भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद | 19 May 2023
प्रिलिम्स के लिये:हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा तकनीक, विश्व व्यापार संगठन, मुक्त व्यापार संधियाँ, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ईएफटीए मेन्स के लिये:भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (TTC) की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक ब्रूसेल्स, बेल्जियम में हुई।
- भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद यूरोपीय संघ के लिये दूसरा द्विपक्षीय मंच तथा भारत के लिये किसी भी साझेदार के साथ स्थापित पहला मंच है। यूरोपीय संघ और अमेरिका ने जून 2021 में एक TTC का गठन किया।
बैठक की मुख्य विशेषताएँ:
- बैठक में तीन कार्यकारी समूहों के तहत भविष्य के सहयोग के रोडमैप पर चर्चा हुई:
- रणनीतिक प्रौद्योगिकियाँ, डिजिटल शासन और डिजिटल कनेक्टिविटी
- हरित और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियाँ
- व्यापार, निवेश और लचीली मूल्य शृंखलाएँ
- बैठक का उद्देश्य दिशा प्रदान करना और दोनों पक्षों के बीच सहयोग सुनिश्चित करना था:
- आपसी बाज़ार अभिगम को संबोधित करना
- विश्व व्यापार संगठन (WTO) में सुधार
- मुक्त व्यापार संधियों (FTA) के लिये वार्ता
- पारस्परिक हित के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग
- भारत और यूरोपीय संगठन भी अपने व्यापार संबंधों में उभरते मुद्दे - यूरोपीय संगठन की कार्बन सीमा समायोजन तंत्र (CBAM) को हल करने के लिये कार्य कर रहे हैं।
- यूरोपीय संघ CBAM को एक "ऐतिहासिक उपकरण" के रूप में वर्णित करता है जो यूरोपीय संघ में प्रवेश करने वाली वस्तुओं के उत्पादन के दौरान उत्सर्जित कार्बन को लेकर "उचित मूल्य" निर्धारित करता है और यूरोपीय संघ के बाहर औद्योगिक" उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिये एक तंत्र है।
भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (TTC):
- परिचय:
- TTC के गठन की घोषणा भारतीय प्रधानमंत्री और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष द्वारा 2022 में व्यापार, विश्वसनीय प्रौद्योगिकी एवं सुरक्षा गठजोड़ के साथ रणनीतिक चुनौतियों से निपटने के लिये एक उच्च स्तरीय समन्वय मंच बनाने के उद्देश्य से की गई थी।
- बैठक:
- भारत और यूरोपीय संघ के बीच नियमित उच्च स्तरीय जुड़ाव सुनिश्चित करने के लिये TTC की मंत्रिस्तरीय बैठकें वार्षिक तौर पर आयोजित की जमती हैं।
- संतुलित भागीदारी को बढ़ावा देने और द्विपक्षीय सहयोग को मज़बूत करने हेतु ये बैठकें वैकल्पिक रूप से भारत या यूरोपीय संघ में हो रही हैं।
- भारत और यूरोपीय संघ के बीच नियमित उच्च स्तरीय जुड़ाव सुनिश्चित करने के लिये TTC की मंत्रिस्तरीय बैठकें वार्षिक तौर पर आयोजित की जमती हैं।
- कार्यकारी समूह: TTC में तीन कार्यकारी समूह (WG) शामिल हैं जो भविष्य के सहयोग के रोडमैप पर रिपोर्ट करते हैं:
- सामरिक प्रौद्योगिकियों, डिजिटल शासन और डिजिटल कनेक्टिविटी पर कार्यकारी समूह:
- यह डिजिटल कनेक्टिविटी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, 5जी/6जी, उच्च प्रदर्शन और क्वांटम कंप्यूटिंग, सेमीकंडक्टर, क्लाउड सिस्टम, साइबर सुरक्षा, डिजिटल कौशल तथा डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे पारस्परिक हित के क्षेत्रों पर संयुक्त रूप से काम करेगा।
- ग्रीन एंड क्लीन एनर्जी टेक्नोलॉजीज़ पर कार्यकारी समूह:
- यह अनुसंधान और नवाचार पर ज़ोर देने के साथ निवेश तथा मानकों सहित हरित प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- अनुसंधान क्षेत्रों में स्वच्छ ऊर्जा, चक्रीय अर्थव्यवस्था, अपशिष्ट प्रबंधन, समुद्र में प्लास्टिक और अपशिष्ट, हाइड्रोजन के लिये अपशिष्ट तथा ई-वाहनों हेतु बैटरी का पुनर्चक्रण हो सकता है।
- यह यूरोपीय संघ और भारतीय इन्क्यूबेटरों, SME और स्टार्ट-अप के बीच सहयोग को भी बढ़ावा देगा।
- व्यापार, निवेश और लचीली मूल्य शृंखलाओं पर कार्यकारी समूह:
- यह आपूर्ति शृंखलाओं के लचीलेपन और महत्त्वपूर्ण घटकों, ऊर्जा तथा कच्चे माल तक पहुँच पर काम करेगा।
- यह बहुपक्षीय मंचों में सहयोग को बढ़ावा देकर चिह्नित व्यापार बाधाओं और वैश्विक व्यापार चुनौतियों को हल करने के लिये भी काम करेगा। यह अंतर्राष्ट्रीय मानकों को बढ़ावा देने तथा वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियों को दूर करने के लिये सहयोग की दिशा में काम करेगा।
- सामरिक प्रौद्योगिकियों, डिजिटल शासन और डिजिटल कनेक्टिविटी पर कार्यकारी समूह:
- महत्त्व:
- बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य को स्वीकार करते हुए भारत और यूरोपीय संघ दोनों एक मज़बूत सहयोगात्मक ढाँचा स्थापित करने के महत्त्व को स्वीकार करते हैं।
- TTC न केवल राजनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करेगा बल्कि राजनीतिक निर्णयों को प्रभावी तरीके से लागू करने, तकनीकी प्रयासों का समन्वय करने और राजनीतिक स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक संरचना भी प्रदान करेगा।
- TTC भारत-यूरोपीय संघ द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने में मदद करेगा, जो वर्ष 2022 में 120 बिलियन यूरो मूल्य की वस्तुओं के साथ ऐतिहासिक उच्च स्तर पर है। वर्ष 2022 में 17 बिलियन यूरो के डिजिटल उत्पादों और सेवाओं का व्यापार किया गया था।
भारत के लिये यूरोपीय संघ का महत्त्व:
- रोज़गार: यूरोपीय संघ शांति को बढ़ावा देने, रोज़गार सृजित करने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और पूरे देश में सतत् विकास को बढ़ावा देने हेतु भारत के साथ मिलकर काम करता है।
- वित्तीय सहायता: चूँकि भारत एक निम्न से मध्यम आय वाले देश (OECD 2014) से आगे बढ़ा है, भारत-यूरोपीय संघ सहयोग भी सामान्य प्राथमिकताओं पर ध्यान देने के साथ एक पारंपरिक वित्तीय साझेदारी सहायता की ओर विकसित हो रहा है।
- व्यापार: यूरोपीय संघ भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार (अमेरिका के बाद) और भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात बाज़ार है। भारत यूरोपीय संघ का 10वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, जिसका वस्तु व्यापार में यूरोपीय संघ के कुल व्यापार का 2 प्रतिशत हिस्सा है।
- यूरोपीय संघ और भारत के बीच सेवाओं का व्यापार वर्ष 2021 में 40 बिलियन यूरो तक पहुँच गया था।
- निर्यात: वर्ष 2021-22 में यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के लिये भारत का व्यापारिक निर्यात लगभग 65 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जबकि आयात 51.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- वर्ष 2022-23 के लिये निर्यात 67 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जबकि आयात में 54.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- अन्य द्विपक्षीय तंत्र:
- वर्ष 2017 भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में नेताओं ने सतत विकास के लिये एजेंडा-2030 के कार्यान्वयन पर सहयोग को मज़बूत करने की अपनी सहमति को दोहराया और भारत-यूरोपीय संघ विकास वार्ता की निरंतरता का पता लगाने पर भी सहमति व्यक्त की।
यूरोपीय संघ क्या है?
- यूरोपीय संघ 27 देशों का एक समूह है जो एक सामंजस्यपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक ब्लॉक के रूप में कार्य करता है।
- इनमें से 19 देश अपनी आधिकारिक मुद्रा के रूप में यूरो (€) का उपयोग करते हैं।
- 8 यूरोपीय संघ के सदस्य (बुल्गारिया, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, हंगरी, पोलैंड, रोमानिया और स्वीडन) यूरो का उपयोग नहीं करते हैं।
- यूरोपीय संघ यूरोपीय देशों के बीच सदियों से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिये एकल यूरोपीय राजनीतिक इकाई बनाने की इच्छा से विकसित हुआ जिसकी परिणति द्वितीय विश्व युद्ध के साथ हुई और महाद्वीप का अधिकांश भाग नष्ट हो गया।
- यूरोपीय संघ ने कानूनों की एक मानकीकृत प्रणाली के माध्यम से एक आंतरिक एकल बाज़ार विकसित किया है जो सभी सदस्य देशों में उन मामलों में लागू होता है जहाँ सदस्य एक-साथ कार्य करने के लिये सहमत हुए हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रारंभिक परीक्षा:प्रश्न. ‘व्यापक-आधारयुक्त व्यापार और निवेश करार (ब्रॉड-बेस्ड ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट ऐग्रीमेंट/BTIA)’ कभी-कभी समाचारों में भारत और निम्नलिखित में से किस एक के बीच बातचीत के संदर्भ में दिखाई पड़ता है? (2017) (a) यूरोपीय संघ उत्तर: (a) प्रश्न. भारत और यूरोपीय संघ के बीच द्विपक्षीय व्यापार वार्ता के संदर्भ में यूरोपीय आयोग और यूरोपीय परिषद के बीच क्या अंतर है? (2010)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) |