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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

जापान की एशिया ऊर्जा संक्रमण पहल

  • 04 Mar 2023
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

जापान की एशिया ऊर्जा संक्रमण पहल (AETI), दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN), भारत-जापान एनर्जी डायलॉग, लाइफस्टाइल फॉर एन्वायरनमेंट (LiFE), ग्रीन हाइड्रोजन, धर्म गार्जियन, मालाबार, MILAN, वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC)।

मेन्स के लिये:

स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण, भारत-जापान द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति।

चर्चा में क्यों?

एशिया एनर्जी ट्रांज़िशन इनिशिएटिव (Asia Energy Transition Initiative- AETI) में भारत को शामिल कर जापान द्वारा भारत के स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण का समर्थन किये जाने की उम्मीद है।

एशिया ऊर्जा संक्रमण पहल (AETI): 

  • जापान सरकार ने "एशिया एनर्जी ट्रांज़िशन इनिशिएटिव (AETI)" की घोषणा की है, जिसमें एशिया में ऊर्जा परिवर्तन को साकार करने के लिये विभिन्न प्रकार के समर्थन शामिल हैं।
    • ऊर्जा संक्रमण हेतु रोडमैप तैयार करने में सहायता।
    • संक्रमण के एशियाई संस्करण का वित्तीयन।
    • 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता।
      • नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, LNG आदि के लिये।
    • एशियाई देशों में 1,000 लोगों के लिये डीकार्बोनाइज़ेशन तकनीकों में क्षमता निर्माण।
      • अपतटीय पवन ऊर्जा उत्पादन, ईंधन-अमोनिया, हाइड्रोजन आदि के लिये।
    • डीकार्बोनाइज़ेशन प्रौद्योगिकियों में क्षमता निर्माण और एशिया CCUS नेटवर्क के माध्यम से ज्ञान साझाकरण।
      • ऊर्जा संक्रमण पर कार्यशालाएँ और सेमिनार।
      • प्रौद्योगिकी विकास एवं परिनियोजन, 2 ट्रिलियन येन फंड की उपलब्धता का उपयोग।

भारत-जापान स्वच्छ ऊर्जा सहयोग की प्रमुख विशेषताएँ: 

  • भारत और जापान के बीच स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी मार्च 2022 में शुरू हुई थी।
  • भारत और जापान ने क्रमशः G20 और G7 की अध्यक्षता संभाली है।
    • पर्यावरणीय स्थिरता के संदर्भ में पर्यावरण के लिये जीवन शैली (LiFE) भारत द्वारा G20 की अध्यक्षता में सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
    • साथ ही जापान सरकार द्वारा फीड-इन प्रीमियम (FiP) योजना को अप्रैल 2022 में लागू किया गया था और इससे देश के ऊर्जा परिवर्तन में सुधार की उम्मीद है।
  • जापान ने वर्ष 2050 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है और सरकार ने मई 2022 में स्वच्छ ऊर्जा रणनीति पर एक अंतरिम रिपोर्ट जारी की है।
  • भारतीय उपमहाद्वीप की विशाल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता ग्रीन हाइड्रोजन (GH2) उत्पादन और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में वृद्धि कर सकती है।  
    • नेपाल एवं भूटान में भी अधिशेष जल विद्युत क्षमता है और भारत तथा बांग्लादेश जैसे देश ग्रीन हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइज़र द्वारा इसका दोहन कर सकते हैं।
  • भारत-जापान पर्यावरण सप्ताह जैसे कार्यक्रम तकनीकी, संस्थागत और कार्मिक सहयोग के माध्यम से प्रणाली में परिवर्तनीय नवीकरणीय ऊर्जा को एकीकृत करने के लिये एक रोडमैप बनाने में मदद करेंगे। 

स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण:

  • परिचय:  
    • स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण पारंपरिक, जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा स्रोतों (जैसे कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस) ऊर्जा के स्वच्छ, अधिक टिकाऊ स्रोतों में बदलाव को संदर्भित करता है जिससे पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ता है। 
    • यह परिवर्तन ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और जीवाश्म ईंधन के उपयोग से जुड़े अन्य पर्यावरणीय एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को दूर करने की आवश्यकता से प्रेरित है
  • स्वच्छ ऊर्जा स्रोत:
    • स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों में अक्षय ऊर्जा स्रोत जैसे- सौर, पवन, जल, भूतापीय और बायोमास ऊर्जा के साथ-साथ बैटरी एवं हाइड्रोजन ईंधन सेल जैसी ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकियाँ शामिल हैं।  

भारत-जापान द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति: 

Japan

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. वर्तमान में G-8 के रूप में जाना जाने वाला विभिन्न देशों का एक समूह जिसकी पूर्व में G-7 के रूप में शुरूआत हुई। निम्नलिखित में से कौन उनमें से एक नहीं था? (2009)

(a) कनाडा   
(b) इटली 
(c) जापान   
(d) रूस  

उत्तर: (d) 

स्रोत : डाउन टू अर्थ

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