छठा राष्ट्रीय पोषण माह | 02 Sep 2023

प्रिलिम्स के लिये:

आँगनवाड़ी कार्यक्रम, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MoWCD), गवर्नमेंट ई-मार्केट (GeM), पोषण अभियान, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण , राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (NFSA), सक्षम आँगनवाड़ी और पोषण 2.0

मेन्स के लिये:

पोषण अभियान का महत्त्व और उद्देश्य, सक्षम आँगनवाड़ी तथा पोषण 2.0 का महत्त्व, दृष्टिकोण एवं उद्देश्य

स्रोत: पी.आई.बी.

चर्चा में क्यों?

महिला और बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development- MoWCD) सितंबर 2023 में छठा राष्ट्रीय पोषण माह मना रहा है।

राष्ट्रीय पोषण माह 2023 के प्रमुख बिंदु:

  • केंद्र बिंदु एवं उद्देश्य:
    • इसका उद्देश्य मिशन पोषण 2.0 के आधार, जीवन-चक्र दृष्टिकोण के माध्यम से कुपोषण से व्यापक रूप से निपटना है। 
    • इसका केंद्र बिंदु पूरे भारत में बेहतर पोषण को बढ़ावा देने के लिये मानव जीवन के महत्त्वपूर्ण चरणों- गर्भावस्था, शैशवावस्था, बचपन और किशोरावस्था के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करना है। 
  • थीम:
    • "सुपोषित भारत, साक्षर भारत, सशक्त भारत" जो एक स्वस्थ और मज़बूत देश के निर्माण में पोषण, शिक्षा एवं सशक्तीकरण के महत्त्व पर ज़ोर देता है।
  • इस वर्ष की पहलें:
    • महीने भर चलने वाले इस आयोजन में स्तनपान और पूरक आहार जैसे प्रमुख विषयों पर ध्यान केंद्रित करने वाले अभियानों के माध्यम से ज़मीनी स्तर पर पोषण संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिये राष्ट्रव्यापी प्रयास किये जाएंगे। 
    • इन प्रयासों में निम्नलिखित गतिविधियाँ शामिल हैं:
      • बेहतर पोषण और समग्र कल्याण के लिये स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा को प्रोत्साहित करने हेतु स्वस्थ बालक प्रतिस्पर्द्धा (स्वस्थ बाल प्रतियोगिता)।
      • पोषण भी पढाई भी (पोषण और शिक्षा), मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिये जीवनशैली) के माध्यम से पोषण में सुधार, आदिवासी समुदायों को पोषण के विषय में संवेदनशील बनाना तथा टेस्ट, ट्रीट, टॉक दृष्टिकोण के माध्यम से एनीमिया को संबोधित करना।
  • वर्ष 2022 की प्रगति:
    • वर्ष 2022 में पोषण माह के दौरान पोषण से संबंधित प्रमुख विषयों पर ध्यान केंद्रित करते हुए 170 मिलियन से अधिक संवेदीकरण गतिविधियाँ हुईं।
    • प्रत्येक वर्ष पोषण पखवाड़ा (मार्च) और पोषण माह (सितंबर) के दौरान जन आंदोलन के हिस्से के रूप में 600 मिलियन से अधिक गतिविधियाँ आयोजित की गई हैं।

पोषण अभियान

  • परिचय: 
    • यह कुपोषण को व्यापक रूप से संबोधित करने के लिये भारत सरकार (GoI) की एक प्रमुख पहल है।
  • उद्देश्य:
    • इसका लक्ष्य एक एकीकृत पोषण सहायता कार्यक्रम तैयार करना है जो पोषण सेवाओं हेतु सामग्री, उनका वितरण, आउटरीच और समग्र परिणामों में वृद्धि करेगा।
    • इसका प्राथमिक उद्देश्य उन प्रथाओं को बढ़ावा देना है जो बीमारियों और कुपोषण की समस्या का समाधान कर व्यक्तियों के स्वास्थ्य, कल्याण तथा प्रतिरक्षा में सुधार करती हैं।
  • लक्षित आबादी:
    • यह गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं, किशोरियों और 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को लक्षित करता है।
  • पोषण ट्रैकर एप:
    • वर्ष 2021 में MoWCD ने पोषण ट्रैकर नामक एक एप्लीकेशन लॉन्च किया।
    • फरवरी 2022 तक पोषण ट्रैकर पर पंजीकृत लाभार्थियों की संख्या:

सक्षम आँगनवाड़ी और पोषण 2.0:

  • परिचय:
  • वित्तीयन:
    • पोषण 2.0 को केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच लागत बँटवारे के अनुपात के आधार पर राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन के माध्यम से लागू किया जा रहा है, यह केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम है।
  • दृष्टिकोण:
    • यह 6 वर्ष तक के बच्चों, किशोरियों (14-18 वर्ष) और गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं के कुपोषण की चुनौतीपूर्ण स्थिति का समाधान करेगा।
    • सतत् विकास लक्ष्यों (शून्य भूख पर SDG 2 और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर SDG 4) की उपलब्धि इस कार्यक्रम के रुपरेखा में सबसे प्रमुख है।
    • मिशन बच्चों के स्वास्थ्य और वयस्क उत्पादकता में वृद्धि हेतु पोषण एवं बचपन की देखभाल तथा मौलिक शिक्षा के महत्त्व पर ध्यान केंद्रित करेगा।
  • घटक:
    • 06 माह से 6 वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं (PWLM) को पूरक पोषण कार्यक्रम (SNP) के माध्यम से पोषण सहायता।
      • आकांक्षी ज़िलों और पूर्वोत्तर क्षेत्रों  में 14 से 18 वर्ष की आयु वर्ग की किशोरियों को पोषण सहायता।
    •  प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (3-6 वर्ष) एवं प्रारंभिक प्रोत्‍साहन (0-3 वर्ष);
    • आधुनिक, उन्नत सक्षम आँगनबाडी सहित आँगनबाडी बुनियादी ढाँचा।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-से 'राष्ट्रीय पोषण मिशन (नेशनल न्यूट्रिशन मिशन)' के उद्देश्य हैं? (2017) 

  1. गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण संबंधी जागरूकता उत्पन्न करना।
  2. छोटे बच्चों, किशोरियों और महिलाओं में रक्ताल्पता को कम करना। 
  3. बाजरा, मोटे अनाज और अपरिष्कृत चावल के उपभोग को बढ़ाना।
  4.  मुर्गी के अंडों के उपभोग को बढ़ाना।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 1, 2 और 4
(d) केवल 3 और 4 

उत्तर: (a)