जैव विविधता और पर्यावरण
हिम तेंदुआ
- 24 Apr 2021
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चर्चा में क्यों?
पृथ्वी दिवस से कुछ दिन पहले एक हिम तेंदुए की तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हो रही थी।
प्रमुख बिंदु:
वैज्ञानिक नाम: पैंथेरा अनकिया (Panthera uncia)
- शीर्ष शिकारी: हिम तेंदुआ खाद्य शृंखला में शीर्ष शिकारी के रूप में अपनी स्थिति के कारण पहाड़ के पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के एक संकेतक के रूप में कार्य करता है।
- आवास:
- मध्य और दक्षिणी एशिया के पर्वतीय क्षेत्र।
- भारत में इनकी भौगोलिक सीमा है-
- पश्चिमी हिमालय: जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश।
- पूर्वी हिमालय: उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश।
- हिम तेंदुए की वैश्विक राजधानी: हेमिस, लद्दाख।
- हेमिस नेशनल पार्क भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है और इसमें हिम तेंदुओं की अच्छी संख्या पाई जाती है।
सुरक्षा स्थिति:
- हिम तेंदुए को IUCN की विश्व संरक्षण प्रजातियों की रेड लिस्ट में सूचीबद्ध किया गया है।
- इसके अलावा यह लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) के परिशिष्ट-I में भी सूचीबद्ध है।
- हस्ताक्षरकर्त्ता देशों में जानवरों के शरीर के अंगों (फर, हड्डियों और मांस) का अवैध व्यापार करना।
- यह भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची-I में सूचीबद्ध है।
- यह ‘कन्वेंशन ऑन माइग्रेटरी स्पीशीज़’ (CMS) में भी सूचीबद्ध है, जो विश्व स्तर पर और भारत में प्रजातियों को उच्चतम संरक्षण प्रदान करता है।
- यह देशों की सीमा के भीतर कई राष्ट्रीय कानूनों द्वारा संरक्षित है।
भारत में संरक्षण के प्रयास:
- भारत सरकार ने हिम तेंदुए की पहचान उच्च हिमालय की एक प्रमुख प्रजाति के रूप में की है।
- भारत वर्ष 2013 से वैश्विक हिम तेंदुआ एवं पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण (GSLEP) कार्यक्रम का हिस्सा है।
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हिमाल संरक्षक: यह अक्तूबर, 2020 में हिम तेंदुओं की रक्षा के लिये शुरू किया गया एक सामुदायिक स्वयंसेवक कार्यक्रम है।
- वर्ष 2019 में ‘स्नो लेपर्ड पॉपुलेशन असेसमेंट’ पर फर्स्ट नेशनल प्रोटोकॉल भी लॉन्च किया गया, जो इसकी आबादी की निगरानी के लिये बहुत उपयोगी है।
- सिक्योर हिमालय: वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF) के तहत संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने ऊँचाई पर स्थित जैव विविधता के संरक्षण और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र पर स्थानीय समुदायों की निर्भरता को कम करने के लिये इस परियोजना का वित्त पोषण किया।
हिम तेंदुआ परियोजना:
- यह परियोजना वर्ष 2009 में हिम तेंदुओं और उनके निवास स्थान के संरक्षण के लिये एक समावेशी और सहभागी दृष्टिकोण को बढ़ावा देने हेतु शुरू की गई थी।
- पद्मजा नायडू हिमालयन ज़ूलॉजिकल पार्क, दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल में हिम तेंदुआ संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम चलाया जाता है।
हिम तेंदुआ संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम:
- GSLEP सभी 12 हिम तेंदुए रेंज वाले देशों का एक उच्च स्तरीय अंतर-सरकारी गठबंधन है।
- भारत, नेपाल, भूटान, चीन, मंगोलिया, रूस, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, किर्गिज़स्तान, कज़ाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान में हिम तेंदुए पाए जाते हैं।
- यह पारिस्थितिकी तंत्र के लिये प्रमुख रूप से हिम तेंदुए के बारे में जागरूकता और समझ की आवश्यकता पर केंद्रित है।
‘लिविंग हिमालय नेटवर्क’ पहल:
- भारत के तीन पूर्वी हिमालयी देशों भूटान, भारत (उत्तर-पूर्व) और नेपाल में परिवर्तनकारी संरक्षण प्रभाव लाने के लिये WWF की वैश्विक पहल के रूप में ‘लिविंग हिमालय इनिशिएटिव’ (Living Himalayas Initiative) की स्थापना की गई है।
- LHI के उद्देश्यों में जलवायु परिवर्तन का पालन करना, निवास स्थान से जुड़ना और प्रतिष्ठित प्रजातियों को बचाना शामिल है।