जैव विविधता और पर्यावरण
पर्यावरण के लिये जीवनशैली (LiFE) आंदोलन
- 24 Sep 2022
- 9 min read
प्रिलिम्स के लिये:पर्यावरण के लिये जीवनशैली, पार्टियों का सम्मेलन (COP26), राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम (NAP), 'प्रो-प्लैनेट पीपल। मेन्स के लिये:पर्यावरण के लिये जीवनशैली (LiFE) का महत्त्व। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने अग्नि तत्त्व की मूल अवधारणा के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिये अग्नि तत्त्व- पर्यावरण के लिये जीवनशैली (LiFE) हेतु ऊर्जा अभियान शुरू किया, एक ऐसा तत्त्व जो ऊर्जा का पर्याय है तथा पंचमहाभूत के पाँच तत्त्वों में से एक है।
- पंचमहाभूत में पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और अंतरिक्ष (आकाश) शामिल हैं।
अग्नि तत्त्व-पर्यावरण के लिये जीवनशैली (LiFE) ऊर्जा अभियान:
- यह विषय विशेषज्ञों के सीखने और अनुभवों पर विचार-विमर्श करने व सभी के लिये एक स्थायी भविष्य हेतु समाधान तलाशने के लिये एक मंच प्रदान करेगा।
- इसके अलावा इसमें स्वास्थ्य, परिवहन, खपत और उत्पादन, सुरक्षा, पर्यावरण एवं आध्यात्मिकता पर ध्यान केंद्रित करने वाले कई महत्त्वपूर्ण विषयों को शामिल किया जाएगा।
पर्यावरण के लिये जीवनशैली (LiFE):
- विषय:
- LiFE का विचार भारत द्वारा वर्ष 2021 में ग्लासगो में 26वें संयुक्त्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) के दौरान पेश किया गया था।
- यह विचार पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवनशैली को बढ़ावा देता है जो 'विवेकहीन और व्यर्थ खपत' के बजाय 'सावधानी के साथ और सुविचारित उपयोग' पर केंद्रित है।
- इस मिशन के शुभारंभ के साथ विवेकहीन और विनाशकारी खपत द्वारा शासित प्रचलित "उपयोग और निपटान" अर्थव्यवस्था को एक सर्कुलर इकॉनमी द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा, जिसे सचेत व सुविचारित खपत द्वारा परिभाषित किया जाएगा।
- LiFE का विचार भारत द्वारा वर्ष 2021 में ग्लासगो में 26वें संयुक्त्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) के दौरान पेश किया गया था।
- उद्देश्य:
- यह जलवायु से संबंधित सामाजिक मानदंडों को प्रभावित करने के लिये सामाजिक नेटवर्क की ताकत का लाभ उठाने का प्रयास करता है।
- मिशन की योजना व्यक्तियों का एक वैश्विक नेटवर्क बनाने और उसका पोषण करने की है, जिसका नाम 'प्रो-प्लैनेट पीपल' (P3) है।
- P3 की पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली को अपनाने और बढ़ावा देने के लिये एक साझा प्रतिबद्धता होगी।
- P3 समुदाय के माध्यम से यह मिशन एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का प्रयास करता है जो पर्यावरण के अनुकूल व्यवहारों को आत्मकेंद्रित होने के लिये सुदृढ़ और सक्षम करेगा।
पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियाँ :
- वनावरण में वृद्धि:
- भारत का वन क्षेत्र का विस्तार हो रहा है और इसलिये शेरों, बाघों, तेंदुओं, हाथियों एवं गैंडों की आबादी बढ़ रही है।
- कुल वन क्षेत्र वर्ष 2021 में कुल भौगोलिक क्षेत्र का 21.71% है, जबकि 2019 में 21.67% और 2017 में 21.54% था।
- भारत का वन क्षेत्र का विस्तार हो रहा है और इसलिये शेरों, बाघों, तेंदुओं, हाथियों एवं गैंडों की आबादी बढ़ रही है।
- स्थापित विद्युत क्षमता:
- गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित स्रोतों से स्थापित विद्युत क्षमता के 40% तक पहुँचने की भारत की प्रतिबद्धता निर्धारित समय से 9 साल पहले हासिल कर ली गई है।
- इथेनॉल ब्लेंडिंग लक्ष्य:
- पेट्रोल में 10% एथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य नवंबर 2022 के लक्ष्य से 5 महीने पूर्व ही प्राप्त किया जा चुका है।
- यह एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि 2013-14 में सम्मिश्रण मुश्किल से 1.5% और 2019-20 में 5% था।
- अक्षय ऊर्जा लक्ष्य:
- भारत सरकार भी अक्षय ऊर्जा पर बहुत अधिक ध्यान दे रही है।
- 30 नवंबर, 2021 को देश की स्थापित अक्षय ऊर्जा (RE) क्षमता 150.54 गीगावाट (सौर: 48.55 गीगावाट, पवन: 40.03 गीगावाट, लघु जलविद्युत: 4.83, जैव-शक्ति: 10.62, बड़ी हाइड्रो: 46.51 गीगावाट) है, जबकि इसकी परमाणु ऊर्जा आधारित स्थापित बिजली क्षमता 6.78 गीगावाट है।
- भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी पवन ऊर्जा क्षमता से युक्त देश है।
अन्य संबंधित पहल:
- राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम: यह वनों के आसपास के अवक्रमित वनों के पुनर्स्थापना और वनरोपण पर केंद्रित है।
- हरित भारत के लिये राष्ट्रीय मिशन: यह जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्ययोजना (National Action Plan on Climate Change) के अंतर्गत है और इसका उद्देश्य जलवायु अनुकूलन एवं शमन रणनीति के रूप में वृक्षों के आवरण में सुधार तथा वृद्धि करना है।
- राष्ट्रीय जैवविविधता कार्ययोजना: इसे प्राकृतिक आवासों के क्षरण, विखंडन और नुकसान की दरों में कमी के लिये नीतियों को लागू करने हेतु शुरू किया गया है।
- ग्रामीण आजीविका योजनाएँ: ग्रामीण आजीविका से आंतरिक रूप से जुड़े प्राकृतिक संसाधनों की मान्यता महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (मनरेगा) और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) जैसी प्रमुख योजनाओं में भी परिलक्षित होती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न: 'राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित अभीष्ट योगदान शब्द को कभी-कभी समाचारों में किस संदर्भ में देखा जाता है? (2016) (a) युद्ध प्रभावित मध्य-पूर्व से शरणार्थियों के पुनर्वास के लिये यूरोपीय देशों द्वारा की गई प्रतिज्ञा उत्तर: (b) व्याख्या:
प्रश्न. जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) की पार्टियों के सम्मेलन (CoP) के 26वें सत्र के प्रमुख परिणामों का वर्णन कीजिये। इस सम्मेलन में भारत द्वारा व्यक्त की गई प्रतिबद्धताएँ क्या हैं? (मुख्य परीक्षा, 2021) |