत्र द्वारा हर साल सोखी जा रही 22.5 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण भी रुक जाएगा।
- इससे स्थानीय पारिस्थितिकी पर गहरा असर पड़ेगा। साथ ही, इस परियोजना के कारण स्थानीय निवासियों की जीविका भी संकट में पड़ सकती है।
- पर्यावरणविदों का कहना है कि इससे वन्यजीवों, वनस्पतियों और दुर्लभ औषधीय जड़ी-बूटियों को गंभीर नुकसान हो सकता है।
- साथ ही पेड़ों के काटे जाने से मिट्टी का भी कटाव होगा और साथ ही पर्यावरण से जुड़े महत्त्वपूर्ण लाभ भी अवरुद्ध हो सकते हैं।
- इस जल विद्युत परियोजना से कुनो चीता योजना के तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों की आवाजाही और कल्याण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
- इस परियोजना के तहत 4 लाख से ज्यादा पेड़ काटे जाने की योजना है, जिससे जंगल नष्ट हो जाएंगे।
- शाहबाद जंगल
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शाहबाद जंगल जैवविविधता से भरपूर है और यह संरक्षित वन्यजीव प्रजातियों का घर है।
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यह जंगल राजस्थान के बारां में हैं, जो मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में चीतों के लिये निर्धारित आवास के बेहद नज़दीक हैं।
- शाहाबाद का वन क्षेत्र माधव राष्ट्रीय उद्यान और चीता कॉरिडोर के बीच स्थित है, जो प्रस्तावित परियोजना से बाधित होगा।
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कूनो नदी
- कूनो नदी कूनो राष्ट्रीय उद्यान के मध्य से होकर बहती है और यह मध्य प्रदेश में दक्षिण से उत्तर की ओर प्रवाहित होती है।
- यह नदी विंध्यपर्वत शृंखला से उत्पन्न होकर मध्य प्रदेश के गुना, शिवपुरी, श्योपुर और मुरैना जैसे विभिन्न ज़िलों से होकर गुजरती है।
- कूनो नदी का क्षेत्र भारत की प्रसिद्ध चीता परियोजना का भी हिस्सा है, जो कूनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है।
- यह नदी क्षेत्रीय जैवविविधता का समर्थन करती है और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
कूनो राष्ट्रीय उद्यान (NP):
- कूनो राष्ट्रीय उद्यान (NP) (श्योपुर, मध्य प्रदेश) को वर्ष 1981 में एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था और वर्ष 2018 में इसे राष्ट्रीय उद्यान में अपग्रेड किया गया।
- भूगोल: इसमें मुख्य रूप से शुष्क पर्णपाती वन हैं और चंबल की एक प्रमुख सहायक नदी कुनो नदी उद्यान से होकर बहती है।
- यह विंध्य पर्वतमाला में स्थित है।
- जीव-जंतु: तेंदुआ, धारीदार लकड़बग्घा, भारतीय भेड़िया, कृष्णमृग, सांभर हिरण, घड़ियाल (कुनो नदी)।
- इसका चयन भारत में चीता के आगमन हेतु कार्य योजना के अंतर्गत किया गया था।
- वनस्पति: प्राथमिक वृक्ष प्रजातियाँ करधई, खैर और सलाई हैं।