युवाओं की रोज़गार क्षमता में सुधार | 19 Jun 2021
प्रिलिम्स के लियेयुवाओं की रोज़गार क्षमता में सुधार, राष्ट्रीय कॅरियर सेवा, यूनिसेफ मेन्स के लियेयुवाओं की रोज़गार क्षमता में सुधार के लिये की गई अन्य पहलें |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में श्रम और रोज़गार मंत्रालय तथा यूनिसेफ ने भारत में युवाओं के लिये रोज़गार के परिणामों में सुधार हेतु एक आशय पत्र के वक्तव्य पर हस्ताक्षर किये हैं।
- जनगणना 2011 के अनुसार, भारत में हर पाँचवाँ व्यक्ति युवा (15-24 वर्ष) है।
- यूनिसेफ संयुक्त राष्ट्र (UN) का एक विशेष कार्यक्रम है जो बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और सामान्य कल्याण में सुधार के लिये राष्ट्रीय प्रयासों की सहायता हेतु समर्पित है। 'द स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स चिल्ड्रन' यूनिसेफ की प्रमुख रिपोर्ट है।
प्रमुख बिंदु
इस सहयोग का उद्देश्य:
- यह चुनिंदा राज्यों में दोनों पक्षों की मौज़ूदा मुख्यधारा की पहलों का लाभ उठाने के लिये मंत्रालय और यूनिसेफ के बीच सहयोग हेतु एक मंच प्रदान करने का इरादा रखता है।
- यह कमज़ोर आबादी पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत में किशोरों और युवाओं हेतु रोज़गार तथा कौशल चुनौतियों से निपटने के लिये बड़े पैमाने पर समाधानों का निर्माण और कार्यान्वयन करेगा।
सहयोग के क्षेत्र:
- युवाओं को रोज़गार के अवसरों से जोड़ना।
- जीवन कौशल, वित्तीय कौशल, डिजिटल कौशल, व्यवसाय कौशल आदि सहित 21वीं सदी में युवाओं के कौशल को ऊपर उठाना।
- राष्ट्रीय कॅरियर सेवा (NCS) को सुदृढ़ बनाना।
- अंतराल की खोज करके नौकरी के पूर्वानुमान में सहायता करना।
- सीधे संवाद का समर्थन करना और युवाओं तथा नीति हितधारकों के बीच एक प्रतिक्रिया तंत्र की स्थापना करना।
- इसके बारे में:
- इसे वर्ष 2015 में ई-गवर्नेंस योजना की छत्रछाया में लॉन्च किया गया था।
- यह एक वन-स्टॉप समाधान है जो भारत के नागरिकों को रोज़गार और कॅरियर से संबंधित सेवाओं की एक विस्तृत शृंखला प्रदान करता है।
- नोडल मंत्रालय: श्रम और रोज़गार मंत्रालय।
- तीन स्तंभ: NCS परियोजना अपने तीन आवश्यक स्तंभों के माध्यम से इस देश के लोगों तक पहुँचती है।
- एक अच्छी तरह से डिज़ाइन किया गया आईसीटी आधारित पोर्टल जो एनसीएस पोर्टल है।
- देश भर में मॉडल कॅरियर केंद्रों की स्थापना।
- रोज़गार कार्यालयों के माध्यम से सभी राज्यों के साथ अंतर्संबंध।
यूनिसेफ की पहल (युवा):
- जनरेशन अनलिमिटेड का इंडिया चैप्टर (India chapter of Generation Unlimited- GenU) युवा की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी।
- GenU एक वैश्विक बहु-हितधारक मंच है जिसका उद्देश्य युवाओं को शिक्षा और अध्ययन के माध्यम से उत्पादक कार्य एवं सक्रिय नागरिकता के लिये अवस्थांतरित करना है।
- भारत में वर्ष 2030 तक युवा का लक्ष्य निम्नलिखित को सुनिश्चित करना है:
- 100 मिलियन युवाओं की आकांक्षा के अनुरूप उनके सामाजिक-आर्थिक अवसरों हेतु पथ का निर्माण करना।
- उत्पादक जीवन और काम के भविष्य के लिये प्रासंगिक कौशल हासिल करने हेतु 200 मिलियन युवाओं को सुविधा प्रदान करना।
- चेंजमेकर्स के रूप में 300 मिलियन युवाओं के साथ भागीदारी करना और उनकी नेतृत्त्व क्षमता को विकसित करना।
युवाओं की रोज़गार क्षमता में सुधार के लिये की गई अन्य पहलें
- राष्ट्रीय युवा नीति-2014 भारत के युवाओं के लिये एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती है, इसका लक्ष्य युवाओं की पूर्ण क्षमता हासिल करने के लिये उन्हें सशक्त बनाने और उनके ज़रिये देश को राष्ट्रों के बीच सही जगह हासिल करने में समर्थ बनाना है।
- प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम (PMEGP): इसे वर्ष 2008 में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से रोज़गार के अवसर पैदा करने के लिये पेश किया गया था। यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा प्रशासित है।
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY): इसकी शुरुआत 8 अप्रैल, 2015 को गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु/सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख तक का ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है। इसका फोकस स्वरोज़गार पर है।
- प्रधानमंत्री रोज़गार प्रोत्साहन योजना (PMRPY): यह रोज़गार सृजन को बढ़ावा देने के लिये नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने हेतु श्रम और रोज़गार मंत्रालय द्वारा शुरू की गई है। सरकार 3 वर्ष के लिये सभी क्षेत्रों के सभी पात्र नए कर्मचारियों के EPF और EPS के लिये नियोक्ता के योगदान का भुगतान कर रही है।
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (मनरेगा), पं. दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा संचालित दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY-NULM) जैसी योजनाओं पर सार्वजनिक व्यय में वृद्धि।
- अन्य प्रमुख कार्यक्रम जिनमें रोज़गार पैदा करने की क्षमता है, वे हैं: मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन, अटल नवीकरण एवं शहरी परिवर्तन मिशन, सभी के लिये आवास, औद्योगिक गलियारे आदि।