हिम तेंदुआ
हाल ही में, नेशनल मिशन ऑन हिमालयन स्टडीज़ के तहत भारतीय प्राणी सर्वेक्षण विभाग (Zoological Survey of India) द्वारा किये गए एक अध्ययन में हिम तेंदुए, साइबेरियन आइबेक्स और नीली भेड़ द्वारा आवास के उपयोग के बीच संबंध पर प्रकाश डाला गया।
- इसका उद्देश्य यह जाँचना था कि हिंसक जानवर (Predators) अपनी शिकार प्रजातियों की उपस्थिति या अनुपस्थिति में निवास स्थान का उपयोग किस प्रकार करता है।
हिमालयी अध्ययन पर राष्ट्रीय मिशन:
- यह एक केंद्रीय क्षेत्र की सहायता अनुदान योजना है, इसके माध्यम से भारतीय हिमालयी क्षेत्र (IHR) में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और स्थायी प्रबंधन से संबंधित प्रमुख मुद्दों को संबोधित करने में पारिस्थितिकी तंत्र के घटकों एवं उनके संबंधों की समग्र समझ के माध्यम से आवश्यक ध्यान केंद्रित करने का लक्ष्य है।
- अंतिम लक्ष्य देश के लिये दीर्घकालिक पारिस्थितिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के हेतु जीवन की गुणवत्ता में सुधार और क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को बनाए रखना है।
- चूँकि मिशन विशेष रूप से भारतीय हिमालयी क्षेत्र (IHR) को लक्षित करता है, NMHS के अधिकार क्षेत्र में 10 हिमालयी राज्य (अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और उत्तराखंड) तथा दो राज्य (असम और पश्चिम बंगाल के पहाड़ी ज़िले) आंशिक रूप से शामिल हैं।
- लक्ष्यों में शामिल हैं:
- प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और सतत् प्रबंधन को बढ़ावा देना;
- पूरक और/या वैकल्पिक आजीविका और क्षेत्र के समग्र आर्थिक कल्याण में वृद्धि;
- क्षेत्र में प्रदूषण को नियंत्रित करना और रोकना;
- क्षेत्र में मानव और संस्थागत क्षमताओं तथा ज्ञान एवं नीतिगत वातावरण में वृद्धि करना,
- जलवायु-अनुकूल मूल बुनियादी ढाँचे और बुनियादी सेवाओं के विकास को मज़बूत, हरा-भरा करना तथा बढ़ावा देना।
अध्ययन की मुख्य विशेषताएँ:
- अध्ययन में पाया गया कि हिम तेंदुए का पता लगाने की संभावना अधिक थी यदि साइट का उपयोग इसकी शिकार प्रजातियों, यानी आइबेक्स और नीली भेड़ द्वारा किया जाता था।
- जबकि, शिकार प्रजातियों के मामले में जब शिकारी (हिम तेंदुआ) मौजूद था और उसका पता लगाया गया था, तब पता लगाने की संभावना कम थी।
- इसके अलावा, हमारे परिणामों ने सुझाव दिया कि दोनों प्रजातियों की अपेक्षा से एक साथ पता लगाने की संभावना कम थी।
- अध्ययन के अनुसार, आवास चर जैसे- बंजर क्षेत्र, घास के मैदान, ढलान और पानी से दूरी हिम तेंदुए और इसकी शिकार प्रजातियों दोनों के लिये आवास उपयोग के प्रमुख चालक थे।
- हिम तेंदुए जैसे शिकारी ब्लू शीप और साइबेरियन आइबेक्स जैसे शाकाहारी जीवों की आबादी को नियंत्रित करते हैं, जिससे घास के मैदानों के स्वास्थ्य की रक्षा होती है।
- हिम तेंदुओं की लंबे समय तक अनुपस्थिति ट्रॉफिक कैस्केड का कारण बन सकती है क्योंकि आबादी के अनियंत्रित रूप से बढ़ने की संभावना है, जिससे वनस्पति आवरण का ह्रास होगा।
- स्पीति घाटी के पारिस्थितिकी तंत्र में हिम तेंदुए और इसकी शिकार प्रजातियों की दीर्घकालिक व्यवहार्यता के लिये प्रजातियों के बीच संबंधों के बारे में ज्ञान बेहतर संरक्षण और प्रबंधन रणनीतियों को विकसित करने के लिये उपयोगी होगा।
हिम तेंदुआ:
- परिचय:
- वैज्ञानिक नाम: पैंथेरा अनकिया (Panthera Uncia)
- शीर्ष शिकारी: हिम तेंदुआ खाद्य शृंखला में शीर्ष शिकारी के रूप में अपनी स्थिति के कारण पहाड़ के पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के एक संकेतक के रूप में कार्य करता है।
- सुरक्षा स्थिति:
- हिम तेंदुए को IUCN की विश्व संरक्षण प्रजातियों की रेड लिस्ट में सूचीबद्ध किया गया है।
- इसके अलावा यह लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) के परिशिष्ट-I में भी सूचीबद्ध है।
- यह भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची-I में सूचीबद्ध है।
- आवास:
- मध्य एशिया के पहाड़ी परिदृश्य में उनका एक विशाल लेकिन खंडित वितरण है, जो हिमालय के विभिन्न हिस्सों जैसे- लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम को कवर करता है।
- खतरा:
- हस्ताक्षरकर्त्ता देशों में जानवरों के शरीर के अंगों (फर, हड्डियों और मांस) का अवैध व्यापार के कारण इन्हें काफी अधिक खतरा है।
भारत में संरक्षण के प्रयास:
- भारत सरकार ने हिम तेंदुए की पहचान उच्च हिमालय की एक प्रमुख प्रजाति के रूप में की है।
- भारत वर्ष 2013 से वैश्विक हिम तेंदुआ एवं पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण (GSLEP) कार्यक्रम का हिस्सा है।
- हिमाल संरक्षक: यह अक्तूबर 2020 में हिम तेंदुओं की रक्षा के लिये शुरू किया गया एक सामुदायिक स्वयंसेवक कार्यक्रम है।
- वर्ष 2019 में ‘स्नो लेपर्ड पॉपुलेशन असेसमेंट’ पर फर्स्ट नेशनल प्रोटोकॉल भी लॉन्च किया गया, जो इसकी आबादी की निगरानी के लिये बहुत उपयोगी है।
- सिक्योर हिमालय: वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF) के तहत संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने ऊँचाई पर स्थित जैवविविधता के संरक्षण और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र पर स्थानीय समुदायों की निर्भरता को कम करने के लिये इस परियोजना का वित्तपोषण किया।
- हिम तेंदुआ परियोजना: यह परियोजना वर्ष 2009 में हिम तेंदुओं और उनके निवास स्थान के संरक्षण के लिये एक समावेशी एवं सहभागी दृष्टिकोण को बढ़ावा देने हेतु शुरू की गई थी।
- हिम तेंदुआ संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम पद्मजा नायडू हिमालयन ज़ूलॉजिकल पार्क, दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल में शुरू किया गया है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न:प्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2012)
उपर्युक्त में से कौन-से स्वाभाविक रूप से भारत में पाए जातें हैं? (a) केवल 1, 2 और 3 उत्तर: (b) व्याख्या:
अतः विकल्प (b) सही है। |
स्रोत: द हिंदू
कारगिल विजय दिवस
26 जुलाई, 2022 को कारगिल विजय दिवस की 23वीं वर्षगाँठ मनाई गई।
- यह दिन कारगिल युद्ध के शहीद सैनिकों को समर्पित है।
कारगिल युद्ध:
- परिचय:
- 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद कई सैन्य संघर्ष हुए थे।
- वर्ष 1998 में दोनों देशों ने परमाणु परीक्षण किये जिससे तनाव और बढ़ गया तथा अंत में 1999 में कारगिल युद्ध हुआ।
- कारगिल युद्ध, जिसे कारगिल संघर्ष के रूप में भी जाना जाता है, वर्ष 1999 के मई-जुलाई के बीच जम्मू और कश्मीर के कारगिल (अब लद्दाख के केंद्रशासित प्रदेश में एक ज़िला) ज़िले में नियंत्रण रेखा (LoC) पर लड़ा गया था जिसमें भारत को जीत मिली थी।
- 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद कई सैन्य संघर्ष हुए थे।
- ऑपरेशन विजय:
- वर्ष 1999 में भारत और पाकिस्तान ने शांतिपूर्ण तरीके से कश्मीर मुद्दे को पारस्परिक रूप से हल करने के लिये लाहौर समझौते पर हस्ताक्षर किये।
- हालाँकि पाकिस्तानी सैनिकों ने ऑपरेशन बद्र के तहत नियंत्रण रेखा (LOC) के भारतीय पक्ष की ओर घुसपैठ करना शुरू कर दिया, इस उम्मीद में कि सियाचिन में भारतीय सैनिकों को पराजित कर दिया जाएगा।
- जबकि भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय शुरू करके जवाब दिया।
- 3 मई, 1999 को पाकिस्तान ने यह युद्ध तब शुरू किया जब उसने लगभग 5,000 सैनिकों के साथ कारगिल के चट्टानी पहाड़ी क्षेत्र में उच्च ऊँचाई पर घुसपैठ की और उस पर कब्ज़ा कर लिया।
- जब भारत सरकार को इस विश्वासघात की जानकारी मिली तो भारतीय सेना द्वारा भारतीय क्षेत्र पर कब्ज़ा करने वाले घुसपैठियों को वापस खदेड़ने के लिये 'ऑपरेशन विजय' शुरू किया गया था।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक:
- इसका उद्घाटन वर्ष 2019 में किया गया, यह इंडिया गेट से लगभग 400 मीटर की दूरी पर स्थित है।
- इसमें मुख्य तौर पर चार संकेंद्रित वृत्त शामिल हैं, जिनका नाम है:
- अमर चक्र’ या अमरता का चक्र,
- ‘वीरता चक्र’ या वीरता का चक्र,
- ‘त्याग चक्र’ या बलिदान का चक्र,
- ‘रक्षक चक्र’ या सुरक्षा का चक्र।
- राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का प्रस्ताव पहली बार 1960 के दशक में बनाया गया था।
- स्मारक उन सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिये:
- 1962 में भारत-चीन युद्ध
- वर्ष1947, 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्ध
- श्रीलंका में भारतीय शांति सेना संचालन 1987-90
- वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध
- राष्ट्रीय युद्ध स्मारक उन सैनिकों को भी याद करता है, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन, मानवीय सहायता आपदा राहत (HADR) संचालन, आतंकवाद विरोधी अभियान और कम तीव्रता वाले संघर्ष संचालन (एलआईसीओ) में भाग लिया तथा सर्वोच्च बलिदान दिया।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न . उन परिस्थितियों का विश्लेषण कीजिये जिनके कारण वर्ष 1966 में ताशकंद समझौता हुआ। समझौते की विशिष्टताओं की विवेचना कीजिये। (2013) |
स्रोत : द हिंदू
मोनार्क तितली
हाल ही में प्रवासी मोनार्क तितलियों को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा जारी रेड लिस्ट में लुप्तप्राय घोषित किया गया है।
मोनार्क तितली:
- परिचय:
- यह डैनॉस प्लेक्सिपस तितली की एक उप-प्रजाति है जो पूरे अमेरिका प्रवास के दौरान लगभग 4,000 किलोमीटर की यात्रा करती है।
- यह सबसे अधिक पहचानी जाने वाली तितली प्रजाति है जो आवश्यक परागण और वैश्विक खाद्य प्रणाली को बनाए रखने जैसी विभिन्न पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ प्रदान करती है।
- प्रजातियों की एक छोटी आबादी ऑस्ट्रेलिया, हवाई और भारत जैसे देशों में भी पाई जाती है।
- मुद्दे:
- पिछले दशक में महाद्वीप में उनकी आबादी में 23-72% की गिरावट आई है।
- पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा से प्रवास करने वाली तितलियों की जनसंख्या में वर्ष 1996-2014 के बीच 84% तक गिरावट आई है।
- वे एक अनूठा जीवन जीते हैं क्योंकि वे केवल एक विशेष पौधे द मिल्कवीड में प्रजनन करते हैं लेकिन किसानों द्वारा इस पौधे को काटने से इनकी आबादी में कमी आई है।
- इसके अलावा किसान मिल्कवीड पौधों से खरपतवारों को हटाने के लिये भी व्यापक रूप से खरपतवार नाशक दवाओं का उपयोग करते हैं।
- खरपतवारनाशी को खरपतवार नाशक या कीटनाशकों के रूप में जाना जाता है जिनका उपयोग अवांछित पौधों को हटाने के लिये किया जाता है।
- इसके अलावा किसान मिल्कवीड पौधों से खरपतवारों को हटाने के लिये भी व्यापक रूप से खरपतवार नाशक दवाओं का उपयोग करते हैं।
- कानूनी और अवैध कटाई तथा वनों की कटाई से कृषि एवं शहरी विकास के लिये जगह उपलब्ध होती है, जो इसके आवास के विनाश का कारण बनती है।
- बार-बार आने वाले तूफान और अधिक तीव्र सूखे की स्थिति फूलों के चक्र को बाधित करती हैं, जिसके कारण लाखों तितलियाँ मर जाती हैं।
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN):
- यह दुनिया की प्राकृतिक स्थिति को संरक्षित रखने के लिये एक वैश्विक प्राधिकरण है जिसकी स्थापना वर्ष 1948 में की गई थी।
- यह पर्यावरण, वैज्ञानिक अनुसंधान का समर्थन और भागीदारी भी करता है तथा राष्ट्रीय संरक्षण कानून, नीतियों एवं प्रथाओं को लागू करने में मदद करता है, साथ ही दुनिया भर में हज़ारों क्षेत्रीय परियोजनाओं का संचालन या प्रबंधन करता है।
- इसकी सदस्यता में 140 से अधिक देशों के 1,000 से अधिक सरकारी और गैर-सरकारी संगठन शामिल हैं।
- यह संकटग्रस्त प्रजातियों की IUCN रेड लिस्ट को बनाए रखता है, जो हज़ारों पौधों और जानवरों की प्रजातियों के विलुप्त होने के मौजूदा जोखिम का एक व्यापक मूल्यांकन है।
- IUCN को संयुक्त राष्ट्र महासभा में पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया है।
- IUCN रेड लिस्ट कैटेगरी मूल्यांकन की गई प्रजातियों के विलुप्त होने के जोखिम को परिभाषित करती है। यह प्रजातियों को नौ श्रेणियों में सूचीबद्ध करता है।
- मूल्यांकन नहीं किया गया (NE) से विलुप्त ( Extinct-EX)।
- गंभीर रूप से लुप्तप्राय (CR), लुप्तप्राय (EN) और संवेदनशील(VU) प्रजातियों को विलुप्त होने का खतरा माना जाता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न:प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा एक प्राणी समूह संकटापन्न जातियों के संवर्ग के अंतर्गत आता है? (2012) (a) महान भारतीय सारंग, कस्तूरी मृग, लाल पांडा और एशियाई वन्य गधा उत्तर: A व्याख्या:
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स्रोत: डाउन टू अर्थ
फेमा और पीएमएलए
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 के 4,913 मामलों की तुलना में वर्ष 2019-20 और वर्ष 2021-22 के बीच विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम/फेमा (FEMA) और PMLA के तहत 14,143 मामले दर्ज किये हैं।
- वर्ष 2021-22 में सबसे अधिक धनशोधन और विदेशी मुद्रा उल्लंघन के मामले देखे गए।
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999:
- भारत में विदेशी मुद्रा लेन-देन के प्रशासन के लिये कानूनी ढाँचा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 द्वारा प्रदान किया गया है।
- FEMA जो कि 1 जून, 2000 से प्रभावी हुआ, के तहत विदेशी मुद्रा से जुड़े सभी लेन-देन को पूंजी या चालू खाता लेन-देन के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- चालू खाता लेन-देन :
- निवासी द्वारा किये गए सभी लेन-देन जिनके कारण उसकी संपत्ति या देनदारियों (भारत के बाहर आकस्मिक देनदारियों सहित) में कोई परिवर्तन न हो, को चालू खाता लेन-देन के अंतर्गत रखा जाता है।
- उदाहरणार्थ- विदेशी व्यापार के संबंध में भुगतान, विदेश यात्रा, शिक्षा आदि के संबंध में व्यय।
- निवासी द्वारा किये गए सभी लेन-देन जिनके कारण उसकी संपत्ति या देनदारियों (भारत के बाहर आकस्मिक देनदारियों सहित) में कोई परिवर्तन न हो, को चालू खाता लेन-देन के अंतर्गत रखा जाता है।
- पूंजी खाता लेन-देन:
- इसमें वे लेन-देन शामिल हैं जो भारत के निवासी द्वारा किये जाते हैं जिससे भारत के बाहर उसकी परिसंपत्ति या देनदारियाँ बदल जाती हैं (या तो बढ़ जाती है या घट जाती है)।
- उदाहरण: विदेशी प्रतिभूतियों में निवेश, भारत के बाहर अचल संपत्ति का अधिग्रहण आदि।
- इसमें वे लेन-देन शामिल हैं जो भारत के निवासी द्वारा किये जाते हैं जिससे भारत के बाहर उसकी परिसंपत्ति या देनदारियाँ बदल जाती हैं (या तो बढ़ जाती है या घट जाती है)।
- चालू खाता लेन-देन :
- निवासी भारतीय:
- 'भारत में निवासी व्यक्ति' को FEMA, 1999 की धारा 2(v) में परिभाषित किया गया है:
- कुछ अपवादों को छोड़कर पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 182 दिनों से अधिक समय तक भारत में रहने वाला व्यक्ति।
- भारत में पंजीकृत या निगमित कोई भी व्यक्ति या निकाय, कॉर्पोरेट।
- भारत में कार्यालय, शाखा या एजेंसी जो भारत के बाहर निवासी व्यक्ति के स्वामित्व या नियंत्रण में है।
- भारत के बाहर एक कार्यालय, शाखा या एजेंसी जिसका स्वामित्व या नियंत्रण भारत के निवासी के पास है
- 'भारत में निवासी व्यक्ति' को FEMA, 1999 की धारा 2(v) में परिभाषित किया गया है:
धनशोधन निवारण अधिनियम, 2002:
- यह धनशोधन से निपटने के लिये भारत द्वारा स्थापित कानूनी ढाँचे का मूल तत्त्व है।
- इस अधिनियम के प्रावधान सभी वित्तीय संस्थानों, बैंकों (RBI सहित), म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियों और उनके वित्तीय मध्यस्थों पर लागू होते हैं।
- PMLA (संशोधन) अधिमियम, 2012:
- इसमें 'रिपोर्टिंग इकाई' की अवधारणा शामिल है जिसमें एक बैंकिंग कंपनी, वित्तीय संस्थान, मध्यस्थ आदि शामिल होंगे।
- PMLA, 2002 में 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान था, लेकिन संशोधन अधिनियम में इस ऊपरी सीमा को हटा दिया गया है।
- इसमें गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति की संपत्ति की अस्थायी कुर्की और ज़ब्ती का प्रावधान किया गया है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs):प्रश्न. उभरती हुई प्रौद्योगिकियाँ और वैश्वीकरण मनी लॉन्ड्रिंग में कैसे योगदान करती हैं। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर धनशोधन की समस्या से निपटने के लिये विस्तृत उपायों पर चर्चा कीजिये। (2021, मुख्य परीक्षा) प्रश्न. दुनिया के दो सबसे बड़े अवैध अफीम उत्पादक राज्यों के साथ भारत की निकटता ने उसकी आंतरिक सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है। मादक पदार्थों की तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों जैसे- बंदूक रखना , मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी के बीच संबंधों की व्याख्या कीजिये। इसे रोकने के लिये क्या उपाय किये जाने चाहिये? (2018, मुख्य परीक्षा) प्रश्न. भारत की विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि में निम्नलिखित में से कौन-सा एक मद समूह सम्मिलित है? (2013) (a) विदेशी मुद्रा संपत्ति, विशेष आहरण अधिकार और विदेशों से ऋण उत्तर: (b) व्याख्या:
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है। |
स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 26 जुलाई, 2022
कारगिल विजय दिवस
देश में 26 जुलाई, 2022 को कारगिल विजय दिवस मनाया गया। 26 जुलाई, 1999 को कारगिल युद्ध (Kargil War) में विजय हासिल करने के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) मनाया जाता है। इस वर्ष कारगिल विजय दिवस की 23वीं वर्षगाँठ है। कारगिल युद्ध को ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है। वर्ष 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच मई से जुलाई के बीच कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में हुए सशस्त्र संघर्ष को ही कारगिल युद्ध (Kargil War) कहा जाता है। यह लगभग 60 दिनों तक चला तथा 26 जुलाई, 1999 को समाप्त हुआ था। इस युद्ध को जीतने के लिये भारतीय सेना ने दुर्गम बाधाओं, दुश्मन के इलाकों, विपरीत मौसम एवं अन्य कठिनाइयों का सामना करते हुए विजय प्राप्त की थी। इस युद्ध में भारतीय सेना के बहुत से जवान शहीद और घायल हुए। यह दिवस सेना के अदम्य साहस एवं बलिदान के सम्मान में मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 जुलाई, 2022 को गुजरात में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFACA) के मुख्यालय भवन की आधारशिला रखेंगे। यह प्राधिकरण भारत में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों के विकास एवं विनियमन के लिये एकीकृत नियामक है। इस प्राधिकरण के मुख्यालय भवन को एक प्रतिष्ठित संरचना के रूप में परिकल्पित किया गया है, जो एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्र के रूप में गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक की बढ़ती प्रतिष्ठा और संरचना को दर्शाता है। प्रधानमंत्री गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक- अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र में भारत के पहले अंतर्राष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज यानी भारत इंटरनेशनल बुलियन का भी शुभारंभ करेंगे।
फैमिली डॉक्टर प्रोजेक्ट
हाल ही में आंध्र प्रदेश सरकार ने विशाखापत्तनम ज़िले के पद्मनाभम मंडल में पायलट आधार पर “फैमिली डॉक्टर प्रोजेक्ट” लागू करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण आबादी के बीच स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाना है। यह परियोजना 15 अगस्त, 2022 से लागू होगी। “फैमिली डॉक्टर प्रोजेक्ट” के अंतर्गत वार्ड और ग्राम सचिवालयम में लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) के एक डॉक्टर को उपलब्ध कराया जाएगा। डॉक्टर उन रोगियों के पास जाएंगे, जो गंभीर रूप से बीमार हैं और जिन्हें प्रसवपूर्व एवं प्रसवोत्तर देखभाल की आवश्यकता है। हालाँकि इससे पहले ANM आशा कार्यकर्त्ता और मिड-लेवल हेल्थ प्रोवाइडर (MLHPs) घर-घर जाकर उन लोगों की पहचान करेंगे जिन्हें डॉक्टर की सेवाओं की आवश्यकता है। फैमिली डॉक्टर प्रोजेक्ट को लागू करने के लिये स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा पहले से ही PHC में कार्यरत कर्मचारियों हेतु पदमनाभम मंडल में आशा कार्यकर्त्ताओं, MLHP और ANM को प्रशिक्षित करने के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं।