विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
ग्लोबल इंडियाAI शिखर सम्मेलन
- 05 Jul 2024
- 14 min read
प्रिलिम्स के लिये:वैश्विक INDIAai शिखर सम्मेलन, भारत मंडपम, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तैयारी सूचकांक, INDIAai मिशन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक भागीदारी मेन्स के लिये:भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता पारिस्थितिकी तंत्र, श्रम बाज़ार पर AI का प्रभाव, INDIAai मिशन |
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
नई दिल्ली के भारत मंडपम में ग्लोबल इंडियाAI शिखर सम्मेलन (Global INDIAai Summit) सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में भारत और विश्व स्तर पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के भविष्य पर चर्चा करने के लिये विशेषज्ञ, नीति निर्माता और उत्साही लोग इसमें शामिल हुए।
- एक अन्य महत्त्वपूर्ण घटना यह रही कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रीपेयर्डनेस सूचकांक (AIPI) डैशबोर्ड लॉन्च किया है, जो वैश्विक स्तर पर 174 अर्थव्यवस्थाओं की AI तत्परता की निगरानी करेगा।
शिखर सम्मेलन से संबंधित प्रमुख बिंदु और निष्कर्ष क्या हैं?
- ग्लोबल AI डिस्कोर्स: भारत ने AI उपलब्ध करने और इसे सभी के लिये सुलभ बनाने की सरकार की मंशा पर बल देकर वैश्विक चर्चा की शुरुआत की।
- चर्चाओं में भारत की AI विषय को आकार देने में अनूठी आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया, जिसमें वैश्विक AI नेतृत्व प्राप्त करने के साथ-साथ अपनी घरेलू मांग को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- शिखर सम्मेलन ने ग्लोबल साउथ देशों को अपनी AI-संबंधी चिंताओं और आकांक्षाओं को व्यक्त करने के लिये एक मंच प्रदान किया, जिसमें कई देशों ने ग्लोबल नॉर्थ के साथ इन देशों के अंतराल को पाटने में भारत की भूमिका को स्वीकार किया।
- INDIAai मिशन: शिखर सम्मेलन ने INDIAai मिशन के माध्यम से देश में एक समावेशी और मज़बूत AI इकोसिस्टम बनाने तथा वैश्विक AI नवाचार का नेतृत्व करने के लिये भारत की योजनाबद्ध कार्रवाई एवं प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया।
- शिखर सम्मेलन में कंप्यूट क्षमता, आधारभूत मॉडल, डेटासेट, एप्लीकेशन डेवलपमेंट, भविष्य के कौशल, स्टार्टअप फाइनेंसिंग और सुरक्षित AI जैसे क्षेत्रों में AI विकास को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया जो INDIAai मिशन के प्रमुख स्तंभ हैं।
- चर्चा में विभिन्न कार्यान्वयन पहलुओं को शामिल किया गया, जैसे कि भारत की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये मल्टी-लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) मॉडल विकसित करना, AI-तैयार डेटा का प्लेटफॉर्मीकरण और मानकीकरण तथा बहु-हितधारक दृष्टिकोण के साथ एक साझेदार इकोसिस्टम तैयार करना।
- वैश्विक साझेदारी:
- CAIGP: वैश्विक भागीदारी पर सहयोगात्मक AI (CAIGP) के आयोजन ने वैश्विक AI विभाजन को दूर करने के लिये तंत्र की पहचान करने हेतु कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक भागीदारी (GPAI) के सदस्यों, AI विशेषज्ञों को एकजुट किया।
- GPAI भारत सहित 29 सदस्य देशों के साथ एक बहु-हितधारक पहल है, जिसका उद्देश्य AI से संबंधित प्राथमिकताओं पर अत्याधुनिक अनुसंधान और एप्लाइड गतिविधियों का समर्थन करके AI पर सिद्धांत तथा व्यवहार के बीच के अंतराल को पाटना है।
- भारत वर्ष 2024 में GPAI का प्रमुख अध्यक्ष है। GPAI के प्रमुख अध्यक्ष के रूप में, भारत प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने और भरोसेमंद AI को बढ़ावा देने के लिये वैश्विक AI विशेषज्ञों को आमंत्रित कर रहा है।
- GPAI सर्वसम्मति: सदस्यों ने GPAI के भविष्य के दृष्टिकोण पर आम सहमति बनाई, जिसमें AI की परिवर्तनकारी क्षमता पर ज़ोर दिया गया, जोखिमों को स्वीकार किया गया और मानव-केंद्रित AI विकास के लिये प्रतिबद्धता जताई गई।
- OECD-GPAI साझेदारी: नई दिल्ली में आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (Organisation for Economic Co-operation and Development - OECD) और GPAI के बीच AI पर एक नई एकीकृत साझेदारी की घोषणा की गई, जिससे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मज़बूत होगा। इसका खास तौर पर भारत और अन्य गैर-OECD सदस्य देशों के लिये महत्त्वपूर्ण प्रभाव है।
- भारत ने रणनीतिक रूप से OECD सदस्यों के साथ GPAI की स्वतंत्र पहचान सुनिश्चित की, जिससे वैश्विक AI शासन चर्चाओं में इसकी प्रासंगिकता बनी रही।
- हालाँकि इसके विपरीत, भारत द्वारा स्वतंत्रता के लिये प्रयास किये जाने के बावजूद सचिवालय OECD के पास ही रहा और गैर-OECD GPAI सदस्य समान रूप से भाग ले रहे थे, लेकिन OECD की प्रशासनिक निगरानी में।
- CAIGP: वैश्विक भागीदारी पर सहयोगात्मक AI (CAIGP) के आयोजन ने वैश्विक AI विभाजन को दूर करने के लिये तंत्र की पहचान करने हेतु कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक भागीदारी (GPAI) के सदस्यों, AI विशेषज्ञों को एकजुट किया।
- स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र समर्थन (Startup Ecosystem Support): भारतीय AI मिशन के 10,372 करोड़ रुपए के परिव्यय में से 2,000 करोड़ रुपए स्वदेशी AI-आधारित समाधान विकसित करने वाले भारतीय स्टार्टअप को समर्थन देने के लिये निर्धारित किये गए।
- AI विकास में कंप्यूटिंग शक्ति की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता को स्पष्ट करते हुए, स्टार्टअप के लिये GPU अवसंरचना तक सब्सिडी वाली पहुँच प्रदान करने की योजनाओं पर चर्चा की गई।
- शिखर सम्मेलन में AI स्टार्टअप के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों को हल करने की रणनीतियों पर प्रकाश डाला गया, जिसमें डेटासेट तक पहुँच, कौशल विकास और नवाचार को बढ़ावा देना शामिल है।
- AI शिक्षा: व्यापक AI साक्षरता को बढ़ावा देने के लिये आयु-उपयुक्त AI शिक्षण वातावरण की आवश्यकता पर बल दिया गया।
- सेक्टर-विशिष्ट अंतर्दृष्टि: शिखर सम्मेलन में भारत के एग्रीस्टैक में AI अनुप्रयोगों, किसानों को डेटा-संचालित ऋण वितरण और समय पर कृषि सूचना संग्रह तथा निर्णय लेने के लिये AI के उपयोग पर चर्चा की गई।
- चर्चा में भारत में कानूनी ढाँचे और डेटासेट प्लेटफॉर्म पर चर्चा की गई, जिसमें शासन में डेटा प्रबंधन के महत्त्व पर ज़ोर दिया गया। सरकारी सेवाओं में AI के एकीकरण पर भी चर्चा की गई, जिसमें दक्षता और नागरिक सेवाओं में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- नैतिक और मानव-केंद्रित AI: शिखर सम्मेलन में भरोसेमंद और मानव-केंद्रित AI विकास को बढ़ावा देने की सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई।
- प्रतिभागियों ने AI प्रणालियों द्वारा उत्पन्न उभरते जोखिमों और चुनौतियों को पहचाना तथा ज़िम्मेदार विकास की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। शिखर सम्मेलन में AI पर OCD अनुशंसा और AI की नैतिकता पर UNESCO अनुशंसा के प्रति प्रतिबद्धताओं को याद किया गया।
- UNESCO ने मानव अधिकारों और सम्मान की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए AI की नैतिकता पर सिफारिश को अपनाया।
- इस सिफारिश में AI सिस्टम की पारदर्शिता, निष्पक्षता और मानवीय निगरानी पर ज़ोर दिया गया है। इसमें नीति-निर्माताओं के लिये डेटा गवर्नेंस, पर्यावरण, लिंग, शिक्षा, अनुसंधान, स्वास्थ्य एवं सामाजिक कल्याण जैसे क्षेत्रों में मूल मूल्यों और सिद्धांतों को लागू करने के लिये नीति कार्रवाई क्षेत्र भी शामिल हैं।
- UNESCO ने मानव अधिकारों और सम्मान की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए AI की नैतिकता पर सिफारिश को अपनाया।
- प्रतिभागियों ने AI प्रणालियों द्वारा उत्पन्न उभरते जोखिमों और चुनौतियों को पहचाना तथा ज़िम्मेदार विकास की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। शिखर सम्मेलन में AI पर OCD अनुशंसा और AI की नैतिकता पर UNESCO अनुशंसा के प्रति प्रतिबद्धताओं को याद किया गया।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता तैयारी सूचकांक (AIPI) क्या है?
- AIPI देशों का उनके डिजिटल बुनियादी ढाँचे, मानव पूंजी, श्रम नीतियों, नवाचार, एकीकरण और विनियमन के आधार पर मूल्यांकन करता है।
- उन्नत डिजिटल बुनियादी ढाँचे वाले देश सूचकांक पर उच्च स्कोर करते हैं। कुशल कार्यबल की उपलब्धता और AI कौशल का समर्थन करने वाली शैक्षिक प्रणाली महत्त्वपूर्ण कारक हैं।
- AIPI डैशबोर्ड देशों को उन्नत अर्थव्यवस्था (AE), उभरती बाज़ार अर्थव्यवस्था (EM) तथा निम्न आय वाले देश (LIC) में वर्गीकृत करता है।
- सिंगापुर (0.80), डेनमार्क (0.78) और संयुक्त राज्य अमेरिका (0.77) उच्चतम रेटिंग वाले AI में से हैं। EM के रूप में वर्गीकृत 0.49 रेटिंग के साथ भारत 72वें स्थान पर है।
- उभरती बाज़ार अर्थव्यवस्थाओं में भारत का प्रदर्शन अपेक्षाकृत मज़बूत है, लेकिन चीन (0.63) जैसे अपने कुछ क्षेत्रीय साथियों से पीछे 31वें स्थान पर है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष:
- IMF, 190 सदस्य देशों का संगठन है जिसका मुख्यालय वाशिंगटन DC में है, भारत इसके संस्थापक सदस्यों में से एक है तथा इसका प्रतिनिधित्व वित्तीय महत्त्व के आधार पर होता है।
- इसके उद्देश्यों में वैश्विक मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देना, वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देना और गरीबी को कम करना शामिल है।
- IMF का इतिहास वर्ष 1944 के ब्रेटन वुड्स सम्मेलन से शुरू होता है, जहाँ आर्थिक संकटों से बचने के लिये इसकी स्थापना की गई थी।
- रिपोर्टें: वैश्विक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट तथा वर्ल्ड इकोनाॅमिक आउटलुक।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. वैश्विक AI विभाजन को दूर करने में वैश्विक साझेदारी जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक साझेदारी के महत्त्व पर चर्चा कीजिये। भारत इन साझेदारियों में क्या भूमिका निभाता है? |
और पढ़ें: Global Partnership on Artificial Intelligence (GPAI) Summit
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. विकास की वर्तमान स्थिति में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence), निम्नलिखित में से किस कार्य को प्रभावी रूप से कर सकती है? (2020)
नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1, 2, 3 और 5 उत्तर: (b) प्रश्न. 'वानाक्राई, पेट्या और इटरनलब्लू' जो हाल ही में समाचारों में उल्लिखित थे, निम्नलिखित में से किससे संबंधित हैं? (2018) (a) एक्सोप्लैनेट्स उत्तर: (c) मेन्स:प्रश्न. भारत के प्रमुख शहरों में IT उद्योगों के विकास से उत्पन्न होने वाले मुख्य सामाजिक-आर्थिक निहितार्थ क्या हैं? (2022) प्रश्न. "चौथी औद्योगिक क्रांति (डिजिटल क्रांति) के प्रादुर्भाव ने ई-गवर्नेंस को सरकार का अविभाज्य अंग बनाने में पहल की है"। विवेचन कीजिये। (2020) |