20वाँ आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 18वाँ पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन | 13 Sep 2023
प्रिलिम्स के लिये:आसियान-भारत शिखर सम्मेलन, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन, भारत का डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढाँचा मेन्स के लिये:सामान्य हित और चिंता के क्षेत्रीय मुद्दों को संबोधित करने में EAS की भूमिका, भारत के लिये आसियान का महत्त्व, भारत-आसियान सहयोग के क्षेत्र |
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने जकार्ता, इंडोनेशिया में आयोजित 20वें दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN)-भारत शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) में भाग लिया।
- दोनों शिखर सम्मेलन भारत के लिये आसियान (ASEAN) देशों के साथ अपने संबंधों को मज़बूत करने और स्वतंत्र, खुले एवं नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के अवसर थे।
20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताएँ:
- भारत के प्रधानमंत्री ने भारत-आसियान सहयोग को मज़बूत करने के लिये 12-सूत्रीय प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसमें कनेक्टिविटी, डिजिटल परिवर्तन, व्यापार और आर्थिक जुड़ाव, समकालीन चुनौतियों का समाधान, जन-जन के बीच संपर्क तथा रणनीतिक जुड़ाव को मज़बूत करना शामिल है।
- 12 सूत्रीय प्रस्ताव में निम्नलिखित को शामिल किया गया है:
- मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और आर्थिक गलियारा स्थापित करना जो दक्षिण-पूर्व एशिया-भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप को जोड़ता है।
- भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर स्टैक को आसियान साझेदारों के साथ साझा करने की पेशकश की गई।
- हमारी सहभागिता को बढ़ाने के लिये एक ज्ञान भागीदार के रूप में कार्य करने तथा आसियान और पूर्वी एशिया के आर्थिक और अनुसंधान संस्थान (ERIA) को समर्थन के नवीनीकरण की घोषणा की गई।
- बहुपक्षीय मंचों पर ग्लोबल साउथ के समक्ष आने वाले मुद्दों को सामूहिक रूप से उठाने का आह्वान किया गया।
- WHO द्वारा भारत में स्थापित किये जा रहे ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन में शामिल होने के लिये आसियान देशों को आमंत्रित करना।
- मिशन LiFE (पर्यावरण के लिये जीवनशैली) पर एक साथ कार्य करने का आह्वान किया गया।
- जन-औषधि केंद्रों के माध्यम से व्यक्तियों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएँ उपलब्ध कराने में भारत के अनुभव को साझा करने की पेशकश की।
- आतंकवाद, आतंकी वित्तपोषण और साइबर-दुष्प्रचार के खिलाफ सामूहिक लड़ाई का आह्वान किया गया।
- आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढाँचे हेतु गठबंधन में शामिल होने के लिये आसियान देशों को आमंत्रित कर आपदा प्रबंधन में सहयोग का आह्वान किया गया।
- समुद्री सुरक्षा, रक्षा और डोमेन जागरूकता पर सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया गया।
दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्र संघ:
- परिचय:
- आसियान (ASEAN) की स्थापना 8 अगस्त, 1967 को बैंकॉक, थाईलैंड में आसियान के संस्थापक सदस्यों इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड द्वारा आसियान घोषणा (बैंकॉक घोषणा) पर हस्ताक्षर के साथ की गई थी।
- संगठन का लक्ष्य इन देशों में स्थिरता और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
- सदस्य राज्यों के अंग्रेज़ी नामों के वर्णमाला क्रम के आधार पर इसकी अध्यक्षता प्रतिवर्ष बदलती रहती है।
- यह क्षेत्र विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और ऐसा माना जाता है कि वर्ष 2050 तक यह विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।
- सदस्य:
- आसियान दस दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों का एक संगठन है, ये राष्ट्र हैं- ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्याँमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम।
18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताएँ:
- पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के प्रति प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि:
- भारत के प्रधानमंत्री ने EAS तंत्र के महत्त्व पर बल दिया तथा इसे और मज़बूत करने के लिये भारत के समर्थन की पुष्टि की।
- आसियान की केंद्रीयता के लिये भारत ने मज़बूत समर्थन और एक स्वतंत्र, खुले और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
- क्वाड का दूरगामी लक्ष्य और वैश्विक चुनौतियाँ:
- प्रधानमंत्री की चर्चाओं, क्वाड के दूरगामी लक्ष्य और सहयोगात्मक दृष्टिकोण में आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन एवं लचीली आपूर्ति शृंखला जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिये किये जाने वाले प्रयास परिलक्षित होते हैं।
- जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने हेतु भारत की पहल:
- इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने हेतु भारत की ISA (अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन), CDRI (आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढाँचे के लिये गठबंधन), LiFE (मिशन LiFE) और OSOWOG (वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड) जैसी पहलों पर प्रकाश डाला गया।
पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन
- परिचय:
- EAS की स्थापना वर्ष 2005 में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (ASEAN) के नेतृत्व वाली पहल के रूप में की गई थी।
- EAS हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एकमात्र नेतृत्वकर्ता मंच है जो रणनीतिक महत्त्व के राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने हेतु सभी प्रमुख भागीदारों को एक साथ लाता है।
- EAS स्पष्टता, समावेशिता, अंतर्राष्ट्रीय कानून के प्रति सम्मान, आसियान केंद्रीयता और प्रेरक शक्ति के रूप में आसियान की भूमिका जैसे सिद्धांतों पर काम करता है।
- पूर्वी एशिया समूह का विचार पहली बार वर्ष 1991 में तत्कालीन मलेशियाई प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने प्रस्तावित किया था।
- पहला शिखर सम्मेलन 14 दिसंबर, 2005 को कुआलालंपुर, मलेशिया में आयोजित किया गया था।
- सदस्य:
- EAS में 18 सदस्य शामिल हैं: 10 आसियान देश (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्याँमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम) तथा आठ संवाद भागीदार (ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूज़ीलैंड, कोरिया गणराज्य, रूस एवं संयुक्त राज्य अमेरिका)।
- सहयोग के छह प्राथमिकता वाले क्षेत्र:
- पर्यावरण और ऊर्जा, शिक्षा, वित्त, वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दे तथा महामारी रोग, प्राकृतिक आपदा प्रबंधन एवं आसियान कनेक्टिविटी।
- भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन:
- भारत वर्ष 2005 से पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन का संस्थापक सदस्य है और इसकी सभी बैठकों व गतिविधियों में सक्रिय रूप से भागीदार रहा है।
- भारत EAS को अपनी एक्ट ईस्ट पाॅलिसी को आगे बढ़ाने और आसियान तथा अन्य क्षेत्रीय देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत करने हेतु एक महत्त्वपूर्ण मंच के रूप में देखता है।
- नवंबर 2019 में बैंकॉक में आयोजित पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारत ने हिंद-प्रशांत महासागर पहल (Indo-Pacific Oceans Initiative- IPOI) की शुरुआत की थी, इसका उद्देश्य एक सुरक्षित व धारणीय समुद्री क्षेत्र के निर्माण के लिये साझेदारी सुनिश्चित करना है।
- भारत ने आपदा प्रबंधन, नवीकरणीय ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी, समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद का विरोध जैसे विभिन्न क्षेत्रों में EAS के सहयोग में योगदान दिया है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. भारत निम्नलिखित में से किसका/किनका सदस्य है? (2015)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) प्रश्न . निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त में से कौन-कौन आसियान (ए.एस.इ.ए.एन.) के ‘मुक्त व्यापार भागीदारों’ में से हैं? (a) केवल 1, 2, 4 और 5 उत्तर: (c) प्रश्न. 'रीजनल काम्प्रिहेन्सिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (Comprehensive Economic Partnership)' पद प्रायः समाचारों में देशों के एक समूह के मामलों के संदर्भ में आता है। देशों के उस समूह को क्या कहा जाता है? (2016) (a) G20 उत्तर: (b) व्याख्या:
प्रश्न. मेकांग-गंगा सहयोग जो कि छह देशों की एक पहल है, का निम्नलिखित में से कौन-सा/से देश प्रतिभागी नहीं है/हैं? (2015)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) मेन्स:प्रश्न. शीतयुद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य के संदर्भ में भारत की पूर्वोन्मुखी नीति के आर्थिक और सामरिक आयामों का मूल्यांकन कीजिये।(2016) |