जैव विविधता और पर्यावरण
रिवर-सिटीज़ एलायंस वैश्विक संगोष्ठी
- 08 May 2023
- 11 min read
प्रिलिम्स के लिये:नमामि गंगे कार्यक्रम, NMCG, NIUA, RCA, सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860, गंगा कार्ययोजना मेन्स के लिये:गंगा नदी के कायाकल्प में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन का महत्त्व, संरक्षण |
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (National Mission for Clean Ganga- NMCG) ने राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान (National Institute of Urban Affairs- NIUA) के सहयोग से 'रिवर-सिटीज़ एलायंस (RCA) वैश्विक संगोष्ठी: अंतर्राष्ट्रीय नदी-संवेदनशील शहरों के निर्माण हेतु साझेदारी' का आयोजन किया।
- RCA वैश्विक संगोष्ठी का उद्देश्य शहरी नदियों के प्रबंधन हेतु बेहतर अभ्यासों पर चर्चा करने एवं सीखने के लिये एक मंच प्रदान करना है।
- इससे पहले फरवरी 2023 में RCA - DHARA 2023 (ड्राइविंग होलिस्टिक एक्शन फॉर अर्बन रिवर) की एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें शहरी नदी प्रबंधन हेतु अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम अभ्यासों एवं उदाहरणों पर संगोष्ठी शामिल है।
राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान:
- NIUA शहरी विकास और प्रबंधन में अनुसंधान, प्रशिक्षण एवं सूचना प्रसार हेतु एक संस्थान है। यह नई दिल्ली, भारत में स्थित है।
- इसे वर्ष 1976 में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत एक स्वायत्त निकाय के रूप में स्थापित किया गया था।
- यह संस्थान आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार; राज्य सरकारों; शहरी एवं क्षेत्रीय विकास प्राधिकरणों तथा शहरी मुद्दों से संबंधित अन्य एजेंसियों द्वारा समर्थित है।
RCA:
- परिचय:
- RCA जल शक्ति मंत्रालय (MoJS) एवं आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) की एक संयुक्त पहल है, जिसका उद्देश्य नदी-शहरों को जोड़ना तथा सतत् नदी केंद्रित विकास पर ध्यान आकृष्ट करना है।
- यह एलायंस तीन व्यापक विषयों- नेटवर्किंग, क्षमता निर्माण और तकनीकी सहायता पर केंद्रित है।
- नवंबर 2021 में 30 सदस्य शहरों के साथ शुरू हुए इस एलायंस का विस्तार पूरे भारत में 110 नदी-शहरों और डेनमार्क के एक अंतर्राष्ट्रीय सदस्य शहर तक हो गया है।
- उद्देश्य:
- रिवर-सिटीज़ एलायंस का उद्देश्य शहरी नदी प्रबंधन के लिये नई प्रथाओं और दृष्टिकोणों को अपनाने के लिये भारतीय शहरों हेतु ज्ञान विनिमय (ऑनलाइन) की सुविधा प्रदान करना है।
- यह अंतर्राष्ट्रीय शहरों के लिये भी भारतीय शहरों के अनुभवों के बारे में जानने का अवसर प्रदान करेगा, जो कि उनके संदर्भ में प्रासंगिक हो सकता है।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (National Mission for Clean Ganga- NMCG)
- परिचय:
- इसे गंगा नदी के जीर्णोद्धार, संरक्षण और प्रबंधन के लिये राष्ट्रीय परिषद द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है, जिसे राष्ट्रीय गंगा परिषद भी कहा जाता है।
- यह मिशन 12 अगस्त, 2011 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक पंजीकृत सोसायटी के रूप में स्थापित किया गया था।
- इसने पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम (EPA), 1986 के प्रावधानों के तहत गठित राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (NGRBA) की कार्यान्वयन शाखा के रूप में कार्य किया।
- गंगा नदी के कायाकल्प, संरक्षण और प्रबंधन के लिये राष्ट्रीय परिषद (राष्ट्रीय गंगा परिषद के रूप में संदर्भित) के गठन के परिणामस्वरूप 7 अक्तूबर, 2016 से NGRBA को विघटित कर दिया गया है।
- उद्देश्य:
- NMCG का उद्देश्य गंगा नदी के प्रदूषण को कम करना और इसका कायाकल्प सुनिश्चित करना है।
- इस मिशन में मौजूदा सीवेज उपचार संयंत्र को पूर्व अवस्था में लाना और अधिक सक्षम बनाना तथा सीवेज के प्रवाह की जाँच के लिये रिवरफ्रंट पर निकास बिंदुओं पर प्रदूषण को रोकने हेतु तत्काल अल्पकालिक कदम उठाना शामिल है।
- संगठनात्मक संरचना:
- इस अधिनियम में गंगा नदी में पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और कमी लाने के उपाय करने के लिये राष्ट्रीय, राज्य तथा ज़िला स्तर पर पाँच संगठनात्मक संरचनाओं की परिकल्पना की गई है:
- भारत के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता के तहत राष्ट्रीय गंगा परिषद।
- केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री की अध्यक्षता में एक अधिकार प्राप्त कृतक बल (Empowered Task Force- ETF)
- राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (National Mission for Clean Ganga- NMCG)
- राज्य गंगा समितियाँ
- राज्यों में गंगा नदी और इसकी सहायक नदियों के निकटवर्ती प्रत्येक विशिष्ट ज़िले में ज़िला गंगा समितियाँ।
- इस अधिनियम में गंगा नदी में पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और कमी लाने के उपाय करने के लिये राष्ट्रीय, राज्य तथा ज़िला स्तर पर पाँच संगठनात्मक संरचनाओं की परिकल्पना की गई है:
भारत में गंगा नदी के कायाकल्प के लिये अन्य पहलें:
- नमामि गंगे कार्यक्रम: यह एक एकीकृत संरक्षण मिशन है, जिसे जून 2014 में केंद्र सरकार द्वारा ‘फ्लैगशिप कार्यक्रम' के रूप में अनुमोदित किया गया था, ताकि प्रदूषण के प्रभावी उन्मूलन और राष्ट्रीय नदी गंगा के संरक्षण एवं कायाकल्प के दोहरे उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सके।
- गंगा एक्शन प्लान: यह पहली नदी कार्ययोजना थी जो वर्ष 1985 में पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य जल अवरोधन, डायवर्ज़न व घरेलू सीवेज के उपचार द्वारा पानी की गुणवत्ता में सुधार करना तथा विषाक्त एवं औद्योगिक रासायनिक कचरे को नदी में प्रवेश करने से रोकना था।
- राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना गंगा एक्शन प्लान का ही विस्तार है। इसका उद्देश्य गंगा एक्शन प्लान के फेज़-2 के तहत गंगा नदी की सफाई करना है।
- राष्ट्रीय जल मिशन (2010): यह मिशन एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन सुनिश्चित करता है, ताकि जल संरक्षण, जल के कम अपव्यय और समान वितरण के साथ बेहतर नीतियों का निर्माण हो सके।
- राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG): यह गंगा नदी में पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और उपशमन उपायों के लिये राष्ट्रीय, राज्य एवं ज़िला स्तर पर एक पाँच-स्तरीय संरचना की परिकल्पना करता है।
- वर्ष 2008 में गंगा को भारत की 'राष्ट्रीय नदी' घोषित किया गया था।
- स्वच्छ गंगा कोष: वर्ष 2014 में इसका गठन गंगा की सफाई, अपशिष्ट उपचार संयंत्रों की स्थापना तथा नदी की जैवविविधता के संरक्षण के लिये किया गया था।
- भुवन-गंगा वेब एप: यह गंगा नदी में होने वाले प्रदूषण की निगरानी में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करता है।
- अपशिष्ट निपटान पर प्रतिबंध: वर्ष 2017 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा गंगा नदी में किसी भी प्रकार के कचरे के निपटान पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2014)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b)
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है। मेन्स:प्रश्न. नमामि गंगे और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एन.एम.सी.जी.) कार्यक्रमों और इससे पूर्व की योजनाओं के मिश्रित परिणामों के कारणों पर चर्चा कीजिये। गंगा नदी के परिरक्षण में कौन-सी प्रमात्रा छलांगें, क्रमिक योगदानों के अपेक्षा अधिक सहायक हो सकती है? (2015) |