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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 15 दिसंबर, 2020

  • 15 Dec 2020
  • 7 min read

विद्यावाचस्पति गोविंदाचार्य

13 दिसंबर, 2020 को संस्कृत के प्रख्यात विद्वान विद्यावाचस्पति गोविंदाचार्य का 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। ‘माधव’ विचारधारा के प्रचारक और बेहतरीन वक्ता विद्यावाचस्पति गोविंदाचार्य को वर्ष 2009 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। गोविंदाचार्य वेद, उपनिषद, महाभारत, रामायण और पुराणों के अच्छे जानकार थे। उन्होंने वेद सूक्तों, उपनिषदों, शतरुद्रीय, ब्रह्मसूत्र भाष्य और गीता भाष्य आदि पर टीका लिखने के साथ-साथ तकरीबन 150 पुस्तकें लिखीं और कई ग्रंथों का संस्कृत से कन्नड़ भाषा में अनुवाद भी किया। गोविंदाचार्य द्वारा अनुवादित ग्रंथों में बाणभट्ट का उपन्यास ‘कादम्बरी’, कालिदास का नाटक ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’ और शूद्रक रचित ‘मृच्छकटिकम्’ आदि शामिल हैं। भागवत चिंतन में अग्रणी विद्यावाचस्पति गोविंदाचार्य ने भागवत और अन्य पुराणों के दार्शनिक अर्थ पर कई टीके लिखे थे। गोविंदाचार्य वर्ष 1979 में अमेरिका के प्रिंसटन में धर्म और शांति पर आयोजित वैश्विक सम्मेलन में भारत के ब्रांड एंबेसडर थे। 

शेख मुजीबुर रहमान के नाम पर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार

यूनेस्को ने बांग्लादेश के संस्थापक नेता एवं प्रथम राष्ट्रपति बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के नाम पर ‘रचनात्मक अर्थव्यवस्था’ के क्षेत्र में एक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार की स्थापना करने का निर्णय लिया है। नवंबर 2021 से शुरू होने वाला 50 हज़ार डॉलर का यह पुरस्कार प्रत्येक दो वर्ष में एक बार रचनात्मक वैश्विक आर्थिक पहलों के क्षेत्र में प्रदान किया जाएगा। यूनेस्को के मुताबिक, यह अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार रचनात्मक उद्यमिता के विकास में सर्वोत्तम प्रयासों को मान्यता प्रदान करते हुए एक ज्ञान-साझाकरण तंत्र विकसित करेगा। ज्ञात हो कि यूनेस्को ने वर्ष 2021 को 'सतत् विकास के लिये रचनात्मक अर्थव्यवस्था का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष' घोषित किया है। वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध लोगों और संगठनों के नाम पर यूनेस्को के कुल 23 अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार हैं। शेख मुजीबुर रहमान को बांग्लादेश का ‘राष्ट्रपिता’ कहा जाता है और वे बांग्लादेश के लोगों के बीच ‘बंगबंधु’ के रूप में लोकप्रिय थे। ‘बंगबधु’ का शाब्दिक अर्थ है- ‘बंगाल का मित्र’। पूर्वी पाकिस्तान के लोकप्रिय नेता मुजीबुर रहमान ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।

शाहीन संयुक्त वायु सेना अभ्यास

हाल ही में पाकिस्तान और चीन की वायु सेनाओं के बीच सिंध प्रांत के भोलारी में स्थित पाकिस्तान वायु सेना (PAF) के नवीनतम एयरबेस में ‘शाहीन-IX’ संयुक्त वायु सेना अभ्यास का आयोजन किया गया। इस संबंध में जारी आधिकारिक सूचना के मुताबिक, इस संयुक्त वायु सेना अभ्यास से युद्ध प्रशिक्षण के स्तर में सुधार आएगा और दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच सहयोग में भी बढ़ोतरी होगी। ‘शाहीन-IX’ चीन और पाकिस्तान की वायु सेनाओं के बीच आयोजित होने वाले संयुक्त वायु सेना अभ्यासों की शृंखला में नौवाँ अभ्यास है, जो कि दोनों देशों के बीच प्रत्येक वर्ष वैकल्पिक आधार पर आयोजित किया जाता है। ‘शाहीन’ संयुक्त वायु सेना अभ्यास की शुरुआत वर्ष 2011 में की गई थी। 

‘HD106906 b’ ग्रह और ‘प्लैनेट नाइन’

खगोलविदों ने 336 प्रकाश वर्ष दूर एक ग्रह (HD106906 b) के कुछ विशिष्ट लक्षणों का पता लगाया है, जो कि हमारे अपने सौरमंडल के एक ग्रह ‘प्लैनेट नाइन’ से मेल खाते हैं। असल में HD106906 b कोई नई खोज नहीं है, बल्कि इसे सर्वप्रथम वर्ष 2004 में हबल स्पेस टेलीस्कोप के माध्यम से देखा गया था, हालाँकि उस समय इसे ग्रह की मान्यता प्रदान नहीं की गई थी। अब वैज्ञानिकों ने बीते कुछ वर्षों के आँकड़ों का उपयोग करते हुए इस ग्रह की कक्षा और अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्यों की सटीक गणना की है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस रहस्यमय ग्रह की कुछ विशेषताएँ ‘प्लैनेट नाइन’ से मिलती हैं। ‘प्लैनेट नाइन’ हमारे सौरमंडल का एक काल्पनिक ग्रह है। यद्यपि इस ग्रह को अभी तक खोजा नहीं जा सका है, किंतु कई शोधकर्त्ताओं ने अपने अध्ययन में इस काल्पनिक ग्रह का पूर्वानुमान लगाया है। अनुमान के मुताबिक, यदि यह ग्रह असल में मौजूद है तो यह पृथ्वी की तुलना में 10 गुना बड़ा है। प्लैनेट नाइन’ को लेकर खगोलविदों का पूर्वानुमान सौरमंडल में विभिन्न वस्तुओं के अजीब व्यवहार और विषम संरेखण के कारण उत्पन्न हुआ। खगोलविदों का मानना ​​है कि यह सब ‘प्लैनेट नाइन’ के प्रभाव से हो रहा है।

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