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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

शांति स्थापित करने में महिलाओं की भूमिका

  • 10 Mar 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC), ग्लोबल एफर्ट इनिशिएटिव, UN एक्शन फॉर पीसकीपिंग (A4P)।

मेन्स के लिये:

महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, शांति स्थापित करने में महिलाओं की भूमिका।

चर्चा में क्यों?

वर्तमान में कई महिला सैनिक संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन का हिस्सा बनने के लिये प्रशिक्षण ले रही हैं।

  • एक दशक से अधिक समय से संयुक्त राष्ट्र (UN) संघर्ष को रोकने तथा संघर्ष की समाप्ति के बाद शांति स्थापित करने में महिलाओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान कर रहा है।

यू.एन. पीसकीपिंग:

  • यू.एन. पीसकीपिंग अर्थात् संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना वर्ष 1948 में तब शुरू हुई जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा मध्य-पूर्व में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षकों की तैनाती को अधिकृत किया गया।
  • संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना संघर्षरत देशों में शांति स्थापित करने में मदद करती है।
  • यह दुनिया भर से सैनिकों और पुलिस की तैनाती करती है तथा उन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) और महासभा द्वारा निर्धारित कई जनादेशों को संबोधित करने के लिये नागरिक शांति सैनिकों के साथ एकीकृत करता है।

Women-In-Peacekeeping

शांति सेना में भारतीय महिलाओं की भूमिका:

  • पृष्ठभूमि: संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना के इतिहास में पहली बार भारत ने अखिल महिला गठित पुलिस इकाई (FPU) को वर्ष 2007 में लाइबेरिया में तैनात करने के लिये भेजा जब अफ्रीकी राष्ट्र गृहयुद्ध से जूझ रहा था।
  • आशय: हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारतीय अधिकारियों ने विश्व भर में स्थायी शांति को बढ़ावा देने के लिये सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की अधिक भागीदारी और उनके खिलाफ हिंसा को समाप्त करने का आह्वान किया।
  • महत्त्व: पुरुषों के वर्चस्व वाले इस पेशे तथा लैंगिक हिंसा से ग्रस्त भारत जैसे देश की ये महिला पुलिस अधिकारी विश्व मंच पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए देश में व्याप्त रूढ़ियों को तोड़ रही हैं।

संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में महिलाओं की वर्तमान स्थिति:

  • बहु-भूमिका: महिलाओं को पुलिस, सैन्य व नागरिक सभी क्षेत्रों में तैनात किया गया है और इन्होंने शांति स्थापना के परिवेश- जिसमें शांति के निर्माण और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने में महिलाओं की भूमिका का समर्थन करना शामिल है, पर सकारात्मक प्रभाव डाला है।
  • वर्तमान संख्या:  संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, वर्ष 2020 में लगभग 95,000 शांति सैनिकों में से महिलाओं ने सैन्य दल का 4.8% और गठित पुलिस इकाइयाँ का 10.9% शामिल थीं। इसके अलावा शांति अभियानों में लगभग 34% महिला कर्मी थीं।
  • वैश्विक प्रयास पहल: संयुक्त राष्ट्र पुलिस डिवीज़न ने राष्ट्रीय पुलिस सेवाओं में और दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र पुलिस के संचालन में अधिक महिला पुलिस अधिकारियों की भर्ती के लिये 'वैश्विक प्रयास' शुरू किया।
    • सैन्य टुकड़ियों में सेवारत महिलाओं के लिये वर्ष 2028 का लक्ष्य 15% और सैन्य पर्यवेक्षकों एवं स्टाफ अधिकारियों के लिये 25% है।
  • ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद’ का प्रस्ताव: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1325 (UNSCR1325) ने वर्दीधारी महिला शांति सैनिकों सहित इसके संचालन में महिलाओं की भूमिका एवं योगदान के विस्तार का आह्वान किया है।
  • एक्शन फॉर पीसकीपिंग (A4P) पहल: संयुक्त राष्ट्र एक्शन फॉर पीसकीपिंग (A4P) पहल महिलाओं, शांति एवं सुरक्षा एजेंडे को शांति अभियानों के प्रदर्शन को बढ़ाने के लिये महत्त्वपूर्ण मानती है।
    • यह शांति प्रक्रियाओं में महिलाओं की पूर्ण भागीदारी का समर्थन कर एवं शांति स्थापना को लैंगिक आधार पर अधिक उत्तरदायी बनाकर प्राप्त किया जा सकता है, जिसमें शांति स्थापना में सभी स्तरों और प्रमुख पदों पर नागरिक एवं वर्दीधारी महिलाओं की संख्या में वृद्धि करना शामिल है।

महिला शांति सैनिकों का होना क्यों महत्त्वपूर्ण है?

  • बेहतर संचालन और प्रदर्शन: अधिक विविधता और विस्तृत कौशल का अर्थ है बेहतर निर्णय लेने की क्षमता, योजना और परिणाम, जो अधिक परिचालन प्रभावशीलता एवं प्रदर्शन के लिये अग्रणी हैं।
  • बेहतर पहुँच: महिला शांतिरक्षक महिलाओं और बच्चों सहित संवेदनशील आबादी तक बेहतर पहुँच बना सकती हैं- उदाहरण के लिये लिंग आधारित हिंसा और बच्चों के खिलाफ हिंसा से बचे लोगों का साक्षात्कार करना और यथासंभव जानकारी प्राप्त करना, ताकि दोषियों को सज़ा दी जा सके।
  • विश्वास एवं आत्मविश्वास का निर्माण: महिला शांति रक्षक स्थानीय समुदायों के साथ विश्वास तथा आत्मविश्वास कायम करने और स्थानीय महिलाओं की पहुँच व समर्थन में सुधार करने में मदद करने वाले महत्त्वपूर्ण समर्थक हैं।
    • उदाहरण के लिये ऐसे समाज में महिलाओं के साथ बातचीत करना जहाँ महिलाओं को पुरुषों से बात करने से मना किया जाता है।
  • प्रेरित करना और रोल मॉडल बनाना: महिला शांति रक्षक मेज़बान समुदाय में संघर्ष के बाद की स्थिति को संभालने में महिलाओं व लड़कियों के लिये शक्तिशाली सलाहकार और रोल मॉडल के रूप में काम करती हैं, वे अपने अधिकारों का समर्थन करने तथा गैर-पारंपरिक कॅरियर को ही अपनाने की इच्छा रखने वाली महिलाओं के लिये उदाहरण स्थापित करती हैं।

विगत वर्षों के प्रश्न

प्र. निम्नलिखित में से कौन सा-एक संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध नहीं है? (2010)

(a) बहुपक्षीय निवेश गारंटी अभिकरण
(b) अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम 
(c) अंतर्राष्ट्रीय निवेश विवाद समझौता केंद्र
(d) अंतर्राष्ट्रीय निपटारा बैंक

उत्तर: (d)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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