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भारतीय इतिहास

बाल दिवस और पंडित जवाहरलाल नेहरू

  • 18 Nov 2024
  • 15 min read

प्रिलिम्स के लिये:

साइमन कमीशन, गुटनिरपेक्ष आंदोलन, उद्देश्य प्रस्ताव, जनजातीय पंचशील, हिंदू कोड बिल, बांडुंग (1955), चीन-भारतीय संघर्ष

मेन्स के लिये:

बाल दिवस का इतिहास और महत्त्व, भारत के स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्र भारत में पंडित नेहरू का योगदान 

स्रोत: IE

चर्चा में क्यों?

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती (14 नवंबर 1889) के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है।

  • नेहरू (जिन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहा जाता है) को बच्चों के साथ उनके मज़बूत संबंध तथा उनके कल्याण में महत्त्वपूर्ण योगदान हेतु जाना जाता है।

बाल दिवस का इतिहास और महत्त्व क्या है?

  • बाल अधिकार एवं विकास: यह दिवस बच्चों के अधिकारों और कल्याण के विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिये मनाया जाता है, जिसमें उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण तथा समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
  • विश्व बाल दिवस का पूर्व पालन: विश्व बाल दिवस पहली बार वर्ष 1954 में सार्वभौमिक बाल दिवस के रूप में स्थापित किया गया था और बच्चों के कल्याण में सुधार के लिये पूरे विश्व में बच्चों के बीच अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता तथा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिये प्रत्येक वर्ष 20 नवंबर को मनाया जाता है।
    • 20 नवंबर का दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 1959 में बाल अधिकारों की घोषणा और वर्ष 1989 में बाल अधिकारों पर कन्वेंशन को अपनाने के लिये उल्लेखनीय है।
    • वर्ष 1964 में जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद भारत सरकार ने नेहरू की विरासत और बच्चों के मुद्दों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का सम्मान करने के लिये 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में समर्पित करने का निर्णय लिया।
  • बाल दिवस का महत्त्व:

पंडित जवाहर लाल नेहरू का क्या योगदान है?

  • स्वतंत्रता-पूर्व (1889-1947):
    • नेहरू ने वर्ष 1912 में राजनीति में प्रवेश किया, बांकीपुर कॉन्ग्रेस के 27 वें अधिवेशन में एक प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया तथा वर्ष 1919 में होम रूल लीग के सचिव बने।
    • उन्होंने वर्ष 1920 में प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश में पहला किसान मार्च आयोजित किया तथा वर्ष 1920-22 के असहयोग आंदोलन के दौरान दो बार जेल गए।
    • वर्ष 1923 में वे अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव बने।
    • वर्ष 1926 में मद्रास अधिवेशन में नेहरू ने कॉन्ग्रेस को स्वतंत्रता के लिये प्रतिबद्ध किया। वर्ष 1928 में लखनऊ में साइमन कमीशन के खिलाफ जुलूस का नेतृत्व करते समय उन पर लाठीचार्ज किया गया।
    • वर्ष 1928 में नेहरू ने नेहरू रिपोर्ट (मोतीलाल नेहरू द्वारा तैयार) का मसौदा तैयार करने और उस पर हस्ताक्षर करने में प्रमुख भूमिका निभाई। यह रिपोर्ट भारत में संवैधानिक सुधारों का एक प्रस्ताव थी।
    • नेहरू ने वर्ष 1928 में इंडिपेंडेंस फॉर इंडिया लीग की भी स्थापना की, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता का समर्थन करना था।
    • वर्ष 1929 में लाहौर अधिवेशन में नेहरू अध्यक्ष चुने गए और इसमें कॉन्ग्रेस ने आधिकारिक तौर पर पूर्ण स्वतंत्रता को अपना लक्ष्य माना (जिसे पूर्ण स्वराज प्रस्ताव के रूप में जाना जाता है)।
    • 7 अगस्त 1942 को नेहरू ने बम्बई में अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस कमेटी (AICC) के अधिवेशन में भारत छोड़ो प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
  • प्रधानमंत्री के रूप में जवाहरलाल नेहरू की उपलब्धियाँ:
    • आधुनिक भारत का दृष्टिकोण: भारत के प्रथम प्रधानमंत्री (1947-1964) के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान नेहरू ने एक आधुनिक लोकतांत्रिक राज्य की स्थापना की, धर्मनिरपेक्षता और वैज्ञानिक उन्नति को बढ़ावा दिया तथा औद्योगीकरण की नींव रखी।
    • सामाजिक सुधार: हिंदू कोड बिल का मूल उद्देश्य धार्मिक कानूनों को धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता से स्थानांतरित करना था। इसके तहत बहुविवाह को गैर-कानूनी घोषित करने, महिलाओं को संपत्ति और तलाक के अधिकार देने, उत्तराधिकार कानूनों में संशोधन करने के साथ अंतरजातीय विवाह संबंधी प्रावधान किये गए।
    • जनजातीय पंचशील: जवाहरलाल नेहरू के जनजातीय पंचशील में आत्म-विकास, जनजातीय अधिकारों के प्रति सम्मान, न्यूनतम बाहरी दबाव, प्रशासन में स्थानीय भागीदारी और वित्तीय मापदंडों की तुलना में मानव-केंद्रित परिणामों पर बल दिया।
    • आर्थिक विकास और संस्थान: नेहरू ने IIT, भारतीय प्रबंधन संस्थान, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) जैसे प्रमुख संस्थानों की स्थापना की। 
    • ये संस्थान भारत की आर्थिक संवृद्धि के लिये आवश्यक होने के साथ आत्मनिर्भरता के क्रम में औद्योगीकरण पर केंद्रित हैं।
    • उन्होंने राजा राम मोहन राय जैसे समाज सुधारकों की विरासत को आगे बढ़ाते हुए धार्मिक रूढ़िवाद और अंधविश्वास से लड़ने के क्रम में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का समर्थन किया।
    • लोकतंत्र का संस्थागतकरण: नेहरू के 'उद्देश्य प्रस्ताव' से संविधान सभा को संविधान का मसौदा तैयार करने, प्रस्तावना को आकार देने और भारत के संविधान के दर्शन को आकार देने में मार्गदर्शन मिला। 
  • गुटनिरपेक्षता की विदेश नीति:
    • गुटनिरपेक्ष आंदोलन: नेहरू की गुटनिरपेक्ष नीति का उद्देश्य शीत युद्ध के दौरान भारत को तटस्थ रखना था। गुटनिरपेक्ष आंदोलन में उनकी प्रमुख भूमिका थी। उन्होंने बांडुंग (1955) और बेलग्रेड (1961) सम्मेलनों के माध्यम से वैश्विक शांति को बढ़ावा देने को महत्त्व दिया।
    • पंचशील सिद्धांत: इसे शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पाँच सिद्धांतों के रूप में भी जाना जाता है, ये सिद्धांतों का एक समूह है जिसे 1950 के दशक में भारत और चीन द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया था। इसमें शामिल हैं:
      • सभी देशों द्वारा अन्य देशों के क्षेत्रीय अखंडता और प्रभुसत्ता का सम्मान करना।
      • दूसरे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना।
      • दूसरे देश पर आक्रमण न करना।
      • परस्पर सहयोग व लाभ को बढ़ावा देना।
      • शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की नीति का पालन करना। 
  • नेहरूवादी नीति की आलोचनाएँ:
    • कश्मीर विवाद: वर्ष 1947 के विभाजन के बाद नेहरू ने संयुक्त राष्ट्र से सहायता मांगी, लेकिन वे पाकिस्तान के साथ युद्ध समाप्त करने में असमर्थ रहे। उनकी विदेश नीति कश्मीर मुद्दे पर केंद्रित थी।
    • गोवा मुक्ति:  वर्ष 1961 में गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराने के लिये नेहरू की सैन्य कार्रवाई को अंतर्राष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पड़ा, लेकिन इसे एक उचित उपनिवेश-विरोधी कदम के रूप में देखा गया।
    • भारत-चीन युद्ध(1962): वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध से पहले भारतीय सेनाओं का आधुनिकीकरण या उन्नयन करने में नेहरू की विफलता ने उन्नत रक्षा उपायों की आवश्यकता को उजागर किया, जिससे भारत की सैन्य तैयारियों और रणनीतिक दृष्टिकोण का पुनर्मूल्यांकन करने पर मज़बूर होना पड़ा।
  • परंपरा:
    • नेहरू की धर्मनिरपेक्षता ने मानवतावादी मूल्यों और राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा दिया। भारतीय परंपरा में निहित उनके विचारों ने धार्मिक समानता, मानवतावाद एवं सार्वभौमिक नैतिकता पर ज़ोर दिया।
    • नेहरू का मानना था कि सरकार को धार्मिक विविधता को बनाए रखना चाहिये, तथा धर्म को राजनीति से अलग करने के विचार से सहमत होना चाहिये।
    •  नेहरू के धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी दृष्टिकोण ने भारत की स्वतंत्रता के बाद की दिशा को आकार दिया और कश्मीर मुद्दे तथा भारत-चीन युद्ध जैसी चुनौतियों के बावजूद एक आधुनिक राष्ट्र की आधारशिला रखी।
    • नेहरू ने भारत के विविध समुदायों को एकीकृत किया तथा आधुनिक शासन व्यवस्था के साथ पारंपरिक विविधता को संतुलित करने वाली नीतियों को बढ़ावा दिया।

निष्कर्ष

बाल दिवस,बच्चों के कल्याण एवं शिक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की याद दिलाता है। यह बच्चों की सुरक्षा, अधिकारों और विकास के लिये व्यापक नीतियों की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

दृष्टि मेन्स प्रश्न

 प्रश्न: जवाहरलाल नेहरू के विचार और पहल किस प्रकार एक आधुनिक धर्मनिरपेक्ष राज्य के रूप में राष्ट्र की प्रगति को आकार दे रहे हैं?

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ) 

प्रिलिम्स:  

प्रश्न: 26 जनवरी, 1950 को भारत की वास्तविक सांविधानिक स्थिति क्या थी? (2021) 

(a) लोकतंत्रात्मक गणराज्य

(b) संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य

(c) संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य

(d) संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य

उत्तर:(b)


प्रश्न. भारत के संविधान की उद्देशिका- (2020) 

(a) संविधान का भाग है किंतु कोई विधिक प्रभाव नहीं रखती

(b) संविधान का भाग नहीं है और कोई विधिक प्रभाव भी नहीं रखती

(c) संविधान का भाग है और वैसा ही विधिक प्रभाव रखती है जैसा कि उसका कोई अन्य भाग

(d) संविधान का भाग है किंतु उसके अन्य भागों से स्वतंत्र होकर उसका कोई विधिक प्रभाव नहीं है।

उत्तर: (d) 

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन 1948 में स्थापित ‘‘हिन्द मज़दूर सभा’’ के संस्थापक थे? (2018) 

(a)    बी. कृष्ण पिल्लई, ई.एम.एस. नम्बूदिरिपाद और के.सी. जॉर्ज

(b)    जयप्रकाश नारायण, दीन दयाल उपाध्याय और एम.एन. रॉय

(c)    सी.पी. रामास्वामी अबयर, के. कामराज और वीरेशलिंगम पंतुलु

(d)    अशोक मेहता, टी.एस. रामानुज और जी.जी. मेहता

उत्तर: (d) 


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2010) 

  1. 1936 में हस्ताक्षरित “बॉम्बे घोषणापत्र” में समाजवादी आदर्शों के प्रचार का खुलकर विरोध किया गया था।
  2. इसे पूरे भारत के व्यापारिक समुदाय के एक बड़े वर्ग का समर्थन प्राप्त हुआ।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों 

(d) न तो 1 न ही 2

उत्तर: (a)


मेन्स:

प्रश्न. 'उद्देशिका (प्रस्तावना)' में शब्द 'गणराज्य' के साथ जुड़े प्रत्येक विशेषण पर चर्चा कीजिये। क्या वर्तमान परिस्थितियों में वे प्रतिरक्षणीय है? (2016)

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