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विदेश मंत्रालय में एशियाई-प्रशांत डिविज़न

  • 15 Apr 2019
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत ने विदेश मंत्रालय में एक एशियाई-प्रशांत (इंडो-पैसिफिक) डिविज़न की स्थापना की है।

महत्त्वपूर्ण क्यों?

  • यह डिविज़न हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA), आसियान क्षेत्र और क्वाड (QUAD) के मध्य संबंधों को और बेहतर बनाएगा।
  • अमेरिका ने हाल ही में अपनी इंडो-पैसिफिक पॉलिसी को महत्त्व देने के लिये पैसिफिक कमांड का नाम बदलकर इंडो-पैसिफिक कमांड कर दिया है अत: इस डिविज़न को बनाना भारत की तरफ से इस दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।

शांगरी-ला संवाद

  • शांगरी-ला संवाद अंतर-सरकारी सुरक्षा फोरम है। यह प्रतिवर्ष इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज द्वारा सिंगापुर में आयोजित किया जाता है।
  • शांगरी-ला संवाद एशिया-प्रशांत क्षेत्र की एक महत्त्वपूर्ण रणनीतिक सभा के रूप में विकसित हुआ है।
  • इसमें एशिया-प्रशांत राष्ट्रों के रक्षा मंत्री, मंत्रालयों के स्थायी प्रमुख और सैन्य प्रमुख भाग लेते हैं।

हिंद महासागर रिम एसोसिएशन

  • हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (Indian Ocean Rim Association- IORA) एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसे 7 मार्च, 1997 को स्थापित किया गया था।
  • IORA में 21 सदस्य देश हैं जिनमें मुख्यत: हिंद महासागर के राष्ट्र हैं, इसके अलावा इसमें 7 अन्य राष्ट्र भी शामिल हैं।

क्वाड (QUAD)

  • यह भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान का समूह है।
  • इसकी स्थापना 12 नवंबर, 2017 को हुई थी।
  • ये सभी चारों लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं और निर्विवाद समुद्री व्यापार तथा सुरक्षा के साझा हित का भी समर्थन करते हैं।
  • इसका साझा उद्देश्य एशियाई-प्रशांत क्षेत्र को "मुक्त, खुले और समृद्ध" रूप में विकसित करना है।

स्रोत: TOI

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