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भारत में COVID-19 वैक्सीन उत्पादन में वृद्धि

  • 01 Oct 2020
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये:

गावी कोवैक्स फैसिलिटी, COVID-19 

मेन्स के लिये:

COVID-19 वैक्सीन निर्माण में भारत की भूमिका, COVID-19 से निपटने के वैश्विक प्रयास 

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में पुणे स्थित ‘सीरम इंस्स्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ (Serum Institute of India- SII) ने COVID-19 वैक्सीन के उत्पादन को 100 मिलियन खुराक से बढ़ाकर 200 मिलियन खुराक करने की घोषणा की है। 

प्रमुख बिंदु:  

  • SII को COVID-19 वैक्सीन के उत्पादन लिये ‘बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन’ (Bill and Melinda Gates Foundation ) और वैक्सीन अलायंस गावी (GAVI) से प्राप्त होने वाली फंडिंग को दोगुना कर दिया गया है। 
  • इस समझौते के तहत SII द्वारा COVID-19 वैक्सीन की 200 मिलियन खुराक का उत्पादन किया जाएगा, इससे पहले अगस्त माह में हुए समझौते के तहत 100 मिलियन खुराक के उत्पादन की बात कही गई थी।  
  • गौरतलब है कि वर्तमान में SII द्वारा अमेरिकी वैक्सीन निर्माता नोवाक्स (Novavax) और  ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय तथा एस्ट्राज़ेनेका (AstraZeneca) द्वारा विकसित COVID-19 वैक्सीन के उत्पादन के लिये समझौते किये गए हैं।
  • इस समझौते के तहत वैक्सीन की एक खुराक के मूल्य की अधिकतम सीमा 3 अमेरिकी डॉलर निर्धारित की गई है।
  • इसके अतिरिक्त जून माह में एस्ट्राज़ेनेका और ‘गावी’ (GAVI) के बीच एक समझौते की घोषणा की गई थी जिसके तहत ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय-एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन की 300 खुराक के निर्माण की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है।

लाभ:  

  • इस फंडिंग के माध्यम से SII को एस्ट्राज़ेनेका  और नोवाक्स द्वारा लाइसेंस प्राप्त वैक्सीन के निर्माण को तेज़ी से बढ़ाने में सहायता प्राप्त होगी।
  • यदि एस्ट्राज़ेनेका और नोवाक्स अपनी वैक्सीन के लिये पूर्ण लाइसेंस तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation- WHO) से पूर्व अर्हता प्राप्त करने में सफल रहते हैं तो यह  वैक्सीन बाज़ार में उपलब्ध हो सकेगी। 
  • SII को मिलने वाली फंडिंग में वृद्धि के बाद ‘निम्न और मध्यम आय वर्ग’ (Low and Middle Income Countries- LMIC) के कम-से-कम 61 देशों के लिये COVID-19 वैक्सीन की 200 मिलियन खुराक (3 अमेरिकी डॉलर की दर से) की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी। 
  • इस साझेदारी के तहत यदि एस्ट्राज़ेनेका के सभी परीक्षण सफल रहते हैं तो यह वैक्सीन भारत सहित ‘गावी’ की पहल के तहत 61 पात्र देशों (Gavi-Eligible Countries) को उपलब्ध हो सकेगी वहीँ यदि नोवाक्स का परीक्षण सफल होता है, तो यह ‘गावी कोवैक्स एएमसी’ (Gavi COVAX AMC) द्वारा समर्थित सभी 92 देशों के लिये उपलब्ध हो सकेगी। 

कोवैक्स (COVAX):

  • कोवैक्स, ‘एक्सेस टू COVID-19 टूल्स (Access to COVID-19 Tools- ACT) एक्सेलरेटर’ के तीन स्तंभों में से एक है। 
  • इसकी शुरुआत COVID-19 महामारी से निपटने के लिये अप्रैल, 2020 में WHO, यूरोपीय आयोग और फ्राँस के सहयोग से की गई थी। 
  • ‘एसीटी- त्वरक’  (ACT-Accelerator), COVID-19 वैक्सीन के विकास और इसके उत्पादन को तेज़ी से बढ़ाने तथा COVID-परीक्षण, उपचार और टीके तक सभी की समान पहुँच को सुनिश्चित करने के लिये वैश्विक सहयोग का एक फ्रेमवर्क है। इसके तीन स्तंभ- वैक्सीन (कोवैक्स), उपचार और निदान हैं। 
  • COVAX का सह-नेतृत्व गावी, WHO और ‘महामारी की तैयारी में नवाचारों हेतु गठबंधन’ (Coalition for Epidemic Preparedness Innovations- CEPI)  द्वारा किया जा रहा है।   
  • COVAX पहल के तहत वैक्सीन के विकास के पश्चात इस पहल में में भाग लेने वाले सभी देशों को इसकी सामान पहुँच सुनिश्चित की जाएगी, इसके तहत वर्ष 2021 के अंत तक 2 बिलियन खुराक के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जो अनुमानतः उच्च जोखिम और सुभेद्य लोगों तथा इस महामारी से निपटने के लिये तैनात स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिये पर्याप्त होगा।

वैक्सीन उपलब्धता :

  • वर्तमान में वैश्विक स्तर पर COVID-19 से निपटने के लगभग 170 अलग-अलग टीकों के विकास पर कार्य किया जा रहा है,  परंतु इनमें से अधिकांश के  सफल होने की उम्मीद बहुत ही कम है।
  • वैक्सीन की सफलता की संभावनाओं को बढ़ाने के लिये कोवैक्स के तहत इन टीकों का एक  बड़ा और  विविध पोर्टफोलियो बनाया गया है। 
  • इन टीकों की सुरक्षा और प्रभाविकता प्रमाणित होने के बाद कोवैक्स में शामिल देशों ( स्व-वित्तपोषित और वित्त पोषित दोनों) को टीकों के इस पोर्टफोलियो तक पहुँच प्राप्त हो सकेगी। 
  • इसके लिये गावी द्वारा ‘कोवैक्स फैसिलिटी’  (COVAX Facility)  की स्थापना की गई है, जिसके माध्यम से स्व-वित्तपोषित और वित्तपोषित अर्थव्यवस्थाएँ इसमें भाग ले सकेंगी।
  • कोवैक्स फैसिलिटी’ के तहत ही गावी द्वारा ‘गावी कोवैक्स अग्रिम बाज़ार प्रतिबद्धता’ [Gavi COVAX Advance Market Commitment (AMC)] नामक एक अलग फंडिंग तंत्र की स्थापना की गई है, इसके माध्यम से निम्न आय वर्ग वाले देशों को COVID-19 वैक्सीन उपलब्ध  सहायता प्रदान की जाएगी। 

गावी, वैक्सीन एलायंस (Gavi, the Vaccine Alliance):

  • गावी एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, इसकी स्थापना  वर्ष 2000 में की गई थी।
  • इसका उद्देश्य विश्व के सबसे गरीब देशों में रह रहे बच्चों के लिये नए टीकों की पहुँच सुनिश्चित करने के लिये सार्वजनिक और निजी क्षेत्र को साथ लाना है।
  • इसके मुख्य भागीदारों में WHO, यूनिसेफ (UNICEF), विश्व बैंक (World Bank) और  बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन आदि शामिल हैं।
  • गावी, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल (Primary Health Care- PHC) को मज़बूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसके माध्यम से यह संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा निर्धारित सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development goals-SDGs)  के तहत सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (Universal Health Coverage-UHC) के लक्ष्य को प्रप्त करने में सहायता करता है।
  • जून 2019 में गावी बोर्ड द्वारा ‘टीकाकरण से किसी को न छूटने देने’ (Leave No-One Behind with Immunisation) के दृष्टिकोण और टीकों के न्यायसंगत तथा स्थायी उपयोग को बढ़ाकर लोगों के स्वास्थ्य एवं जीवन की रक्षा के लक्ष्य के साथ  एक  नई पंचवर्षीय रणनीति ‘गावी 5.0’  (Gavi 5.0) को मंज़ूरी दी गई है।

महामारी संबंधी तैयारी के नवाचारों का गठबंधन

(Coalition for Epidemic Preparedness Innovations-CEPI): 

  • CEPI, महामारी के प्रसार के रोकने हेतु वैक्सीन के विकास के लिये सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बीच की गई अभिनव वैश्विक साझेदारी है।
  • इसकी शुरुआत वर्ष 2017 में दावोस (स्विट्ज़रलैंड) में  भारत और नॉर्वे की सरकारों, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, ‘वेलकम ट्रस्ट’ (Wellcome Trust) तथा विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) के सहयोग से की गई थी ।

स्रोत: द इंडियन एक्सप्रेस

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