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घड़ियाल

  • 05 Jul 2024
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एवं टाइगर रिजर्व में एकल मादा घड़ियाल की उपस्थिति से ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली (BRS) में इस प्रजाति के पुनरुद्धार की आशा है।

  • घड़ियाल (गेवियलिस गैंगेटिकस) अपनी लंबी थूथन के कारण अन्य मगरमच्छों से भिन्न होते है। ऐसा माना जाता है कि यह 1950 के दशक में BRS से विलुप्त हो गए थे, और साथ ही 1990 के दशक में इनकों यहाँ देखा गया था।
  • भारतीय वन्यजीव संस्थान के अनुसार, घड़ियाल भारत, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल तथा पाकिस्तान की ब्रह्मपुत्र, गंगा, सिंधु एवं महानदी-ब्राह्मणी-बैतरणी नदी प्रणालियों में व्यापक रूप से पाए जाते हैं।
    • वर्तमान में, उनकी प्रमुख आबादी गंगा की तीन सहायक नदियों (भारत में चंबल और गिरवा, तथा नेपाल में राप्ती-नारायणी नदी) में पाई जाती है।
  •  IUCN की रेड लिस्ट के अनुसार निर्माण परियोजनाओं एवं जल निकासी के कारण इसके नदी पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव पड़ने के कारण घड़ियाल गंभीर रूप से संकतग्रस्त है।

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और पढ़ें: घड़ियाल,  ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली (BRS)

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