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शासन व्यवस्था

पोषण अभियान

  • 26 Sep 2022
  • 12 min read

प्रिलिम्स के लिये:

आँगनवाड़ी केंद्र, पोषण वाटिका, पोषण अभियान (राष्ट्रीय पोषण मिशन), पोषण 2.0, एकीकृत बाल विकास सेवाएँ (ICDS)।

मेन्स के लिये:

पोषण अभियान का महत्त्व ।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में आयुष मंत्रालय के साथ संयुक्त रूप से महिला और बाल विकास मंत्रालय (MWCD) के विभिन्न हस्तक्षेपों के तहत लगभग 4.37 लाख आँगनवाड़ी केंद्रों ने पोषण वाटिका की स्थापना की गई है।

  • वर्तमान में जारी पोषण माह 2022 के तहत देश भर में बैकयार्ड पोल्ट्री/मत्स्य पालन इकाइयों के साथ पोषण वाटिका की स्थापना के लिये बड़े पैमाने पर कई कार्यकलाप किये जा रहे हैं।
  • इसके अतिरिक्त, अब तक 6 राज्यों के कुछ चयनित ज़िलों में 1.10 लाख औषधीय पौधे भी लगाए जा चुके हैं।

पोषण माह:

  • पोषण अभियान के अंतर्गत हर साल सितंबर के महीने में राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जाता है
  • इसमें प्रसवपूर्व देखभाल, इष्टतम स्तनपान, एनीमिया, विकास निगरानी, लड़कियों की शिक्षा, आहार, शादी की सही उम्र, स्वच्छता और स्वस्थ भोजन (खाद्य पोषण) पर केंद्रित एक महीने की गतिविधियाँ शामिल है।
  • ये गतिविधियाँ सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन संचार (Social and Behavioural Change Communication- SBCC) पर ध्यान केंद्रित करती हैं तथा जन आंदोलन दिशा-निर्देशों पर आधारित होती हैं।
    • SBCC ज्ञान, दृष्टिकोण, मानदंड, विश्वास और व्यवहार में परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिये संचार दृष्टिकोण का एक रणनीतिक उपयोग है।

पोषण वाटिका:

  • विषय:
    • पोषण वाटिका का अर्थ है भूमि का वह छोटा टुकड़ा जहाँ घर के लोग सब्जियाँ उगाते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिवार में सभी विशेष रूप से बच्चे और महिलाएँ कुपोषण का शिकार न हों।
  • उद्देश्य:
    • इसका मुख्य उद्देश्य जैविक रूप से घरेलू सब्जियों और फलों के माध्यम से पोषण की आपूर्ति करना है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहे।
  • कार्यान्वयन:
    • आँगनवाड़ियों, स्कूल परिसरों और ग्राम पंचायतों में उपलब्ध स्थान में सभी हितधारकों द्वारा पोषण वाटिका के लिये वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा।

पोषण अभियान:

  • विषय:
    • 8 मार्च, 2018 को सरकार द्वारा पोषण अभियान (राष्ट्रीय पोषण मिशन) शुरू किया गया था।
  • लक्ष्य:
    • इसका उद्देश्य स्टंटिंग, अल्पपोषण, एनीमिया (छोटे बच्चों, महिलाओं और किशोर लड़कियों के बीच) तथा जन्म के समय वजन में कमी को क्रमशः 2%, 2%, 3% और 2% प्रतिवर्ष कम करना है।
    • इस मिशन का लक्ष्य 2022 तक 0-6 आयु वर्ग के बच्चों में स्टंटिंग को 38.4% से घटाकर 25% करना है।
    • पोषण अभियान का उद्देश्य प्रौद्योगिकी के उपयोग द्वारा सेवा वितरण और हस्तक्षेप, अभिसरण के माध्यम से व्यवहार परिवर्तन तथा विभिन्न निगरानी मापदंडों में प्राप्त किये जाने वाले विशिष्ट लक्ष्यों को सुनिश्चित करना है।
    • इस अभियान के तहत ज़िले के अधिकारियों के साथ समन्वय करने और देश भर में अभियान के तेज़ और कुशल निष्पादन के लिये प्रत्येक ज़िले में स्वस्थ भारत प्रेरक तैनात किये जाएँगे। स्वस्थ भारत प्रेरक अभियान के कार्यान्वयन में तेज़ी लाने के लिये उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेंगे।
  • पोषण 2.0:
    • परिचय:
      • संचालन में तालमेल बनाने और पोषण सेवा तंत्र में एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने के लिये सरकार ने पोषण 2.0 मिशन के तहत पूरक पोषण कार्यक्रम एवं पोषण अभियान जैसे समान उद्देश्यों के साथ विभिन्न कार्यक्रमों को समायोजित किया है।
    • घटक:
      • अभिसरण: यह अभियान, MWCD की सभी पोषण संबंधी योजनाओं की लक्षित आबादी पर अभिसरण सुनिश्चित करना है। अभियान विभिन्न कार्यक्रमों के अभिसरण को भी सुनिश्चित करेगा।
      • एकीकृत बाल विकास सेवाएँ-सामान्य अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर (ICDS-CAS): पोषण की स्थिति की सॉफ्टवेयर आधारित निगरानी की जाएगी।
      • व्यवहार परिवर्तन: अभियान को जन आंदोलन के रूप में चलाया जाएगा जहाँ लोगों की सामूहिक भागीदारी वांछित है। जागरूकता को बढ़ावा देने और मुद्दों को संबोधित करने के लिये प्रत्येक माह समुदाय आधारित कार्यक्रम का आयोजन होगा।
      • प्रोत्साहन: अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्त्ताओ को उनके प्रदर्शन हेतु प्रोत्साहन दिया जाएगा।
      • प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण: 21 विषयगत मॉड्यूल प्रशिक्षण के लिये वृद्धिशील शिक्षण दृष्टिकोण अपनाया जाएगा तथा अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्त्ताओं को प्रमुख प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा।
      • शिकायत निवारण: किसी भी समस्या के समाधान तक आसान पहुँच के लिये एक कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा।

 पोषण अभियान की आवश्यकता:

  • बच्चों में कुपोषण और एनीमिया:
    • राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey-NFHS)-5 के अनुसार, भारत में पिछले कुछ वर्षों में मामूली सुधार के बावजूद, अस्वीकार्य रूप स्टंटिंग (बौनापन) के मामले बड़ी संख्या में देखे गए हैं।
    • वर्ष 2019-21 में पाँच वर्ष से कम उम्र के 35.5% बच्चे स्टंटिंग से पीड़ित थे और 32.1% कम वजन के थे।
  • वैश्विक पोषण रिपोर्ट-2021:
    • वैश्विक पोषण रिपोर्ट (Global Nutrition Report-GNR), 2021 के अनुसार, भारत ने एनीमिया और चाइल्डहुड वेस्टिंग (Childhood Wasting) पर कोई प्रगति नहीं की है।
      • भारत में 5 वर्ष से कम उम्र के 17% से अधिक बच्चे चाइल्डहुड वेस्टिंग के कारण प्रभावित होते हैं।
    • NFHS 2019-21 के आँकड़ों से पता चलता है कि एनीमिया में सबसे अधिक वृद्धि 6-59 माह की उम्र के बच्चों में हुई जो NFHS-4 (2015-16) के 58.6% से बढ़कर, NFHS-5 में 67.1% हो गई है।
    • मानव पूंजी सूचकांक (2020):
      • मानव पूंजी सूचकांक में भारत 180 देशों में 116वें स्थान पर है।
        • मानव पूंजी में मानव द्वारा अर्जित ज्ञान, कौशल और स्वास्थ्य को शामिल किया जाता है, जिससे उन्हें समाज के उत्पादक ईकाई के रूप में अपनी क्षमता का एहसास होता है।

संबंधित सरकारी पहलें:

आगे की राह

  • देश में कुपोषण और खाद्य असुरक्षा के लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों के समाधान के लिये सक्रिय उपाय किये जाने की आवश्यकता है।
  • सामाजिक-आर्थिक कारकों के प्रभावों के साथ ही महामारी के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए संरचित, समयबद्ध एवं स्थान-विशिष्ट रणनीतियाँ तैयार करना।
  • एक व्यापक दृष्टिकोण का निर्माण भी इस दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम होगा, जो पोषण के विभिन्न क्षेत्रों और आयामों को संबोधित करेगा।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ):  

प्रिलिम्स:

प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-से 'राष्ट्रीय पोषण मिशन' के उद्देश्य हैं? (2017)

  1. गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण के बारे में ज़ागरूकता पैदा करना।
  2. छोटे बच्चों, किशोरियों और महिलाओं में एनीमिया के मामलों को कम करना।
  3. बाजरा, मोटे अनाज और बिना पॉलिश किये चावल की खपत को बढ़ावा देना।
  4. पोल्ट्री अंडे की खपत को बढ़ावा देना।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a)  केवल 1 और 2
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 1, 2 और 4
(d) केवल 3 और 4

उत्तर: A

व्याख्या:

  • राष्ट्रीय पोषण मिशन (पोषण अभियान) महिला और बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जो आंँगनवाड़ी सेवाओं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, स्वच्छ-भारत मिशन आदि जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के साथ अभिसरण सुनिश्चित करता है।
  • राष्ट्रीय पोषण मिशन (एनएनएम) का लक्ष्य 2017-18 से शुरू होकर अगले तीन वर्षों के दौरान 0-6 वर्ष के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की पोषण स्थिति में समयबद्ध तरीके से सुधार करना है। अतः कथन 1 सही है।
  • एनएनएम का लक्ष्य स्टंटिंग, अल्पपोषण, एनीमिया (छोटे बच्चों, महिलाओं और किशोर लड़कियों के बीच) को कम करना तथा बच्चों के जन्म के समय कम वज़न की समस्या को दूर करना है। अत: कथन 2 सही है।
  • एनएनएम के तहत बाजरा, बिना पॉलिश किये चावल, मोटे अनाज और अंडों की खपत से संबंधित ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। अत: कथन 3 और 4 सही नहीं हैं।

स्रोत: पी.आई.बी.

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