Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 08 जून, 2023 | 08 Jun 2023
वित्त वर्ष 2023-24 हेतु भारत की आर्थिक वृद्धि पर विश्व बैंक का पूर्वानुमान
विश्व बैंक के ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स के नवीनतम संस्करण में वैश्विक विकास वर्ष 2022 में 3.1% से घटकर 2023 में 2.1% होने का अनुमान है, साथ ही चीन के अलावा उभरते बाज़ारों एवं विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (Developing Economies- EMDE) में पिछले वर्ष के 4.1% की तुलना में इस वर्ष 2.9% तक विकास दर धीमी होने की संभावना है। वर्ष 2023 की पहली तिमाही में भारत में बेरोज़गारी घटकर 6.8% हो गई, जो कि कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से सबसे कम है, साथ ही श्रम बल की भागीदारी में वृद्धि हुई है। इस संशोधन को उच्च मुद्रास्फीति, बढ़ती ऋण लागत एवं निजी तथा सरकारी खपत को प्रभावित करने वाले राजकोषीय समेकन जैसे कारकों हेतु ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है। हालाँकि भारत सबसे बड़ी EMDE में सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था (कुल और प्रति व्यक्ति GDP दोनों के संदर्भ में) बना रहेगा। ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स विश्व बैंक समूह की प्रमुख रिपोर्ट है जो उभरते बाज़ारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान देने के साथ वैश्विक आर्थिक विकास एवं संभावनाओं की जाँच करती है। यह रिपोर्ट वर्ष में दो बार जनवरी व जून में जारी की जाती है, जो वैश्विक विकास, व्यापार, मुद्रास्फीति, वित्तीय बाज़ारों तथा क्षेत्रीय दृष्टिकोणों का विश्लेषण एवं पूर्वानुमान प्रदान करती है।
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सरकार ने 2000 PACS को जन औषधि केंद्र स्थापित करने की अनुमति दी
भारत सरकार ने 2000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (Primary Agricultural Credit Societies- PACS) को देश भर में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र स्थापित करने की अनुमति देकर एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। ये केंद्र नवंबर 2008 में रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि योजना का हिस्सा हैं। इन केंद्रों का उद्देश्य सभी को वहनीय, उच्च गुणवत्ता वाली दवाएँ उपलब्ध कराना है, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को ताकि स्वास्थ्य देखभाल के खर्च में कमी लाई जा सके। जन औषधि केंद्रों पर जेनेरिक दवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं जो अधिक महँगी ब्रांडेड दवाओं की गुणवत्ता और प्रभावकारिता के बराबर होती हैं तथा ये कम कीमतों (ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50% से 90% कम दर पर) पर उपलब्ध हैं । वे जन औषधि केंद्र संचालन की व्यवहार्यता बढ़ाने के लिये आमतौर पर केमिस्ट की दुकानों में पाए जाने वाले संबद्ध चिकित्सा उत्पादों की भी बिक्री करते हैं। फार्मास्युटिकल्स विभाग के तहत सभी फार्मा सेंट्रल पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (CPSUs) की सहायता से स्थापित फार्मास्यूटिकल एंड मेडिकल डिवाइसेज़ ब्यूरो ऑफ इंडिया (PMBI), जेनेरिक दवाओं की खरीद, आपूर्ति और विपणन की देख-रेख करता है। PACS ग्राम-स्तरीय सहकारी ऋण संस्थाएँ हैं जो किसानों को ऋण और इनपुट सेवाएँ प्रदान करती हैं। PACS के लिये पुनर्वित्त का प्रबंध राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा ज़िला केंद्रीय सहकारी बैंकों (DCCB) और राज्य सहकारी बैंकों (StCB) के माध्यम से किया जाता है।
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विश्व महासागर दिवस
महासागरों के महत्त्व और समुद्री संसाधनों के सुरक्षा और संरक्षण के महत्त्व के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिये प्रतिवर्ष 8 जून को विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है। विश्व महासागर दिवस 2023 की थीम "महासागर ग्रह: लहरें बदल रही हैं" है। महासागर ग्रह के 70% से अधिक को कवर करता है। महासागर ग्रह के कम-से-कम 50% ऑक्सीजन का उत्पादन करता है, यह पृथ्वी की अधिकांश जैवविविधता का घर है और दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोगों के लिये प्रोटीन का मुख्य स्रोत है। वर्ष 2030 तक महासागर आधारित उद्योगों द्वारा अनुमानित 40 मिलियन लोगों को रोज़गार देने के साथ महासागर हमारी अर्थव्यवस्था के लिये भी महत्त्वपूर्ण है। अपने सभी लाभों के बावजूद महासागर के संरक्षण की आवश्यकता है। 90% बड़ी मछलियों की आबादी कम हो गई है और 50% प्रवाल भित्तियाँ नष्ट हो चुकी है, हम समुद्र से अधिक ले रहे हैं जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती है। महासागर के साथ संतुलन बनाने के लिये एक साथ काम करने की आवश्यकता है जो इसके लाभों को कम नहीं करता है बल्कि इसकी जीवंतता को बहाल कर इसे नया जीवन देगा।
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"व्यसन मुक्त अमृत काल" के लिये राष्ट्रीय अभियान
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने हाल ही में विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई) पर राष्ट्रीय अभियान "व्यसन मुक्त अमृत काल" शुरू किया, जिसका उद्देश्य एक स्वस्थ और व्यसन मुक्त भारत बनाना है। तंबाकू मुक्त भारत के साथ यह अभियान विशेष रूप से देश में बच्चों के बीच तंबाकू और नशीली दवाओं की लत के मुद्दे को संबोधित करने पर केंद्रित है तथा बच्चों के लिये तंबाकू मुक्त पर्यावरण बनाने हेतु सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (COTPA) संशोधन अधिनियम के महत्त्व पर बल देता है। तंबाकू तथा नशीली दवाओं की लत से संबंधित उच्च स्वास्थ्य जोखिम है, भारत में तंबाकू के सेवन से सालाना 13 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। तंबाकू और नशीली दवाओं के खिलाफ लड़ाई में बच्चों को सक्रिय रूप से शामिल करने के लिये स्कूलों में 'प्रहरी क्लब' स्थापित किये गए हैं। अब तक लगभग 60,000 ऐसे क्लबों का गठन किया जा चुका है। ये क्लब बच्चों को अपने स्कूलों के पास किसी भी तंबाकू बेचने वाली दुकान की सूचना देकर सरकार की आँख और कान के रूप में सेवा करने में सक्षम बनाते हैं।
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