इंडियाAI मिशन | 27 Jul 2024
प्रिलिम्स के लिये:कृत्रिम बुद्धिमत्ता, इंडियाAI मिशन, लार्ज मल्टीमॉडल मॉडल, गैर-व्यक्तिगत डेटासेट, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी मेन्स के लिये:इंडियाAI मिशन, भारत में AI नवाचार और स्टार्टअप, AI पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के लिये भारत सरकार की प्रतिबद्धता इंडियाAI मिशन के लिये नए बजटीय आवंटन से स्पष्ट है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) को उच्च प्रदर्शन वाले ग्राफिक प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) की खरीद सहित AI आधारभूत संरचना को बढ़ाने के लिये केंद्रीय बजट 2024-25 में 551.75 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं।
- इस मिशन का उद्देश्य घरेलू AI विकास को समर्थन देना एवं विदेशी हार्डवेयर पर निर्भरता कम करना है।
इंडियाAI मिशन क्या है?
- उद्देश्य: मिशन का उद्देश्य AI प्रणालियों के विकास और परीक्षण का समर्थन करने के लिये भारत में एक मज़बूत AI कंप्यूटिंग बुनियादी ढाँचे की स्थापना करना है।
- मिशन का उद्देश्य डेटा की गुणवत्ता को बढ़ाना और साथ ही स्वदेशी AI तकनीक विकसित करना है। यह शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करने, उद्योग सहयोग को बढ़ावा देने, प्रभावशाली AI स्टार्टअप का समर्थन करने के साथ नैतिक AI प्रथाओं को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
- वित्तीय सहायता: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च में 10,372 करोड़ रुपए के इंडियाAI मिशन को मंजूरी दी थी, जिसका उद्देश्य 10,000 से अधिक GPU की कंप्यूटिंग क्षमता स्थापित करना और साथ ही स्वास्थ्य सेवा, कृषि एवं शासन जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिये प्रमुख भारतीय भाषाओं को सम्मिलित करने वाले डेटासेट पर प्रशिक्षित 100 अरब से अधिक मापदंडों की क्षमता वाले आधारभूत मॉडल विकसित करना है।
- वर्तमान संकेंद्रण: प्रारंभिक प्रयासों में परियोजना को आरंभ करने के लिये 300 से 500 GPU की खरीद शामिल होगी।
- GPU खरीद का महत्त्व: GPU बड़े पैमाने पर AI मॉडलों के प्रशिक्षण एवं निर्माण हेतु महत्त्वपूर्ण हैं, जो उन्नत AI अनुप्रयोगों के लिये आवश्यक हैं।
- डेटा सेंटर GPU समानांतर संचालन, AI, मीडिया एनालिटिक्स तथा 3D रेंडरिंग समाधानों हेतु महत्त्वपूर्ण हैं, जिससे वे मशीन लर्निंग, मॉडलिंग और क्लाउड गेमिंग जैसे उन्नत उपयोग के मामलों के लिये आवश्यक हो जाते हैं।
- यह खरीद भारतीय स्टार्टअप्स को आवश्यक कंप्यूटिंग क्षमता प्रदान करेगी, जो मौजूदा बाज़ार में कमियों को दूर करेगी।
- इंडियाAI मिशन के प्रमुख घटक:
- इंडियाAI कंप्यूटिंग क्षमता - इस इकोसिस्टम में सार्वजनिक निजी भागीदारी के जरिए निर्मित 10,000 या उससे ज्यादा ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) का AI कंप्यूटिंग बुनियादी ढाँचा शामिल होगा। इसके अतिरिक्त, एक AI बाज़ार डिज़ाइन किया जाएगा जो AI नवोन्मेषी को एक सेवा और पूर्व-प्रशिक्षित मॉडलों के रूप में AI की पेशकश करेगा। ये AI नवाचार हेतु महत्त्वपूर्ण संसाधनों का एकल बिंदु समाधान भी होगा।
- इंडियाAI नवाचार केंद्र - इंडियाAI नवाचार केंद्र महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में स्वदेश में निर्मित लार्ज मल्टीमाॅडल मॉडलों (LMMs) तथा डोमेन-विशिष्ट बुनियादी मॉडल के विकास एवं तैनाती में सहयोग प्रदान करेगा।
- इंडियाAI डेटासेट मंच - भारतीय स्टार्टअपों और शोधकर्त्ताओं की गैर-व्यक्तिगत डेटासेट तक अबाधित पहुँच के लिये वन-स्टॉप समाधान प्रदान करने हेतु एक एकीकृत डेटा प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा।
- इंडियाAI एप्लीकेशन डेवलपमेंट इनिशिएटिव - इंडियाAI एप्लीकेशन डेवलपमेंट की पहल केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य विभागों और अन्य संस्थानों से प्राप्त समस्याओं के लिये महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में AI के प्रयोग को बढ़ावा देगा।
- इंडियाAI फ्यूचर स्किल्स - ये स्नातक, स्नातकोत्तर स्तर एवं पीएचडी की पढ़ाई में AI पाठ्यक्रमों को बढ़ाएगी। इसके अतिरिक्त छोटे शहरों में डेटा एवं AI लैब्स स्थापित की जाएंगी।
- इंडियाAI स्टार्टअप फाइनेंसिंग - इंडियाAI स्टार्टअप फाइनेंसिंग के स्तंभ की परिकल्पना डीप-टेक AI स्टार्टअप को समर्थन और गति देने और साथ ही उन्हें भविष्य की AI परियोजनाओं हेतु फंडिंग तक सुगम पहुँच प्रदान करने के लिये की गई है।
- सुरक्षित और भरोसेमंद AI - AI के जिम्मेदारीपूर्ण अनुप्रयोग, तैनाती और उसे अपनाए जाने के कार्य को आगे बढ़ाने के लिये पर्याप्त सजगता की जरूरत को पहचानते हुए, सुरक्षित और भरोसेमंद AI का ये स्तंभ उत्तरदायित्वपूर्ण AI परियोजनाओं के कार्यान्वयन को सक्षम बनाएगा।
भारत के कृत्रिम बुद्धिमत्ता(AI) बाज़ार की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- मुख्य रुझान
- विभिन्न क्षेत्रों में अपनाना: भारत सरकार द्वारा प्रारंभ की गई राष्ट्रीय AI रणनीति और राष्ट्रीय AI पोर्टल जैसी पहलों के कारण भारत में विभिन्न क्षेत्रों में AI को अपनाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है।
- स्वास्थ्य सेवा, वित्त, खुदरा, विनिर्माण और कृषि जैसे क्षेत्र तीव्रता से AI प्रौद्योगिकियों के साथ एकीकृत हो रहे हैं।
- विभिन्न क्षेत्रों में अपनाना: भारत सरकार द्वारा प्रारंभ की गई राष्ट्रीय AI रणनीति और राष्ट्रीय AI पोर्टल जैसी पहलों के कारण भारत में विभिन्न क्षेत्रों में AI को अपनाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है।
- डेटा एनालिटिक्स पर ध्यान केंद्रित करना: क्लाइव हंबी का यह कथन कि "डेटा नया तेल (के समान मूल्यवान संसाधन) है" जो Al-संचालित डेटा विश्लेषण के बढ़ते महत्त्व को रेखांकित करता है।
- कंपनियाँ मूल्यवान जानकारी प्राप्त करने, परिचालन में सुधार लाने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिये AI-संचालित विश्लेषण का लाभ उठा रही हैं, जिसे नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नैसकॉम) द्वारा शुरू किये गए AI फॉर ऑल कार्यक्रम जैसी पहलों का समर्थन प्राप्त है।
- सरकारी पहल: डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया एवं स्मार्ट सिटीज मिशन, GI क्लाउड (मेघराज) और साथ ही भारत द्वारा आयोजित ग्लोबल इंडिया AI शिखर सम्मेलन जैसी पहल सभी क्षेत्रों में AI को अपनाने को बढ़ावा दे रही हैं।
- अनुसंधान एवं विकास: भारतीय अनुसंधान संस्थान तथा शैक्षणिक संगठन, जैसे कि IIT, ISI एवं IISc, वैश्विक ज्ञान आधार में योगदान करते हुए, AI अनुसंधान और विकास में सक्रिय रूप से शामिल हैं।
- क्लस्टर्स: सहायक नीतियों, शोध संस्थानों और AI प्रौद्योगिकियों की बढ़ती मांग जैसे कारकों के कारण भारतीय शहरों में AI क्लस्टर उभर रहे हैं। प्रमुख शहरों में बेंगलूरू, हैदराबाद, मुंबई, चेन्नई, पुणे तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) शामिल हैं।
- बेंगलूरू को "भारत की सिलिकॉन वैली" के नाम से जाना जाता है, जहाँ बहुराष्ट्रीय कंपनियों, स्टार्टअप एवं शैक्षणिक संस्थानों का एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र है। यहाँ 2,000 से अधिक सक्रिय स्टार्टअप हैं और साथ ही वार्षिक IT निर्यात 50 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक है और साथ ही शहर का AI अनुसंधान में भी मज़बूत है, जहाँ वार्षिक रूप से 400 से अधिक पेटेंट दाखिल किये जाते हैं।
- भारत के AI बाज़ार में निवेश के अवसर:
- इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) एवं AI-संचालित परिशुद्ध कृषि एवं फसल निगरानी का उपयोग करके उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है।
- AI-संचालित धोखाधड़ी का पता लगाना, जोखिम मूल्यांकन एवं ग्राहक सेवा स्वचालन की मांग में वृद्धि हो रही है और साथ ही AI समाधानों को लागू करने हेतु भारतीय बैंकों के साथ सहयोग किया जा सकता है।
- AI पूर्वानुमानित निदान, वैयक्तिकृत उपचार और दवा खोज के अवसर प्रदान करता है।
- चैटबॉट एवं अनुशंसा इंजन(recommendation engines) जैसी AI प्रौद्योगिकी के आधार पर खुदरा क्षेत्र में परिवर्तन हो रहा है।
इंडियाAI मिशन के लिये अपेक्षित चुनौतियाँ क्या हैं?
- सीमित GPU क्षमता और अवसंरचना: मिशन का उद्देश्य 10,000 GPU की उच्च-स्तरीय AI कम्प्यूट क्षमता का निर्माण करना है। फिर भी, AI अनुप्रयोगों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये इन GPU की समय पर खरीद और तैनाती के बारे में चिंताएँ विद्यमान हैं
- GPU की उच्च लागत, जैसे कि Nvidia की A100 चिप की कीमत 10,000 अमेरिकी डॉलर तक है, जो छोटे व्यवसायों के लिये एक बड़ी चुनौती है
- GPU की उपलब्धता एक बाधा है और इस हार्डवेयर के अधिग्रहण और एकीकरण तीव्रता लाना AI क्षमताओं को आगे बढ़ाने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
- डेटा पहुँच और गुणवत्ता: विविध डेटासेट पर एआई मॉडल का प्रशिक्षण, विशेष रूप से इंडिक भाषाओं के लिये, महत्त्वपूर्ण है। हालाँकि, मौजूदा डेटासेट प्रभावी स्वदेशी एआई मॉडल विकसित करने के लिये अपर्याप्त हैं।
- सीमित AI विशेषज्ञता और उच्च लागत: भारत में कुशल AI पेशेवरों की कमी है। इस समस्या का समाधान करने के प्रयास किये जा रहे हैं लेकिन इस अंतराल को समाप्त करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।
- उच्च कार्यान्वयन लागत: एआई समाधानों के कार्यान्वयन की लागत, विशेष रूप से विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में, काफी अधिक हो सकती है
- इसमें बुनियादी ढाँचे और एकीकरण के लिये पूंजी निवेश शामिल है, जो व्यापक रूप से अपनाने में बाधा बन सकता है।
- बुनियादी ढाँचे की कमी: प्रभावी AI तैनाती के लिये उन्नत क्लाउड कंप्यूटिंग बुनियादी ढाँचे की आवश्यकता होती है। जबकि AIRAWAT जैसे प्रयास प्रगति का प्रतिनिधित्व करते हैं, भारत में अभी भी एआई अनुप्रयोगों को बढ़ाने के लिये आवश्यक व्यापक एआई और क्लाउड कंप्यूटिंग सुविधाओं का अभाव है।
- नैतिक एवं सत्यनिष्ठा संबंधी चिंताएँ: चूँकि AI एल्गोरिदम निर्णय लेने को तीव्र गति से प्रभावित कर रहे हैं, अतः AI मॉडल में नैतिक उपयोग सुनिश्चित करना और पूर्वाग्रहों से बचना महत्त्वपूर्ण है।
- प्रभावित डेटासेट या त्रुटिपूर्ण प्रशिक्षण डेटा के कारण विषम परिणामों की संभावना महत्त्वपूर्ण ज़ोखिम पैदा करती है।
- संवेदनशील और व्यक्तिगत डेटा के प्रबंधन से डेटा सुरक्षा और गोपनीयता से संबंधित ज़ोखिम उत्पन्न कर सकते हैं।
- भू-राजनीतिक और विनियामक मुद्दे: भू-राजनीतिक तनाव और निर्यात नियंत्रण विनियम आवश्यक AI प्रौद्योगिकियों एवं घटकों तक पहुँच को प्रतिबंधित कर सकते हैं, जिससे भारत की AI समाधानों को प्रभावी ढंग से विकसित करने तथा इसे तैनात करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
- पर्यावरण संबंधी चिंताएँ: विशेष रूप से OpenAI के ChatGPT के लिये AI क्वेरीज़, नियमित Google सर्च की तुलना में काफी अधिक ऊर्जा का प्रयोग करती हैं। इमेज बेस्ड AI सर्च और भी अधिक ऊर्जा का खपत करते हैं। AI मॉडल, सामान्य सर्च की तुलना में अधिक मात्रा में डेटा का उपयोग करते हैं, जिससे डेटा को संसाधित करने, संग्रहीत और पुनर्प्राप्त करने के लिये अधिक विद्युत संकेतों की आवश्यकता होती है।
- बढ़ी हुई डेटा प्रोसेसिंग से अधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है, जिससे डेटा केंद्रों में शक्तिशाली एयर-कंडीशनिंग और शीतलन प्रणालियों की आवश्यकता होती है।
- AI उपकरणों से वैश्विक ऊर्जा खपत में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। वर्तमान में, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के अनुसार, वैश्विक विद्युत ऊर्जा की मांग में डेटा केंद्रों की हिस्सेदारी 1% से लेकर 1.3% तक है, जिसके वर्ष 2026 तक 1.5% से 3% तक बढ़ने का अनुमान है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को जल्द ही AI और डेटा केंद्रों के महत्त्वपूर्ण पर्यावरणीय नुकसान का सामना करना पड़ेगा। डेटा केंद्रों को ठंडा रखने के लिये जल संसाधनों की बढ़ती मांग पर्यावरणीय चिंताओं को बढ़ाती है।
आगे की राह:
- हार्डवेयर विनिर्माण को प्रोत्साहित करना: वर्ष 2021 में अधिसूचित IT हार्डवेयर और सेमीकंडक्टर के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना पात्र फर्मों के लिये घरेलू विनिर्माण में निवेश बढ़ाने के लिये प्रोत्साहन प्रदान करती है। इस पहल का विस्तार करने से इस क्षेत्र में विकास को और बढ़ावा मिल सकता है।
- स्टार्ट-अप सपोर्ट: AI-स्टार्टअप के लिये वित्तीय प्रोत्साहन, मेंटरशिप और इनक्यूबेशन सुविधाएँ प्रदान करना। तेलंगाना के T-हब (भारत का सबसे बड़ा इनक्यूबेशन सेंटर) जैसे AI-केंद्रित त्वरक और इनक्यूबेटर स्थापित करना।
- व्यापक डेटा पारिस्थितिकी तंत्र: एक राष्ट्रीय डेटा प्लेटफॉर्म को मानकीकृत प्रारूपों और गुणवत्ता जाँच के साथ केंद्रीकृत डेटा भंडार के रूप में विकसित किया जा सकता है, जिसमें गोपनीयता सुनिश्चित करते हुए डेटा साझाकरण को बढ़ावा दिया जा सकता है। डेटा की गुणवत्ता में सुधार के लिये एन्क्रिप्शन तकनीकों के साथ-साथ डेटा लेबलिंग और क्यूरेशन में निवेश करना।
- नैतिक AI को प्राथमिकता देना: व्यापक AI नैतिकता दिशानिर्देश और विनियम विकसित करना, स्वतंत्र AI नैतिकता बोर्ड स्थापित करना, AI-सिस्टम में पारदर्शिता और व्याख्या को बढ़ावा देना और पूर्वाग्रहों की पहचान करने एवं उन्हें कम करने के लिये नियमित AI ऑडिट करना।
- सामाजिक प्रभाव हेतु अनुप्रयोग: प्रमुख सामाजिक चुनौतियों की पहचान करना और AI-संचालित समाधान विकसित करना। स्वास्थ्य सेवा, कृषि, शिक्षा और अन्य महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में AI अनुप्रयोगों को प्राथमिकता देना। समाज के सभी वर्गों के लिये AI संबंधित लाभों तक समान पहुँच सुनिश्चित करना।
- सतत् AI को बढ़ावा देना: ऊर्जा-कुशल AI एल्गोरिदम और हार्डवेयर में निवेश करके, डेटा केंद्रों में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देना और ऊर्जा अनुकूलन एवं संसाधन प्रबंधन हेतु AI-संचालित समाधान प्रदान कर स्थायी AI का समर्थन करना।
- कौशल में अंतर (Talent Gap): इंटर्नशिप, शोध परियोजनाओं और संकाय विनिमय हेतु साझेदारी को बढ़ावा देना। भारत में निवेश करने के लिये विदेशी छात्रों और कर्मचारियों को आकर्षित करना, AI प्रतिभा को बनाए रखने के लिये वेतन में वृद्धि करना।
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