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भारतीय अर्थव्यवस्था

TRIPS के 30 वर्ष

  • 14 May 2024
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये:

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO), भारत में पेटेंट मानदंड, राष्ट्रीय IPR नीति, TRIPS 

मेन्स के लिये:

बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित मुद्दे, एक मज़बूत IPR पारिस्थितिकी तंत्र की भूमिका और महत्त्व, भारत का वर्तमान परिदृश्य, TRIPS का महत्व

स्रोत: डब्ल्यू.टी.ओ.

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विश्व व्यापार संगठन (WTO) के सदस्यों ने बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार-संबंधित पहलुओं (TRIPS) पर समझौते की 30वीं वर्षगाँठ  मनाई।

  • माराकेस में एक महत्त्व पूर्ण समझौता किया गया जिसके आधार पर 1995 में WTO बनाया गया। TRIPS नामक इस समझौते का प्रभाव लंबे समय तक रहा है।

ट्रिप्स समझौते का विकास:

  • वेनेशियन पेटेंट कानून (1474): यह यूरोप में पहली संहिताबद्ध पेटेंट प्रणाली थी, जिसने आविष्कारकों को "नए और सरल उपकरणों" पर अस्थायी एकाधिकार प्रदान किया।
  • औद्योगिक क्रांति एवं अंतर्राष्ट्रीय मानकों की आवश्यकता (19वीं शताब्दी): तीव्र तकनीकी प्रगति ने पेटेंट कानूनों के सामंजस्य की आवश्यकता उत्पन्न की।

IPR

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में TRIPS समझौते की क्या भूमिका रही है?

  • IP कानूनों का सामंजस्य: TRIPS ने सदस्य देशों में IP सुरक्षा के लिये न्यूनतम मानक निर्धारित किये हैं।
    • TRIPS ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और अनुसंधान एवं विकास (R&D) में सहयोग के लिये अधिक पूर्वानुमानित कानूनी वातावरण तैयार किया।
  • पारदर्शिता में वृद्धि: TRIPS ने सदस्यों को अपने बौद्धिक संपदा (IP) कानूनों एवं विनियमों को स्पष्ट करने के लिये बाध्य किया, जिससे वैश्विक IP प्रणाली में अधिक पारदर्शिता को बढ़ावा मिला।
  • ज्ञान साझा करनाः प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर TRIPS प्रावधान विकसित और विकासशील देशों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करते हैं। 
    • विकसित देश कुछ शर्तों के तहत विकासशील देशों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करने के लिये तंत्र प्रदान करने के लिये बाध्य हैं।
  • सामाजिक एवं आर्थिक कल्याण को बढ़ावा देना: WTO ने SDGs लक्ष्यों के अनुरूप, सामाजिक और आर्थिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिये दायित्वों के साथ अधिकारों को संतुलित करने में TRIPS की भूमिका पर प्रकाश डाला।
    • 1990 के दशक के उत्तरार्ध के संकट के दौरान एंटीरेट्रोवायरल ट्रीटमेंट तक पहुँच प्रदान करने के लिये TRIPS का लचीला होना आवश्यक था, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के दौरान इसके महत्त्व को दर्शाता है।

TRIPS से संबंधित चुनौतियाँ:

  • अधिकारों और पहुँच के बीच संतुलन: मज़बूत IP अधिकारों पर TRIPS का ध्यान विकासशील देशों में आवश्यक दवाओं, शैक्षिक सामग्रियों और कृषि प्रौद्योगिकियों तक पहुँच को सीमित कर सकता है।
  • बायोपाइरेसी और पारंपरिक ज्ञान: बिना उचित मुआवज़े के विकासशील देशों से पारंपरिक ज्ञान और आनुवंशिक संसाधनों का पेटेंट कराना चिंता उत्पन्न करता है।
    • ऐसा माना जाता है कि पारंपरिक ज्ञान और आनुवंशिक संसाधन उत्पत्ति के प्रकटीकरण पर ट्रिप्स की आवश्यकताएँ अपर्याप्त हैं।
  • प्रवर्तन के मुद्दे: IP अधिकारों को लागू करना, विशेष रूप से कॉपीराइट उल्लंघन और जालसाज़ी जैसे क्षेत्रों में, कई विकासशील देशों के लिये एक चुनौती बनी हुई है।
    • संसाधनों और मज़बूत कानूनी प्रणालियों की कमी प्रभावी IP सुरक्षा में बाधा बन सकती है।
  • डेटा गोपनीयता: डेटा स्वामित्व, गोपनीयता, ई-कॉमर्स के मुद्दे और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence- AI) तथा बिग डाटा के संदर्भ में डेटा-संचालित आविष्कारों की पेटेंटेबिलिटी को संबोधित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय चर्चा की आवश्यकता है।
  • वैश्विक स्वास्थ्य समानता: TRIPS समझौते के भीतर अनिवार्य लाइसेंसिंग जैसे लचीलापन पर चल रही बहस के बीच, सस्ती दवाओं तक पहुँच अभी भी एक चुनौती बनी हुई है, खासकर वैश्विक दक्षिण में।

आगे की राह 

  • मानकीकरण और क्षमता निर्माण: विकासशील देशों के लिये क्षमता निर्माण की नई पहल के साथ-साथ देशों में IP प्रवर्तन के लिये सामान्य मानकों तथा सर्वोत्तम प्रथाओं का विकास, एक निष्पक्ष वैश्विक IP परिदृश्य बना सकता है।
  • ओपन इनोवेशन और नॉलेज शेयरिंग: ओपन-सोर्स कोलैबोरेशन और क्रिएटिव कॉमन्स लाइसेंस जैसे मॉडल की खोज ज्ञान की पहुँच सुनिश्चित करते हुए नवाचार को बढ़ावा दे सकती है।
  • उभरती प्रौद्योगिकियों को संबोधित करना: IP स्वामित्व और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों से संबंधित अधिकारों के लिये स्पष्ट दिशानिर्देश स्थापित करना ज़िम्मेदार नवाचार को बढ़ावा देने के लिये महत्त्वपूर्ण होगा।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. वैश्विक बौद्धिक संपदा अधिकारों, व्यापार और विकास पर ट्रिप्स समझौते के विकास एवं प्रभाव पर चर्चा कीजिये। ट्रिप्स ने विशेष रूप से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में दवाओं तक पहुँच, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और आर्थिक विकास को कैसे प्रभावित किया है?

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति (नेशनल इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स पॉलिसी)' के संदर्भमें, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये : (2017)

  1. यह दोहा विकास एजेंडा और TRIPS समझौते के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराता है।
  2. औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग भारत में बौद्धिक संपदा अधिकारों के विनियमन के लिये, केन्द्रीय अभिकरण (नोडल एजेंसी) है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2

उत्तर: (c)


प्रश्न.2  निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)

  1. भारतीय पेटेंट अधिनियम के अनुसार, किसी बीज को बनाने की जैव प्रक्रिया को भारत में पेटेंट कराया जा सकता है।
  2. भारत में कोई बौद्धिक संपदा अपील बोर्ड नहीं है।
  3. पादप किस्में भारत में पेटेंट कराए जाने के पात्र नहीं हैं।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3         
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)


मेन्स:

प्रश्न. वैश्वीकृत संसार में, बौद्धिक संपदा अधिकारों का महत्त्व हो जाता है और वे मुकद्दमेबाज़ी का एक स्रोत हो जाते हैं। कॉपीराइट, पेटेंट और व्यापार गुप्तियों के बीच मोटे तौर पर विभेदन कीजिये। (2014)

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