अमृत (अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन) योजना | 04 Jun 2024
प्रिलिम्स के लिये:अमृत, पेयजल सर्वेक्षण, जल के लिये प्रौद्योगिकी उप-मिशन, राष्ट्रीय जल नीति, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG), रिवर सिटीज़ अलायंस (RCA), स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP), कोविड-19, आयुष्मान भारत मेन्स के लिये:कार्यान्वयन में चुनौतियाँ, अमृत योजना को नया रूप देने हेतु कदम, प्रकृति-आधारित समाधान, जन-केंद्रित दृष्टिकोण, स्थानीय निकायों को सशक्त बनाना |
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
हाल ही में अमृत योजना ने जल की गतिशीलता और प्रदूषण से संबंधित बुनियादी ढाँचे के मुद्दों के समाधान में आने वाली चुनौतियों को लेकर ध्यान आकर्षित किया है।
अमृत योजना क्या है?
- परिचय:
- कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिये अटल मिशन (Atal Mission for Rejuvenation and Urban Transformation- AMRUT) 25 जून, 2015 को देश भर के 500 चयनित शहरों में शुरू किया गया था, जिसमें लगभग 60% शहरी आबादी को कवर किया गया।
- मिशन का लक्ष्य बुनियादी ढाँचे को बढ़ाना और चयनित शहरों क्षेत्र में सुधारों को लागू करना है, जिसमें जलापूर्ति, सीवरेज, जल निकासी, हरित स्थान, गैर-मोटर चालित परिवहन तथा क्षमता निर्माण शामिल हैं।
- अमृत 2.0 योजना:
- यह योजना 1 अक्तूबर, 2021 को शुरू की गई थी, जिसमें 5 वर्ष की अवधि यानी वित्तीय वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2025-26 तक के लिये अमृत 1.0 को शामिल किया गया है।
- इसका उद्देश्य देश के 500 शहरों से लगभग 4,900 वैधानिक कस्बों तक जलापूर्ति की सार्वभौमिक कवरेज और अमृत योजना के पहले चरण में शामिल 500 शहरों में सीवरेज/सेप्टेज प्रबंधन की कवरेज है।
- अमृत 2.0 का उद्देश्य उपचारित सीवेज के पुनर्चक्रण/पुनः उपयोग, जल निकायों के पुनरुद्धार और जल संरक्षण द्वारा शहर जल संतुलन योजना (City Water Balance Plan- CWBP) के विकास के माध्यम से जल की चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है।
- मिशन में शहरी नियोजन, शहरी वित्त को मज़बूत करने आदि के माध्यम से नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के लिये सुधार एजेंडा भी शामिल है।
- अमृत 2.0 के अन्य घटक:
- जल के न्यायसंगत वितरण, अपशिष्ट जल के पुनः उपयोग, जल निकायों के मानचित्रण और शहरों/कस्बों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देने के लिये पेयजल सर्वेक्षण।
- जल वाले क्षेत्र में नवीनतम वैश्विक प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के लिये जल हेतु प्रौद्योगिकी उप-मिशन।
- जल संरक्षण के बारे में जनता में जागरूकता फैलाने के लिये सूचना, शिक्षा और संचार (Education and Communication- IEC) अभियान चलाना।
अमृत 2.0 योजना की स्थिति क्या है?
- निधि आवंटन:
- मार्च 2023 तक चल रही परियोजनाओं के लिये अमृत 2.0 का कुल परिव्यय 2,99,000 करोड़ रुपए है।
- प्रभाव:
- AMRUT ने महिलाओं के जीवन पर कई सकारात्मक प्रभाव डाले हैं। पानी लाने में लगने वाले प्रयासों में कमी आने के कारण अब महिलाएँ अपने समय का अधिक उत्पादक तरीके (Productive Way) से उपयोग कर सकती हैं।
- इससे सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता के कारण बीमारियों के भार में भी कमी आई है।
- चुनौतियाँ:
- योजना के कार्यान्वयन के बावजूद अपर्याप्त जल, सफाई और स्वच्छता के कारण प्रतिवर्ष लगभग 200,000 लोग मर जाते हैं।
- वर्ष 2016 में भारत में असुरक्षित जल और स्वच्छता के कारण होने वाली बीमारियों का भार प्रति व्यक्ति चीन की तुलना में 40 गुना अधिक है तथा इसमें बहुत कम सुधार हुआ है।
- नीति आयोग की एक रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2030 तक लगभग 21 प्रमुख शहरों में भूजल स्तर समाप्त हो जाएगा, जिससे भारत की 40% आबादी को पेयजल उपलब्ध नहीं हो सकेगा।
- लगभग 31% शहरी भारतीय घरों में पाइप से पानी की आपूर्ति नहीं होती है, जबकि 67.3% आवासों में पाइप से सीवरेज प्रणाली नहीं जुड़ी हुई है।
अन्य नई पहलें
- प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U)
- जलवायु स्मार्ट शहर मूल्यांकन ढाँचा 2.0
- TULIP- शहरी शिक्षण इंटर्नशिप कार्यक्रम
- स्मार्ट सिटी मिशन (SCM)
- राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG)
- रिवर सिटीज़ एलायंस (RCA)
- राष्ट्रीय जल नीति, 2012 शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों में, जहाँ भी तकनीकी-आर्थिक रूप से संभव हो, वर्षा जल संचयन और लवणीकरण की वकालत करती है, ताकि उपयोग योग्य जल की उपलब्धता बढ़ाई जा सके।
AMRUT योजना के कार्यान्वयन में क्या चुनौतियाँ हैं?
- राज्य परियोजना कार्यान्वयन: नियमित रूप से धनराशि जारी किये जाने के बावजूद बिहार और असम जैसे राज्यों ने अभी तक परियोजनाएँ पूर्ण नहीं की हैं या PPP मॉडल का उपयोग नहीं किया है, जिसके परिणामस्वरूप अधिकांश राज्यों में कार्यान्वयन 50% से भी कम पूरा हुआ है।
- AMRUT कार्यक्रम का दायरा: इस योजना में समग्र दृष्टिकोण के बजाय परियोजना-केंद्रित दृष्टिकोण पर ज़ोर दिया गया है।
- संभावित ओवरलैप और अभिसरण चुनौतियाँ: AMRUT और स्वच्छ भारत मिशन जैसी अन्य योजनाओं के बीच ओवरलैप के परिणामस्वरूप वित्तपोषण आवंटन चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं और विशिष्ट शहरी मुद्दों को संबोधित करने में कार्यभार बढ़ सकता है।
- वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान नहीं: राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम इसलिये शुरू किया गया क्योंकि AMRUT 2.0 के बाद से वायु की गुणवत्ता में गिरावट जारी रही है, क्योंकि AMRUT 1.0 में केवल पानी और सीवरेज पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिससे वायु गुणवत्ता से संबंधित समस्याएँ अनसुलझी रह गईं।
- गैर-समावेशी शासन संरचना: निर्वाचित नगर सरकारों की जैविक भागीदारी के बिना यांत्रिक रूप से तैयार की गई योजना, इसे शहरी लोगों के लिये कम समावेशी योजना बनाती है।
AMRUT योजना को पुनर्जीवित करने हेतु क्या कदम उठाने की आवश्यकता है?
- वित्तीय चुनौतियाँ और समाधान: स्थानीय शहरी निकायों को स्थानीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन हेतु शीर्ष-निम्न वित्तपोषण दृष्टिकोण पर निर्भर रहने के बजाय वित्तीय संसाधनों में विविधता लाने की आवश्यकता है।
- समग्र दृष्टिकोण: जलवायु परिवर्तन, वर्षा प्रतिरूप और मौजूदा बुनियादी ढाँचे को ध्यान में रखते हुए शहरी जल प्रबंधन को उभरती चुनौतियों का समाधान करना चाहिये।
- इस योजना के लिये प्रकृति आधारित समाधान और जन-केंद्रित दृष्टिकोण तथा स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने वाली व्यापक कार्यप्रणाली की आवश्यकता है।
- सामुदायिक व्यस्तता: गैर-सरकारी संगठनों और निवासी संघों सहित सामुदायिक समूहों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने से ज़मीनी स्तर से विचार और फीडबैक प्राप्त करके आवास योजनाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाया जा सकता है।
- सफलता की कहानियों से सीखना: ऐसे सफल केस का अध्ययन करना, जहाँ स्वच्छता और सफाई में उल्लेखनीय सुधार हुआ, आवास संबंधी पहलों में समान चुनौतियों का समाधान करने के लिये बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है।
- उदाहरण के लिये दहानु तालुका में “सभी के लिये जल उपलब्धता” पहल का उद्देश्य स्थानीय जनजातीय समुदायों को पीने योग्य जल उपलब्ध कराना था।
- नवाचार और अनुसंधान: स्वास्थ्य और आवास संबंधी मुद्दों से संबंधित उद्योग-विशिष्ट अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिये नवाचार केंद्रों की स्थापना से नवीन समाधानों और प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा मिल सकता है।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (AMRUT) योजना के कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा कीजिये। इन चुनौतियों से निपटने के लिये संभावित रणनीतियों का सुझाव दीजिये। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2022)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये : (2011) भारत में महानगर योजना समिति:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं ? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (a) मेन्सप्रश्न. भारत में नगरीय जीवन की गुणवत्ता की संक्षिप्त पृष्ठभूमि के साथ ‘स्मार्ट नगर कार्यक्रम’ के उद्देश्य और रणनीति बताइये।(2016) |