शासन व्यवस्था
पेयजल और स्वच्छता विभाग की वर्षांत समीक्षा 2022
- 28 Dec 2022
- 12 min read
प्रिलिम्स के लिये:जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, पेयजल और स्वच्छता विभाग की उपलब्धियाँ मेन्स के लिये:पेयजल और स्वच्छता विभाग की वर्षांत समीक्षा, जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन की उपलब्धियाँ |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जल शक्ति मंत्रालय के तहत पेयजल और स्वच्छता विभाग की वर्षांत समीक्षा जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण वर्ष 2022 के लिये जारी की गई।
जल जीवन मिशन की प्रमुख उपलब्धियाँ:
- जल जीवन मिशन के तहत कवरेज:
- 21 दिसंबर, 2022 तक जल जीवन मिशन के तहत 10.76 करोड़ (55.62%) से अधिक ग्रामीण परिवारों को नियमित आधार पर पर्याप्त मात्रा में निर्धारित गुणवत्ता का नल जल कनेक्शन प्रदान किया जा रहा है।
- गोवा, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा तथा 3 केंद्रशासित प्रदेश पुद्दुचेरी, दमन एवं दीव, दादरा और नगर हवेली तथा अंडमान व निकोबार द्वीप समूह को ‘हर घर जल’ के रूप में रिपोर्ट किया गया है, यानि प्रत्येक ग्रामीण घर में नल के पानी की आपूर्ति का प्रावधान है।
- अगस्त 2022 में गोवा पहला 'हर घर जल' प्रमाणित राज्य और दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन व दीव भारत के पहले 'हर घर जल' प्रमाणित केंद्रशासित प्रदेश बने।
- मध्य प्रदेश का बुरहानपुर ज़िला जुलाई 2022 में भारत का पहला 'हर घर जल' प्रमाणित ज़िला बना।
- हर घर जल प्रमाणन:
- यदि किसी गाँव को ‘हर घर जल’ घोषित कर दिया जाता है तो उसके बाद उस गाँव की ग्राम पंचायत एक विशेष सभा का आयोजन करती है और गाँव के सभी सदस्यों की सहमति से एक प्रस्ताव पारित करती है कि उनके गाँव के सभी घर, स्कूल, आँगनवाड़ी एवं सार्वजनिक संस्थानों में क्रियाशील नल कनेक्शन है, इस प्रकार स्वयं को ‘हर घर जल प्रमाणित’ घोषित करती है।
- JE-AES प्रभावित ज़िलों में पीने योग्य नल के पानी का कवरेज:
- भारत सरकार जल जीवन मिशन के तहत सभी घरों में पीने योग्य नल के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये जापानी इंसेफेलाइटिस-एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Japanese Encephalitis- JE - Acute Encephalitis Syndrome- AES) प्रभावित ज़िलों को प्राथमिकता देती है।
- 5 राज्यों में JE-AES से प्रभावित 61 ज़िलों में नल जल कनेक्शन 8 लाख (2.69%) से बढ़कर 147.14 लाख (49.29%) हो गए, जिसके परिणामस्वरूप इन क्षेत्रों की ग्रामीण आबादी के स्वास्थ्य में सुधार हुआ।
- जल गुणवत्ता जाँच और निगरानी की स्थिति:
- देश में कुल 2,074 जल परीक्षण प्रयोगशालाएँ हैं। इनमें से 1,005 राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories- NABL) से मान्यता प्राप्त हैं।
- कार्यान्वयन सहायता एजेंसियाँ:
- राज्य/केंद्रशासित प्रदेश ग्राम जल स्वच्छता समिति (Village Water Sanitation Committee- VWSC) के गठन की सुविधा के लिये कार्यान्वयन सहायता एजेंसियों (Implementation Support Agencies- ISA) को नियुक्त करके पंचायतों की सहायता कर रहे हैं, सामुदायिक संघटन के लिये भागीदारी ग्रामीण मूल्यांकन के तहत ग्राम कार्य योजना तैयार करने में सहायता और बुनियादी ढाँचे के निर्माण के बाद की गतिविधियों को पूरा कर रहे हैं।
- लगभग 14 हज़ार ISA सक्रिय रूप से फील्ड में काम कर रहे हैं।
- राज्य/केंद्रशासित प्रदेश ग्राम जल स्वच्छता समिति (Village Water Sanitation Committee- VWSC) के गठन की सुविधा के लिये कार्यान्वयन सहायता एजेंसियों (Implementation Support Agencies- ISA) को नियुक्त करके पंचायतों की सहायता कर रहे हैं, सामुदायिक संघटन के लिये भागीदारी ग्रामीण मूल्यांकन के तहत ग्राम कार्य योजना तैयार करने में सहायता और बुनियादी ढाँचे के निर्माण के बाद की गतिविधियों को पूरा कर रहे हैं।
- राष्ट्रीय वाॅश/WASH विशेषज्ञ:
- राष्ट्रीय पेयजल, स्वच्छता और गुणवत्ता केंद्र को जल जीवन मिशन (JJM) के कार्यान्वयन में राज्यों को ज़मीनी सच्चाई तथा तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिये राष्ट्रीय वॉश विशेषज्ञों की सूची बनाने एवं उनकी तैनाती का काम सौंपा गया है।
- वर्ष 2022 के दौरान JJM के तहत किये गए कार्यान्वयन कार्यों की ज़मीनी सच्चाई के लिये 62 टीमों ने लगभग 1,035 गाँवों का दौरा किया।
- पेयजल आपूर्ति और जल गुणवत्ता हेतु प्रौद्योगिकियों का उपयोग:
- JJM समुदाय के नेतृत्त्व वाले कार्यान्वयन हेतु विभिन्न तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करता है:
- जल वितरण प्रणालियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिये जलभृत पुनर्भरण, वर्षा जल संचयन, जल निकायों की भंडारण क्षमता में वृद्धि, जलाशयों, डिसिल्टिंग और अन्य स्रोत स्थिरता उपायों को लागू किया जा रहा है।
- पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण (Supervisory Control and Data Acquisition- SCADA), रिमोट सेंसिंग एवं सॉफ्टवेयर डिज़ाइन के लिये इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी तकनीकों का उपयोग जल लेखांकन, जल गुणवत्ता नियंत्रण, जल उपयोग दक्षता, जल संसाधन योजना एवं प्रभाव मूल्यांकन के माध्यम से जलवायु को लचीलापन बनाने में किया गया है।
- JJM समुदाय के नेतृत्त्व वाले कार्यान्वयन हेतु विभिन्न तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करता है:
- शिकायत निवारण तंत्र:
- जलापूर्ति से संबंधित शिकायतों के समाधान के लिये विभाग में शिकायत निवारण प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। लोग केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (Centralized Public grievances Redress and Monitoring System- CPGRAMS) के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करा रहे हैं।
- जल जीवन सर्वेक्षण (JJS) टूलकिट:
- भारत के उपराष्ट्रपति ने 21 अक्तूबर, 2022 को 'जल जीवन सर्वेक्षण' टूलकिट और डैशबोर्ड लॉन्च किया।
- जल जीवन सर्वेक्षण 2023 का उद्देश्य राज्यों/ज़िलों के पदाधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन एवं बेहतर जल सेवा वितरण के लिये प्रयास करने हेतु प्रोत्साहित करना है।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की प्रमुख उपलब्धियाँ:
- परिचय:
- प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), केंद्र प्रायोजित योजना को 2 अक्तूबर, 2014 को शुरू किया गया था, इसका मुख्य उद्देश्य देश के सभी ग्रामीण परिवारों को शौचालयों तक पहुँच प्रदान करके महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2 अक्तूबर, 2019 तक देश को खुले में शौच से मुक्त (Open Defecation Free- ODF) बनाना था।
- 2 अक्तूबर, 2019 तक देश के सभी गाँवों ने खुद को ODF घोषित कर दिया था।
- उपलब्धियाँ:
- 1 जनवरी, 2022 से 20 दिसंबर, 2022 के बीच लगभग 1.25 लाख गाँवों को खुले में शौच से मुक्त (ODF) घोषित किया गया।
- तरल अपशिष्ट प्रबंधन को प्राथमिकता देने के लिये "सुजलाम" अभियान शुरू किया गया।
- सुजलाम 1.0 और सुजलाम 2.0 अभियानों के तहत 23 लाख से अधिक सोख्ता गड्ढों का निर्माण किया गया।
- SBM (G) की "गोबरधन" पहल के तहत जनवरी 2022 से समुदाय स्तर पर 96 बायोगैस संयंत्र स्थापित किये गए हैं।
- गोबरधन योजना का उद्देश्य गाँवों को स्वच्छ रखना, पशु अपशिष्ट सहित जैव-अपशिष्ट, कृषि-अवशेषों को बायोगैस में परिवर्तित करके धन तथा ऊर्जा उत्पन्न करना एवं ग्रामीणों के जीवन में सुधार करना है।
- पेयजल और स्वच्छता विभाग (DDWS) गोबरधन के कार्यान्वयन का समन्वयन कर रहा है जिसमें बायोगैस संपीड़ित बायोगैस (CBG) क्षेत्र के लिये सक्षम वातावरण प्रदान करने हेतु विभिन्न विभागों व मंत्रालयों को शामिल करते हुए वेस्ट टू वेल्थ पहल हेतु प्रयास किये जाएंगे।
- ट्विनपिट अभियान के लिये रेट्रोफिट:
- केंद्रीय जल मंत्री ने 2 अक्तूबर 2022 को ट्विनपिट अभियान के लिये रेट्रोफिट का शुभारंभ किया।
- यह अभियान सिंगल पिट टॉयलेट को ट्विनपिट टॉयलेट में रेट्रोफिट करने की एक सरल ऑन-साइट पद्धति के माध्यम से मल व कीचड़ के सुरक्षित निपटान को बढ़ावा देगा।
- 2 अक्तूबर, 2022 से 19 नवंबर 2022 तक अभियान के पहले चरण के दौरान राज्यों ने 97% गाँवों का आधारभूत मूल्यांकन पूरा कर लिया है।
- स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2023 (SSG 2023):
- DDWS ने राज्यों के ज़िलों और ग्राम पंचायतों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा हेतु तथा SBM-G चरण II की प्रगति का पता लगाने के उद्देश्य से 2 नवंबर, 2022 को स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (SSG) 2023 लॉन्च किया है।
- SSG 2023 के तहत ग्राम पंचायत और ज़िला स्तर पर मूल्यांकन किया जाएगा।
- SSG 2023 को अधिक सहभागी बनाने के लिये ग्राम पंचायतें ODF प्लस मापदंडों पर ग्रामों का स्व-मूल्यांकन करेंगी।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रश्न. "जल,और स्वच्छता आवश्यकताओं को संबोधित करने वाली नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये लाभार्थी क्षेत्रों की पहचान को अनुमानित परिणामों के साथ सिंक्रनाइज़ किया जाना है।" WASH योजना के संदर्भ में इस कथन का परीक्षण कीजिये। (150 शब्द) (2017) |