NEP 2020 की 4थी वर्षगांठ | 30 Jul 2024

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020, मध्याह्न भोजन योजना, सतत् विकास लक्ष्य, PARAKH, NIPUN, भारतीय सांकेतिक भाषा (ISL), राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन

मेन्स के लिये:

शिक्षा में सरकारी नीतियों एवं हस्तक्षेपों का महत्त्व और बच्चों से संबंधित मुद्दे।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने "शिक्षा सप्ताह" नामक एक सप्ताह के अभियान के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की चतुर्थ वर्षगाँठ मनाई।

  • यह अभियान NEP 2020 की उपलब्धियों और उद्देश्यों को बढ़ावा देने तथा उनका उत्सव मनाने के लिये बनाया गया है।

शिक्षा सप्ताह के तहत क्या पहल की गई हैं?

  • विद्यांजलि कार्यक्रम:
    • वर्ष 2021 में शुरू किया गया, यह स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा एक पहल है, जो समुदाय के सदस्यों एवं स्वयंसेवकों को एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सरकारी तथा सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों से जोड़ता है।
    • विद्यांजलि पोर्टल पूर्व छात्रों, शिक्षकों, वैज्ञानिकों और अन्य लोगों को भारत भर के स्कूलों में सेवाओं, सामग्रियों या विशेषज्ञता का योगदान करने में सक्षम बनाता है, जो NEP- 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप स्कूलों, स्वयंसेवकों एवं समुदाय को एकीकृत करके अधिगम के माहौल को बेहतर करता है।
  • तिथि भोजन:
    • इस पहल के तहत, समुदाय के लोग मिड डे मील योजना में योगदान देकर बच्चे के जन्म, विवाह, जन्मदिन आदि जैसे महत्त्वपूर्ण दिन मनाते हैं।
    • तिथि भोजन मिड डे मील का विकल्प नहीं है, बल्कि यह मिड डे मील का पूरक है।
    • नवीनतम मेनू को बढ़ावा देने के लिये ब्लॉक, ज़िला और राज्य स्तर पर पाक कला प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 क्या है?

  • परिचय: 
    • राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए 21वीं सदी के लक्ष्यों और सतत् विकास लक्ष्य 4 (SDG4) को पूरा करने के लिये  शिक्षा प्रणाली में सुधार करके भारत की उभरती विकास आवश्यकताओं को पूरा करना है।
    • इसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 का स्थान लिया, जिसे वर्ष 1992 में संशोधित किया गया था। 
  • मुख्य विशेषताएँ:
    • सार्वभौमिक पहुँच: NEP 2020 प्री-स्कूल से लेकर माध्यमिक स्तर तक स्कूली शिक्षा के सार्वभौमिक अभिगम पर केंद्रित है।
    • प्रारंभिक बाल शिक्षा: 10+2 संरचना 5+3+3+4 प्रणाली में स्थानांतरित हो जाएगी, जिसमें 3-6 वर्ष के बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम के तहत लाया जाएगा, जिसमें प्रारंभिक बाल्यकाल देखभाल और शिक्षा (Early Childhood Care and Education- ECCE) पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
    • बहुभाषावाद: कक्षा 5 तक शिक्षा का माध्यम मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा होगी, जिसमें संस्कृत और अन्य भाषाओं के विकल्प भी होंगे। भारतीय सांकेतिक भाषा (ISL) को मानकीकृत किया जाएगा।
    • समावेशी शिक्षा: सामाजिक एवं आर्थिक रूप से वंचित समूहों (SEDG) को विशेष प्रोत्साहन, दिव्यांग बच्चों के लिये सहायता और "बाल भवन" की स्थापना।
    • सकल नामांकन अनुपात (GER) वृद्धि: वर्ष 2035 तक सकल नामांकन अनुपात को 26.3% से बढ़ाकर 50% करने का लक्ष्य 3.5 करोड़ नए नामांकन जोड़ना है।
    • अनुसंधान फोकस: अनुसंधान संस्कृति और क्षमता को बढ़ावा देने के लिये राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन का निर्माण।
    • भाषा संरक्षण: अनुवाद और व्याख्या संस्थान (IITI) सहित भारतीय भाषाओं के लिये समर्थन एवं भाषा विभागों को मज़बूत करना।
    • अंतर्राष्ट्रीयकरण: अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की सुविधा और शीर्ष क्रम वाले विदेशी विश्वविद्यालयों का आगमन।
      • उदाहरण के लिये, वर्ष 2023 में UGC ने विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में परिसर स्थापित करने की सुविधा प्रदान करने के लिये विनियम जारी किये।
    • फंडिंग: शिक्षा में सार्वजनिक निवेश को सकल घरेलू उत्पाद के 6% तक बढ़ाने के लिये संयुक्त प्रयास।
    • परख मूल्यांकन केंद्र: राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र के रूप में परख (समग्र विकास के लिये प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा और ज्ञान का विश्लेषण) की स्थापना शिक्षा में योग्यता को आधार बनाने तथा समग्र मूल्यांकन करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
    • लिंग समावेशन निधि: यह नीति एक लिंग समावेशन निधि की शुरुआत करती है, जो शिक्षा में लैंगिक समानता के महत्त्व पर ज़ोर देती है और वंचित समूहों को सशक्त बनाने की पहल का समर्थन करती है।
    • विशेष शिक्षा क्षेत्र: वंचित क्षेत्रों और समूहों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये विशेष शिक्षा क्षेत्रों की कल्पना की गई है, जो सभी के लिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुँच की नीति की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हैं।

निपुण भारत मिशन की उपलब्धियाँ क्या हैं?

  • परिचय: 
    • NEP 2020 की एक प्रमुख सिफारिश यह सुनिश्चित करना थी कि बच्चे कक्षा 3 तक बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक कौशल विकसित कर लें।।
    • इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये, केंद्र ने वर्ष 2021 में निपुण (बेहतर समझ और संख्यात्मक ज्ञान के साथ शिक्षा में प्रवीणता के लिये राष्ट्रीय पहल) भारत मिशन की शुरुआत की।
  • जनसांख्यिकीय रुझान:
    • सर्व शिक्षा अभियान के कारण 6-14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के नामांकन स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2000 के दशक के प्रारंभ तक ग्रामीण भारत में 90% से अधिक तक पहुँच गया।
    • वर्ष 2010 और वर्ष 2022 के बीच, 4-8 वर्ष की आयु के बच्चों वाली माताओं का प्रतिशत, जिन्होंने कक्षा 5 से आगे शिक्षा प्राप्त की है, 35% से बढ़कर लगभग 60% हो गया है।
    • 10 वर्ष से अधिक स्कूली शिक्षा प्राप्त करने वाली माताओं का अनुपात भी 10% से बढ़कर 20% से अधिक हो गया।
    • शिक्षा में वृद्धि के बावजूद, भारत में महिला श्रमबल भागीदारी 37% पर बनी हुई है, तथा युवा महिलाओं (15-29 वर्ष) की भागीदारी दर और भी कम है।
    • शिक्षित माताएँ अपने बच्चों की शिक्षा में महत्त्वपूर्ण रूप से सहयोग कर सकती हैं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में युवा पुरुषों की कार्यबल में उच्च भागीदारी को देखते हुए।
    • कोविड-19 महामारी ने शिक्षा में अभिभावकों की भागीदारी बढ़ा दी है, जिससे अधिक सहभागिता के लिये एक मिसाल कायम हुई है।
    • निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये, बच्चों में बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता में सुधार हेतु परिवार, विशेष रूप से मातृ भागीदारी को तथा अधिक प्रोत्साहित करना महत्त्वपूर्ण है।

दृष्टि मेन्स प्रश्न

प्रश्न. समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये NEP 2020 में प्रस्तावित उपायों पर चर्चा कीजिये। नीति सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित समूहों (SEDG) को समर्थन देने की योजना कैसे बनाती है?

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-से मूलतः 'समावेशी शासन' के अंग कहे जा सकते हैं?(2012)

  1. गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों को बैंकिंग करने की अनुमति प्रदान करना
  2. सभी ज़िलों में प्रभावी ज़िला योजना समितियाँ संगठित करना
  3. जन-स्वास्थ्य पर सरकारी व्यय में बढ़ोतरी करना
  4. 'दोपहर का भोजन' योजना का सशक्तीकरण करना

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3 और 4
(c) केवल 2, 3 और 4
(d) 1,2, 3 और 4

उत्तर: (c)


मेन्स:

प्रश्न. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 धारणीय विकास लक्ष्य-4 (2030) के साथ अनुरूपता में है। उसका ध्येय भारत में शिक्षा प्रणाली की पुनःसंरचना और पुनःस्थापना है। इस कथन का समालोचनात्मक निरीक्षण कीजिये। (2020)