प्रिलिम्स फैक्ट्स (25 Mar, 2022)



H2Ooooh! पहल

विश्व जल दिवस (22 मार्च) के अवसर पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) तथा अन्य भागीदारों ने अपनी पहल “H2Ooooh! - भारत के बच्चों के लिये वाटर वाइज़ प्रोग्राम'' के तहत तीन एनिमेशन फिल्में जारी की हैं।

  • ये फिल्में स्कूली छात्रों द्वारा भारतीय नदियों के बचाव और संरक्षण पर केंद्रित कहानियों पर आधारित हैं।

यूनेस्को (UNESCO):

H2Ooooh! पहल:

  • परिचय:
    • इसे यूनेस्को द्वारा जुलाई 2021 में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) और अन्य के साथ संयुक्त रूप से लॉन्च किया गया था।
    • H2Ooooh!, कक्षा 1 से 8 तक के भारतीय स्कूली छात्रों के लिये तैयार किया गया एक अनूठा कार्यक्रम है।
  • उद्देश्य:
    • इसकी शुरुआत के बाद से 18 भारतीय राज्यों के 53 स्कूलों के लगभग 31000 छात्र 400 से अधिक शिक्षकों के समर्थन से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। 
    • इसका उद्देश्य पानी की सीमित उपलब्धता, सतत् उपयोग, संरक्षण और दोहन आदि के विषय में जागरूकता बढ़ाना है।
    • यह पर्यावरण की सुरक्षा हेतु छात्रों को अपने स्वयं के अनुभव और प्रस्तावों को साझा करने में सक्षम बनाता है।
    • तीन चरणों में विभाजित इस परियोजना का उद्देश्य रचनात्मकता को बढ़ावा देना और 6-14 वर्ष की आयु वाले छात्रों के बीच जल संरक्षण एवं इसके सतत् उपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाना, प्रशिक्षण प्रदान करना तथा उन्हें एनिमेटेड लघु फिल्मों, पेंटिंग व कहानी के विचार प्रस्तुत करने हेतु प्रोत्साहित करना है।

जल संरक्षण हेतु भारत की अन्य प्रमुख पहलें क्या हैं?

विगत वर्षों के प्रश्न

प्रश्न: “मोमेंटम फॉर चेंज: क्लाइमेट न्यूट्रल नाउ” किसके द्वारा शुरू की गई एक पहल है?

(a) जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल
(b) UNEP सचिवालय
(c) UNFCCC सचिवालय
(d) विश्व मौसम विज्ञान संगठन

उत्तर: (c)

स्रोत: पी.आई.बी.


असम राइफल्स

हाल ही में शिलाॅन्ग में असम राइफल्स का 187वांँ स्थापना दिवस मनाया गया। असम राइफल्स उत्तर-पूर्व का प्रहरी है और देश का सबसे पुराना अर्द्धसैनिक बल है।

प्रमुख बिंदु

असम राइफल्स की भूमिका:

  • असम राइफल्स केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के तहत एक केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल है।
  • ऐतिहासिक दृष्टि से असम राइफल्स का गठन वर्ष 1835 में कछार लेवी (Cachar Levy) नामक एक एकल सैन्यबल के रूप में पूर्वोत्तर भारत में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से किया गया था।
  • इसने असम क्षेत्र को प्रशासन और वाणिज्य के लिये खोलने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया तथा समय के साथ इसे "नागरिक के दाहिने हाथ और सेना के बाएँ हाथ" (Right Arm Of The Civil And Left Arm Of The Military) के रूप में जाना जाने लगा।
  • असम राइफल्स की जम्मू-कश्मीर में दो बटालियन और एक राष्ट्रीय आपदा राहत बल बटालियन तैनात है, जो प्राकृतिक आपदाओं के मामले में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
  • यद्यपि भारत कई वर्षों से संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में योगदान दे रहा है, असम राइफल्स की राइफलवुमेन टीम को शामिल करने से राष्ट्रों के समुदाय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता में एक और सामाजिक एवं मानवीय आयाम जुड़ जाता है।
  • आज़ादी के बाद की प्रमुख भूमिका:
    • भारत-चीन युद्ध 1962 के दौरान पारंपरिक युद्धक भूमिका।
    • 1987 में श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के हिस्से के रूप में एक विदेशी भूमि में संचालन (ऑपरेशन पवन)।
    • भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में शांति स्थापना में भूमिका।
  • नवंबर 2019 में MHA ने इसे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के साथ विलय करने का प्रस्ताव दिया।
    • ITBP एक विशेष पर्वतीय बल है, जिसकी स्थापना अक्तूबर 1962 में हुई थी।
    • यह लद्दाख में काराकोरम दर्रे से अरुणाचल प्रदेश के जलेप ला दर्रे तक 3488 किलोमीटर भारत-चीन सीमा पर सीमा सुरक्षा संबंधी कार्यों हेतु तैनात है।

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल:

  • केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) गृह मंत्रालय के अधिकार के तहत भारत में निम्नलिखित सात सुरक्षा बलों को संदर्भित करता है।
    • असम राइफल्स (AR)
    • सीमा सुरक्षा बल (BSF)
    • केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF)
    • केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF)
    • भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP)
    • राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG)
    • सशस्त्र सीमा बल (SSB)

स्रोत: पी.आई.बी.


रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर द्वारा बंगलूरू में रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब (RBIH) का उद्घाटन किया गया।

रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब (RBIH):

  • परिचय:
    • इसे कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत 100 करोड़ रुपए का प्रारंभिक पूंजी योगदान के साथ एक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया है।
    • यह RBI की पूर्ण स्वामित्त्व वाली सहायक कंपनी है।
  • उद्देश्य:
    • RBIH का उद्देश्य एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करना है जो देश में कम आय वाली आबादी के लिये वित्तीय सेवाओं और उत्पादों तक पहुंँच को बढ़ावा देने पर केंद्रित हो।
      • यह RBIH की स्थापना के उद्देश्य के अनुरूप है,अर्थात् भारत में वित्तीय क्षेत्र में विश्व स्तरीय नवाचार लाने हेतु यह वित्तीय समावेशन के अंतर्निहित विषय से युक्त है।
    • हब से प्रोटोटाइप, पेटेंट और जाँच के लिये एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने और नियामक डोमेन तथा राष्ट्रीय सीमाओं में फैले राष्ट्रीय स्तर पर विस्तृत विचारों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
    • इसमें अधिकतम क्षमता वाले स्टार्ट-अप की पहचान करने और उन्हें सलाह देने की योजना थी।
    • विभिन्न क्षेत्रों में समस्याओं की पहचान करने और संभावित समाधानों का पता लगाने के लिये विभिन्न सरकारी मंत्रालयों, विभागों और शिक्षाविदों के साथ सहयोग करने की भी उम्मीद है।
    • आरबीआई इनोवेशन हब ने महिलाओं के स्वामित्व वाले उद्यमों के स्थायी समाधान हेतु स्वनारी टेकस्प्रिंट की मेज़बानी की।
      • टेकस्प्रिंट का उद्देश्य भारत में महिलाओं के लिये डिजिटल वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाना है।

वित्तीय समावेशन हेतु अन्य पहलें:

स्रोत: द हिंदू


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 25 मार्च, 2022

बिप्लोबी भारत गैलरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में शहीद दिवस के अवसर पर कोलकाता के ‘विक्टोरिया मेमोरियल हॉल’ में ‘बिप्लोबी भारत गैलरी’ का वर्चुअल उद्घाटन किया। ज्ञात हो कि यह गैलरी स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों के विशिष्ट योगदान पर प्रकाश डालती है और स्वतंत्रता की ओर ले जाने वाली घटनाओं का समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती है। गैलरी स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों के योगदान और ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के लिये उनके सशस्त्र प्रतिरोध को प्रदर्शित करती है। ज्ञात हो कि इस पहलू को स्वतंत्रता आंदोलन की मुख्य धारा के आख्यान में उचित स्थान नहीं दिया गया है। यह नई गैलरी देश में स्वतंत्रता आंदोलन को गति देने वाले बौद्धिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि का भी चित्रण करेगी। क्रांतिकारी आंदोलन, क्रांतिकारी नेताओं द्वारा महत्त्वपूर्ण संघों का गठन, आंदोलन का प्रसार, भारतीय राष्ट्रीय सेना का गठन, नौसेना विद्रोह के योगदान को भी गैलरी में प्रदर्शित किया जाएगा।

असम राइफल

24 मार्च, 2022 को असम राइफल के 187वें स्थापना दिवस का आयोजन किया गया। असम राइफल्स भारत के सबसे पुराने अर्द्ध-सैनिक बलों में से एक है, जिसे वर्ष 1835 में ब्रिटिश भारत में सिर्फ 750 सैनिकों के साथ ‘कछार लेवी’ के रूप में स्थापित किया गया था। इस सैन्य बल को वर्ष 1870 में कुछ अतिरिक्त बटालियनों के साथ असम सैन्य पुलिस बटालियन में परिवर्तित कर दिया गया। प्रथम विश्व युद्ध के बाद इन बटालियनों का नाम बदलकर असम राइफल्स कर दिया गया। वर्ष 1962 में चीनी आक्रमण के बाद असम राइफल्स बटालियन को सेना के संचालन नियंत्रण में रखा गया था। अब तक इस बल ने दो विश्व युद्धों और वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध में हिस्सा लिया है, साथ ही इसने पूर्वोत्तर में आतंकवादी समूहों के विरुद्ध चलाए गए अभियानों में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वतंत्रता के बाद से असम राइफल्स ने 188 सेना पदकों के अलावा 120 शौर्य चक्र, 31 कीर्ति चक्र, पाँच वीर चक्र और चार अशोक चक्र जीते हैं।

दासता पीड़ितों के स्मरण हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस

क्रूर दासता प्रणाली से पीड़ित और मारे गए लोगों की याद में प्रतिवर्ष 25 मार्च को ‘दासता पीड़ितों के स्मरण हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य गुलामी एवं नस्लवाद की भयावहता के विषय में जागरूकता बढ़ाना है। ज्ञात हो कि 16वीं और 19वीं शताब्दी के बीच लगभग 2 करोड़ लोगों को ज़बरन अफ्रीका से उत्तर और दक्षिण अमेरिका एवं यूरोप भेजा गया था। इस अमानवीय प्रथा का ही परिणाम है कि वर्तमान में अमेरिका में अफ्रीकी मूल के लोगों की एक बड़ी आबादी निवास करती है। दासता पीड़ितों के स्मरण हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस-2022 की थीम है- "साहस की कहानियाँ: दासता का प्रतिरोध और जातिवाद के खिलाफ एकता"। दासता एवं गुलामी के उन्मूलन के बावजूद यह आज भी आधुनिक रूपों में जारी है।

एबेल पुरस्कार

‘नॉर्वेजियन एकेडमी ऑफ साइंस एंड लेटर’ ने हाल ही में वर्ष 2022 के ‘एबेल पुरस्कार’ (Abel Prize) की घोषणा की है। इस वर्ष यह पुरस्कार अमेरिकी गणितज्ञ ‘डेनिस पार्नेल सुलिवन’ को दिया जाएगा। डेनिस सुलिवन को यह पुरस्कार ‘टोपोलॉजी’ के बीजगणितीय, ज्यामितीय और गतिशील पहलुओं में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान के लिये दिया जा रहा है। टोपोलॉजी गणित का एक ऐसा विशिष्ट क्षेत्र है, जिसका जन्म प्रायः उन्नीसवीं शताब्दी में हुआ था और इसका संबंध किसी भी प्रकार की सतह के ऐसे गुणों से है, जो विकृत होने पर भी नहीं बदलते हैं। विदित हो कि एबेल पुरस्कार 1 जनवरी, 2002 को स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य गणित के क्षेत्र में उत्कृष्ट वैज्ञानिक कार्यों को सम्मानित करना है। इस पुरस्कार के तहत 7.5 मिलियन नॉर्वेजियन क्रोनर (625000 अमेरिकी डॉलर) की राशि प्रदान की जाती है। ज्ञात हो कि गणित के क्षेत्र में कोई नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाता है। गणित का सर्वाधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार ‘फील्ड मेडल’ (Fields Medal) है जो कि 40 वर्ष की आयु तक के गणितज्ञों को प्रत्येक 4 वर्ष के अंतराल पर प्रदान किया जाता है।