भारतीय राजव्यवस्था
नीति आयोग की 9वीं शासी परिषद की बैठक
- 31 Jul 2024
- 11 min read
प्रिलिम्स के लिये:नीति आयोग, विकसित भारत @2047, शून्य गरीबी, आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम, प्राकृतिक कृषि, साइबर सुरक्षा, सहकारी संघवाद, SDG इंडिया इंडेक्स, अटल इनोवेशन मिशन। मेन्स के लिये:सहकारी संघवाद में नीति आयोग की भूमिका, संविधानेतर निकाय |
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नीति आयोग की 9वीं शासी परिषद की बैठक में 20 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों के नेताओं को "विकसित भारत @2047" थीम पर चर्चा करने के लिये बुलाया गया, जिसका उद्देश्य वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र के रूप में भारत के विकास हेतु एक रूपरेखा स्थापित करना है।
बैठक के मुख्य परिणाम क्या हैं?
- 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था का विज़न/दृष्टिकोण: भारत का लक्ष्य वर्ष 2047 तक 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के GDP लक्ष्य के साथ विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है। यह महत्त्वाकांक्षा देश के सतत् आर्थिक विकास, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा पर ध्यान केंद्रित करने को उजागर करती है।
- वर्ष 2047 हेतु राज्य का दृष्टिकोण: बैठक में प्रत्येक राज्य और ज़िले को विकसित भारत के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के साथ संरेखित करते हुए वर्ष 2047 के लिये अपना दृष्टिकोण तैयार करने हेतु प्रोत्साहित किया गया।
- राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में राज्यों के महत्त्व पर ज़ोर देते हुए प्रधानमंत्री ने दोहराया कि विकसित भारत के लिये विकसित राज्य महत्त्वपूर्ण हैं।
- शून्य गरीबी लक्ष्य: बैठक से एक महत्त्वपूर्ण निष्कर्ष यह निकला कि व्यक्तिगत स्तर पर गरीबी उन्मूलन पर ज़ोर दिया गया। 'शून्य गरीबी' वाले गाँवों की अवधारणा पर चर्चा की गई जिसका उद्देश्य ज़मीनी स्तर से समग्र विकास करना है।
- बुनियादी ढाँचा और निवेश: प्रधानमंत्री ने निवेश आकर्षित करने के लिये बुनियादी ढाँचे, कानून और व्यवस्था तथा सुशासन के महत्त्व पर ज़ोर दिया।
- राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देने वाले मापदंडों के माध्यम से निगरानी करते हुए, निवेशक-अनुकूल वातावरण बनाने के लिये राज्यों को प्रोत्साहित करने हेतु एक 'निवेश-अनुकूल चार्टर' प्रस्तावित किया गया।
- शिक्षा और कौशल विकास: युवाओं को रोज़गार के लिये तैयार करने हेतु उनके कौशल पर ज़ोर दिया गया, जिससे वैश्विक कुशल संसाधन केंद्र के रूप में भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाया जा सके।
- कृषि उत्पादकता और प्राकृतिक कृषि: उत्पादकता बढ़ाने, कृषि में विविधता लाने तथा प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने पर चर्चा की गई, ताकि मृदा उर्वरता में सुधार हो, लागत कम हो और वैश्विक बाज़ारों तक पहुँच बनाई जा सके।
- जीवन की सुगमता/ईज़ ऑफ लिविंग: मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की सिफारिशों पर विचार किया गया, जिसमें पेयजल, विद्युत, स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा और भूमि/संपत्ति प्रबंधन जैसे 5 प्रमुख विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- प्रधानमंत्री ने राज्यों को भविष्य में बढ़ती जनसंख्या की समस्या से निपटने हेतु जनसांख्यिकी प्रबंधन योजनाएँ शुरू करने के लिये प्रोत्साहित किया।
- प्रधानमंत्री ने राज्यों से सभी स्तरों पर सरकारी अधिकारियों की क्षमता निर्माण का कार्य करने को कहा तथा इसके लिये उन्हें क्षमता निर्माण आयोग के साथ सहयोग करने हेतु प्रोत्साहित किया।
- प्रधानमंत्री ने जल संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिये राज्य स्तर पर नदी ग्रिडों के निर्माण को प्रोत्साहित किया।
- शासन में साइबर सुरक्षा और AI: शासन में प्रौद्योगिकी का एकीकरण, साइबर सुरक्षा चुनौतियों का समाधान और कुशल शासन हेतु AI का लाभ उठाने को भविष्य की तत्परता के लिये महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों के रूप में रेखांकित किया गया।
नोट:
- ‘जीवन की सुगमता’ की व्यापक थीम के तहत, मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान निम्नलिखित पाँच प्रमुख विषयों पर अनुशंसाएँ की गईं:
- पेयजल: पहुँच, मात्रा और गुणवत्ता
- विद्युत: गुणवत्ता, दक्षता और विश्वसनीयता
- स्वास्थ्य: सुगम्यता, सामर्थ्य और देखभाल की गुणवत्ता
- स्कूली शिक्षा: पहुँच और गुणवत्ता
- भूमि और संपत्ति: सुगम्यता, डिजिटलीकरण, पंजीकरण और म्यूटेशन
नीति आयोग की शासी परिषद क्या है?
- परिचय:
- शासी परिषद एक प्रमुख निकाय है जिसका कार्य विकास को आकार देने में राज्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और रणनीतियों का साझा दृष्टिकोण विकसित करना है।
- सहकारी संघवाद के उद्देश्यों को मूर्त रूप देने वाली शासी परिषद, राष्ट्रीय विकास एजेंडे के कार्यान्वयन में तेज़ी लाने के लिये अंतर-क्षेत्रीय, अंतर-विभागीय और संघीय मुद्दों पर चर्चा करने हेतु एक मंच प्रस्तुत करती है।
- सदस्य:
- भारत के प्रधानमंत्री (अध्यक्ष)
- मुख्यमंत्री (विधानसभा वाले राज्य और केंद्रशासित प्रदेश)
- अन्य केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल
- पदेन सदस्य
- नीति आयोग के उपाध्यक्ष
- नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य
- विशेष आमंत्रित सदस्य
- कार्य:
- शासी परिषद सचिवालय (GCS) शासी परिषद की बैठकों का समन्वय करता है।
- यह नीति आयोग के सभी कार्यक्षेत्रों, प्रभागों और इकाइयों की गतिविधियों का समन्वय भी करता है।
- GCS संसद में परिचालन के लिये नीति आयोग की वार्षिक रिपोर्ट से संबंधित मामलों के समन्वय हेतु नोडल प्रभाग के रूप में कार्य करता है।
- यह प्रभाग संसदीय प्रश्नों, स्थायी समिति के मामलों, RTI प्रश्नों, GCS से संबंधित केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (Centralised Public Grievance Redressal and Monitoring System- CPGRAMS) शिकायतों को भी संभालता है।
- शासी परिषद सचिवालय (GCS) शासी परिषद की बैठकों का समन्वय करता है।
नीति आयोग क्या है?
- परिचय:
- योजना आयोग को 1 जनवरी, 2015 को एक नए संस्थान नीति आयोग द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था, जिसमें 'सहकारी संघवाद' की भावना को प्रतिध्वनित करते हुए ‘अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार’ की परिकल्पना के लिये 'बॉटम-अप' दृष्टिकोण पर ज़ोर दिया गया था।
- इसमें दो हब हैं:
- टीम इंडिया हब- यह राज्यों और केंद्र के बीच इंटरफेस का कार्य करता है।
- ज्ञान और नवोन्मेष हब- यह नीति आयोग के थिंक-टैंक के रूप में कार्य करता है।
- पहल:
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. भारत में सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने में नीति आयोग की भूमिका पर चर्चा कीजिये। इसने केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर शासन की गुणवत्ता बढ़ाने में किस प्रकार योगदान दिया है? |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. अटल नवप्रवर्तन (इनोवेशन) मिशन किसके अधीन स्थापित किया गया है? (2019) (a) विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग उत्तर: (c) प्रश्न. भारत सरकार ने नीति (NITI) आयोग की स्थापना निम्नलिखित में से किसका स्थान लेने के लिये की है? (2015) (a) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग उत्तर: (d) मेन्स:प्रश्न. भारत में 'महत्त्वाकांक्षी ज़िलों के कायाकल्प' के लिये मूल रणनीतियों का उल्लेख कीजिये और इसकी सफलता के लिये, अभिसरण, सहयोग व प्रतिस्पर्द्धा की प्रकृति को स्पष्ट कीजिये। (2018) |