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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

जन-धन, आधार और मोबाइल नंबर से सामाजिक क्रांति

  • 28 Aug 2017
  • 4 min read

चर्चा में क्यों ? 

प्रधानमंत्री जन-धन योजना के 28 अगस्त को तीन वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस उपलक्ष्य में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि जन-धन, आधार और मोबाइल की त्रयी ने देश में एक ऐसी सामाजिक क्रांति की शुरुआत की है, जो अंततः सभी भारतीयों को एक साझे वित्तीय, आर्थिक और डिजिटल धरातल पर ले जाएगी और यह सब कुछ उसी तरह होने जा रहा है जिस तरह जीएसटी ने एक एकीकृत बाज़ार बनाकर किया है। 

प्रमुख बिंदु

  • सरकार का विज़न एक अरब आधार नंबर, एक अरब बैंक खातों और एक अरब मोबाइल नम्बरों को आपस में जोड़ना है। ऐसा हो जाने पर समूचा भारत वित्तीय और डिजिटल मुख्यधारा में आ सकता है।  
  • जन-धन, आधार और मोबाइल की त्रयी (जैम) एक सामाजिक क्रांति है। इससे सरकार, देश की अर्थव्यवस्था और विशेषरूप से गरीबों को बहुत फायदा मिल रहा है।
  • प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण के लिये सभी भारतीय नागरिकों के बैंक खाते खोले गए हैं।
  • अब तक कुल 29.52 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं, जिनमें 65844.68 करोड़ रुपए जमा हैं।

जैम (JAM) क्या है ?

  • जन-धन, आधार और मोबाइल नंबर को संयुक्त रूप से जैम कहा जाता है।
  • इसका उद्देश्य सुरक्षित और बिना किसी बाधा के डिजिटल भुगतान तंत्र का विकास करना है ।
  • इसके अलावा इसमें सभी भारतीयों को और विशेष रूप से गरीबों को डिजिटल मुख्य- धारा का हिस्सा बनाना है।

इससे लाभ

  • इससे सरकार और गरीब दोनों को लाभ हो रहा है। 
  • गरीब वित्तीय सेवाओं का उपयोग कर पा रहे हैं।
  • सरकार को सब्सिडी का बोझ घटने और लीकेज़ ख़त्म होने से राहत मिल रही है। वह ज़रुरतमंदों तक संसाधनों को तेज़ी से एवं सुरक्षित तरीके से पहुँचा पा रही है।
  • वर्तमान में, सरकार हर साल 35 करोड़ लाभार्थियों के खातों में 74000 करोड़ रुपए सीधे हस्तांतरित करती है।  
  • वर्तमान में, भारत में 52.4 करोड़ आधार नंबरों को 73.62 करोड़ खातों से जोड़ा जा चुका है। 
  • जैम के चलते गरीब लोग प्रत्येक महीने लगभग 7 करोड़ रुपए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भुगतान कर पा रहे हैं
  • प्रधानमंत्री जन-धन योजना ने मुद्रा (MUDRA) योजना के कार्यान्वयन में भी मदद की है, जिसमें से 3.66 लाख करोड़ रुपए  8.77 करोड़ लाभार्थियों को वितरित किये गए हैं। 

मुद्रा योजना

  • इसका पूरा नाम माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (Micro Units Development and Refinance Agency) है।
  • इसकी शुरुआत 8 अप्रैल 2015 में की गई थी। 
  • इसका उद्देश्य लघु उद्योगों को वित्तीय सहायता पहुँचाकर देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करना है।
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