प्रधानमंत्री जन-धन योजना के दस वर्ष | 28 Aug 2024

प्रिलिम्स के लिये:

प्रधानमंत्री जन-धन योजना, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना, ओवरड्राफ्ट सुविधा, वित्तीय साक्षरता, जन धन दर्शक ऐप, माइक्रो इंश्योरेंस, वित्तीय समावेशन हेतु राष्ट्रीय रणनीति, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY), अटल पेंशन योजना (APY), माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी बैंक (MUDRA), डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) 

मेन्स के लिये:

प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) एवं भारतीय बैंकिंग पर इसका प्रभाव, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप।

स्रोत: बिज़नेस स्टैण्डर्ड

चर्चा में क्यों ?

वर्ष 2024 में प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) का दसवाँ वर्ष है। PMJDY को दस वर्ष पूर्व 28 अगस्त, 2014 को लॉन्च किया गया था।

  • सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान PMJDY के तहत 3 करोड़ से अधिक खाते खोलना है।

प्रधानमंत्री जन-धन योजना की उपलब्धियाँ क्या हैं?

  • खाता विस्तार: मार्च, 2015 में PMJDY ने 147 मिलियन खाते खोले थे, जो मार्च, 2024 में 520 मिलियन खातों तक पहुँच गया है।
  • जमा संग्रहण: मार्च, 2015 में जमा संग्रहण 15,600 करोड़ रुपए था, जो मार्च, 2024 में बढ़कर 2.32 ट्रिलियन रुपए हो गया।
    • पिछले 10 वर्षों में जमा संग्रहण 30% की चक्रवृद्धि औसत वृद्धि दर से बढ़ा है।
    • मार्च, 2015 में औसत शेष राशि 1,065 रुपए से बढ़कर मार्च 2024 में 4,476 रुपए हो गई, जो पिछले दशक में लगभग चार गुना है।
  • बैंकिंग अवसंरचना का विस्तार: जन धन दर्शक (JDD) ऐप पर 1.3 मिलियन से अधिक बैंकिंग टच पॉइंट मैप किये गए हैं। 
    • जुलाई, 2023 तक JDD ऐप पर कुल 6,01,000 गाँव मैप किये गए हैं। इनमें से कुल मैप किये गए गाँवों में से 5,99,468 (99.7%) गाँवों में बैंकिंग आउटलेट (बैंक शाखा, बैंकिंग कॉर्नर, या 5 किमी के दायरे में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक) की सुविधाएँ हैं।
    • जन धन दर्शक ऐप एक मोबाइल एप्लीकेशन है, जो नागरिकों को शाखाओं, ATM, बैंकिंग संवाददाता (BC), IPPB आदि जैसे बैंकिंग टचपॉइंट्स का पता लगाने में मदद करता है।
  • ग्रामीण-शहरी समानता: वित्त मंत्रालय के अनुसार, PMJDY ने कुल 53.13 करोड़ PMJDY खातों की उपलब्धि हासिल की, जिसमें से 55.6% (29.56 करोड़) जन-धन खाताधारक महिलाएँ हैं और 66.6% (35.37 करोड़) जन धन खाते ग्रामीण तथा अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं।
  • डिजिटल भुगतान में वृद्धि: UPI वित्तीय लेन-देन की कुल संख्या वित्त वर्ष 2018 में 920 मिलियन से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 131.2 बिलियन हो गई है।
    • इसी तरह पॉइंट ऑफ सेल (PoS) और ई-कॉमर्स पर RuPay कार्ड लेनदेन की कुल संख्या वित्त वर्ष 2018 में 670 मिलियन से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 1.26 बिलियन हो गई है।
  • प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT): PMJDY ने 312 प्रमुख योजनाओं के माध्यम से 53 केंद्रीय सरकारी मंत्रालयों से लाभार्थियों को लगभग 361 बिलियन अमरीकी डॉलर सीधे हस्तांतरित किये।
    • कोविड-19 के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के तहत PMJDY खातों ने तीन महीने (अप्रैल, मई और जून 2020) के लिये 500 रुपए प्रति माह के एकमुश्त अनुग्रह भुगतान में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे 206.4 मिलियन महिला खाताधारक लाभान्वित हुई।
  • ओवरड्राफ्ट (OD) खाते: मार्च, 2024 तक ऐसे PMJDY खाताधारकों के लिये 190 करोड़ रुपए की स्वीकृत राशि के साथ कुल 1,17,701 ओवरड्राफ्ट सुविधा खाते खोले गए हैं। इस सीमा का उपयोग 80.5% है।
  • कम शून्य शेष वाले खाते: यद्यपि PMJDY के तहत शून्य शेष वाले खातों की अनुमति है और न्यूनतम शेष राशि बनाए रखना अनिवार्य नहीं है, फिर भी केवल 8.4% खातों में शून्य शेष राशि है।
  • विश्व बैंक द्वारा प्रशंसा: विश्व बैंक के अनुसार, भारत ने छह वर्षों में इतना कुछ हासिल कर लिया है जितना वह पाँच दशकों में नहीं कर पाता।

PMJDY क्या है?

  • PMJDY एक वित्तीय समावेशन कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य किफायती तरीके से वित्तीय सेवाओं जैसे मूल बचत और जमा खाते, धन प्रेषण, ऋण, बीमा, पेंशन तक पहुँच सुनिश्चित करना है।
  • इस योजना के अंतर्गत जिन व्यक्तियों के पास कोई अन्य खाता नहीं है, वे किसी भी बैंक शाखा या बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट (बैंक मित्र) आउटलेट में मूल बचत बैंक जमा (BSBD) खाता खोल सकते हैं।
  • विशेषताएँ:

PMJDY से जुड़ी चुनौतियाँ क्या हैं?

  • एक से अधिक खाते: बड़े बीमा कवर, आकस्मिक मृत्यु लाभ कवर और ओवरड्राफ्ट सुविधा पाने के लालच में लोग आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि जैसे विभिन्न पहचान दस्तावेज़ों का उपयोग करके विभिन्न बैंकों में कई खाते खोल लेते हैं।
  • बैंकों पर आर्थिक बोझ: बहुत अधिक संख्या में ऐसे खाते जिनमें लगातार कम शेष राशि रहती है, उनके प्रबंधन में बैंकों के लिये वित्तीय समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
  • धन शोधन: ऐसी चिंताएँ हैं कि गरीबों के जन धन खातों का उपयोग काले धन के संचालकों द्वारा धन शोधन में किया जाता है।
    • विमुद्रीकरण के बाद जनधन खातों का उपयोग धन शोधन के लिये किया गया।
  • ओवरड्राफ्ट सुविधा में कमी: OD सुविधा प्रदान करना संबंधित बैंकों का विवेकाधिकार है। कई बैंक OD सुविधा देने से मना कर देते हैं, जिससे उद्देश्य पूरा नहीं हो पाता।
  • अधिकार का दुरुपयोग: कभी-कभी व्यवसाय संवाददाता (Business Correspondents- BC) अधिकार का दुरुपयोग करते हैं और गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों का जीवन दयनीय बना देते हैं।
    • BC उन सेवाओं के लिये अतिरिक्त शुल्क ले सकते हैं जो निःशुल्क या न्यूनतम लागत वाली मानी जाती हैं, जैसे बैंक खाते खोलना, लेन-देन की प्रक्रिया करना या ऋण प्रदान करना।
  • बैड लोन: यह संभावना है कि ओवरड्राफ्ट सुविधा बैंकों के लिये बैड लोन के रूप में समाप्त हो सकती है, क्योंकि इस योजना में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि बैंक ऋण कैसे वसूल सकते हैं।
    • अतीत में अनेक ऋण माफी योजनाओं के कारण लोग ऋण को मुफ्त में मिलने वाली वस्तु मानने लगे हैं।
  • वित्तीय एवं प्रौद्योगिकी निरक्षरता: बचत, उधार, निवेश और व्यय के बारे में निर्णय लेने के लिये ग्रामीण लोगों में जागरूकता, ज्ञान तथा कौशल की कमी है।
    • वित्तीय सेवा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वीज़ा द्वारा किये गए सर्वेक्षण से पता चला है कि 65% भारतीयों में वित्तीय साक्षरता का अभाव है।

आगे की राह

  • केंद्रीकृत सत्यापन प्रणाली: बायोमेट्रिक और डिजिटल पहचान सत्यापन का उपयोग करके खातों के दोहराव को रोकने के लिये एक केंद्रीकृत प्रणाली लागू करना।
    • व्यक्तियों को एक से अधिक खाते रखने के स्थान पर एक ही खाता रखने के लिये प्रोत्साहित करना, जैसे कि बढ़े हुए लाभ या कम शुल्क।
  • वित्तीय समावेशन के लिये राष्ट्रीय रणनीति (NSFI): वर्ष 2025-30 के लिये आगामी NFSI को लक्षित जनसंख्या के बीच सामाजिक सुरक्षा योजना की पहुँच और जागरूकता बढ़ाने हेतु PMJDY पर ज़ोर देना चाहिये।
  • सभी के लिये बीमा: भारत को केवल खातों और शेष राशि पर ध्यान केंद्रित करने से हटकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
    • PMJDY खाताधारकों को सूक्ष्म बीमा योजनाओं के अंतर्गत कवरेज सुनिश्चित करने के लिये प्रयास किये जाने की आवश्यकता है।
    • PMJDY खाताधारकों की माइक्रो-क्रेडिट और फ्लेक्सी-आवर्ती जमा जैसे माइक्रो निवेश तक पहुँच में सुधार की आवश्यकता है।
  • OD खातों की पहुँच में वृद्धि: ओडी खातों की पहुँच में सुधार किया जाना चाहिये ताकि PMJDY विकास के एक अच्छे चरण के लिये उत्प्रेरक बन सके और विकसित भारत की दिशा में योगदान दे सके।
  • नए फोकस क्षेत्र: केंद्र का मानना ​​है कि PMJDY ने वयस्क आबादी के अधिकांश हिस्से को शामिल कर लिया है। अब हमारा ध्यान संपूर्ण वयस्क आबादी और वयस्कता प्राप्त करने वालों को भी शामिल करने पर है।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न: आलोचनात्मक रूप से चर्चा कीजिये कि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री जन-धन योजना ने भारत में वित्तीय समावेशन में किस प्रकार मदद की है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न: भारत में बैंकों द्वारा प्राथमिकता क्षेत्र ऋण में निम्नलिखित को ऋण देना शामिल है: (2013)

(a) कृषि
(b) सूक्ष्म और लघु उद्यम
(c) कमज़ोर वर्ग
(d) उपर्युक्त सभी

उत्तर: (d)


प्रश्न. 'प्रधानमंत्री जन धन योजना' निम्नलिखित में से किसके लिये प्रारंभ की गई है? (2015)

(a) गरीब लोगों को अपेक्षाकृत कम ब्याज-दर पर आवास-ऋण प्रदान करने के लिये।
(b) पिछड़े क्षेत्रों में महिलाओं के स्वयं-सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने के लिये।
(c) देश में वित्तीय समावेशन (फाइनेंशियल इंक्लूजन) को प्रोत्साहित करने के लिये।
(d) उपांतिक (मार्जिनलाइज़्ड) समुदायों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिये।

उत्तर: (c)


मेन्स:

प्रश्न. प्रधानमंत्री जन धन योजना (पी.एम.जे.डी.वाई.) बैंकरहितों को संस्थागत वित्त में लाने के लिये आवश्यक है। क्या आप सहमत हैं कि इससे भारतीय समाज के गरीब तबके का वित्तीय समावेश होगा? अपने मत की पुष्टि के लिये तर्क प्रस्तुत कीजिये। (2016)

प्रश्न .भारत की संभावित वृद्धि के कई कारकों में से बचत दर सबसेअधिक प्रभावी है। क्या आप सहमत हैं? विकास क्षमता के लिये अन्य कौन से कारक उपलब्ध हैं? (2017)