जैव विविधता और पर्यावरण
आदि गंगा पुनरुद्धार योजना
- 24 Feb 2023
- 9 min read
प्रिलिम्स के लिये:आदि गंगा, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण, गंगा नदी के कायाकल्प संरक्षण और प्रबंधन हेतु राष्ट्रीय गंगा परिषद, भुवन-गंगा वेब एप, नमामि गंगे कार्यक्रम। मेन्स के लिये:आदि गंगा से जुड़े प्रमुख मुद्दे, गंगा से जुड़ी पहल। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में आदि गंगा (कोलकाता शहर से प्रवाहित होने वाली गंगा नदी की मुख्य धारा) के पुनरुद्धार के संदर्भ में योजना की घोषणा की गई है।
- राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने इस प्राचीन नदी के पुनरुद्धार के लिये लगभग 650 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं तथा इसके प्रदूषण के उन्मूलन के लिये इसे बहु-देशीय दक्षिण एशियाई नदी परियोजना में शामिल किया गया है।
आदि गंगा से जुड़े प्रमुख मुद्दे और विकास:
- अतिक्रमण का इतिहास:
- यह नदी जो कभी 17वीं शताब्दी तक गंगा की मुख्य धारा थी और दशकों तक उपेक्षित रही और वर्तमान में काफी प्रदूषित होने के साथ ही इस पर अतिक्रमण कर लिया गया है। आदि गंगा के अवरुद्ध होने से क्षेत्र में प्राकृतिक जल निकासी पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
- हालाँकि आदि गंगा वर्ष 1970 के दशक तक अनुकूल रूप से प्रवाहित होती रही। बाद में इसकी जल की गुणवत्ता धीरे-धीरे खराब होती गई और इसके तटों पर अतिक्रमण के कारण यह एक सीवर में तब्दील हो गई।
- वर्ष 1998 में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक महीने के भीतर नदी से सभी प्रकार के अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था।
- हालाँकि एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, इस पहले आदेश के दो दशक बाद भी अतिक्रमण अभी भी कायम है।
- हालिया स्थिति:
- राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आँकड़ों के अनुसार, इस नदी को अब व्यावहारिक रूप से मृत माना जा सकता है और ऐसा कहा जा सकता है कि नदी के प्रति 100 मिलीलीटर जल में 17 मिलियन से अधिक मल बैक्टीरिया मौजूद हैं और यह एक गंदे नाले के रूप में परिवर्तित हो गई है। इसमें ऑक्सीजन की मात्रा भी शून्य है।
- पुनरुद्धार:
- राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal) द्वारा पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देशित किया गया है कि नदी के पुनरुद्धार कार्य को सकारात्मक रूप से 30 सितंबर, 2025 तक पूरा किया जाए।
- बांग्लादेश के सिलहट में गैर-लाभकारी एक्शन एड द्वारा आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय जल सम्मेलन के दौरान प्रदूषण संबंधी अध्ययन के लिये इस नदी का चयन किया गया था।
- आदि गंगा के अतिरिक्त बांग्लादेश में बुरीगंगा, चीन में पुयांग, नेपाल में बागमती और मलेशिया में क्लैंग का भी इस सम्मेलन के दौरान प्रदूषण संबंधी अध्ययन के लिये चयन किया गया था।
नोट:
- आदि गंगा, जिसे गोबिंदपुर क्रीक, सुरमन नहर और (वर्तमान में) टोली नहर के रूप में भी जाना जाता है, 15वीं से 17वीं शताब्दी के बीच हुगली नदी की मुख्य धारा थी जो प्राकृतिक कारणों से सूख गई थी।
- वर्ष 1750 के आसपास नदी के मुख्य मार्ग को हावड़ा से सटी सरस्वती नदी के निचले हिस्से से जोड़ने के लिये एक नहर का निर्माण किया गया था।
- नतीजतन, आदि गंगा एक छोटी सहायक नदी में तब्दील होने के बाद हुगली मुख्य नदी बन गई।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG):
- परिचय:
- 12 अगस्त, 2011 को NMCG को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक सोसायटी के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।
- NMCG को गंगा नदी के कायाकल्प, संरक्षण एवं प्रबंधन के लिये राष्ट्रीय परिषद द्वारा लागू किया गया है जिसे राष्ट्रीय गंगा परिषद के रूप में भी जाना जाता है।
- उद्देश्य:
- NMCG का उद्देश्य प्रदूषण को कम करना एवं गंगा नदी का कायाकल्प सुनिश्चित करना है।
- जल की गुणवत्ता और पर्यावरणीय रूप से सतत् विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से व्यापक योजना एवं प्रबंधन तथा नदी में न्यूनतम पारिस्थितिक प्रवाह को बनाए रखने के लिये अंतर-क्षेत्रीय समन्वय को बढ़ावा देना है।
- संगठन संरचना:
- इस अधिनियम में गंगा नदी में पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण एवं उपशमन के उपाय करने हेतु राष्ट्रीय, राज्य और ज़िला स्तर पर पाँच स्तरीय संरचना की परिकल्पना की गई है।
- भारत के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय गंगा परिषद।
- केंद्रीय जल शक्ति मंत्री (जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग) की अध्यक्षता में गंगा नदी पर अधिकार प्राप्त कार्य बल (ETF)।
- राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG)।
- राज्य गंगा समितियाँ।
- राज्यों में गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों से सटे प्रत्येक निर्दिष्ट ज़िले में ज़िला गंगा समितियाँ।
- इस अधिनियम में गंगा नदी में पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण एवं उपशमन के उपाय करने हेतु राष्ट्रीय, राज्य और ज़िला स्तर पर पाँच स्तरीय संरचना की परिकल्पना की गई है।
गंगा से संबंधित अन्य पहलें:
- नमामि गंगे कार्यक्रम: नमामि गंगे कार्यक्रम एक एकीकृत संरक्षण मिशन है जिसे जून 2014 में केंद्र सरकार द्वारा 'फ्लैगशिप कार्यक्रम' के रूप में अनुमोदित किया गया था ताकि प्रदूषण के प्रभावी उन्मूलन और राष्ट्रीय नदी गंगा के संरक्षण एवं कायाकल्प जैसे दोहरे उद्देश्यों को पूरा किया जा सके।
- गंगा नदी को वर्ष 2008 में भारत की 'राष्ट्रीय नदी' घोषित किया गया।
- गंगा एक्शन प्लान: यह पहली नदी कार्ययोजना थी जो 1985 में पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा लाई गई थी। इसका उद्देश्य जल अवरोधन, डायवर्ज़न व घरेलू सीवेज के उपचार द्वारा जल की गुणवत्ता में सुधार करना था।
- राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना गंगा कार्ययोजना का विस्तार है। इसका उद्देश्य गंगा कार्ययोजना चरण-2 के तहत गंगा नदी की सफाई करना है
- राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना गंगा कार्ययोजना का विस्तार है। इसका उद्देश्य गंगा कार्ययोजना चरण-2 के तहत गंगा नदी की सफाई करना है
- भुवन-गंगा वेब एप: यह गंगा नदी में प्रवेश करने वाले प्रदूषण की निगरानी में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2013) राष्ट्रीय उद्यान उद्यान से होकर बहने वाली नदी
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) प्रश्न. टिहरी जलविद्युत परियोजना निम्नलिखित में से किस नदी पर स्थित है? (2008) (a) अलकनंदा उत्तर: (b) |