अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत, फ्राँस, संयुक्त अरब अमीरात त्रिपक्षीय पहल
- 06 Feb 2023
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:भारत, फ्राँस, संयुक्त अरब अमीरात, नाभिकीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, विश्व स्वास्थ्य संगठन, गावी-द वैक्सीन एलायंस, शक्ति अभ्यास (सेना), वरुण अभ्यास (नौसेना), गरुड़ अभ्यास (वायु सेना), अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, वायरल (वीनस इन्फ्रारेड एन्वायरनमेंट गैस लिंकर)। मेन्स के लिये:त्रिपक्षीय पहल की प्रमुख विशेषताएँ, भारत-फ्राँस संबंध, भारत और UAE संबंध। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत, फ्राँस और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और जैवविविधता की रक्षा के साथ-साथ नाभिकीय तथा सौर ऊर्जा के विकास पर सहयोग करने के लिये मिलकर काम करने का फैसला किया है।
- सितंबर 2022 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान इस साझेदारी की अवधारणा पर पहली बार प्रस्तावित किया गया था।
त्रिपक्षीय पहल की प्रमुख विशेषताएँ:
- यह त्रिपक्षीय पहल ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोगी परियोजनाओं के डिज़ाइन और निष्पादन को बढ़ावा देने के लिये एक मंच के रूप में काम करेगी। इसमें सौर और नाभिकीय ऊर्जा पर ध्यान देने के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने की दिशा में प्रयास करना और विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में जैवविविधता की सुरक्षा शामिल है।
- ये तीनों देश रक्षा क्षेत्र में एक-साथ काम करने, संक्रामक रोगों का मुकाबला करने और विश्व स्वास्थ्य संगठन, गावी-वैक्सीन एलायंस, ग्लोबल फंड जैसे वैश्विक स्वास्थ्य संगठनों में सहयोग को बढ़ावा देने पर भी सहमत हुए हैं।
- इसके अलावा तीनों देश "वन हेल्थ" दृष्टिकोण को लागू करने हेतु मज़बूत सहयोग स्थापित करने का प्रयास करेंगे, साथ ही विकासशील देशों में बायोमेडिकल नवाचार एवं उत्पादन में स्थानीय क्षमताओं के विकास का समर्थन करेंगे।
- तीनों देश संयुक्त अरब अमीरात के नेतृत्व में मैंग्रोव एलायंस फॉर क्लाइमेट और भारत एवं फ्राँस के नेतृत्व में इंडो-पैसिफिक पार्क्स पार्टनरशिप जैसी पहलों के माध्यम से अपने सहयोग का विस्तार करने पर भी सहमत हुए।
भारत और फ्राँस के बीच सहयोग के अन्य क्षेत्र:
- रक्षा सहयोग:
- यह दोनों देशों की तीनों सेनाओं का नियमित रक्षा अभ्यास है; अर्थात्
- भारत ने वर्ष 2005 में प्रौद्योगिकी-हस्तांतरण व्यवस्था के माध्यम से भारत के मालेगाँव डॉकयार्ड में छह स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के निर्माण हेतु फ्राँसीसी फर्म के साथ अनुबंध किया था।
- साथ ही भारत और फ्राँस ने वर्ष 2016 में अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किये थे, जिसके तहत फ्राँस, भारत को लगभग 60,000 करोड़ रुपए की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमान प्रदान करने पर सहमत हुआ था।
- अन्य पहल:
- भारत और फ्राँस जलवायु परिवर्तन को सीमित करने और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के विकास के लिये संयुक्त प्रयास कर रहे हैं।
- फ्राँस ने वर्ष 2025 के लिये निर्धारित भारत के वीनस मिशन का हिस्सा बनने पर सहमति व्यक्त की है।
- इसके अलावा ISRO के वीनस उपकरण, VIRAL (Venus Infrared Atmospheric Gases Linker) रूसी और फ्राँसीसी एजेंसियों द्वारा सह-विकसित हैं।
भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच सहयोग के अन्य क्षेत्र:
- सहयोग: ये दोनों I2U2 समूह के सदस्य हैं।
- आर्थिक साझेदारी: वर्ष 2022 में भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने द्विपक्षीय व्यापार को 5 वर्षों के भीतर 100 बिलियन अमेरिकी डाॅलर तक पहुँचाने के उद्देश्य से एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) पर हस्ताक्षर किये।
- इसके अलावा भारत और संयुक्त अरब अमीरात रुपए में गैर-तेल व्यापार को बढ़ावा देने के तरीकों पर वार्ता कर रहे हैं जो रुपए के अंतर्राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देगा।
- संयुक्त अरब अमीरात वर्ष 2021-22 के लिये 28 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की राशि के साथ भारत (अमेरिका के बाद) का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है।
- संयुक्त अरब अमीरात के लिये भारत वर्ष 2021 में लगभग 45 बिलियन अमेरिकी डॉलर (गैर-तेल व्यापार) की राशि के साथ दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- रक्षा सहयोग: खाड़ी और दक्षिण एशिया में कट्टरपंथ के प्रसार के साथ भारत आतंकवादी खतरों का मुकाबला करने तथा कट्टरपंथ से निपटने हेतु संयुक्त अरब अमीरात के साथ सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर विचार कर रहा है।
- 'डेज़र्ट ईगल II', भारत और संयुक्त अरब अमीरात की वायु सेनाओं के मध्य एक संयुक्त वायु युद्ध अभ्यास है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) मेन्स:Q. I2U2 (भारत, इज़राइल, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका) समूहन वैश्विक राजनीति में भारत की स्थिति को किस प्रकार रूपांतरित करेगा? (2022) |