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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 11 अक्तूबर, 2023

  • 11 Oct 2023
  • 9 min read

इंटरनेशनल डे ऑफ द गर्ल

हाल ही में चेन्नई की एक 21 वर्षीय महिला को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस (इंटरनेशनल डे ऑफ द गर्ल) 2023 के उपलक्ष्य में ब्रिटिश उच्चायोग द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता में विजयी होने के बाद एक राजनयिक की भूमिका में पूरे दिन समय बिताने का अवसर मिला।

  • प्रतिवर्ष 11 अक्तूबर को मनाया जाने वाला इंटरनेशनल डे ऑफ द गर्ल पहली बार वर्ष 2012 में मनाया गया था।
  • वर्ष 1995 में बीजिंग घोषणा और प्लेटफाॅर्म फाॅर एक्शन द्वारा बालिकाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिये एक कार्य योजना का प्रस्ताव रखा गया था।
  • वर्ष 2011 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस घोषित करने के लिये संकल्प 66/170 को अंगीकृत किया।
    • इस दिवस का उद्देश्य बालिकाओं की शिक्षा, उनके अधिकारों और लैंगिक समानता के महत्त्व को बढ़ावा देना है।
    • यह वैश्विक समुदाय से वचनद्धताओं की पुष्टि के साथ ही बालिकाओं को सशक्त बनाने वाले बदलाव लाने हेतु आवश्यक कार्रवाई में साहसपूर्वक योगदान करने का आह्वान करता है।
  • अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 2023 का विषय है: "बालिकाओं के अधिकारों में निवेश: हमारा नेतृत्व, हमारा कल्याण (Invest in Girls' Rights: Our Leadership, Our Well-being)।"

और पढ़ें…अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस

टेली मानस सेवा

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने टेली मानसिक स्वास्थ्य सहायता एवं राज्यों में नेटवर्किंग (टेली मानस) सेवा की सफलता पर प्रकाश डाला।

  • टेली मानस सेवा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2022 पर शुरू की गई एक मानसिक स्वास्थ्य परामर्श सेवा है।
  • टेली मानस का उद्देश्य सभी भारतीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NMHP) के एक डिजिटल घटक के रूप में 24X7 टेली-मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से न्यायसंगत, सुलभ, किफायती और गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य देखभाल तक सार्वभौमिक पहुँच प्रदान करना है।
  • टेली मानस हेल्पलाइन ऑडियो कॉलिंग और ऑटो-कॉल बैक सिस्टम के साथ टोल-फ्री पहुँच प्रदान करती है। प्रशिक्षित परामर्शदाता ज़रूरत पड़ने पर विशेषज्ञों को संदर्भित करते हुए ऑडियो तथा वीडियो विकल्पों सहित देखभाल प्रदान करते हैं।
    • तत्काल व्यक्तिगत देखभाल के लिये स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों से तृतीयक देखभाल केंद्रों तक ई-संजीवनी के माध्यम से स्वास्थ्य केंद्रों में रेफरल की व्यवस्था की जाती है।
  • टेली मानस ने 11 अक्तूबर, 2023 तक 3,50,000 से अधिक लोगों को परामर्श दिया है और इस हेल्पलाइन पर प्रतिदिन 1,000 से अधिक कॉल प्राप्त हो रही हैं।

और पढ़ें… विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2022, भारत की राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा: ई-संजीवनी

इंद्रधनुष की प्रकाशिक परिघटना

इंद्रधनुष, एक मौसम संबंधी अद्भुत वायुमंडलीय प्रकाशीय परिघटना है जो वर्षा के बाद अपने उज्ज्वल रंगों के साथ आकाश को सुशोभित करता है, इसका अस्तित्व जल की बूँदों द्वारा प्रकाश के परावर्तन, अपवर्तन और प्रकीर्णन के कारण होता है। भारी वर्षा के बाद ये प्रकाशिक परिघटनाएँ क्षितिज पर इस प्रकार विस्तृत प्रतीत होती हैं, जैसे कि पृथ्वी की सतह को छू रही हों। यह एक दृष्टि संबंधी प्रकाशिक भ्रम है, जो वास्तव में आकाश में किसी विशिष्ट स्थान पर नहीं होता।

  • जब सूर्य की किरणें बारिश की बूँदों से टकराती है, तो कुछ प्रकाश परावर्तित हो जाता है। चूँकि विद्युत-चुंबकीय स्पेक्ट्रम कई अलग-अलग तरंगदैर्घ्य के प्रकाश से बना होता है और प्रत्येक तरंगदैर्घ्य एक अलग कोण पर परावर्तित होता है। इस प्रकार स्पेक्ट्रम अलग हो जाता है, जिससे इंद्रधनुष बनता है।
    • प्रत्येक वर्षा बूँद अनिवार्य रूप से एक लघु प्रिज़्म के रूप में कार्य करती है, जो प्रकाश को उसके घटक रंगों में अपवर्तित और प्रकीर्णित करती है।
    • जिस कोण पर ये रंग पर्यवेक्षक की आँख तक पहुँचते हैं वह स्थिर रहता है।
  • आकाश में इंद्रधनुष का स्थान सूर्य की स्थिति से निर्धारित होता है।
    • वर्षा की बूँदें, विशिष्ट कोणों पर सूर्य के विपरीत दिशा में उन्मुख होकर एक पूर्ण चक्र बना सकती हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर से हम क्षितिज के कारण इसकी केवल एक चाप ही देख पाते हैं।
    • लेकिन डूबते सूर्य जैसी विशेष परिस्थितियों में पहाड़ की चोटियों या गर्म हवा के गुब्बारे जैसे उच्च सुविधाजनक बिंदुओं से पर्यवेक्षक इस अद्भुत प्रकाशिक परिघटना के पूर्ण गोलाकार प्रदर्शन का अनुभव कर सकते हैं।

और पढ़ें… इंद्रधनुष

राष्ट्रीय जलमार्ग 44 (इचामती नदी)

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय जलमार्ग 44 पर एक महत्त्वपूर्ण ड्रेजिंग कार्य शुरू किया गया है, जिसमें पश्चिम बंगाल की इचामती नदी भी शामिल है। इस परियोजना का उद्देश्य इचामती नदी की नौवहन गहराई को बढ़ाना है, जिससे ज्वारीय प्रभावों को प्रबंधित करने की इसकी क्षमता को बढ़ाने में सहायता मिलेगी।

  • इचामती नदी, जो भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा के रूप में कार्य करती है, इन दोनों देशों से होकर बहती है तथा इसके तीन विशिष्ट खंड हैं। इसके अतिरिक्त पश्चिम बंगाल के उत्तर 24-परगना ज़िले में स्थित ऑक्सबो झील का भी स्रोत है।
    • हालाँकि नदी में गाद जमा होने से इसे चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिससे शुष्क मौसम में इसका प्रवाह कम हो जाता है तथा वर्षा के मौसम में बाढ़ की संभावना बढ़ जाती है।
  • इचामाती जैसे राष्ट्रीय जलमार्ग परिवहन के लिये आवश्यक हैं, भारत में कुल 14,500 किलोमीटर तक फैले 111 ऐसे अंतर्देशीय जलमार्ग मौजूद हैं

उत्तर-पश्चिमी अफगानिस्तान में भूकंप के झटके

हाल ही में उत्तर-पश्चिमी अफगानिस्तान में आए 6.3 तीव्रता के भूकंप से जान-माल की भारी तबाही हुई है।

  • इस विनाशकारी भूकंप के कारण यहाँ के निवासियों का जीवन काफी निराशापूर्ण स्थिति में है, वे मौजूदा प्रतिकूल परिस्थितियों से उबरने तथा अपने जीवन को पुन: व्यवस्थित करने के लिये निरंतर संघर्षरत हैं।
  • भूकंप, पृथ्वी के अचानक तीव्र गति से कंपन की घटना है। इन हलचलों के परिणामस्वरूप भूकंपीय तरंगों के रूप में ऊर्जा मुक्त हो सकती है, जो पृथ्वी के माध्यम से फैलती है, जिससे ज़मीन हिलने लगती है।
    • पृथ्वी की सतह पर वह बिंदु जिसके ठीक ऊपर भूकंप उत्पन्न होता है उसे उपरिकेंद्र (एपिसेंटर) कहा जाता है और पृथ्वी के भीतर का वह स्थान जहाँ भूकंप की ऊर्जा निकलती है उसे हाइपोसेंटर या फोकस के रूप में जाना जाता है।

और पढ़ें… भूकंप

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