शासन व्यवस्था
जन औषधि दिवस
- 01 Mar 2022
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प्रीलिम्स के लिये:जनऔषधि दिवस, प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) और इसकी विशेषताएँ। मेन्स के लिये:भारतीय फार्मा सेक्टर और संबंधित मुद्दे, जेनेरिक दवाएँ और इसकी आवश्यकता, भारत में जेनेरिक दवा को बढ़ावा देने हेतु उठाए गए कदम, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, स्वास्थ्य। |
चर्चा में क्यों?
फार्मास्युटिकल्स विभाग के तत्वावधान में ‘फार्मास्युटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया’ (PMBI) चौथा ‘जन औषधि दिवस’ आयोजित करने जा रहा है।
- इसके तहत सभी गतिविधियाँ ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत आयोजित की जाएंगी और 75 स्थानों पर कई कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है।
- इससे जेनेरिक दवाओं के उपयोग एवं जन औषधि परियोजना के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा होगी।
- इस वर्ष (2022) जन औषधि दिवस का विषय ‘जन औषधि-जन उपयोगी’ है।
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP)
- इस परियोजना को फार्मास्युटिकल विभाग द्वारा वर्ष 2008 में ‘जनऔषधि अभियान’ के नाम से शुरू किया गया एक अभियान है।
- वर्ष 2015-16 में अभियान को PMBJP के रूप में नया रूप दिया गया।
- ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (BPPI) इसके लिये कार्यान्वयन एजेंसी है।
- ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (BPPI) रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत काम करता है।
- BPPI ने जन औषधि सुगम एप्लीकेशन भी विकसित किया है।
- एक दवा की कीमत शीर्ष तीन महँगी ब्रांडेड दवाओं के औसत मूल्य के अधिकतम 50% के सिद्धांत पर होती है। इस प्रकार जन औषधि दवाओं की कीमतें कम-से-कम 50% और कुछ मामलों में ब्रांडेड दवाओं के बाज़ार मूल्य के 80% से 90% तक सस्ती होती हैं।
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि का उद्देश्य
- सभी के लिये सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवाएँ, उपभोज्य एवं सर्जिकल सामग्री उपलब्ध कराकर उपभोक्ताओं/मरीजों के जेब खर्च को कम करना।
- जेनेरिक दवाओं को जनता के बीच लोकप्रिय बनाना तथा यह प्रचलित धारणा को दूर करना कि कम कीमत वाली जेनेरिक दवाएँ ख़राब गुणवत्ता या कम प्रभावी होती हैं।
- जेनेरिक दवाएँ गैर-ब्रांडेड दवाएँ हैं जो समान रूप से सुरक्षित हैं तथा गुणवत्ता एवं प्रभावकारिता के मामले में ब्रांडेड दवाओं के समतुल्य हैं।
- भारत भर में सभी महिलाओं को मासिक धर्म स्वास्थ्य सेवाओं (जन औषधि 'सुविधा' सैनिटरी नैपकिन) की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- ‘प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र’ के माध्यम से व्यक्तिगत उद्यमियों को शामिल करके रोज़गार पैदा करना।
जन औषधि केंद्र
- जन औषधि केंद्रों से सभी को गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं।
- ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू इन इंडिया (BPPI) प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के एक हिस्से के रूप में जन औषधि केंद्रों का समर्थन करता है।
- सरकार ने मार्च 2025 के अंत तक प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों (PMBJKs) की संख्या को बढ़ाकर 10,500 करने का लक्ष्य रखा है।
- 31 जनवरी, 2022 तक केंद्रों की संख्या बढ़कर 8,675 हो गई है।
- PMBJP के उत्पाद समूह में 1451 दवाएँ और 240 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं।
- इसके अलावा नई दवाएँ और न्यूट्रास्युटिकल उत्पाद जैसे प्रोटीन पाउडर, माल्ट-आधारित खाद्य पूरक, प्रोटीन बार, इम्युनिटी बार, सैनिटाइज़र, मास्क, ग्लूकोमीटर, ऑक्सीमीटर आदि लॉन्च किये गए हैं।
प्रदर्शन का विश्लेषण:
- चालू वित्त वर्ष 2021-22 में PMBJP ने 751.42 करोड़ रुपए की बिक्री की। इसके परिणामस्वरूप देश के नागरिकों को लगभग 4500 करोड़ रुपए की बचत हुई है।
- यह योजना स्थायी और नियमित आय के साथ स्वरोज़गार का एक अच्छा स्रोत भी प्रदान कर रही है।
- एक सर्वेक्षण के अनुसार प्रति स्टोर प्रति माह औसत बिक्री बढ़कर 1.50 लाख रुपए (ओवर-द-काउंटर और अन्य उत्पादों सहित) हो गई है।
- ओवर-द-काउंटर एक ऐसी दवा को संदर्भित करता है जिसे बिना प्रिस्क्रिप्शन के खरीदा जा सकता है।