अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत-बांग्लादेश आभासी शिखर बैठक
- 19 Dec 2020
- 13 min read
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत और बांग्लादेश के बीच एक आभासी बैठक का आयोजन किया गया जिसमें द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर व्यापक चर्चा की गई तथा विभिन्न क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया।
- बांग्लादेश ने मार्च 2021 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगाँठ और बांग्लादेश-भारत के राजनयिक संबंधों के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर समारोह में शामिल होने के लिये भारत को आमंत्रित भी किया।
प्रमुख बिंदु:
द्विपक्षीय दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर और परियोजनाओं का उद्घाटन:
- विभिन्न क्षेत्रों जैसे- हाइड्रोकार्बन, हाथी संरक्षण, स्वच्छता एवं कृषि में सहयोग का विस्तार करने के लिये सात समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए तथा 1965 से पहले के रेल संपर्क को फिर से बहाल किया।
- महात्मा गांधी और बांग्लादेश के संस्थापक, शेख मुजीबुर रहमान पर एक डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया।
स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग:
- भारत की पड़ोस पहले की नीति (नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी) के तहत सर्वोच्च प्राथमिकता को दोहराते हुए भारत ने बांग्लादेश को आश्वस्त किया कि भारत में कोविड-19 के टीकों का उत्पादन शुरू होते ही उसे बांग्लादेश को उपलब्ध कराया जाएगा।
- भारत ने चिकित्सीय सहयोग और टीके के उत्पादन में साझेदारी की भी पेशकश की।
- बांग्लादेश ने भारत द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों के लिये क्षमता निर्माण के पाठ्यक्रमों का बांग्ला भाषा में संचालन किये जाने की सराहना की।
सांस्कृतिक सहयोग:
- बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी के अवसर पर भारत सरकार द्वारा जारी एक स्मृति डाक टिकट का संयुक्त रूप से अनावरण किया गया।
- भारत ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह के अवसर पर उनके सम्मान में एक डाक टिकट जारी करने के लिये बांग्लादेश सरकार का धन्यवाद किया।
- बांग्लादेश के मुक्ति युद्ध के दौरान मुजीब नगर से बांग्लादेश-भारत सीमा पर स्थित नदिया तक जाने वाली सड़क के ऐतिहासिक महत्त्व को याद करते हुए बांग्लादेश ने इस सड़क का नाम "शधिनोता शोरोक" (Shadhinota Shorok) यानी स्वाधीनता सड़क रखने के प्रस्ताव पर भारत से विचार करने का अनुरोध किया।
सीमा प्रबंधन और सुरक्षा सहयोग:
- दोनों पक्षों ने निर्धारित सीमा के सीमांकन को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से नक्शे का एक नया सेट तैयार करने के लिये संयुक्त सीमा सम्मेलन की एक बैठक जल्द आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की।
- कुहसियारा नदी से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा को एक निर्धारित सीमा में परिवर्तित करने के लिये आवश्यक कार्य करने पर भी दोनों देशों ने सहमति व्यक्त की।
- कुहसियारा नदी (जो भारत में बराक नदी के रूप में जानी जाती है) भारत-बांग्लादेश के बीच की सीमा-पारीय नदियों में से एक है।
- बांग्लादेश देश ने राजशाही ज़िले के पास पद्मा नदी (बांग्लादेश में गंगा का मुख्य प्रवाह) से लगे नदी मार्ग के ज़रिये 1.3 किलोमीटर की निर्बाध आवाजाही का अनुरोध दोहराया। भारत ने इस अनुरोध पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
- दोनों पक्षों ने समन्वित सीमा प्रबंधन योजना (Coordinated Border Management Plan) के पूर्ण कार्यान्वयन पर ज़ोर दिया।
- दोनों पक्षों ने हथियारों, नशीले पदार्थों और नकली मुद्रा की तस्करी के खिलाफ तथा मानव तस्करी, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की तस्करी को रोकने के लिये दोनों ओर के सीमा सुरक्षा बलों के सशक्त प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया।
- प्राकृतिक आपदाओं के कारण दोनों देशों के लगातार ग्रस्त रहने जैसी स्थिति को देखते हुए दोनों पक्षों के अधिकारियों को आपदा प्रबंधन सहयोग के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया गया।
- बांग्लादेश ने वैध दस्तावेज़ों के साथ यात्रा करने वाले बांग्लादेशियों के लिये भारत में भू-बंदरगाहों से प्रवेश/निकास पर जारी शेष प्रतिबंधों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की भारत की प्रतिबद्धता को जल्द लागू करने का अनुरोध किया।
विकास के लिये व्यापार में साझेदारी:
- बांग्लादेश ने दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र- साफ्टा (South Asian Free Trade Area- SAFTA) के तहत भारत को बांग्लादेश से होने वाले निर्यात को वर्ष 2011 से शुल्क मुक्त और कोटा मुक्त किये जाने की सराहना की।
- दोनों देशों ने बंदरगाह संबंधी रोक, प्रक्रियात्मक अड़चनों और क्वारंटीन संबंधी प्रतिबंधों समेत गैर–प्रशुल्क बाधाओं और व्यापार सुगमता के मसलों को हल करने पर ज़ोर दिया ताकि दोनों देश साफ्टा प्रावधानों के लचीलेपन का पूरा लाभ उठा सकें।
- दोनों देशों ने अधिकारियों को द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (Comprehensive Economic Partnership Agreement- CEPA) के लिये चल रहे संयुक्त अध्ययन को शीघ्रता से पूरा करने का निर्देश दिया।
- दोनों देशों ने भारत-बांग्लादेश वस्त्र उद्योग मंच (Textile Industry Forum) की पहली बैठक का स्वागत करते हुए कपड़ा उद्योग के क्षेत्र में बेहतर संपर्क और सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन पर चल रही बातचीत को जल्द-से-जल्द पूरा करने का निर्देश दिया।
समृद्धि के लिये संपर्क:
- दोनों देशों ने संयुक्त रूप से हल्दीबाड़ी (भारत) और चिल्हाटी (बांग्लादेश) के बीच हाल ही में बहाल किये गइ रेल संपर्क का उद्घाटन किया और यह उल्लेख किया कि यह रेल संपर्क दोनों देशों के व्यापार और लोगों के बीच संबंधों को और मज़बूत करेगा।
- अंतर्देशीय जल पारगमन एवं व्यापार प्रोटोकॉल (Protocol on Inland Water Transit and Trade-PIWTT) के दूसरे परिशिष्ट पर हस्ताक्षर का स्वागत किया गया।
- सामानों और यात्रियों की आवाजाही शुरू करने हेतु बांग्लादेश, भारत और नेपाल के लिये सक्षम समझौता ज्ञापन पर शीघ्र हस्ताक्षर के ज़रिये बांग्लादेश-भूटान-भारत-नेपाल (BBIN) मोटर वाहन समझौता (जिसमें भूटान के लिये बाद में इसमें शामिल होने का प्रावधान है) को जल्द लागू करने पर सहमति व्यक्त की गई।
- बांग्लादेश ने भारत, म्याँमार, थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना में गहरी रुचि दिखाई और दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व एशिया के क्षेत्रों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिये इस परियोजना के साथ जुड़ने में सक्षम होने के लिये भारत का समर्थन मांगा।
- दोनों ओर के यात्रियों की अत्यंत महत्त्वपूर्ण ज़रूरतों को पूरा करने के लिये एयर ट्रेवल बबल शुरू करने पर संतोष व्यक्त किया गया।
जल संसाधन, बिजली और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग:
- बांग्लादेश ने तीस्ता नदी के पानी के बँटवारे के लिये अंतरिम समझौते पर जल्द हस्ताक्षर करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, एस पर वर्ष 2011 में दोनों सरकारों द्वारा सहमति व्यक्त की गई थी।
- मनु, मुहुरी, खोवाई, गुमटी, धारला और दुधकुमार नाम की छह संयुक्त नदियों के पानी के बँटवारे पर अंतरिम समझौते की रूपरेखा को जल्द पूरा करने की जरुरत को रेखांकित किया गया।
- संयुक्त नदी आयोग (Joint Rivers Commission-JRC) के सकारात्मक योगदान को ध्यान में रखते हुए संयुक्त नदी आयोग के सचिव स्तर के अगले दौर की बैठक जल्द-से-जल्द होने की आशा व्यक्त की गई।
- भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन, मैत्री सुपर थर्मल पावर परियोजना के साथ-साथ अन्य विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेज़ी लाने पर सहमति व्यक्त की गई।
- दोनों पक्षों ने हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र में सहयोग से जुड़े फ्रेमवर्क ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर करने का स्वागत किया, जो कि निवेश, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, संयुक्त अध्ययन, प्रशिक्षण और हाइड्रोकार्बन कनेक्टिविटी को प्रोत्साहन देकर ऊर्जा संपर्क में और अधिक वृद्धि करेगा।
- जैव ईंधन क्षेत्र समेत ऊर्जा दक्षता और स्वच्छ ऊर्जा के मामले में आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की गई है।
म्याँमार के रखाइन प्रांत से ज़बरन विस्थापित लोग:
- भारत ने रोहिंग्या संकट में म्याँमार के रखाइन प्रांत से ज़बरन विस्थापित 1.1 मिलियन लोगों को आश्रय देने और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिये बांग्लादेश की उदारता की सराहना की।
क्षेत्र और विश्व में साझेदार:
- भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council- UNSC) के लिये चुने जाने में भारत का समर्थन करने के लिये बांग्लादेश को धन्यवाद दिया।
- दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के शुरुआती सुधारों, जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने, सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) की प्राप्ति और प्रवासियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिये साथ मिलकर कार्य जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।
- कोविड-19 के प्रकोप के बाद के क्षेत्रीय और वैश्विक आर्थिक परिदृश्यों को देखते हुए दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) और बिम्सटेक (BIMSTEC) जैसे क्षेत्रीय संगठनों की महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया।
- बांग्लादेश ने मार्च 2020 में कोविड-19 के प्रकोप के दौरान दक्षेस नेताओं का वीडियो सम्मेलन बुलाने तथा दक्षिण एशियाई क्षेत्र में वैश्विक महामारी के प्रभाव का मुकाबला करने के लिये सार्क इमरजेंसी रिस्पांस फंड के निर्माण के प्रस्ताव के लिये भी भारत को धन्यवाद दिया।
- बांग्लादेश 2021 में इंडियन ओसियन रिम एसोसिएशन (IORA) की अध्यक्षता ग्रहण करेगा और उसने व्यापक समुद्री सुरक्षा की दिशा में काम करने के लिये भारत के समर्थन का अनुरोध किया।
- बांग्लादेश ने न्यू डेवलपमेंट बैंक के काम की सराहना की और इस संस्थान में शामिल होने के लिये बांग्लादेश को आमंत्रित करने हेतु भारत को धन्यवाद दिया।