अंतर्राष्ट्रीय संबंध
चीन-हिंद महासागर क्षेत्रीय मंच की बैठक
- 28 Nov 2022
- 8 min read
प्रिलिम्स के लिये:हिंद महासागर क्षेत्र, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन, SAGAR, IONA, आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढाँचे के लिये गठबंधन। मेन्स के लिये:हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ते चीनी प्रभाव के निहितार्थ। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में चीन अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग एजेंसी (China International Development Cooperation Agency- CIDCA) ने चीन-हिंद महासागर क्षेत्रीय मंच की बैठक आयोजित की जिसमें 19 देशों ने भाग लिया। भारत ने इसमें भाग नहीं लिया।
बैठक की मुख्य विशेषताएँ:
- थीम: शेयर्ड डेवलपमेंट
- भाग लेने वाले देश:
- इंडोनेशिया, पाकिस्तान, म्याँमार, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, नेपाल, अफगानिस्तान, ईरान, ओमान, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, मोज़ाम्बिक, तंजानिया, सेशेल्स, मेडागास्कर, मॉरीशस, जिबूती, ऑस्ट्रेलिया और 3 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि।
- कथित तौर पर भारत को आमंत्रित नहीं किया गया था।
- समुद्री आपदा रोकथाम और शमन सहयोग तंत्र:
- चीन ने हिंद महासागर क्षेत्र में चीन तथा अन्य देशों के बीच समुद्री आपदा रोकथाम और शमन सहयोग तंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा।
- चीन ने ज़रूरतमंद देशों को आवश्यक वित्तीय, सामग्री और तकनीकी सहायता प्रदान करने की इच्छा व्यक्त की।
चीन की बैठक में मांग:
- चीन कई देशों में बंदरगाहों और बुनियादी ढाँचे में पर्याप्त निवेश के साथ रणनीतिक हिंद महासागर क्षेत्र में प्रभाव के लिये प्रयास कर रहा है।
- चीन ने पाकिस्तान और श्रीलंका सहित कई देशों में बंदरगाहों और बुनियादी ढाँचे के निवेश में पर्याप्त निवेश किया है।
- चीन ने भारत के पश्चिमी तट के विपरीत अरब सागर में पाकिस्तान के ग्वादर में बंदरगाह बनाने और मालदीव में बुनियादी ढाँचे के निवेश के अलावा 99 साल की लीज पर श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह का अधिग्रहण किया है।
चुनौतियाँ:
- चीन पर बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत कथित तौर पर बुनियादी ढाँचे के विकास के नाम पर इन देशों में "ऋण कूटनीति (Debt Diplomacy)" में शामिल करने का आरोप लगाया गया है।
- वर्ष 2008 से चीन ने नियमित रूप से अदन की खाड़ी में नौसैनिक युद्धपोतों की टुकड़ी को तैनात किया है और वर्ष 2017 में जिबूती में अपना पहला विदेशी सैन्य अड्डा स्थापित किया है।
- साथ ही भारत की अनुपस्थिति को हिंद महासागर क्षेत्र के राजनीतिकरण की आशंकाओं के बीच क्षेत्र में भारत की पारंपरिक उपस्थिति को चुनौती देने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। इसके अलावा चीनी विदेश मंत्रालय ने यह खुलासा करने से इनकार कर दिया कि अन्य देशों से कौन-कौन प्रतिभागी थे।
- भारत हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) देशों का पारंपरिक भागीदार और समर्थक रहा है।
IORA में भारत की उपस्थिति:
- इसके अलावा तटीय देशों में प्रमुख संकटों के दौरान पहले उत्तरदाता के रूप में कार्य करने के लिये, भारत नियमित रूप से हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (Indian Ocean Rim Association- IORA) और हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (Indian Ocean Navies Symposium- IONS) जैसे तंत्रों के माध्यम से क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा और विकास (Security and Growth for All in the Region- SAGAR/सागर) के दृष्टिकोण के तहत हिंद महासागर तटीय देशों के साथ संलग्न है।
- हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का मज़बूत प्रभाव है जहाँ IORA जैसे भारत समर्थित संगठनों ने मज़बूत जड़ें जमा ली हैं।
- भारत ने क्षेत्रीय समुद्री क्षेत्र में "समन्वय, सहयोग और साझेदारी" की अपनी आधिकारिक नीति को बढ़ावा देना जारी रखा है।
- आपदा जोखिम प्रबंधन पर प्राथमिकता वाले क्षेत्र के समन्वयक के रूप में, भारत ने IORA के लिये दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इसने भागीदारों से सितंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र में शुरू किये गए आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढाँचे के लिये गठबंधन में शामिल होने का भी आग्रह किया है।
- भारत IOR में सूचना के शुद्ध प्रदाता के रूप में उभरने की कोशिश कर रहा है और इस दिशा में उसने IOR के सदस्य देशों को वास्तविक समय संकट की जानकारी के साथ सहायता करने के लिये गुरुग्राम में सूचना संलयन केंद्र बनाया है। बांग्लादेश, मॉरीशस, मालदीव, श्रीलंका और सेशेल्स भारत के सूचना समर्थन ढाँचे का हिस्सा हैं।
हिंद महासागर रिम एसोसिएशन:
- यह वर्ष 1997 में स्थापित एक क्षेत्रीय मंच है, इसका उद्देश्य सर्वसम्मति-आधारित विकासवादी और गैर-घुसपैठ दृष्टिकोण के माध्यम से समझ तथा पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग का निर्माण और विस्तार करना है।
- IORA में 23 सदस्य देश और 9 संवाद भागीदार हैं।
- सदस्य: ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, कोमोरोस, फ्राँस, भारत, इंडोनेशिया, ईरान, केन्या, मेडागास्कर, मलेशिया, मालदीव, मॉरीशस, मोज़ाम्बिक, ओमान, सेशेल्स, सिंगापुर, सोमालिया, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, तंजानिया, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और यमन।
- चीन IORA में एक संवाद भागीदार है।
- IORA सचिवालय मॉरीशस में स्थित है।
- यह एसोसिएशन महत्त्वपूर्ण है क्योंकि हिंद महासागर दुनिया के कंटेनर जहाज़ों का लगभग आधा , दुनिया के थोक कार्गो यातायात का एक तिहाई और दुनिया के तेल शिपमेंट का दो-तिहाई अकेले वहन करता है।
- यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और परिवहन की एक जीवन रेखा है यह प्रमुख समुद्री मार्गों पर नियंत्रण रखता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)प्रश्न. 'क्षेत्रीय सहयोग के लिए हिन्द महासागर रिम संघ इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन फॉर रीजनल कोऑपरेशन (IOR_ARC)' के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: D |